गुरुवार, 31 मार्च 2022

जनसंपर्क के श्री मार्को हुए सेवानिवृत्त

 रणजीत सिंह मार्काें की सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई


शासकीय सेवा में

कड़ी मेहनत सफलता 

दिलाती है- मर्सकोले


शहडोल 31 मार्च 2022- शासकीय सेवा में आने पर उसे सफलतम ढंग से निर्वहन करने के लिए त्याग, तपस्या एवं कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। सेवा में स्वाभिमान को बनाए रखते हुए अभिमान को मौका नहीं देना चाहिए। तभी जीवन में उत्कृष्ट सफलताएं प्राप्त होती हैं। जनसम्पर्क विभाग जिला प्रशासन का आंख, कान व एडवाईजर के रूप में माना जाता है।

   उक्त उद्गार जिला जनसम्पर्क कार्यालय शहडोल में पदस्थ उप संचालक जी.एस. मर्सकोले ने आज कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक जनसम्पर्क शहडोल  रणजीत सिंह मार्काें की अधिवार्षिकी सेवा पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त किए। इस मौके पर श्री मार्काें ने कहा कि हमारी सेवाएं भोपाल से शुरू हुई और विंध्य क्षेत्र में पूर्ण हुई। मैंने विभाग की निष्ठा, कर्मठता तथा दायित्वों का भलीभांति निर्वहन करते हुए सेवा पूर्ण किया। 

     श्री मार्काें की विदाई समारोह के अवसर पर जनसम्पर्क विभाग शहडोल के जी.पी. मिश्र ने कहा कि पहले के समय में और अब के समय में इस विभाग के दायित्वों का निर्वहन करने में काफी अन्तर आ गया है। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के आ जाने से कार्यों में सुगमता हुई है। पहले के समय में संचार साधनों की कमी के कारण काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उस समय विभाग की अपनी अलग महत्ता एवं भूमिका थी। वर्तमान में इसका परिदृष्य उल्टा हो गया है। योग्य व्यक्तियों को समय पर पदोन्नति व उनके अनुभव का लाभ ना लेकर उनकी अनदेखी की जा रही है। यह विभाग के लिए अच्छा संदेश नहीं है। इस मौके पर  शिवशंकर शर्मा, प्रेमलाल पनिका,  मानस मिश्रा, ओम जायसवाल     रामपाल पनिका,  अमोल सिंह,  राजेश बैगा सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के प्रारंभ में सेवानिवृत्त सहायक संचालक  रणजीत सिंह मार्काें को पुष्पहार से उनका स्वागत किया गया तथा समापन अवसर पर शाल-श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

     इस मौके पर श्रीमती बी. परास मार्काें, श्री कमल सिंह, श्रीमती शकुन्तला सिंह धुर्वें, प्रीति सिंह, अंजना सिंह, हेमंत सिंह, मयंक सिंह, संतोष वर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।


बुधवार, 30 मार्च 2022

राम मंदिर ट्रस्ट मे अपराधियों को संरक्षण क्यों

आज का कट पेस्ट 

रीवा मे "सीताराम बाबा" के बलात्कार की चर्चा के बाद

क्या दशक से चल रहे गैरकानूनी कब्जे को शहडोल प्रशासन अपराधिक प्रोत्साहन को रोक सकेगा...

शहडोल के मोहन राम मंदिर ट्रस्ट में हालांकि इस प्रकार की घटना नहीं हुई है लेकिन अपराधिक मानसिकता के और कानून को न मानने वाला धर्म का नकाब पहनकर कोई भी साधु संत या मौलाना मौलवी अथवा कोई पादरी कितना बड़ा अपराध कहां कर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। जब कानून को नहीं मानता है तब इसका कोई पैरामीटर भी नहीं है कि उसे चिन्हित किया जा सके समाज में दबे छुपे ऐसे भ्रष्ट और पतित धर्म का नकाब पहने पुजारियों की चर्चा होती रही है। मोहन राम मंदिर ट्रस्ट में पिछले 10 साल से कानून और हाईकोर्ट की कानूनी व्यवस्था को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के तथाकथित नेताओं के संरक्षण में मोहन राम मंदिर को लूटने वाला एक बड़ा धार्मिक नकाबपोश  कब्जा करके रह रहा है। 

अब इसकी वकायदे शिकायत हाईकोर्ट के निर्देश में गठित स्वतंत्र समिति के सदस्य रमेश  त्रिपाठी एडवोकेट ने भी उच्च प्रशासनिक अधिकारों को शिकायत की है। बावजूद इसके पता नहीं हमारा ब्यूरोक्रेट्स किस भय के कारण  मोहन राम मंदिर ट्रस्ट को धार्मिक नकाब पोस् लोगों मुक्त नहीं करा पा रहा है....? क्या  प्रशासन ऐसे आपराधिक मानसिकता को किसी भयानक आपराधिक कृत्य करने का आमंत्रण तो नहीं दे रहा है ताकि हिंदू सनातन धर्म ज्यादा से ज्यादा पतित और अपमानित देखा जा सके ....अन्यथा हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करवाने में संबंधित प्रशासनिक अधिकारी अक्षम क्यों साबित हो रहे हैं जबकि पूर्व में देखा गया है इन्हीं धार्मिक नकाबपोश लोगों के दबाव मे तब प्रशासन ने एकतरफा निर्णय लिया था और मोहन राम मंदिर ट्रस्ट को अपराध पसंद लोगों के हवाले कर दिया था ।तो क्या प्रशासन ऐसे अपराधी को संरक्षण देता है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में ज्यादा पारदर्शिता और सुरक्षा की आवश्यकता भी होती है ऐसे में यह एक बड़ा प्रश्न है ....?

 बहरहाल रीवा में सीताराम नाम का बाबा जो अपराध किया उसकी तस्वीरें बेहद खौफनाक हैं उससे उन्हें कुछ सीखना चाहिए तो जानिए किस प्रकार से  बाकायदा एक  लड़की को खाने-पीने के लिए दिया गया. इस दौरान उसे कोल्ड्रिंक्स भी दी गई. जिसमें कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया गया. जिसे पीते ही वो लड़की नशे की हालत में हो गई. जिसके बाद उसके साथ अश्लील हरकत और दुष्कर्म किया गया. यहां से जब छात्रा को दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा था तब वो किसी तरह से चंगुल से छूटकर बाहर निकली.


