सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

सरकारी विज्ञापन में 30% भुगतान जमीनी पत्रकारों को हो

 

राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर भारत सरकार का कदम बिल्कुल सही :अतुल अंजान

जमीनी पत्रकारों को सरकारी विज्ञापन भुगतान में 30% डायरेक्ट बेनिफिट के तहत दिया जाना चाहिए।

शहडोल ।संयुक्त राष्ट्र मे यूक्रेन मामले पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय हितों के दृष्टिकोण में जो निर्णय लिया है वह देश काल परिस्थिति के हिसाब से ठीक है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत के  सैनिकसमान के 65 परसेंट आपूर्ति और रूस करता है इसलिए वैदेशिकनीति में तटस्तथा सही कदम है।

 कम्युनिस्ट के बड़े नेता अतुल अंजान आज शहडोल में पत्रकारों से बात कर रहे थे। शहडोल में चल रहे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के राज्य स्तर सम्मेलन में भाग लेने आए श्री अंजान ने कहा कॉन्ग्रेस ट्विटर की लड़ाई लड़ती है ।उन्होंने मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता दिग्विजय पर टिप्पणी करते हुए कहा उन्हें अपना नाम बदलकर दिग्विजय की बजाए रणछोड़ कर देना चाहिए। जिस तरह उन्होंने भाजपा के हवाले प्रदेश को कर दिया है। विरोधियों पर पड़े हुए छापों पर टिप्पणी व्यक्त करते हुए कहा कि व्यापम घोटाले पर क्या हुआ आज कोई चर्चा नहीं करता.? 10 एकड़ जमीन आदिवासियों को देने पर भाजपा क्या कर रही ..?



उन्होंने लव जिहाद पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने लव जिहाद  पर कानून बनाया है लेकिन क्या उनका यह कानून भाजपा के मुख्तार नकवी, शहनाज़ हुसैन, लालकृष्ण आडवाणी अथवा अशोक सिंघल आदि पर लागू होता है....?  अतुल अंजान भाजपा पर गांधी के बेजा इस्तेमाल करने की बात कही है। 

भाजपा की उन्होंने कोरोना काल में लोगों की आमदनी घटने पर गंभीर चिंता प्रकट की। विशेषकर पत्रकारिता से जुड़े क्षेत्रीय व जिला स्तर के जमीनी पत्रकारों के संबंध में कहा सरकारी विज्ञापन में प्रिंट मीडिया को जो विज्ञापन मिलता है उसका 30% राशि सीधे जिला स्तर पर डायरेक्ट बेनिफिट योजना के तहत देना चाहिए अन्यथा हम क्रोनी-केपीटलिज्म की व्यवस्था को ही बढ़ावा दे रहे हैं। लोकतंत्र के लिए यह अच्छा नहीं है। उन्होंने चिंता जताई पत्रकारिता लोकतंत्र का प्रहरी है ।उन्होंने कहा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया बड़ी संख्या में उद्योगपतियों के नियंत्रण में चल रहा है। यह संयोग है कि आज ही पत्रकार कल्याण परिषद का सम्मेलन होटल ओएसिस में संपन्न हो रहा था जहां पर पत्रकारों को सीधे लाभ देने की बात पर लंबी चर्चा हुई व साथी पत्रकारों को अधिमान्यता दिलाए जाने के बारे में कानून सरल करने पर भी सहमति दिखी।

आज की पत्रकार वार्ता में कामरेड हरिद्वार सिंह में राज्य स्तर कम्युनिस्ट पार्टी सम्मेलन की उपलब्धियां बताएं


शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

ये दुनिया नहीं, जागीर किसी की: प्रभारी मंत्री



ये दुनिया नहीं...,
  जागीर किसी की...
प्रभारी मंत्री 
रामखेलावन पटेल 

(त्रिलोकीनाथ )
अब कारण चाहे जो भी रहा हो, शिवराज सिंह का कार्यक्रम रोजगार दिवस संपन्न हुआ। उन्हें करीब 45 मिनट शहडोल में रहना था उन्होंने 2 घंटे से ज्यादा का वक्त शहडोल में गुजारा और लोगों की समस्याओं को सुना। और दुनिया में 45 दिन के अंदर दोबारा 5लाख लोगों को रोजगार देने का आश्चर्यजनक किंतु सत्य का चमत्कार कर दिखाया ।जैसा कि भाजपा मंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा ने इसी मंच में इसे घोषित किया था।
 बावजूद इसके शहडोल की जनता शायद अपनी शिकायत में अपने प्रिय मुख्यमंत्री के समक्ष लगातार रखनी रही और प्रभाव मुख्यमंत्री जी अपने गोद लिए हुए शहडोल को गंभीरता से सुनते रहे उनके जाने के बाद प्रभारी मंत्री सर्किट हाउस में करीब 5 बजे भोजन किए यह भोजन करने की बात की खुमारी थी पिया थकान का पल था यह तो वही जाने किंतु जब उनके कमरे में कुछ महिला कार्यकर्ता मिलने आई तो उन्होंने दो अलग-अलग गुलाब के बुके कार्यकर्ताओं से लिया मनीषा सिंह ने परिचय कराया और वे काफी देर तक चुप रहे फिर बड़ी गंभीरता से अपने मुख से गुनगुनाते हुए यह शब्द निकालें..

" यह दुनिया नहीं, 
   जागीर किसी की... 
  2 दिन का मेहमान बना है
  जग का ठेकेदार
 कुछ तो आकर चले गए
 कुछ जाने को तैयार 
यह दुनिया नहीं, जागीर किसी की..."

