बुधवार, 30 मार्च 2022

राम मंदिर ट्रस्ट मे अपराधियों को संरक्षण क्यों

आज का कट पेस्ट 

रीवा मे "सीताराम बाबा" के बलात्कार की चर्चा के बाद

क्या दशक से चल रहे गैरकानूनी कब्जे को शहडोल प्रशासन अपराधिक प्रोत्साहन को रोक सकेगा...

शहडोल के मोहन राम मंदिर ट्रस्ट में हालांकि इस प्रकार की घटना नहीं हुई है लेकिन अपराधिक मानसिकता के और कानून को न मानने वाला धर्म का नकाब पहनकर कोई भी साधु संत या मौलाना मौलवी अथवा कोई पादरी कितना बड़ा अपराध कहां कर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। जब कानून को नहीं मानता है तब इसका कोई पैरामीटर भी नहीं है कि उसे चिन्हित किया जा सके समाज में दबे छुपे ऐसे भ्रष्ट और पतित धर्म का नकाब पहने पुजारियों की चर्चा होती रही है। मोहन राम मंदिर ट्रस्ट में पिछले 10 साल से कानून और हाईकोर्ट की कानूनी व्यवस्था को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के तथाकथित नेताओं के संरक्षण में मोहन राम मंदिर को लूटने वाला एक बड़ा धार्मिक नकाबपोश  कब्जा करके रह रहा है। 

अब इसकी वकायदे शिकायत हाईकोर्ट के निर्देश में गठित स्वतंत्र समिति के सदस्य रमेश  त्रिपाठी एडवोकेट ने भी उच्च प्रशासनिक अधिकारों को शिकायत की है। बावजूद इसके पता नहीं हमारा ब्यूरोक्रेट्स किस भय के कारण  मोहन राम मंदिर ट्रस्ट को धार्मिक नकाब पोस् लोगों मुक्त नहीं करा पा रहा है....? क्या  प्रशासन ऐसे आपराधिक मानसिकता को किसी भयानक आपराधिक कृत्य करने का आमंत्रण तो नहीं दे रहा है ताकि हिंदू सनातन धर्म ज्यादा से ज्यादा पतित और अपमानित देखा जा सके ....अन्यथा हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करवाने में संबंधित प्रशासनिक अधिकारी अक्षम क्यों साबित हो रहे हैं जबकि पूर्व में देखा गया है इन्हीं धार्मिक नकाबपोश लोगों के दबाव मे तब प्रशासन ने एकतरफा निर्णय लिया था और मोहन राम मंदिर ट्रस्ट को अपराध पसंद लोगों के हवाले कर दिया था ।तो क्या प्रशासन ऐसे अपराधी को संरक्षण देता है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में ज्यादा पारदर्शिता और सुरक्षा की आवश्यकता भी होती है ऐसे में यह एक बड़ा प्रश्न है ....?

 बहरहाल रीवा में सीताराम नाम का बाबा जो अपराध किया उसकी तस्वीरें बेहद खौफनाक हैं उससे उन्हें कुछ सीखना चाहिए तो जानिए किस प्रकार से  बाकायदा एक  लड़की को खाने-पीने के लिए दिया गया. इस दौरान उसे कोल्ड्रिंक्स भी दी गई. जिसमें कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया गया. जिसे पीते ही वो लड़की नशे की हालत में हो गई. जिसके बाद उसके साथ अश्लील हरकत और दुष्कर्म किया गया. यहां से जब छात्रा को दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा था तब वो किसी तरह से चंगुल से छूटकर बाहर निकली.


इसके बाद छात्रा ने परिजनों को जानकारी दी और फिर पुलिस में शिकायत दी गई. नशे में होने की वजह से लड़की का बयान अगले दिन यानी 29 मार्च को लिया गया. लड़की के बयान के बाद ही 29 मार्च को आरोपी सीतारामदास महाराज, विनोद पांडे, धीरेंद्र मिश्रा और मोनू मिश्रा के खिलाफ गैंगरेप की धारा आईपीसी-376(D) के अलावा मारपीट, बंधक बनाना, गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया. इस केस में आरोपी विनोद पांडे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है लेकिन मुख्य आरोपी बाबा समेत कई अन्य अभी फरार हैं.


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