बुधवार, 20 नवंबर 2024

गर्व से कहो हम भ्रष्टाचारी हैं..?-2 कलेक्टर कटनी बनाम बाणसागर इंजीनियर शहडोल; कलेक्टर ने दिखाया दमखम / खुल सकता है बरही-मैहर का 24 महीना पुराना बंद पड़ा आम सड़क मार्ग -( त्रिलोकीनाथ)

       


    एक पखवाड़े बाद  अराजकता पूर्ण माफिया गिरी के पूरे 2 वर्ष हो जाएंगे ,जब बरही- मैहर सड़क मार्ग पर अरबों रुपए से निर्मित पुल पर आवागमन प्रतिबंधित किए जाने का सरकारी संकल्प प्रदर्शित होगा.. यह बात सही है यह संकल्प घोषित तौर पर पारित नहीं किया गया था और इसीलिए कटनी के कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने शहडोल  बाणसागर पक्का बांध देवलोंद के कार्यपालन यंत्री विनोद कुमार ओझा और एसडीओ मोहन श्याम वशिष्ठ के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है ऐसा पत्रिका ने छापा है, तो मामला कटनीकलेक्टर बनाम शहडोल इंजीनियर के रूप में सामने आया है।हो सकता है आवागमन प्रतिबंधित किए जाने के लिए कोई सरकारी जश्न न मनाया जाए क्योंकि यह अघोषित तौर पर था लेकिन लोकतंत्र के लिए यह जश्न का अवसर है जब कलेक्टर कटनी यादव ने अपने कर्तव्यों को याद किया और इस पुल को आम आदमियों के लिए खोले जाने का दिशा दर्शन कराया है कि यह पुल अरबों रुपए से निर्मित किया गया था और 7 दिसंबर 2022 को अपने निर्माण के बाद खतरनाक होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था ।

            ------------( त्रिलोकीनाथ)----------------

यह अलग चीज है कि बीते 24 महीना  में सरकार की तरफ से यह घोषित नहीं किया गया अथवा कोई जांच नहीं की गई कि इस भ्रष्टाचार के लिए अथवा तकनीकी गैर जिम्मेदारी के लिए कौन व्यक्ति दोषी है..? और उसके दोष प्रमाणित करने के साथ ही इस आवागमन को आम आदमियों के लिए पुन: सुनिश्चित किया जाता। लेकिन जैसे भूत का डर होता है उसे प्रकार से इटौर मार्ग पर स्थित इस पुल दुर्घटना को बरकरार रखना के लिए तरह-तरह के भूत बड़ी भ्रम फैलाया जाता रहा की क्षेत्र के नेता संजय पाठक ने रेत खदान से महंगी रेत बिकती रहे, इसलिए इस पुल को प्रतिबंधित करके रखा गया है  ताकि रेत का वहां घूम कर जाए और रेत शहरी क्षेत्र में महंगी बिकती रहे आमतौर पर जो अक्सर सस्ती रहती है।  बात रेत माफिया की हो तो कुछ दिन के लिए कहा जा सकता था लेकिन अब ठेकेदार भी बदल गया है और  रेत खदान का ठेकेदार शहडोल संभाग की रेत को सप्लाई कर रहा है। तो क्या नया रेत माफिया की सेटिंग भी उमरिया कलेक्टर के साथ हो गई है….?


    यह प्रश्न भी खड़ा होता है अथवा कलेक्टर कटनी ने अगर इस पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है तो क्या कटनी कलेक्टर की सेटिंग नहीं हो पाई है…? यह प्रश्न भी खड़ा होता है। या फिर कटनी कलेक्टर अपने लोकतांत्रिक दायित्व के प्रति सजग है इसलिए अब बाणसागर के इंजीनियर पर प्रकरण दर्ज किया जा रहा है…? लेकिन यह सवाल भी उठना है कि आखिर इतने दिनों तक उस क्षेत्र के एसडीएम अथवा उस क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों पर कटनी कलेक्टर ने कार्यवाही क्यों नहीं की…को तब भी जब इसी बाणसागर से लगे व्यवहारी क्षेत्र में अवैधृत उत्खनन के लिए एक पुलिस अधिकारी और एक राजस्व अधिकारी की  इसी रेत माफिया गिरी के चलते हत्या हो गई…. वह तो हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया तो कुछ गतिविधियां महसूस होती दिखी,तो क्या समझा जाए की कलेक्टर ने तब तक चुप्पी साध रखी थी जब तक मामला उनके संज्ञान में पूरी तरह से नहीं आया और जब गड्ढे में गिरकर व्यक्ति की दुर्घटना ग्रस्त हो जाने की खबर आई तभी उन्हें पता चला कि इस क्षेत्र में पुल पिछले 2 वर्ष से प्रतिबंधित है …? और इसलिए इसकी जो दोषी हैं वह उनके अपने विभाग के व्यक्ति नहीं है, बल्कि शहडोल स्थित करीब 100 किलोमीटर दूर बाणसागर बांध के कार्यपालन यंत्री इसके लिए दोषी हैं । 