हम भी जिला पंचायत शहडोल में अनूपपुर निवासी एक विकलांग आदिवासी युवती की दर्दनाक कहानी लेकर प्रभारी मंत्री से मिलने गए थे ।क्योंकि जिला पंचायत शहडोल में अधिकारियों ने मिलजुल कर विकलांग आदिवासी युवती को इस तरह प्रताड़ित किया कि वह रोजगार दिवस के पूर्व ही जहर खाकर आत्महत्या कर का प्रयास की थी। उसे समय रहते बचा लिया गया ।युवती गायत्री धुर्वे जिला पंचायत शहडोल में कंप्यूटर ऑपरेटर है ।अपने मनपसंद की कंप्यूटर ऑपरेटर को रखने के चक्कर में कोई राहुल सक्सेना और श्रीवास्तव नाम का अधिकारी उसे नौकरी से लगभग हटा दिया था ।
गायत्री हाईकोर्ट गई उच्च न्यायालय ने जिला पंचायत को नौकरी पर रखने का निर्देश दिया ।बावजूद इसके उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर वह दर-दर ठोकरें खा रही थी ।विकलांगता के बावजूद वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही थी ।क्योंकि जिला पंचायत शहडोल अथवा जनपद सोहगपुर में पद रिक्त होने के बाद भी उसे गोहपारू जनपद में नियुक्ति दी जबकि निर्देश जिला पंचायत में रखने के थे ।
अंततः वह अधिकारियों की प्रताड़ना को बर्दाश्त नहीं कर पाई और जहर खाकर आत्महत्या कर समस्या का निवारण करने का हल निकाल दिया ।कहते हैं मृत्यु पूर्व बयान में इस बातों का उल्लेख हुआ है ।गायत्री के अनुसार उसे कई अधिकारियों ने मिलकर हटाने का प्रयास किया है ।जबकि वह अपनी पूरी क्षमता से जिला पंचायत में सेवाएं दे रही थी ।
इस पीड़ा की जानकारी रोजगार दिवस में सभा स्थल पर मिलने पर  इसलिए भी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी से जब हम मिल रहे थे तो साथ में चल रहे प्रभारी मंत्री पटेल जी ने आश्वासन दिया था कि आप हमसे मिले। मुख्यमंत्री जी ने हमें कहा इतना विस्तार से सुनने का समय नहीं है। हमें भी लगा उचित है प्रभारी मंत्री जी इसे गंभीरता से लेंगे ।
इस तारतम्य में हम प्रभारी मंत्री जी से मिलने सर्किट हाउस पहुंचे थे और  कथा भी उन्हें सुनाई कि कैसे आदिवासी जिले में आदिवासी विकलांग युवती प्रताड़ना की शिकार है । वह कोई निर्णय ले पाते की भाजपा की भीड़तंत्र दो महिला कार्यकर्ता एक एक गुलाब का बुके लेकर उनका अभिनंदन करने पहुंची थी। और अभिनंदन स्वीकार करने के बाद उन्होंने कुछ इस अंदाज में अपनी बात कही "ये दुनिया नहीं, जागीर किसी की....."
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी मिली है और वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा अपनी क्षमता के अनुसार।
प्रभारी मंत्री जी का यह स्वरूप देखकर हम चिंतन मनन कर ही रहे थे कि आखिर क्या हुआ कि उन्हें दुनियां से इतनी रुसवाई हो गई।
 तभी जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह वहां आए और भाजपा की भीड़ तंत्र सहित सबको कहा मुझे कुछ बात करनी है आप सब लोग सभा कक्ष में चलें क्योंकि उन्हें कुछ गोपनीय बातें करनी थी वे  एकांत चाहते थे।
 शायद उन्हें एकांत में कुछ गंभीर बातें करनी है हमने भी उनके एकांतवास को तवज्जो दिया और मंत्री जी के कक्ष से रुखसत हो लिए। किंतु उनका गाने का यह अंदाज जो फिल्म चौकीदार से चरित्र नायक ओमप्रकाश द्वारा गाया गया थाबेहद पसंद आया ।
ओमप्रकाश और रामखेलावन पटेल में हमें बहुत अंतर नहीं लगा। दिमाग से बातें नहीं निकल रही थी इसलिए लिख डाला। शायद रिलीज हो जाए। क्योंकि भाजपा का अपना एक रहस्य लोक है ज्यादा दिमाग भी लगाने की जरूरत नहीं है ।एकांत का मतलब ,एकांत और कुछ नहीं होता ।
आशा करनी चाहिए जहर खाकर अधिकारियों से प्रताड़ित हुई विकलांग युवती गायत्री धुर्वे को उच्च न्यायालय के संरक्षण में न्याय मिल पाएगा क्योंकि जीवन तो बच गया है और जो घेराबंदी करके उसे प्रताड़ित कर रहे थे अपने स्वार्थ के लिए उन्हें भी कोई दंडित किया जाएगा।



शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

दिखाने के दांत बने आदिवासी नेता..?

क्या दिखाने के दांत हैं आदिवासी प्रतिनिधि..?

शोषण और दमन का


दूसरा नाम है

केवल आदिवासी 

मनीषा और मीना से निराश है केवल आदिवासी

(विशेष रिपोर्ट)

यह भी संयोग है की प्रदेश कैबिनेट के आदिवासी मंत्री मीना सिंह के उमरिया जिले मे नौरोजाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और इसी विधानसभा क्षेत्र मे भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महामंत्री मनीषा सिंह का जन्म हुआ और वह जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं और उस परिवार की बहू है जिनके ससुर स्व. भगवानदीन वर्षों विधायक बन कद्दावर नेता कांग्रेस के अर्जुन सिंह के खास रहे ।

बावजूद इसके इतनी सारी उपलब्धियों के अपने क्षेत्र के केवल आदिवासी न्याय दिला पाने में उतने ही दलित और पिछड़े सोच के परिवेश में जी रहे हैं जितना कि केवल सिंह आज भी सूदखोरी के में सूदखोर उमेश सिंह और नरोजाबाद पुलिस प्रशासन की जाल में फंसा हुआ है।


इन सबके अलावा केवल सिंह का यह भी दावा है कि दोनों ही नेता उनके नजदीक हैं आदिवासी मंत्री मीना सिंह तो उनकी रिश्तेदार है। तो भी कोयला खदान  में जीवन भर काम करने के बाद पूरी कमाई वह सूदखोर उमेश सिंह को 17 लाख रुपए लूट लिया है और जब नरोजाबाद थाने में अपनी जागरूकता से रिपोर्ट किया तो थाने वालों ने मिलीभगत करके उसका समझौता करा दिया। कोई तीन चार लाख रुपए में । अब पुलिस और प्रशासन उसे ही दोष देता है, तुमने समझौता कर लिया है अब कुछ नहीं हो सकता।

 तो यह उच्च स्तर पर बैठे हुए आदिवासियो के जनप्रतिनिधि चाहे मीना सिंह हो अथवा मनीषा सिंह; क्या यह मिट्टी के शेर हैं...? जो अपने क्षेत्र के केवल आदिवासी को न्याय दिला पाने में फेल हो रहे हैं। अथवा सत्ता के नशे में आंख मूंदकर आदिवासियों के शोषण और दमन का आनंद ले रहे हैं। जैसा अक्सर सत्ता में बैठा हुआ कोई भी व्यक्ति तत्काल जमीनी हकीकत से मुंह मोड़ने लगता है ।क्योंकि आदिवासी मंत्री मीना सिंह को केवल आदिवासी ने बार-बार संपर्क किया जबकि मनीषा सिंह के पिता ध्यान तिलक सिंह ने अपनी पूरी ताकत लगाकर केवल सिंह को न्याय दिलाने का काम किया किंतु वह भी शोषणकारी व्यवस्था में कठपुतली बनकर रह गए। तब तो सवाल उठेगा ही आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाला जनप्रतिनिधि आखिर किस काम के हैं...?

