शुक्रवार, 4 मार्च 2022

फील बैड-यूक्रेन क्षेत्रे - युद्ध का दसवां दिन

ठीक 8 मार्च के बाद भारत में "क्रिप्टो महंगाई मिसाइल" से मचेगी आर्थिक तबाही... 

यूक्रेन क्षेत्र में युद्ध का दसवां दिन

(त्रिलोकी नाथ)

यूक्रेन-रूस महायुद्ध कब विश्व-युद्ध में बदलेगा यह तय करता है कि नाटो राष्ट्र और ई यू (यूरोपियन यूनियन) राष्ट्र क्या फैसला लेते हैं ऐसी स्थिति में हम दलित पिछड़े क्षेत्र के लोगों को मनोरंजन के लिए ही सही यह जानना चाहिए कि यह दो महारथी यूरोपियन यूनियन और नाटो राष्ट्र कौन है जो दो भाइयों रूस के पुतिन और यूक्रेन के जेलेंस्की की नासमझी में दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर ले जा रहे हैं आ आज यूक्रेन क्षेत्र में रूस की तानाशाही के आतंक का दसवां दिन है भारत की भूमिका फिलहाल अथवा महाभारत के भीष्म की तरह है या फिर उनके विरोधी किन्नर राजा शिखंडी तरह दिखाई देती है जो अपने ही राष्ट्र के भारतीय छात्रों को भगवान भरोसे यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए छोड़ दिया है बहरहाल डिजिटल की दुनिया में कट पेस्ट के जरिए जानने का प्रयास करते हैं यह नाटो राष्ट्र कौन हैं














इसी तरह यूरोपीय यूनियन में शामिल गणराज्य इस प्रकार हैं









पुतिन ने प्रेस पर लगाया प्रतिबंध सार्वजनिक संवाद के अवसर खत्म

सार्वजनिक संवाद का जरिया पत्रकारिता की स्वतंत्रता को सीमित करने के दृष्टिकोण से रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेस को फेक-न्यूज़ के नाम पर प्रतिबंधित कर दिया है। कि यदि फेक-न्यूज पब्लिश्ड होती है तो 15 साल की सजा दोषी को दी जाएगी ।इससे पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य करने वाली बड़ी समाचार एजेंसियों ने रूस में अपना डेरा हटा लिया है। फिलहाल रूस अपने नागरिकों को अपनी समाचार एजेंसी और पत्रकारिता से वही दिखाता है जो रूस के  राष्ट्रपति पुतिन की नीतियों के अनुसार सही होता है ।तानाशाही से शासन चलाने वालों के लिए यह एक मार्गदर्शी कदम कहलाएगा। जो भारतीय पत्रकारिता मैं कॉर्पोरेट जर्नलिज्म करने वालों के लिए बहुतायत रोजी रोटी चलाने का जरिया बना हुआ है। तो मान के चलें कि भारत में जो पहले से है वह रूस अब युद्ध काल में कर रहा है।

इन सबके बीच में अभी भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र बड़ी संख्या में युद्ध की विभीषिका में फंसे हुए हैं। तथा आज दशम दिन अनुमान लगा पाना की विश्व युद्ध हो या ना हो किंतु फील बेड यह है की भारत में महंगाई-डायन क्रिप्टो मिसाइल के रूप में 8 मार्च के बाद भारी बमबारी करेगी। जिससे आम आदमियों में आर्थिक तबाही का मंजर दिखेगा । यह तय है। तो अपना बजट अभी से संभाल कर रखें।



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