शहडोल में
भूमि-विक्रय-अनुमति
में हुआ बड़ा निर्णय..?
निश्चित तौर पर जितनी मनहूसियत जितनी हताशा और निराशा जनता जनार्दन सहित तमाम जनप्रतिनिधियों में शहडोल क्षेत्र में एक लंबे समय से छाई हुई है सब कुछ भगवान भरोसे चलता दिख रहा है ....ऐसे में राजस्व बार एसोसिएशन पद से जाते-जबाते श्रीनिवास शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्व बार एसोसिएशन का यह कदम देर से आए लेकिन दुरुस्त आए के अंदाज में सही ठहराया जाएगा। अगर इस अफवाह को जरा भी बल मिला की भूमि विक्रय के मामले में की जाने वाली अनुमतियों की देरी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के मामले पर बार एसोसिएशन के मांग पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन ने भूमि के अनुमति का सरलीकरण कर यानी आदिवासी भूमि के मामले में अपेक्षित धारा 165 में की जाने वाली जांच को इस स्तर पर लाया जाएगा ताकि वह आमजन के लिए परेशानी का सबब ना बने। पिछले दिनों राजस्व एसोसिएशन ने जयस्तंभ चौक पर ज्ञापन देकर इस पर कार्रवाई चाही थी।
खबर तो यहां तक है की बिक्री की अनुमति की व्यवस्था ही खत्म होने वाली है किंतु ऐसा होना भी आदिवासी क्षेत्र के फैले भू माफियाओं के लिए यह वरदान साबित होगा। और तमाम भूमाफिया संगठित तरीके से आदिवासियों की जमीनों को ओने पौने दाम में लूट लेंगे। इसलिए दोनों पहलू को समझते हुए भूमि विक्रय के मामले में प्रशासन अनावश्यक होने वाली देरी को समाप्त करने का कोई बड़ा निर्णय ले लिया है। देखना होगा की यह अफवाह साबित होता है अथवा हकीकत बन कर सामने आता है।
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