 क्यों केवल आदिवासी को एक दशक से अकेला लुटा पिटा होने के लिए छोड़ दिया गया है..? केवल सिंह का मामला अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के समक्ष पिछले 3 वर्ष से लंबित है बावजूद इसके वयोवृद्ध केवल सिंह सत्ता के चाल चरित्र और चेहरे के मुखोटे में अपनी संभावनाओं को ढूंढता हुआ जीवन के अंतिम क्षण तक युद्ध करने को तत्पर है देखना होगा मनीषा और मीना सिंह की जोड़ी केवल आदिवासी को मरते दम तक क्या न्याय दिला पाती है..?


रोजगार दिवस पर शहडोल में पहुंचे चौहान

स्वरोजगार से बदलेगी 

शहडोल 25 फरवरी 2022- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों के सर्वांगीण विकास है। बेरोजगारों को युवाओं के अवसर प्रदान कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना और उनके जीवन को खुशहाल बनाना प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। उन्होंनंे कहा है कि गत 12 जनवरी को रोजगार दिवस के अवसर पर 05 लाख 26 हजार लोगों को विभिन्न रोजगारों के अवसर प्रदान कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया गया। आज प्रदेश के 05 लाख से अधिक लोगों को रोजगार से जोडा जा रहा है। प्रदेश के युवक एवं युवती इन रोजगारों से जुड़कर अपना जीवन स्तर सुधारेगें, जिससे प्रदेश की तस्वीर बदलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने निर्णय लिया हैं कि माह में 1 दिन रोजगार दिवस का आयोजन कर बेरोजगारो को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेगें। आगामी 29 मार्च को रोजगार दिवस का आयोजन कर लाखों लोगों को रोजगार देने का मौका दिया जायेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान आज प्रदेश स्तरीय रोजगार दिवस के अवसर पर शहडोल संभागीय मुख्यालय के पॉलिटेक्निक ग्राउंड में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थें।

उन्होंने कहा कि अब स्कूलों में निःशुल्क गणवेश वितरण हेतु बनाये जाने वाले गणवेश का काम स्व-सहायता समूह की सदस्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलाएं राशन वितरण दुकानों का संचालन भी करेगी तथा रेडी टू ईट के निर्माण का कार्य भी स्व-सहायता समूह की सदस्य करेगी। इसी तरह स्व-सहायता समूह की महिलाओं को धान की खरीदी का काम भी सौंपा जायेगा। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की कामकाजी महिलाओं को कम से कम 10 हजार रूपये प्रतिमाह आमदनी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलाये साबुन, हल्दी पाउडर, तेल, सिनेटाइजर आदि का निर्माण कर रही है। उन्हें छोटे-छोटे उद्योगों से जोड़कर उनकी गरीबी हटाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जायेगा। रोजगार के विभिन्न सेक्टरों में काम कर आगे बढ़ने के अवसर प्रदेश सरकार मुहैया करा रही है। 

गरीबों को दी जा रही अनेक सुविधाए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गरीब तबके के लोगों को प्रधानमंत्री अन्न योजना एवं मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत मार्च 2022 तक 05-05 किलोग्राम निःशुल्क राशन का वितरण कराया जा रहा है। इसी प्रकार शासन द्वारा विभिन्न विभागों से संचालित अनेक योजनाआं के तहत ऋण स्वीकृत कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्थाए भी सुनिश्चित की जा रही है। एक जिला एक उत्पाद के तहत शहडोल जिले में हल्दी का उत्पादन कर हल्दी पाउडर तैयार कर उसे विक्रय किया जा रहा है। जिससे लोगों की आमदनी बढ़ रही है। शहडोल का हल्दी पाउडर प्रदेश के साथ-साथ बैंगलौर इत्यादि जगहो में भी भेजा जा रहा है। 

महिला स्व-सहायता समूह  को बनाये जायेगा सुदृढ़ – 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिला सदस्यों को आत्म निर्भर बनाने, छोटे-छोटे व्यवसायों से आय बढ़ाने के लिये प्रत्येक सदस्यों को 10-10 हजार रूपये की ऋण राशिउपलब्ध कराई जायेगी। जिससे वे स्थानीय स्तर पर लघु उद्योग, कुटीर उद्योग एवं गृह उद्योग का संचालन कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी। 

मुख्यमंत्री  शहडोल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना चलाई जायेगी। जिसमें रोजगार के इच्छुक युवा-युवतियों को  01 लाख से 25 लाख का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इससे बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और बेरोजगारी दूर करने का कार्य भी होगा। इस योजना से इस वर्ष लगभग 01 लाख लोगों को लाभान्वित किया जायेगा। 

औषधीय खेती के अवसरों का सृजन –

 प्रदेश में औषधीय खेती के लिये अनेक क्षेत्रांे में जड़ी बूटियों का उत्पादन कर बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान कराये जायेगें। इन उत्पादो को विक्रय कर बेरोजगार आमदनी हासिल करेगें। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में औषधीय जड़ी बूटियों का उत्पादन करने हेतु वातावरण एवं भूमि की उपलब्धता काफी संख्या में है। इस क्षेत्र में प्रदेश सरकार का फोकस मुख्य रूप से है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सीएम राईज स्कूल बनाई जा रही है। इन स्कूलों में महंगी निजी स्कूलों से बेहतर और गुणवत्तायुक्त  पढ़ाई छात्रों को उपलब्ध कराई जायेगी। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश आगे बढ़ेगा। इन स्कूलों से पढ़कर छात्र बेहतर ढं़ग से पास होंगे और विभिन्न रोजगारों मंे सफलता हासिल करेंगें। 