इसके बाद छात्रा ने परिजनों को जानकारी दी और फिर पुलिस में शिकायत दी गई. नशे में होने की वजह से लड़की का बयान अगले दिन यानी 29 मार्च को लिया गया. लड़की के बयान के बाद ही 29 मार्च को आरोपी सीतारामदास महाराज, विनोद पांडे, धीरेंद्र मिश्रा और मोनू मिश्रा के खिलाफ गैंगरेप की धारा आईपीसी-376(D) के अलावा मारपीट, बंधक बनाना, गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया. इस केस में आरोपी विनोद पांडे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है लेकिन मुख्य आरोपी बाबा समेत कई अन्य अभी फरार हैं.


रविवार, 27 मार्च 2022

रेत-माफिया की "वीरभूमि" कब बनेगा आदिवासी क्षेत्र....? (त्रिलोकीनाथ)

 

मंजा कोल तो कोल-माफिया में मरा था...;

 


रेत-माफिया की "वीरभूमि" कब बनेगा

 शहडोल का आदिवासी क्षेत्र....?

(त्रिलोकीनाथ)

तो हमारी प्रतियोगिता वीरभूमि से क्या ऐसे होने चाहिए कि मध्य प्रदेश में कोई वीरभूमि नहीं है सब कायरों की भूमि है...? क्योंकि यहां पर रेत माफिया गिरी में कोई जिंदा नहीं जलाया जाता । सब कुछ पूर्ण शांति के साथ बावजूद इसके कि रविंद्र नाथ टैगोर का कोई शांतिनिकेतन हमारे यहां नहीं है इसके बावजूद आम नागरिक संपूर्ण शांति और अपने संपूर्ण कायरता के साथ विशेषकर आदिवासी क्षेत्र शहडोल में रेत माफिया गिरी को सम्मान देता है। अगर सरकार की नीतियों से पनपा हुआ रेत माफिया, ऑफ द रिकॉर्ड याने अघोषित तौर पर बनाई गई आचार संहिता के खिलाफ गैर कानूनी काम करता है तो उसे एक ही दिन में रिकॉर्ड तोड़ अवैध कार्रवाई हो के कारण कई ट्रक और कई डंपर हेवी मशीनरी आदि की जब्ती का सामना भी करना पड़ता है ।यह सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से होता भी है इसलिए गैर कानूनी काम नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि यह एक खेल है। भाषा के हवाले से जनसत्ता ने आज की खबर  की


 राजनीतिक माफियाओं का रेत माफिया गिरी के साथ अवैध रिश्तो का शतरंजी बिसात भी है इसलिए जो रेत माफिया है कानूनी तौर पर वही ठेकेदार है। तो जब कार्यवाही होती है तब रेत माफियानुमा ठेकेदार जिसके संरक्षण में चले अवैध करोड़ों अरबों रुपए के अवैध कारोबार मैं लगी तमाम ट्रकों और डंपर जो बैंक के लोन पर अजीबका के लिए खरीदे जाते हैं इन माफियाओं के लिए काम करते हैं, यह अलग बात है कि जब राजनीति खेल में गाड़ियां चेक तो होती हैं तो यह कीड़े मकोड़े टाइप के आम नागरिक न सिर्फ बैंकों के कर्ज की भुगतान में डिफाल्टर होते हैं। बल्कि गाड़ियों पर बैंक कर्ज के रूप में जमा सभी गारंटी पेपर्स उनके खेत गांव घर की जमीन सब नीलाम होने की कगार पर आ जाती है।

 फर्क सिर्फ उसे नहीं पड़ता जो राजनीतिक संरक्षण में रेत माफिया गिरी की वीरभूमि के खिलाड़ी होते हैं; वे ठेकेदार भी होते हैं उनके तथाकथित मैनेजर या ठुल्ले, गुलाम टाइप के गुंडे पुलिस रिकॉर्ड में अपराधी बनाए जाते हैं ।


और जो जीत ठेकेदारी कंपनी के डायरेक्टर होते हैं ठेकेदारी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए का रेत माफिया गिरी करते हैं उनका बाल भी बांका नहीं होता क्योंकि वह राजनीति के संरक्षण में रेत माफिया गिरी करते हैं।

 यही अभी तक अनुभव में होता आया है और बाद में जब फिर सब कुछ ठीक हो जाता है तब चुपचाप शांतिपूर्ण तरीके से वही रेत माफिया ठेकेदार के मैनेजर, ठुल्ले या गुलाम फिर से बिना ब्लैक लिस्टेड हुए प्रशासन के लिए काम करते नजर आते हैं। उन्हें बकायदा प्रशासन द्वारा अपना बेरियल वैध और अवैध वसूली का नियंत्रण करने के लिए टोल ब्रिज  लगाकर तथाकथित अवैध रेत निकासी पर नियंत्रण करने का अधिकार सौंप दिया जाता है।उदाहरणार्थ बावजूद इसके लिए सरकारी थाने और पुलिस में अवैध माफिया गिरी के लिए अपराध दर्ज होते शहडोल मैं कोई जादौन नाम का अवैध रेत वसूली का अपराध का पंजीबद्ध व्यक्ति इसी प्रकार की वैध और अवैध रेत माफिया गिरी के लिए अक्सर खनिज विभाग के इर्द-गिर्द माफिया गिरी करते देखा जाता है।  शासन चाहता तो पुलिस और प्रशासन अथवा वंशिका ट्रेडर्स नाम का फर्म इस माफिया को हटा सकता था क्योंकि वंशिका ट्रेडर्स के किसी भी डायरेक्टर का नाम रेत माफिया गिरी में किसी प्रकरण में शहडोल में दर्ज नहीं है यही हाल उमरिया जिले में भी है अथवा अनूपपुर जिले और डिंडोरी जिले में भी देखा जाता इसलिए वह राजनीतिक संरक्षण में खुलेआम शहडोल जिले के तमाम आदिवासी क्षेत्रों की नदियों को और अरबों रुपए की बनी सड़कों को नष्ट कर रहा है अपने अवैध रेत परिवहन से क्योंकि उसे कुछ करोड़ रुपए के टुकड़े तथाकथित रेत राजस्व के नाम पर देने होते हैं। जिससे रॉयल्टी भी कहते हैं। तब माफिया के लिए समर्पित सिस्टम यह जानते हुए भी अवैध रेत परिवहन के कारण अरबों रुपए से निर्मित सड़क हैं लगातार नष्ट हो रही है वह मात्र कुछ करोड़ के राजेश के लिए अपनी वीरता दिखाता है।