इसलिए उन पर कार्यवाही की जाएगी, ठीक भी है यह प्रशासनिक मामला है हम आदिवासी क्षेत्र के पत्रकार हैं इसलिए उतना ज्ञान नहीं है। 2 वर्ष बाद ही सही अगर कटनी प्रशासन अपने जिंदा होने की घोषणा करता है और करोड़ों रुपए  से निर्मित और 2 वर्ष से क्षतिग्रस्त हो रहे इस पुल के संदर्भ में किसी गड्ढे खोदे जाने की बात को हाईलाइट करके बाणसागर के इंजीनियर को दोषी मानता है तो उससे भी लोकतंत्र का हित सुनिश्चित होता है… आखिर कैसे बाणसागर इंजीनियर के जलकछार क्षेत्र में इस प्रकार के आपराधिक घटनाओं का बढ़ावा हो रहा है।।

 लेकिन सच बात यह है कि  अगर बाणसागर क्षेत्र के बरही-मैहर मार्ग स्थित इस पुल को प्रतिबंधित करके रखा गया तो उसका दोषी कौन है…? क्षेत्रीय सांसद, क्षेत्रीय विधायक, क्षेत्रीय सरपंच, क्षेत्रीय जनपद प्रतिनिधि क्षेत्रीय जिला पंचायत अध्यक्ष आखिर इन लोगों ने कितनी बार प्रस्ताव पारित करके कटनी कलेक्टर को अथवा शासन को इस बात के लिए आगाह किया कि यह अरबो रुपए के निर्माण किए गए इस पुल को जनहित में क्यों बंद करके रखा गया….?

 यह प्रश्न तो खड़ा ही होता है बहरहाल देर आये, दुरुस्त आए कटनी कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को इस बात के लिए धन्यवाद होना चाहिए कि उन्होंने 2 वर्ष से मरे पड़े इस पुल को आम आदमियों में जिंदा करने के लिए कोई प्रस्ताव कहीं भेजा है। उम्मीद करना चाहिए कि प्रशासन अब पूरी तरह से इसकी समीक्षा करेगा और दोषियों को दंडित करते हुए तत्काल उनको आमजन के लिए खोलने का रास्ता तैयार करेगा।

 हम पिछली बार भी देख चुके हैं कि रीवा अमरकंटक सड़क मार्ग में ठेकेदार सड़क निर्माण करके हजारों करोड़ रुपये शहडोल क्षेत्र से लूट कर ले गया और घटिया सड़क उसने शहडोल क्षेत्र के लोगों को दिया। आदिवासी क्षेत्र है इसलिए वह लूटता ही रहा नेता अफसर, मंत्री सब के सब उसमें उसके साथ खड़े होते दिखे इसीलिए  वह लूट पाया… और अपना घटिया सड़क मध्य प्रदेश शासन को सौंप दिया जिसकी जिम्मेदारी 10 वर्ष तक रखरखाव की शासन की थी यानी (एमपीआरडीसी) मध्य प्रदेश सड़क राज परिवहन की थी और वह घटिया सड़क को इस विभाग ने संरक्षित करने की बजाय उसमें अपना भ्रष्टाचार देखना चालू किया   


  जिसका परिणाम यह हुआ की घटिया सड़क पर चलने से मरने की बजाय एक बस वाला बाणसागर से बाईपास लेकर केअपनी यात्रा पूरी करना चाहता था जो बाणसागर नहर में गिर गई और 56 लोग उसमें डूब कर मर गए । स्वाभाविक है बच्चे से लेकर बूढ़े तक नव विवाहित से लेकर के इस दुर्घटना में डूब कर मरे थे। एक भी चपरासी तक इस मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया, ना ही इस दर्दनाक मौत को देने के लिए किसी नेता ने कोई जीवन दायनी राहत राशि आम आदमियों के दी। वर्तमान में उसके मरने वाले परिवार में किसकी हालत कितनी किस प्रकार की है यह संवेदना शासन नहीं दिखा पाई। यह शिकायत नहीं खड़ी हो सकती की कोई नेता नहीं आया शिवराज सिंह संवेदनशील मुख्यमंत्री थे और वह वहां पहुंचे भी थे।

 

 अच्छा है अधिकारियों ने तथाकथित बड़ा गड्ढा वहां कर दिया था की बड़ी मैहर मार्ग में गड्ढा किया गया था। वहां पर कोई नहर नहीं थी  अन्यथा जब तक कोई बस में 100-50 लोग डूब कर नहीं मारते तब तक हमारा लोकतंत्र, हमारे नेता ,हमारे अफसर जिंदा होने का प्रमाण नहीं देते हैं…. आज तक बाणसागर के मरे हुए लोगों के साथ न्याय नहीं हुआ.… मौत का धंधा और शवों सौदागर निश्चिंत  होकर लोकतंत्र का आनंद ले रहे हैं। यही भ्रष्टाचार इस पुल के साथ भी घटित हो रहा है इसलिए कलेक्टर कटनी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा से जो संस्कार ग्रहण किया और इस पद पर पहुंचे हैं उसमें थोड़ा सा लोकहित में उसका उपयोग कर रहे हैं उम्मीद यह भी करना चाहिए कि हमारी विधायिका और हमारा शासन शहडोल बाणसागर बांध क्षेत्र में कोई विशेष समीक्षा करके इस क्षेत्र में संबंधित सभी ऐसी समस्याओं को चिन्हित करेगा और उसका निराकरण भी…..


 



1 टिप्पणी:

  1. Suruat me hi pilar teda ho gya tha, pull nirmad hote smy yesi charcha thi , eski cbi enquiry krane ki pahal krna chahiye, asli crime tbhi samne aayega

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