प्रदेश के हर गॉव और नगरीय क्षेत्र को स्वच्छ बनाने का कार्य- 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में प्रदेश को देश के अन्य प्रदेशों से अग्रणी बनाने के लिये प्रत्येक गॉव में स्वच्छता के कार्य किये जायेगे। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में भी जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता के कार्यो को गति दी जायेगी। इसमें नागरिकों का भी सहयोग लिया जोयगा। उन्होंने हर गॉव और शहर को बेहतर बनाने के लिये आम लोगों से सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने गॉव एवं शहर की स्कूल, अस्पताल, ऑगनबाड़ी, प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य कार्य अच्छे ढं़ग से संचालित हो, इसमें भी सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गॉव एवं नगर पंचायत में माह में एक दिन या वर्ष में एक दिन गौरव दिवस के रूप में मनाकर सभी योजनाओं के संचालन को बेहतर ढं़ग से संचालित करने में सहयोग करें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में राशन आपके द्वार योजना के तहत घर-घर राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कमिश्नर शहडोल को निर्देशित किया कि राशन वितरण में यदि शिकायते मिलती है, तो उसकी जॉच कर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी गरीब अब टूटी झोपड़ी में नहीं रहेगा। सभी पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाकर दिया जायेगा। उन्होेंने कलेक्टर शहडोल को तलब कर पूछा कि जिले में अब तक कितने मकान स्वीकृत हुये है, जिस पर उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 99 हजार मकान स्वीकृत किये जा चुके है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छात्रों की परीक्षाएं अब ऑनलाईन नहीं बल्कि ऑफलाईन होगी 

         राज्य स्तरीय रोजगार मेले में मध्यप्रदेश शासन के सूक्ष्म, लद्यु एवं मध्यम उद्यम एवं विज्ञान प्रोद्योगिकी मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा ने कहा है कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना, आजीविका मिषन, पथ विक्रेता योजना, शासन की अभिनव योजना है।  इन योजनाओं का प्रदेश में  प्रभारी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। इन योजनाओं से जरूरतमंद लोंगो को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  50 दिनों के अंतराल में प्रदेश के साढे 10 लाख लोंगो को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्रदेश के मुख्यमंत्री की सराहनीय पहल है। इससे प्रदेश के युवाओं को लाभ होगा। 

इस मौके पर आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, सांसद शहडोल श्रीमती हिमाद्री सिंह, सांसद सीधी श्रीमती रीती पाठक, अध्यक्ष महिला वित्त विकास निगम श्रीमती अमिता चपरा, विधायक जयसिंहनगर  जयसिंह मरावी, विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह, विधायक ब्यौहारी  शरद कोल, अध्यक्ष नगरपालिका शहडोल श्रीमती उर्मिला कटारे, प्रमुख सचिव  पी नरहरि, आयुक्त शहडोल संभाग राजीव शर्मा, एडीजी  डीसी सागर, पूर्व सांसद  ज्ञान सिंह, कलेक्टर शहडोल श्रीमती वंदना वैद्य, पुलिस अधीक्षक  अवधेश प्रसाद गोस्वामी, अपर कलेक्टर  अर्पित वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु चन्द्र, संयुक्त कलेक्टर  दिलीप पाण्डेय,  कमल प्रताप सिंह, पूर्व अध्यक्ष जनजाति आयोग  नरेन्द्र सिंह मरावी सहित जिले के नगर परिषदों के अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। 

कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन आयुक्त शहडोल संभाग  राजीव शर्मा ने किया।


शिवराज से मिला युवक कांग्रेस

 युवा कांग्रेस ने 70%

 


स्थानीय रोजगार की बात की मुख्यमंत्री से

जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष अनुपम गौतम द्वारा शहडोल जिले के विकास के लिए अनेक बिंदुओं को लेकर ज्ञापन सौंपा गया जिसमें शहडोल से बुढार मार्ग के बीच शहर से लगा टोल प्लाजा में एमपी 18 की गाड़ियों को टोल फ्री करवाने, नगर पालिका क्षेत्र 819 आवास हितग्राहियों को आवास प्राप्त कराने, मॉडल साइंस महाविद्यालय खोलने, भू माफियाओं के चंगुल से आम रास्तों को मुक्त कराने एवं शासकीय अभिलेखों खसरा में दर्ज कराने, शहडोल अंतर्गत खुली प्राइवेट कंपनियां जैसे रिलायंस अल्ट्राटेक और अन्य कंपनियों में शहडोल क्षेत्र के 70 प्रतिशत लोगों को रोजगार देने, शहर की बूढ़ी माता मंदिर से जय स्तंभ चौक एवं बाढ़ गंगा तिराहे से लल्लू सिंह चौक तथा अन्य जगहों की खराब सड़कों सुधार करने, एवम अन्य मुद्दे सामिल थे। ज्ञापन देने के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष विनय सिंह,जिला महामंत्री बाल्मिक द्विवेदी,जिला युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष अतुल तिवारी, सोहागपुर ब्लॉक अध्यक्ष राजेश सोंधिया,जिला आईटी सेल अध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला, आईटी सेल कार्यवाहक अध्यक्ष वसीम खान, गोविंद साहू,गोहपारू ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमधारी सिंह मार्को उपस्थित रहे।


मामला षड्यंत्र कर रोजगार से हटाए जाने का

 

मामला षड्यंत्र कर रोजगार से हटाए जाने का

जिला पंचायत मे अफसरशाही


से  परेशान विकलांग आदिवासी महिला ने जहर खाकर आत्महत्या करने का किया प्रयास

 शहडोल ।पुष्ट सूत्रों के अनुसार जिला पंचायत शहडोल में पदस्थ की गई एक विकलांग युवा महिला रोजगार सुनिश्चित ना हो पाने से तथा अधिकारियों के हेराफेरी और परेशान किए जाने से अंततः जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया है। बताया जाता है विकलांग महिला के मामले में हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किए थे कि उसे जिला पंचायत में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर सुनिश्चित किया जाए। बावजूद इसके आदिवासी विकलांग महिला को  अधिकारी परेशान करते रहे और हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं किए। जिससे महिला ने परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास किया खबर के अनुसार उक्त महिला शहडोल के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है। ज्ञातव्य है आज ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहडोल में रोजगार दिवस पर रोजगार देने का मेला लगा रहे हैं


गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

2 वर्ष तक सड़कें होंगी समस्या ग्रस्त...?