 जैसी शहडोल की सोन नदी, केवई, कुनुक नदी, महानदी आदि तमाम नदी नालों में रेत माफिया गिरी पिछले तीन-चार सालों से सत्ता के संरक्षण में पल्लवित है वैसे ही पश्चिम बंगाल में वीरभूमि पर इसी प्रकार से ब्राह्मणी नदी पर रेत माफिया गिरी का भव्य शुभारंभ हुआ था । ऐसा नहीं  कि पिछले 50 साल से खनिज रेत राजस्व नहीं मिलती थी लेकिन तब स्थानीय नागरिकों को बहुत सस्ते में रेता मिल जाता था क्योंकि रेता का बहुतायत उत्पादन प्रकृति के संसाधन में शहडोल में उपलब्ध था। अब प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण की माफिया के नजर में रेत की एकाधिकार का ठेका हो गया है। इसलिए राजनीतिक संरक्षण व प्रशासनिक संरक्षण में रेत माफिया शहडोल संभाग में खुला डाका डाल रहा है।  क्योंकि उसे भी मालूम है कि यह आदिवासी क्षेत्र है, "कायरों की भूमि" है अगर पश्चिम बंगाल में ब्राह्मणी नदी में इतने साल बाद रेत माफिया गिरी में मात्र कुछ लोग जिंदा जलाए गए हैं तो शहडोल में अभी नदियां फिर भी रेत माफिया गिरी के लिए इस स्तर पर नहीं पहुंची।

 हलांकि जगह जगह कुछ ग्राम सभाएं और कुछ ग्राम पंचायतें इन माफियाओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं जिनकी आवाज नक्कारखाने में तूती के समान है किंतु वह इस स्तर के नहीं हुए हैं कि वह वीरभूमि बना सकें। फिलहाल इस मामले में शहडोल क्षेत्र कायरों की भूमि है इसे वीरभूमि बनने में रेत माफियाओं को अभी और तीव्र विकास करना होगा।

 मुझे याद है बहुत पहले जब शुरू में कोयला चोरी के कारोबार से पहली बार मरजाद-कांड हुआ था तत्कालीन चर्चित राजनीतिक मंत्री कृष्ण पाल सिंह के गांव के पास स्थित मरजाद गांव में तब एक कोयला माफिया ने एक आदिवासी मंजा कोल के नाम की मजदूर को ट्रक से कुचल कर मार डाला था बाद में इस पर सब निरपराध घोषित कर दिए गए थे। मंत्री भी खुश  संत्री भी खुश और माफिया भी खुश.... क्योंकि कोयला माफिया से फिर कई वीर शहडोल की भूमि से कई सफल माफिया निकले थे... अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ नेता विधायक हो गए तो कुछ भारत ही नहीं दुनिया के उद्योगपति भी बन गए ...कोयला माफिया गिरी से यह विकास की सफलता का प्रमाण भी है।

 अभी रेत माफिया गिरी में शुरुआत है क्योंकि लोक सिर्फ कायरता दिखा रहे हैं शहडोल क्षेत्र में वीर भूमि तब पैदा होगी जब कुछ लोग जिदा जलाए जाएंगे तब तक हमें इंतजार करना चाहिए और तब यही मध्य प्रदेश के इस आदिवासी अंचल की सटीक बैठने वाली वीरभूमि होगी क्योंकि राजनीति और माफियाओं का वही सफल कॉकटेल का नशा होगा।



गुरुवार, 24 मार्च 2022

क्या भविष्य अंधकार में है...? त्रिलोकीनाथ



क्या भविष्य

अंधकार में है...?

( त्रिलोकीनाथ )

 हालांकि हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं बावजूद इसको देखने का प्रयास करते हैं की इस वैज्ञानिक कलयुग में अलग-अलग भविष्यवाणियां होती रहे हैं और भविष्यवक्ता अपने ज्ञान और अनुमान के हिसाब से उसे समझ पा सकते है। आज एक वीडियो सोशल मीडिया में चल रहा है जिसमें यह तर्क दिया जा रहा है की यदि 27 दिन में युद्ध समाप्त हो गया तब तो ठीक है अन्यथा भविष्य अंधकार में है। उसमें कितने सत्य होते थे कितने असत्य वह भी हम दिन प्रतिदिन देखते हैं किंतु आज एक वीडियो में जो भविष्यवाणी ज्योतिषियों के किसी सम्मेलन में कहीं पर बोली जा रही है इस पर शहडोल में एक द्विवेदी जी आए थे उनसे मेरी बात हुई थी उन्होंने यूक्रेन रूस युद्ध पर यही टिप्पणी की थी तब दिन और तिथि का जिक्र नहीं किया था किंतु यह कहा था कि यह युद्ध खतरनाक होगा ईश्वर मालिक है जब मैंने उससे पूछा था कि क्या युद्ध शांत हो सकता है उनका उत्तर यही था।

 


आज जब इस वीडियो को देखा तो मुझे लगा कि मैं शेयर कर दूं। क्योंकि यह भविष्यवाणी द्विवेदी जी की बातों की पुष्टि की है। ईश्वर करे यह सब गलत हो, किंतु हमने धार्मिक स्थलों को अनैतिकता झूठ पाखंड और वोट की राजनीति के साथ अनैतिक और गंदे धंधे के रूप में उसे अड्डा बना रखा है। इससे पतन तो निश्चित है। यह अलग बात है कि ऐसे मामलों में जो बातें कही जाती हैं वह अनाचारी शासक वर्ग का सिर्फ विस्तार करता है बड़ी सरल भाषा में इसे मनोरंजन की तरह ही लें । क्योंकि हमने झूठ पर विश्वास करना सीख लिया है हमारा लोक ज्ञान इसे सरल भाषा में इस प्रकार से कहता है 

"रामचंद्र कह गए सिया से, इक दिन ऐसा आएगा... ; हंस चुनेगा दाना चुनगा, कौवा मोती खायेगा..."

इसे सिर्फ "हॉरर शो" के रूप में आनंद लेना चाहिए, जैसे यूक्रेन में रूस आनंद ले रहा है.. और बाकी दुनिया भी अमानवीय मानवता का यह भी एक रूप है। हालांकि है एक निराशावादी और हताशा वादी सोच भी है बावजूद इसके भारत की भूमिका इसे आशावाद में बदल सकती है किंतु इसका भी ईश्वर ही मालिक है....?





