मंगलवार, 8 मार्च 2022

महिला दिवस में शहडोल को मिली पुलिस अधिकारी

 8 मार्च विश्व महिला दिवस

लखनऊ में ऐसे मनाया

महिला दिवस प्रियंका ने

 प्रतिमा मैथ्यू मनी असिस्टेंट एडीजीपी शहडोल कार्यालय

(त्रिलोकीनाथ)

 8 मार्च विश्व महिला दिवस का इवेंट इस बार खूब मनाया गया। क्योंकि "लड़की हूं लड़ सकती हूं" इस पर चुनाव भी हुआ। प्रियंका गांधी ने भारत के लोकतंत्र में इस नए नारे से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की राजनीति में ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में पुनर्जीवित करने का नया मंत्र दिया था । महिला दिवस पर  रैली में उस मंत्र का जागरण होता प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लखनऊ में दिखा। चुनाव नतीजे मे कल भले ही कांग्रेस फिसड्डी दिखे किंतु जो "लड़की हूं लड़ सकती हूं" का नया नारा लोकतंत्र में दिया गया है वह भविष्य की राजनीति को दिशा दे सकता है।

 तो 8 मार्च को महिला दिवस में क्या-क्या हो सकता था जो नहीं हुआ महिला अपराध के मामलों में।


पुलिस के लिए प्रतिवर्ष यह दिन बड़े समीक्षा का दिन हो सकता है। किंतु शहडोल में पुलिस विभाग ने महिलाओं की रैली निकालकर महिला दिवस को इवेंट का रूप दिया।

प्रतिमा मैथ्यू मनी असिस्टेंट एडीजीपी शहडोल कार्यालय


तो एक बड़ी खबर महिला दिवस को शहडोल के लिए प्रदेश शासन ने दिया कि शहडोल में रही एडिशनल पुलिस अधिकारी प्रतिमा मैथ्यू पुनः शहडोल में ही सहायक अतिरिक्त पुलिस महा निरीक्षक कार्यालय बनकर पदस्थ कर दी गई हैं। जिससे शहडोल की महिलाओं को विशेषकर राहत मिल सकता है यदि उन्होंने महिला अपराधों को टारगेट करके समीक्षा का प्रबंधन करती रहेंगी। वैसे पिछले वर्ष महिला थाना पुलिस विभाग के लिए एक उपलब्धि रही है तो देखना होगा  पुलिस अधिकारी मैथ्यू महिला दिवस में पदस्थ आदेश पर क्या कुछ कर पाती हैं। रही शहडोल के नागरिकों की बात तो न्यूजीलैंड में विश्व महिला क्रिकेट कप पर धमाकेदार अपनी पारी खेलते हुए शहडोल  की पूजा वस्त्रकार

ने जमकर जलवा बिखेरा है मंगलवार को जारी प्रेस बुलेटिन में पूजा वस्त्रकर महिला क्रिकेट में 64 म स्थान पर अब जगह बना ली है इस कड़ी को आगे बनाए रखने का काम शहडोल की महिलाओं के हाथ में है की दुनिया और भी आगे है.......

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारतीय संसद महामारी कोविड और कैंसर का खतरे मे.....: उपराष्ट्रपति

  मुंबई उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  राम राज्य में और अमृतकाल के दौर में गुजर रही भारतीय लोकतंत्र का सं...