 विकास के संघर्ष के लिए तैयार हो, शहडोल


 मुख्यमंत्री करेंगे

 शहडोल सीवरेज परियोजना

 के निर्माण कार्य का भूमि पूजन 


शहडोल 24 फरवरी 2022- तो शहडोल का मोहनराम तालाब मलजल का सबसे बड़ा केंद्र 2023 के अंत तक प्रदूषणकारी मलजल से मुक्त हो सकता है। जिस प्रकार की शब्जबाग दिखाए गए हैं परियोजना में उससे यह बात निकल कर आती है। और उसकी अहम शुरुआत के लिए शहडोल नगर को गोद में लेने वाले हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहडोल स्थित पॉलिटेक्निक ग्राउंड में 25 फरवरी दोपहर 1 बजे को अनेक विकास कार्यों के साथ  शहडोल नगर की सीवरेज परियोजना के निर्माण कार्य का भूमि पूजन भी करेंगे। विश्व बैंक के सहयोग से नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा निर्मित की जा रही शहडोल सीवरेज परियोजना की दस वर्षों के संचालन और संधारण के साथ अनुमानित कुल लागत रूपये 172.61 करोड़ है। उत्कृष्ट डिजाईन के आधार पर निर्मित की जा रही इस परियोजना के घटकों में 228 किलोमीटर सीवर नेटवर्क बिछाया जायेगा, 6 इण्टरमीडियेट पंपिंग स्टेशन एवं 1 मुख्य पंपिंग स्टेशन का निर्माण भी किया जायेगा। विशेष बात यह है कि 17 एमएलडी क्षमता का मलजल शोधन संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है। शहडोल सीवरेज परियोजना के अन्तर्गत 21,134 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। अनुबंध के अनुसार योजना का निर्माण कार्य माह नवम्बर 2023 के अंत तक पूर्ण किया जाना है परन्तु इस कार्य को समय से पूर्व दिसम्बर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि शहडोल में इस परियोजना के पूरा होने मल जल का उचित निस्तारण हो सकेगा, जिससे जल स्त्रोत प्रदूषण मुक्त रहेंगे। 

हालांकि विस्तार से अभी इसके विवरण बुकलेट में प्रेस तक नहीं पहुंचाए गए हैं जिससे उनके दावे पर यकीन किया जा सके। लेकिन अनुबंध करता जो कर रहे हैं उसकी कार्यप्रणाली बहुत दलित और पिछड़ी हुई दिखाई देती है।

 फिलहाल आज दोपहर पास यूक्रेन में रूस ने अटैक कर दिया है और कल विधिवत शहडोल में सीवरेज लाइन का धमाकेदार शुभारंभ होने के साथ पूरा शहर धूल और प्रदूषण के लिए 2 साल बुक हो जाएगा। क्योंकि ऐसी कोई योजना स्पष्ट नहीं है कि जहां पाइपलाइन के लिए गड्ढे खोदे जाएंगे वह हफ्ते या 2 हफ्ते में अपनी पुरानी स्थिति पर ला दिए जाएंगे तो भविष्य में भयानक महंगाई के साथ गद्देदार सड़कों के लिए भी तैयारी कर लेनी चाहिए।




बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

नया इंडिया का नया भगवान...

गर्व से कहो मैं ....?

अमृत महोत्सव में दिखा

नया इंडिया का नया भगवान

भगवान, महामहिम माननीय

बलात्कारी बाबा राम रहीम

को मिली जेड प्लस सुरक्षा....


(त्रिलोकीनाथ)

अब मुझे जरा भी शर्म नहीं आती की हिंदुत्व  में



सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का जो मंदिर बन रहा है उसमें जो भगवान बैठाए जाएंगे अथवा जो पुजारी होंगे या फिर उसमे जो भक्तों की भूमिका होगी वह कितनी गौरवशाली होगी..?

 कभी, कवि ने लिखा था "हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है...... यह सोचकर मैं इतराता हूं..।" क्योंकि वोट के धंधे में पतन की सभी सीमाओं को चीरते हुए  बलात्कार सोच  की सभी पराकाष्ठा को पार करते हुए हरियाणा के खट्टर सरकार ने नए भारत में एक इतिहास कायम किया है।


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट के लिए भारत में बिरसा मुंडा को भगवान का स्तर प्रदान किया था। किंतु खट्टर सरकार ने बलात्कारी बाबा राम-रहीम को जेड प्लस की सुरक्षा देकर  "महामहिम माननीय बलात्कारी बाबा राम रहीम" के रूप में स्थापित करने का काम किया है। तो यह समझना भी जरूरी हो जाता है की असल में सच्चा ईमानदार और कट्टर हिंदुत्व का रंग किसके जमीर में बह रहा है वह कौन है खट्टर या कोई और ...?

इतना सहज य सरल नहीं है यह स्थापित करना की हिंदुओं के राम और मुसलमानों के रहीम के शब्द चुरा कर जब कोई बाबा राम-रहीम पैदा होता है उसकी अश्लीलता ,उसका वैभव, उसका अत्याचार और उसका धर्म में अंधी संप्रदाय का प्रादुर्भाव का विराट स्वरूप जब विकसित होता है तो वह हरियाणा अथवा पंजाब तक सीमित नहीं रहता; वह भगवान का अवतार बनने की चाहत में समूचे विश्व को एकात्मबाद मे पिरोने लगता है।

 बाजारवाद का यह खौफनाक खूंखार किंतु उनके लिए गर्व से सिर ऊंचा उठाने वाला कदम, इसलिए कहा जाना चाहिए क्योंकि कल जब कोई "महामहिम माननीय श्रीमान बाबा राम रहीम" के स्तर तक पहुंच जाएं तब उन्हें शर्म से सिर न झुकाना पड़े वह भी उसी गौरव के साथ सर ऊंचा करके चल सके जिस गौरव के साथ नया इंडिया का सबका साथ-सबका विकास सबको न्याय के फलस्वरूप भारतीय न्यायपालिका की सोच के कारण 20 वर्षों के लिए महान बाबा राम रहीम को कारावास में रहने की इजाजत दी गई है । 

वह वहां उतने ही सम्मान पूर्वक जीवन को जी रहे होंगे जितना अपने डेरा सच्चा सौदा लोगों की जमीन से सौदा कर  डेरे में रहकर अंधविश्वासी बीमार लोगों के समाज को उन्होंने विकसित किया है। ताकि वे भारतीय वोट-बैंक के बाजार में तराजू पर तोले जा सके।

 और जब भी कभी चुनाव अपने रंग पर आए यानी लोकतंत्र पैदा होने की प्रक्रिया में हो तब किसी सरकार की यह हिम्मत न पड़े , ऐसे बलात्कारी बाबाओं को वे उनकी गरिमा के खिलाफ व्यवहार कर सकें। फिर अगर यह तय होता है कि वह बाबा नहीं है; एक नेता है, एक उद्योगपति है तो भी उसे "महामहिम माननीय बलात्कारी" की संज्ञा देकर उसे महिमामंडित रखा जा सके। ऐसा प्रस्ताव कब भारतीय संसद में ध्वनि मत से प्रस्तावित होगा...?