बुधवार, 23 मार्च 2022

हफ्ते मे रहेंगे 5 दिन

 हफ्ते मे खुलेंगे 5 दिन


 
शासकीय कार्यालय जून 30 तक

शासकीय कार्यालय आमजन के लिए हफ्ते में 5 दिन ही खुले रहेंगे इस आवश्यक सूचना जारी कर दी गई है अभी तक 31 मार्च तक की 5 दिन शासकीय कार्यालय को खोलने का आतिश किया गया था जिसे बढ़ाकर अब 30 जून तक कर दिया गया है

सोमवार, 21 मार्च 2022

पुरानी बस्ती में चला बुलडोजर

 

पुरानी बस्ती शहडोल में आरोपी के घर में चला जिला प्रशासन बुलडोजर 

आज आरोपी अब्दुल शादाब उस्मानी पिता अब्दुल अजीज उस्मानी उम्र 33 साल निवासी पंचगांव रोड दुर्गा मंदिर के वार्ड नं. 29 थाना


कोतवाली जिला शहडोल के घर में कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक  अवधेश कुमार गोस्वामी के निर्देशन में आज जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलवा कर घर को जमींदोज किया जा रहा है।


पत्रकार संघ द्वारा रंगोत्सव

मध्यप्रदेश पत्रकार संघ  द्वारा आयोजित रंगोत्सव 



 मध्य प्रदेश पत्रकार संघ  द्वारा आयोजित होली मिलन रंगोत्सव के रंगारंग कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद महिला एवं वित्त विकास निगम की चेयरमैन श्रीमती अमिता चपरा एवं विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित जिले की लोकप्रिय कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य नगर पालिका परिषद शहडोल की चेयरमैन श्रीमती उर्मिला कटारे तथा वरिष्ठ साहित्यकार संपादक प्रकाशक डॉ प्रियंका त्रिपाठी का बुके एवं फूल मालाओं से स्वागत करने के पश्चात मंच पर सेल्फी लेते हुए मध्य प्रदेश पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष अजय जायसवाल उपाध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव गोपालदास बंसल डीएन सोंधिया महासचिव विनायक केवट प्रवक्ता अरविंद द्विवेदी एवं राहुल मिश्रा संगठन सचिव सुरेंद्र नामदेव निलेश द्विवेदी मोहम्मद हसन दीपक चतुर्वेदी सचिव गणेश केवट सह सचिव विश्व भूषण पांडे किशन सनपाल कार्यकारणी सदस्य कमलेश दिया राघवेंद्र मिश्रा के अलावा शहडोल टाइम्स के संपादक कमलेश चंद्र पांडे दैनिक समय के उप संपादक दिनेश अग्रवाल जिला अभिभाषक संघ के उपाध्यक्ष एवं ओजस्वी वक्ता राजेंद्र त्रिपाठी।




मंगलवार, 15 मार्च 2022

"द कश्मीर फाइल" के पर्यायवाची

  इवेंट ; 

15 मार्च"द कश्मीर फाइल"...

 या "16 मार्च शपथ समारोह"..?

(त्रिलोकीनाथ)

 15 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आया फिल्म "कश्मीर फाइल" सच को बताती है ऐसी फिल्में बननी चाहिए। तो प्रश्न उठता है अब तक नहीं देखी गई यह चर्चित फिल्म क्या सतत चलने वाले पॉलिटिकल इवेंट का नया प्रेजेंटेशन है।


ताकि 16 मार्च का पॉलिटिकल इवेंट जो शहीदेआजम भगत सिंह के जन्म स्थल गांव खटकड़ कलां मे पूरी पंजाब की कायनात को बदल देने का सपना ने कर भारी भरकम धमाकेदार प्रस्तुति के साथ लड़के-लकड़ियो के लड़कदेहरी से निकली आम आदमी की पार्टी की मुख्यमंत्री का शपथ समारोह पर बसंती रंग में कश्मीर के दर्द का रंग का असर डालने का प्रयासमात्र था ...?

 जिसे फिल्म के रूप में प्रस्तुत कर प्रधानमंत्री अपने फुर्सत के समय में समीक्षा करते हुए कश्मीर की सच का हवाला देकर फिल्म प्रमोट करते हुए इवेंट-क्रिएशन करने का काम किये। इसके साथ ही उनके यानी पालिटिकल कॉर्पोरेट इंडस्ट्री के तमाम मीडिया-मंडली ने पेड-न्यूज की तरह "द कश्मीर फाइल" के अलग-अलग चरित्र नायक को प्रस्तुत करके फिल्म के दर्द में, पंजाब की बसंती खुशी को निपटाने का काम किया...?


 शहरी नकलची बंदरों के उत्पात से घबराए पॉलिटिकल कॉर्पोरेट जगत में मचा है हंगामा


हंगामा क्योंकि जिस धमाकेदार मिसाइल की तरह पंजाब में आम आदमी फट पड़ी है उससे कम से कम यह तो सुनिश्चित हो गया है कि नकलची बंदर, आम आदमी पार्टी की वानर सेना, अब नकलची नहीं रहे... वे अर्ध-राज्य दिल्ली की शहरों से निकलकर इतिहास के किरदारों में अगर सरदार पटेल को कोई चुरा सकता है तो भगत सिंह के और अंबेडकर के रियल हीरो को भी इवेंट क्रिएशन के रूप में लोकतंत्र की वोट के लिए उन्हें मिसाइल की तरह सत्ता के  युद्ध जीतने के काम में लगा सकते हैं।

 और हुआ भी यही, धर्म के "हरमिंदर साहिब के अपमान का इतनी चर्चा नहीं हुई, जितनी राष्ट्रीय कुर्बानी के लिए भगत सिंह के बलिदान पर वोटर्स छप्पर फाड़ कर आम आदमी पार्टी की झोली में सत्ता डाल दी। आजाद भारत के देवताओं का धर्म, वोट बैंक के लोकतांत्रिक ध्रुवीकरण में धारदार हथियार साबित हुआ। उसने एक साथ कई राजनीतिक दलों की धज्जियां उड़ा दिया। तमाम दिग्गजों धुरंधर पंजाब की राजनीति में धूल चाटते नजर आए।

 यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इवेंट "मुख्यमंत्री से कहना मैं जिंदा बचकर आ गया..." भी बुरी तरह से फ्लॉप हो गया। यह पॉलिटिकल इंडस्ट्री के नकलची बंदरों का कमाल था। ऐसे नकल को सीखने में आजादी की श्रंखला से आई कांग्रेस पार्टी की विदेशी बहू और उनके अनुयायियों को नए सिरे से सीखना होगा। क्योंकि कांग्रेस के अंदर जहां एक और मुरचा लगा हुआ विरासत का साम्राज्य है वही उनके नए प्रगतिशील कबीले नेता अपना कबीला नहीं छोड़ना चाहते। भलाई इसके लिए मध्यप्रदेश में कोई बिसाहूलाल रोता-बिलगता हुआ राजा के दरबार में गुहार लगाता रहा। लेकिन दिग्गी राजा के रजवाड़े में अपने बच्चों के लिए सत्ता का खिलौना ज्यादा अहम होता है। फिर बुढ़ापा में भी तो बचपना आ ही जाता है। खुद भी खिलौना चाहना होता है। ऐसे में हजारों साल की गुलामी से निकली देश की आजादी की विरासत को कौन देखता है।

 और यही हुआ भी कि मध्यप्रदेश के हाथ से कॉर्पोरेट पॉलिटिकल इंडस्ट्री ने सत्ता छीन ली। बहरहाल यह बीते कल की बात है। 

भाजपा के भगवा पर भारी हुआ

शहीद-ए-आजम भगत का बसंती रंग 

खटकड़ कला से लांच होगा बसंती रंग

आज की बात सिर्फ यह है कि पंजाब में 16 मार्च का खटकड़कलां के शपथ समारोह से शहीद-ए-आजम भगत सिंह के गांव से निकला बसंती रंग कहीं पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के भगवा रंग को धूमिल ला कर दे। इसलिए फिल्म "द कश्मीर फाइल" का दर्द का इवेंट 15 मार्च को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख से लांच हो गया। यही आज की कड़वी हकीकत है।

 तो हमें क्या देखना चाहिए की "द कश्मीर फाइल" का पर्यायवाची शब्द क्या-क्या हो सकता है...?

 जब से मोदी जी आए  तो पहला चर्चित शब्द की "जब कोई गाड़ी के नीचे कुत्ते का बच्चा "पिल्ला" भी दब जाता है तो दर्द होता है"... अथवा अयोध्या के निर्मित कॉर्पोरेट राम मंदिर के बाद बनारस के काशीनाथ या मथुरा के श्री कृष्ण मंदिर पर्यायवाची शब्द गढ़ा जा सकता है या फिर लगभग बीत चुके तीन तलाक या 370 की जम्मू कश्मीर की धारा के बाद बंगाल का सांप्रदायिक दंगा भी पर्यायवाची माना जा सकता है। चर्चित कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से निकल "काले  रंग का हिजाब" भी "द कश्मीर फाइल" का पर्यायवाची हो सकता है। या फिर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों का सांप्रदायिक दंगा भी बड़ा पर्यायवाची हो सकता है।

 क्योंकि अब लगभग पिछड़ चुकी दलित परंपरागत राजनीति के तथाकथित कांग्रेस मुक्त अभियान की सफलता के बाद एक सतत प्रक्रिया में खुद के 4 राज्यों के शपथ समारोह से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के लिए पंजाब में नकलची बंदरों की सेना के रूप में बैठ चुकी आम आदमी पार्टी का बसंती रंग का वायरस तेजी से फैलता हुआ दिख रहा है। और उसे रोकने के लिए रोज ब रोज नए इवेंट क्रिएशन पॉलिटिकल कॉर्पोरेट इंडस्ट्री की मजबूरी भी है अन्यथा कश्मीर फाइल के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को बोलने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर कश्मीर के बदलाव के बाद 1990 में निकले करीब 400000 कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास सफलता से करा दिया गया होता।

 क्योंकि अब तो 370 भी नहीं है फिर पुनर्वास का दर्द उन्हें वहां संपूर्ण सुरक्षा के साथ यानी रोजगार की सुरक्षा, अजीबका की गारंटी की सुरक्षा, शिक्षा की गारंटी की सुरक्षा, और नागरिक अधिकारों की गारंटी की सुरक्षा के साथ पुनर्वास करा दिया गया होता तो द कश्मीर फाइल के सच बताने की कोई जरूरत नहीं पड़ती ।

क्योंकि कब तक हम सिखों के सांप्रदायिक दंगा, भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दंगा, अथवा 1990 के कश्मीर पंडितों के दंगा के दर्द की सच्चाई को सत्ता की चाबी के रूप में इस्तेमाल करते रहेंगे...? क्या "नया इंडिया" में लिखे गए स्क्रिप्ट का और इस पर काम करने वाले लोगों के अपने-अपने रंगों की बौछार करने का सिर्फ यही एक तरीका रह गया..? अन्यथा पुराने जख्मों पर मरहम लगाकर नई इमारतों को खड़ा करने और बेहतरीन लोकतांत्रिक भारत के सपनों का निर्माण करते हुए भारत के तमाम लाखों शहीदों को हम नमन कर सकते हैं। फिलहाल तो यह होता नहीं दिख रहा है क्या यही आज का दुर्भाग्य है....?



फील गुड....

 कलेक्टर वैद्य ने विभिन्न तालाबों का किया निरीक्षण, 

करेंगी, तालाबों का इलाज..?

शहडोल 15.3.22 - हालांकि यह होली समाचार नहीं है इसलिए भी कि यह प्रेस विज्ञप्ति के जरिए आया हुआ अधिकृत समाचार है इसलिए इस पर विश्वास करना ही चाहिए की कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने सोमवार को जिला मुख्यालय के पांडवनगर के पॉलिटेक्निक के पास का तालाब जेल भवन के बगल में


डॉ.राजेंद्र सिंह के पीछे का तालाब , मोहनराम तालाब, पौंनाग तालाब सहित अन्य तालाबों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्रीमती वैद्य ने कहा कि तालाबों की बेहतर साफ सफाई, तालाबों के चारो ओर बाउंड्री वॉल, मंदिरों में रंगाई-पुताई सुनिश्चित कर तालाबों को सुसज्जित कराने एवं आकर्षक लुक प्रदान कराने के निर्देश मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दिए।

 कलेक्टर ने जिला मुख्यालय के पंचायती मंदिर तिराहे के पास


व्याप्त गंदगी को देखकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा उसे तत्काल हटवाने की कार्यवाही  नगरपालिका के अमले से कराई गई। 

      कलेक्टर एवं नगर पालिका अध्यक्ष ने दुकानदारों को फूल देकर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया तथा कलेक्टर ने लोगों को बताया कि खुले में कचरा फेंकने पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि गीला एवं सूखा कचरा को कचरा वाहन में ही डालें ताकि शहर स्वच्छ एवं सुंदर दिखे। उन्होंने कहा कि साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें और शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए शहर वासियों को सहयोग करना होगा तभी हम अपने शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बना सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि स्वच्छता के प्रति खुद जागरूक रहे तथा दूसरों को भी जागरूक करें। निरीक्षण के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कटारे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  मुकेश वैष्य, मुख्य नगरपालिका अधिकारी अमित तिवारी सहित अन्य उपस्थित थें