यह देखने को नया-इंडिया निश्चित रूप से बेचैन हो रहा है। इस स्तर पर अगर विकास नहीं होता है तो यह माना जाना चाहिए कि अभी भी देश बहुत दलित, पिछड़ा और निंदनीय हालात में है। जहां 80 करोड़ लोग भिखारियों की जिंदगी जीने को विवश हैं.. ऐसी सोच आज स्थापित की जा रही है। ऐसा क्यों नहीं माना जाना चाहिए...?

 हमने अपनी बीसवीं सदी की राजनीति में राजनीतिक कुटिल चालचालबाजियों के बीच में ऐसे महान नेताओं को भी देखा है जिन्होंने हरियाणा और जाटलैंड की जमीन से ऐसे जमीर की सोच रखने वाले नेता भी पैदा किए हैं जिसमें देवीलाल को हम कभी नहीं भूल पाएंगे, चौधरी चरण सिंह को बुलाना शायद किसान समाज का बड़ा अपमान होगा । देवीलाल तो प्रधानमंत्री बना दिए गए थे लेकिन उन्हें अपनी सीमाओं का ज्ञान था वे देश को प्यार करते थे किंतु कुटिल परंतु मधुर राजनीति के पलटी में है विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री हो गए। यह वही भारत है जहां जमीर को पैदा किया जाता है और जमीर बोलता है कि उसकी "आत्मा की आवाज" उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनने को कहती है। सोनिया गांधी विदेशी मूल की जरूर थी किंतु जमीर चाहे दिखाने का ही क्यों ना हो जिंदा दिखाया गया।

 लेकिन यह  हिंदुत्व का नया इंडिया है। 21वीं सदी का आधुनिक भारत जिसमें हमें जरा भी शर्म नहीं आती कि हम 20 वर्षों के लिए सजायाफ्ता बलात्कारी बाबा राम रहीम को न सिर्फ चुनाव में वोट के धंधे की खातिर उसे बाहर निकालते हैं बल्कि एक नई पहचान देते हुए महामहिम राष्ट्रपति जी के समकक्ष जैसी सुरक्षा का दर्जा भी देते हैं, जेड प्लस सुरक्षा।

 तो क्या यह भविष्य के भारत में पैदा होने वाले नेताओं और करिश्माई धार्मिक भगवानों की इबादत का एक रास्ता भी होगा उसे स्थापित करने का भारतीय मानव मस्तिष्क में मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालने का एक तरीका भी है। चुनाव के बहाने कि अपराध जगत को , यहां तक की बलात्कार के अपराध जगत को भी यह सुरक्षा दी जाए की बलात्कारी जेड प्लस सुरक्षा में बलात्कार कर सके..... क्योंकि वहां कोई चिड़िया पर भी नहीं मार सकती। ऐसा क्यों न समझा जाए...?

 क्या यही नया इंडिया है हमें क्या इसके लिए तैयार नहीं होना चाहिए...? कि धर्म के नाम पर मंदिर या मस्जिद बना कर अपराध को महिमामंडित किया जाए...? यह बात इसलिए गंभीर भी है क्योंकि न्यायपालिका लोकतंत्र में अभी भी जिंदा प्रकट होता दिखता है... शायद न्यायपालिका को इसीलिए महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में स्वतंत्र भारत में जगह मिली थी।

 देखना होगा कि न्यायपालिका में बैठे हुए मठाधीश, खट्टर सरकार के द्वारा स्थापित किए जा रहे"महान महामहिम माननीय बलात्कारी बाबा राम रहीम" के मामले में खट्टर सरकार की खटाई को किस स्तर पर संज्ञान में लाते हैं...? हालांकि याचिका लगा दी गई है। फिलहाल तो उन्हें गर्व करना चाहिए जिन्होंने प्रायोगिक तौर पर राम रहीम को जड प्लस सुरक्षा देने का काम किया है। याने जेड प्लस सुरक्षा में भी बलात्कार की गारंटी देने का काम किया है ऐसा क्यों न समझा जाए.....? (जारी भाग 2)



618 करोड़ रुपए के कार्यों की होगी शुरुआत

 25 फरवरी मुख्यमंत्री शहडोल में 


618 करोड़ रुपए के कार्यों की होगी शुरुआत

सौंपे गए दायित्वों का निष्ठापूर्वक करें निर्वहन- कलेक्टर

शहडोल 23 फरवरी 2022- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का 25 फरवरी 2022 को जिले का दौरा संभावित है और जिले में शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान में आयोजित रोजगार मेला में अपनी सहभागिता निभाने के साथ-साथ जिले के विभिन्न कार्याें एवं भवनों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण करेंगे। शहडोल सिवरेज योजनान्तर्गत नगरपालिका क्षेत्र शहडेाल में मल जल निस्तारण कार्य कुल लागत लगभग 172.62 करोड़, मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना नगर परिषद बुढार लागत लगभग 15.30 करोड, बिरसा मुण्डा शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल का लोकार्पण लगभग लागत 307 करोड़, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय शहडोल  का लोकार्पण लागत 27. 46 करोड़, कन्या शिक्षा परिषद् बिरौड़ी भवन का लोकार्पण  लागत लगभग 30.22 करोड, कन्या शिक्षा परिषद कटकोना भवन का लोकार्पण लागत लगभग 29.65 करोड़, सर्किट हाउस के अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण लागत लगभग 0.99 करोड़ आदि कार्याें का भूमिपूजन एवं लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा जिले में लगभग 617.89 करोड़ रूपये का करेंगे। 

     बैठक मे अपर कलेक्टर  अर्पित वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हिमांशु चन्द्र, संयुक्त कलेक्टर  दिलीप पाण्डेय, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर  नरेन्द्र सिंह, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग  रणजीत सिंह, कार्यपालनय यंत्री पीआईय रामाकंत पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती शालिनी तिवारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 एमएस सागर, जिला आपूर्ति नित्रयं कमलेश टाण्डेकर, डीपीसी मदन त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री पीएचई  एबी निगम, उप संचालक कृषि श्री आरपी झारिया, तहसीलदार  लवकुश प्रसाद शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।


सोमवार, 21 फ़रवरी 2022

दादा कोंडके होते तो क्या होता ...?( त्रिलोकीनाथ)

दोहरे संवाद वाले दादा कोंडके

 


"साइकिल पर बम आया.."

 "और जो बाप का नहीं हुआ.."

 वह किसका होगा....?