शनिवार, 12 मार्च 2022

अतिक्रमण रेत माफिया राजस्व बढ़ोतरी पर हुई समीक्षा

 शहडोल संभाग के अतिक्रमण, रेत, माफिया, राजस्व बढ़ोतरी


और रोजगार पर हुई समीक्षा

शहडोल 12 मार्च 2022- जिन गांव में रोजगार की आवश्यकता है वहां पर प्राथमिकता के साथ पेयजल सहित अन्य रोजगारोन्मुखी विकास कार्य प्रारंभ कराएं जिससे जिले के लोग रोजगार हेतु अन्यत्र न जाए और उन्हें गांव में ही रोजगार मिल सकें। इसी तरह  मिलावटखोरों के विरूद्व संभाग में की जा रही  कार्यवाहियों को गति दे जिससे कालाबाजारी रोकी जा सकें।  उक्त निर्देश कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित संभागीय अधिकारियों की बैठक में कमिश्नर शहडोल संभाग  राजीव शर्मा ने दिए।


बैठक में जिला बदर के प्रकरणों, अतिक्रमण हटाने के कार्यों, खनन माफियाओं के विरूद्व कार्यवाहियां तथा अवैध रेत परिवहन की समीक्षा की गई। साथ ही मुआवजें की राशि वितरण में सावधानियांे के साथ मुआवजा वितरण के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मुआवजा की अधिक राशि प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को चिटफंड कम्पनियों सहित अन्य निजी निवेशकों से सतर्क रहने की समझाइश भी दें ताकि वे ठगी के शिकार न हो सकें। बैठक में लोक सेवा प्रदाय गांरटी, सीएम हेल्पलाइन पीएम आवास, जल प्रदाय, प्रधानमंत्री सड़क योजना सहित अन्य विभागों के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई। कमिश्नर ने कहा है कि निःशुल्क राशन वितरण एवं राशन वितरण केन्द्रों से राशन प्रदाय योजना में गड़बडी करने वालों को बक्षा नही जाएगां उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए तथा खाद्यान्न वितरण  केन्द्रों की सतत मॉनिटरिंग भी की जाए।

  बैठक में कलेक्टर शहडोल श्रीमती वंदना वैद्य, कलेक्टर उमरिया  संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर अनूपपुर सुश्री सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक शहडोल अवधेश कुमार गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक उमरिया  प्रमोद सिन्हा, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर  अखिल पटेल, संयुक्त आयुक्त विकास  मगन सिंह कनेश, उत्तर एवं दक्षिण वन मंडलाधिकारी, उपायुक्त राजस्व श्रीमती मनीशा पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।


गुरुवार, 10 मार्च 2022

मछलियां करेंगी तालाब की सफाई: दावा

ग्रासकार्क मछलियां से


गंदे तालाबो की होगी  सफाई: दावा

नगर के तालाबों का होगा निर्मल नीर

शहडोल 10 मार्च 22- नगर एवं नगर तालाबों का संरक्षण एवं संवर्धन तथा  साफ-सफाई का कार्य एक अभियान के रूप से चलाया जा रहा हैै। सहायक संचालक मत्स्य  शिवेंद्र सिंह परिहार ने जानकारी दी है कि कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में नगर के 12 तालाबों  के पानी में गंदगी हटाने एवं साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए मत्स्य विभाग द्वारा तालाबों में ग्रासकार्क मछली की 15000 बीज डाले गए है। ग्रासकार्क मछली तालाबों के गाद, कीट, काई इत्यादि चीजों को खाकर तालाब के पानी को स्वच्छ बनाने में सहायक होती है तथा यह मछली बड़ी होने पर हितग्राहियों की आमदनी में भी वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि नगर के 12 तालाबों को 10 वर्ष की लीज देने की कार्यवाही जारी है इस हितग्राहियों के 15 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं तथा पात्र हितग्राही को शीघ्र ही तालाबों को लीज पर दिया जाएगा। जिससे हितग्राही मछलियों का उत्पादन कर बाजार में विक्रय कर अपनी आर्थिक स्थित भी सुदृढ़ कर सकेंगा।


मंगलवार, 8 मार्च 2022

महिला दिवस में शहडोल को मिली पुलिस अधिकारी

 8 मार्च विश्व महिला दिवस

लखनऊ में ऐसे मनाया

महिला दिवस प्रियंका ने

 प्रतिमा मैथ्यू मनी असिस्टेंट एडीजीपी शहडोल कार्यालय

(त्रिलोकीनाथ)

 8 मार्च विश्व महिला दिवस का इवेंट इस बार खूब मनाया गया। क्योंकि "लड़की हूं लड़ सकती हूं" इस पर चुनाव भी हुआ। प्रियंका गांधी ने भारत के लोकतंत्र में इस नए नारे से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की राजनीति में ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में पुनर्जीवित करने का नया मंत्र दिया था । महिला दिवस पर  रैली में उस मंत्र का जागरण होता प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लखनऊ में दिखा। चुनाव नतीजे मे कल भले ही कांग्रेस फिसड्डी दिखे किंतु जो "लड़की हूं लड़ सकती हूं" का नया नारा लोकतंत्र में दिया गया है वह भविष्य की राजनीति को दिशा दे सकता है।

 तो 8 मार्च को महिला दिवस में क्या-क्या हो सकता था जो नहीं हुआ महिला अपराध के मामलों में।


पुलिस के लिए प्रतिवर्ष यह दिन बड़े समीक्षा का दिन हो सकता है। किंतु शहडोल में पुलिस विभाग ने महिलाओं की रैली निकालकर महिला दिवस को इवेंट का रूप दिया।

प्रतिमा मैथ्यू मनी असिस्टेंट एडीजीपी शहडोल कार्यालय


तो एक बड़ी खबर महिला दिवस को शहडोल के लिए प्रदेश शासन ने दिया कि शहडोल में रही एडिशनल पुलिस अधिकारी प्रतिमा मैथ्यू पुनः शहडोल में ही सहायक अतिरिक्त पुलिस महा निरीक्षक कार्यालय बनकर पदस्थ कर दी गई हैं। जिससे शहडोल की महिलाओं को विशेषकर राहत मिल सकता है यदि उन्होंने महिला अपराधों को टारगेट करके समीक्षा का प्रबंधन करती रहेंगी। वैसे पिछले वर्ष महिला थाना पुलिस विभाग के लिए एक उपलब्धि रही है तो देखना होगा  पुलिस अधिकारी मैथ्यू महिला दिवस में पदस्थ आदेश पर क्या कुछ कर पाती हैं। रही शहडोल के नागरिकों की बात तो न्यूजीलैंड में विश्व महिला क्रिकेट कप पर धमाकेदार अपनी पारी खेलते हुए शहडोल  की पूजा वस्त्रकार

ने जमकर जलवा बिखेरा है मंगलवार को जारी प्रेस बुलेटिन में पूजा वस्त्रकर महिला क्रिकेट में 64 म स्थान पर अब जगह बना ली है इस कड़ी को आगे बनाए रखने का काम शहडोल की महिलाओं के हाथ में है की दुनिया और भी आगे है.......

रविवार, 6 मार्च 2022

मीडिया में छाई शहडोल की पूजा

 शहडोल की

शानदार पूजा 

जब भय और आतंक का माहौल दुनिया को विश्व युद्ध की ओर तानाशाही मिजाज और सत्ता के लालच के कारण बरकरार है ऐसे हालात में दूर कहीं हमारे शहडोल की बेटी पूजा


वस्त्राकर दुनिया में चल रही लूटपाट और संघर्ष के युद्ध के बीच में एक आशा जनक दुनिया की ओर इशारा किया है।

जहां स्पोर्ट्स के क्षेत्र में शहडोल नगर के निवासी पूजा वस्त्राकर ने महिला क्रिकेट विश्व कप में अपनी शानदार  पारी का प्रदर्शन करते हुए क्रिकेट की 











दुनिया में बड़ा जगह बना ली आज दुनिया का तमाम मीडिया पूजा की पूजा कर रहा है और अपने समाचार में उसे शानदार स्थान भी दिया है देखें कुछ चित्र इस प्रकार से रहे ।
हालांकि स्पोर्ट्स की दुनिया से एक चित्र ऐसा भी नजर आया


बावजूद इसके शहडोल कलेक्ट्रेट के सामने लगा यह बोर्ड आज सार्थक हो रहा था जिसमें कहा गया आई लव शहडोल पिछले वर्षों होली के अवसर पर तत्कालीन कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव शहडोल मैं अपने बंगले में होली मिलन समारोह रखे थे जिसमें शहडोल से आज के शिखर में पहुंचने वाली पूजा वस्त्राकर भी आई थी उस वक्त के फोटोग्राफ में, थैंक यू पूजा, मान भरा दिन दिखाने के लिए।



शहडोल की बेटी ने का बढ़ाया मान

महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 

शहडोल की बेटी ने बढ़ाया मान

पूजा को मैन ऑफ द मैच 

शहडोल।  शहडोल की बेटी, देश की महिला क्रिकेट टीम की उभरती प्लेयर पूजा वस्त्रकार के द्वारा महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 67 रन बनाकर भारतीय टीम को विजय श्री दिलाई। जिससे सुश्री पूजा वस्त्रकार को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।  पूजा की इस  साहसिक पारी से भारतीय टीम को तो बढ़त मिली ही साथ ही साथ पूजा वस्त्रकार  का खेल रिकॉर्ड भी एक पायदान और आगे बढ़ गया। शहडोल की इस होनहार बेटी को शहडोल संभाग के खेल प्रेमियों एवं जनता की तरफ से बहुत-बहुत बधाई है। 

शहडोल आगमन पर ऐतिहासिक अभिनन्दन किया जाएगा- शानउल्ला 

श्री शानउल्ला खान ने कहा कि सुश्री पूजा वस्त्रकार ने देश प्रदेश सहित ही शहडोल का नाम भी रोशन किया है।  पूजा वस्त्रकार के शहडोल आगमन पर उनका ऐतिहासिक अभिनंदन किया जाएगा।



शनिवार, 5 मार्च 2022

आश्चर्य किंतु सत्य....?

शहडोल में 

भूमि-विक्रय-अनुमति 

में हुआ बड़ा निर्णय..?

निश्चित तौर पर जितनी मनहूसियत जितनी हताशा और निराशा जनता जनार्दन सहित तमाम जनप्रतिनिधियों में शहडोल क्षेत्र में एक लंबे समय से छाई हुई है सब कुछ भगवान भरोसे चलता दिख रहा है ....ऐसे में राजस्व बार एसोसिएशन पद से जाते-जबाते श्रीनिवास शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्व बार एसोसिएशन का यह कदम देर से आए लेकिन दुरुस्त आए के अंदाज में सही ठहराया जाएगा। अगर इस अफवाह को जरा भी बल मिला की भूमि विक्रय के मामले में की जाने वाली अनुमतियों की देरी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के मामले पर बार एसोसिएशन के मांग पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन ने भूमि के अनुमति का सरलीकरण कर यानी आदिवासी भूमि के मामले में अपेक्षित धारा 165 में की जाने वाली जांच को इस स्तर पर लाया जाएगा ताकि वह आमजन के लिए परेशानी का सबब ना बने। पिछले दिनों राजस्व एसोसिएशन ने जयस्तंभ चौक पर ज्ञापन देकर इस पर कार्रवाई चाही थी।

 खबर तो यहां तक है की बिक्री की अनुमति की व्यवस्था ही खत्म होने वाली है किंतु ऐसा होना भी आदिवासी क्षेत्र के फैले भू माफियाओं के लिए यह वरदान साबित होगा। और तमाम भूमाफिया संगठित तरीके से आदिवासियों की जमीनों को ओने पौने दाम में लूट लेंगे। इसलिए दोनों पहलू को समझते हुए भूमि विक्रय के मामले में प्रशासन अनावश्यक होने वाली देरी को समाप्त करने का कोई बड़ा निर्णय ले लिया है। देखना होगा की यह अफवाह साबित होता है अथवा हकीकत बन कर सामने आता है।


 

विकास की दिशा गलत- तोगड़िया

 छात्रों को यूक्रेन से निकालने भारत सरकार


फेलियर रही -डॉक्टर तोगड़िया

मैं होता तो अयोध्या मंदिर पर गलत नहीं होने देता

शहडोल । वर्तमान सरकार की नीव की ईट रहे कभी कट्टर हिंदुत्व का तूफान लाने वाले अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद के चेहरा प्रवीण भाई तोगड़िया ने शहडोल में पत्रकार वार्ता में कहा  नरेंद्र मोदी मेरे बड़े भाई हैं उन्हें ज्यादा ज्ञान होगा इसलिए उन्होंने भारत से  बाहर पढ़ रहे मेडिकल की पढ़ाई करने वालों  के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया है डॉक्टर तोगड़िया ने बताया कि भारत में 45000 मेडिकल की सीटें हैं जबकि भारत से बाहर चिकित्सा शिक्षा के लिए 70000 बच्चे जाते हैं