(त्रिलोकीनाथ)

कृष्णा "दादा" कोंडके एक भारतीय अभिनेता और फिल्म निर्माता थे। वह मराठी फिल्म उद्योग में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तित्वों में से एक थे, जो फिल्मों में अपने दोहरे मनोरंजक संवादों के लिए प्रसिद्ध थे।कोंडके मराठी मानुष होने के चलते ठाकरे के करिश्मे से प्रभावित थे और उन्होंने शिवसेना की ओर मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र का दौरा किया था।  कोंडके शिवसेना के एक बहुत सक्रिय सदस्य थे और अपनी लोकप्रियता और जनता को प्रभावित करने के लिए उग्र भाषण देने के तरीके के कारण ग्रामीण महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को प्रभावित करने में सक्षम थे। उनकी दोहरे संवादों में अश्लीलता स-सम्मान जगह पाती थी।

 जैसे आधुनिक राजनीति में कई संवाद गैर राजनीतिक होने के बाद भी राजनीतिक तमगा पाए जाते हैं ।


हमारे प्रधानमंत्री जी ने साइकिल पर आरोप लगाया कि वह बम विस्फोट साइकिल पर आता है। अखबारों ने छापा समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह कहा है ।दादा कोंडके होते तो इसे अपने अंदाज पर कहते हैं। वह अब हमारे बीच में नहीं है। लेकिन उनकी चलचित्र-कार्यशैली राजनीति में उछाले मार रही है।

 अब देखिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आरोप तो सीधा लगाया की "जो अपने बाप का नहीं हुआ वह जनता का कैसे होगा....?

 बावजूद इसके दादा कोंडके होते तो उनकी फिल्म चल पड़ती अगर उत्तर प्रदेश की चुनाव पर वह फिल्म बनाते। आखिर कौन नहीं जानता, कि आज के राजनेताओं में कौन किसका नहीं हुआ जिसके कारण कहां किसको किससे फायदा मिल रहा है फिलहाल शिवराज सिंह ने भगवान राम की कसम तो नहीं खाई है किंतु उन्होंने सिर्फ बाप तक सीमित रख कर उसे गद्दार कह दिया है तो जो पत्नी के नहीं होते.., पति के नहीं होते, पिता के नहीं होते भाई या बहन के नहीं होते तो वह किसके होते हैं...? शिवराज सिंह की माने तो वह किसी की नहीं होते...।

 दादा कोंडके होते तो कुछ ऐसा ही सोचते। यही राजनीति की दोहरे भाषा वाली आधुनिक स-सम्मान संवाद है और कोई बात नहीं..

.हमें अच्छा नहीं लगा इसलिए लिख डाला।




रविवार, 20 फ़रवरी 2022

हर को मिले योजना का लाभ

स्थानीयता-रंग में पहुंचीं कलेक्टर 


पीएम आवास का निरीक्षण, आयुष्मान कार्ड डोर टू डोर जाकर बनाने के दिए निर्देश

शहडोल 20 फरवरी 2022 ।आज शहडोल कलेक्टर बुढार जनपद में स्थानीय रंग में दिखीं।  ग्रामीण जनों से मुखातिब होकर आयुष्मान कार्ड बनाने को प्रेरित कर रही थी। कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने आज जनपद पंचायत बुढार के ग्राम केशवाही में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे निर्माणाधीन पीएम आवास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बुढार को


पीएम आवास को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी पात्र व्यक्तियों को पीएम आवास योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास में उच्च गुणवत्ता युक्त मटेरियल होना चाहिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने केशवाही में बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड के कार्यों का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने निर्देशित किया कि आयुष्मान कार्ड  में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें इसे प्राथमिकता के साथ घर घर जाकर लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य में तेजी लाएं। कलेक्टर ने  आयुष्मान कार्ड बनवा चुकी महिलाओं के साथ फोटो खिंचवा कर आयुष्मान कार्ड के लाभ भी बताए।

   इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बुढार मुद्रिका सिंह, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



बुधवार, 16 फ़रवरी 2022

कंचनपुर में रविदास समारोह संपन्न


कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए अपने कर्म में लगें रहें- श्रीमती चपरा

 

संत रविदास समाज के प्रणेता, समाज सुधारक, दृढ़ निश्चियी थे-  जयसिंह 



कंचनपुर में जिला स्तरीय संत रविदास जयंती कार्यक्रम सम्पन्न

शहडोल 16 फरवरी 2022-  संत रविदास जी ने अपना पूरा जीवन धार्मिक प्रवृत्ति से सद्मार्ग में लगाकर जीया वें  समाज के प्रेरक समाज सुधारक तथा अपने कार्याें को लगन से करते हुए कर्तव्य निर्वहन में ईमानदारी का भी पालन किया। उन्होंने अपने अंतःकरण को परोपकार में लगाकर अंतरात्मा से अपने कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए अपने कर्म में लगें रहें। उनसे हम सब को प्रेरणा लेकर उनके मार्गाें में चलना चाहिए जिससे समाज में समरसता, भाईचारा एवं प्रेम का संचार हो तथा हमारा जिला, प्रदेश व देश एकजुट होकर विकास में अग्रसर हो सकें। उक्त विचार मध्यप्रदेश महिला विकास वित्त निगम श्रीमती अमिता चपरा ने आज जिले से लगे हुए ग्राम कंचनपुर में आयोजित संत रविदास जयंती के कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ने स्वरोजगार एवं जन कल्याण की अनेंको योजनाओं को लागू कर समाज से वंचित पिछडे़ एवं गरीबों के उत्थान हेतु जो कार्य कर रही है वह तारीफ के योग है हमारी सरकार सर्वव्यापी, सर्व स्पर्शी एवं जनहितैषी कार्याें की पक्षदर है, मुख्यमंत्री द्वारा आज विभिन्न योजनाओं को संचालित करने की जो घोषणा की गई है, उससे समाज के पिछडे एवं गरीबों का उत्थान होगा तथा वे उन्नति के मार्ग में अग्रसर होंगे। 

      कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें विधायक जयसिंहनगर जयसिंह मरावी ने कहा कि संत रविदास जी समाज के प्रणेता, समाज सुधारक, दृढ़ निश्चियी एवं कर्मयोगी थें वे समाज को एक सुत्र मंे बॉधने के साथ सबकों विकास एवं उन्नत मार्ग पर चलने हेतु अपना संदेश देते रहते थें। हम सब की जिम्मेदारी यह है कि  संत रविदास जी के विचारों को आत्मसात कर इसे आगे बढाएं। शासन की जनहितकारी योजनाओं का लाभ दिलाने हम सब मिलकर कार्य करें और समाज के वंचित लोंगों को मुख्य धारा से जोडे