यह कैसा विकास है इसके पूर्व डॉक्टर तोगड़िया ने कहा उन्होंने कहा यह भारत सरकार का फेलियर है। यह पूछे जाने पर के डॉक्टर तोगड़िया संकल्पना के अनुसार क्या अयोध्या का राम मंदिर बन रहा है जिस पर बाजारवाद हावी है और भ्रष्टाचार की खुलकर चर्चा हो रही है उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि यदि मैं वहां होता तो यह गलत नहीं होने देता उन्होंने प्रश्न किया कि एक ही वक्त पर दो करोड़ का जमीन का सौदा ₹18 करोड़ में कैसे हो जाता है उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की जमीन को बेचने का अधिकार किसे है लेकिन यह सब हो रहा है यह बहुत दुखद है। इसके पूर्व डॉक्टर तोगड़िया ने  आमजन को संबोधित  कर कहा हमारे लिए हिंदू राष्ट्र सर्वोपरि है। ।

जागृत हिंदू....सुरक्षित हिंदू....समृद्ध हिंदू.

उन्होंने कहा हमारा एक ही उद्देश्य है की हर हिंदू परिवार सुरक्षित,समृद्ध और जागृत हो। साथ ही उन्होंने कहा की प्रत्येक हिंदू को शस्त्र,शास्त्र,व्यायाम को अनिवार्य रूप से लागू करनी चाहिए ,साथ ही प्रत्येक हिंदू परिवार से किसी न किसी व्यक्ति को कोशिश सेना या पुलिस ने भर्ती होने की भी करनी चाहिए।

हिंदू की हेल्पलाइन की भी दी जानकारी.....

अपने वक्तव्य तोगड़िया ने कहा की अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद् ने हिंदू हेल्पलाइन भी जारी की है जिसमें किसी भी हिंदू परिवार को मुख्यतः दो सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं जिनमें स्वास्थ्य के साथ साथ उचित कानूनी सहायता निशुल्क उपलब्ध है।

अपने शहडोल प्रवास के दौरान डॉ. तोगड़िया पत्रकारों से भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में फसें हुए भारतीय छात्रों को लेकर चिंता व्यक्त की वा अपने  विचार साझा किए साथ ही उन्होंने वीहिप से अपने रिश्तों को लेकर कहा की पुरानी बातों को याद करने से कोई फायदा नहीं है साथ ही उन्होंने कहा की हम कपड़े सार्वजनिक रूप से नहीं धोते।

पहुंचे राजाबाग दिवंगत दंपत्ति को दी श्रद्धांजलि....

अपने शहडोल प्रवास के दौरान श्री तोगड़िया शहडोल राजबाग भी पहुंचे आपको बता दें की राजबाग शहडोल दिवंगत सीडीएस विपिन रावत की ससुराल  है। राजबाग पहुंच कर उन्होंने दिवंगत दंपत्ति को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके साथ बिताए हुए स्वर्णिम पलों को याद किया।



शुक्रवार, 4 मार्च 2022

फील बैड-यूक्रेन क्षेत्रे - युद्ध का दसवां दिन

ठीक 8 मार्च के बाद भारत में "क्रिप्टो महंगाई मिसाइल" से मचेगी आर्थिक तबाही... 

यूक्रेन क्षेत्र में युद्ध का दसवां दिन

(त्रिलोकी नाथ)

यूक्रेन-रूस महायुद्ध कब विश्व-युद्ध में बदलेगा यह तय करता है कि नाटो राष्ट्र और ई यू (यूरोपियन यूनियन) राष्ट्र क्या फैसला लेते हैं ऐसी स्थिति में हम दलित पिछड़े क्षेत्र के लोगों को मनोरंजन के लिए ही सही यह जानना चाहिए कि यह दो महारथी यूरोपियन यूनियन और नाटो राष्ट्र कौन है जो दो भाइयों रूस के पुतिन और यूक्रेन के जेलेंस्की की नासमझी में दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर ले जा रहे हैं आ आज यूक्रेन क्षेत्र में रूस की तानाशाही के आतंक का दसवां दिन है भारत की भूमिका फिलहाल अथवा महाभारत के भीष्म की तरह है या फिर उनके विरोधी किन्नर राजा शिखंडी तरह दिखाई देती है जो अपने ही राष्ट्र के भारतीय छात्रों को भगवान भरोसे यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए छोड़ दिया है बहरहाल डिजिटल की दुनिया में कट पेस्ट के जरिए जानने का प्रयास करते हैं यह नाटो राष्ट्र कौन हैं














इसी तरह यूरोपीय यूनियन में शामिल गणराज्य इस प्रकार हैं









पुतिन ने प्रेस पर लगाया प्रतिबंध सार्वजनिक संवाद के अवसर खत्म

सार्वजनिक संवाद का जरिया पत्रकारिता की स्वतंत्रता को सीमित करने के दृष्टिकोण से रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेस को फेक-न्यूज़ के नाम पर प्रतिबंधित कर दिया है। कि यदि फेक-न्यूज पब्लिश्ड होती है तो 15 साल की सजा दोषी को दी जाएगी ।इससे पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य करने वाली बड़ी समाचार एजेंसियों ने रूस में अपना डेरा हटा लिया है। फिलहाल रूस अपने नागरिकों को अपनी समाचार एजेंसी और पत्रकारिता से वही दिखाता है जो रूस के  राष्ट्रपति पुतिन की नीतियों के अनुसार सही होता है ।तानाशाही से शासन चलाने वालों के लिए यह एक मार्गदर्शी कदम कहलाएगा। जो भारतीय पत्रकारिता मैं कॉर्पोरेट जर्नलिज्म करने वालों के लिए बहुतायत रोजी रोटी चलाने का जरिया बना हुआ है। तो मान के चलें कि भारत में जो पहले से है वह रूस अब युद्ध काल में कर रहा है।

इन सबके बीच में अभी भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र बड़ी संख्या में युद्ध की विभीषिका में फंसे हुए हैं। तथा आज दशम दिन अनुमान लगा पाना की विश्व युद्ध हो या ना हो किंतु फील बेड यह है की भारत में महंगाई-डायन क्रिप्टो मिसाइल के रूप में 8 मार्च के बाद भारी बमबारी करेगी। जिससे आम आदमियों में आर्थिक तबाही का मंजर दिखेगा । यह तय है। तो अपना बजट अभी से संभाल कर रखें।



भारतीय संसद महामारी कोविड और कैंसर का खतरे मे.....: उपराष्ट्रपति

  मुंबई उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  राम राज्य में और अमृतकाल के दौर में गुजर रही भारतीय लोकतंत्र का सं...