। उन्होंने कहा कि संतो एवं धर्म गुरूओं ने समाज को प्रेरणा देने एवं उनके जनहितैषी कार्याें को आगे बढाने के अनेकों काम किये है। संतो के मार्गों का हम सबको अनुशरण करना चाहिए। विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह ने कहा कि महापुरूषों के ज्ञान भावी पीढ़ी लेकर उनका अनुशरण करें, संत रविदास जी ने समाज में आध्यात्मिक ज्ञान, समरसता, भाईचारा को मजबूती देकर एकता के सूत्र में बंधाने का कार्य किया है। उन्होंने अपने पारंपरिक कार्याें केा लगन से करते हुए सद्मार्ग पर  चलने का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। इस मौके पर समाजसेवी  कमलप्रताप सिंह ने  कहा कि संत रविदास जी के ज्ञान को आत्मसात कर उनको जीवन्त बनाए रखना हम सभी भावी पीढ़ियों का परम कर्तव्य है हमारे देश में  अनेकांे संतों ने समाज सुधार आपसी भाईचारा कर्तव्य परायणता एवं  धार्मिक आस्थाओं को बनाये रखने का कार्य किया है। संत हमारे  समाज सुधारक भी रहें है। 

        जिला स्तरीय संत रविदास जयंती कार्यक्रम के प्रारंभ में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर समक्ष में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संत रविदास जी की 645वीं जयंती  के अवसर पर उनकी भजनों का गायन-गीतानुरागी, श्रीकांत शर्मा एवं उनकी पार्टी ने किया। तत्पश्चात् प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम  का वर्चुअल प्रसारण किया जिसमें  प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान के उद्बोधन एवं कार्यक्रमों को उपस्थित अतिथियों  एवं अन्य लोगो ने देखा एवं सुना।

       इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य, पुलिस अधीक्षक  अवधेश कुमार गोस्वामी, अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी राजस् नरेन्द्र सिंह, एवं काफी संख्या में  ग्रामीणजन तथा  विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।


मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

गांधी प्रतिमा टूटने से दिल टूटता है संकल्प नहीं

चंपारण में चुनाव का इवेंट में गद्दारों ने किया प्रयोग


अब तक शहडोल में तोड़ी गई गांधी प्रतिमा के

अपराधी नहीं हुए चिन्हित..?

सबको सम्मति दे भगवान...

(त्रिलोकीनाथ)

 15 फरवरी 2022 को बिहार के चंपारण मैं दक्षिणपंथी लोगों द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा को खंडित किए जाने की खबर अब गुस्सा नहीं दिलाती क्योंकि गांधी हत्या के विचारधारा ने हमें गांधी हत्या के जहर से एप्रूव्ड कर दिया है ।हम इसे स्वीकार करने लगे हैं कि देश में गांधी के हत्यारे कि अपनी सल्तनत है ।गांधी भलाई हजारों साल की गुलामी के बाद स्वतंत्र भारत के  भारत में पहला प्रयोग चंपारण की धरती में ही नील की खेती के विरुद्ध आंदोलन चलाया था।


 तब उन्हें अंग्रेजी सल्तनत की भयानक जुल्म की दास्तान को बताने के लिए चंपारण के ही रामचंद्र शुक्ल पोरबंदर गए थे। देश की आजादी का पहला प्रयोग चंपारण की ही धरती से हुआ था ।और जिस प्रकार का भारत नया इंडिया 2022 में दिख रहा है उससे यह कहना सहज है कि हम गुलामी के दौर पर लौट रहे हैं।

 नकाब स्वतंत्र भारत का होगा ऐसा प्रतीत होता है ।ऐसे में अगर चंपारण मे एहसान फरोश अथवा गद्दार भारतीय नागरिक गांधी की प्रतिमा तोड़ते हैं तो वह सिर्फ एक प्रतीक होगा, गुलामी की शुरुआत का प्रतीक इसे समझना चाहिए।

शहडोल में भी टूटी थी गांधी की प्रतिमा

 अपराधी आज भी लापता...?

 हमने शहडोल में इसे भली बात महसूस किया है ।तब अभी कुछ साल पहले पुराना गांधी चौक स्थित मनभावन संगमरमर की गांधी प्रतिमा रात के अंधेरे में तोड़ दी गई थी। बहुत शांति के साथ धैर्यवान शहडोल की जनता ने इससे पैदा हुई नपुंसक पुरुषार्थ को धारण करना चालू कर दिया था। इसलिए हम सब गुलामी शोषण अनैतिकता और असभ्य समाज को स्वीकारने लगे हैं। क्योंकि अब सार्वजनिक रूप से भी अगर अपराधी अपराध करते हैं और पुलिस की शरण में अपने संरक्षण के लिए f.i.r. रूपी नकाब में छुप जाते हैं। तो यह अपराध जगत में पल रहे अपराधियों के लिए एक ऐसा हिजाब है। जिसमें उन्हें कानून संरक्षित करता है ऐसा मानकर चलना चाहिए। इन परिस्थितियों में गांधीवादी विचारधारा से चलने वाला प्रशासन बीते कल की बात हो चुकी होती है।

गांधीगिरी में सरेआम आक्रमण कर लूट ली गई अकेली महिला

पुलिस ने अपराधियों को किया संरक्षित काउंटर केस बनाकर

 क्योंकि इमानदार, नैतिक और मौलिक अधिकार के तहत यदि कोई महिला अकेली पुलिस थाना क्षेत्र परिसर के बगल की सड़क में लूट और आक्रमण का शिकार हो जाती है तो उसे संरक्षण क्यों मिलना चाहिए..? यदि यह सब कुछ सुनियोजित तरीके से अपराध की सफलता के लिए षड्यंत्र कर  किया गया था। क्या षड्यंत्र कारी कोई दिनेश नाम का व्यक्ति पुलिस के किसी अधिकारी से मिलकर इस अपराध को घटित कराया ..? तो वह पुलिस अधिकारी कौन था..? अन्यथा क्या कारण है की घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी अथवा घटना की कराई गई वीडियोग्राफी चाहे वह दिनेश के मोबाइल पर हो अथवा आक्रमणकारी परिवारिक सदस्य के मोबाइल पर हो, उसे भी चिन्हित कर जांच किया जाना क्यों जरूरी नहीं समझा गया....?

 यह बात पुलिस की अनदेखी से संरक्षित होती है  ।क्या जांच अधिकारी की ईमानदार-कर्तव्य परायणता के लिए देशभक्ति जनसेवा का नारा उसे यह प्रेरित नहीं करता ..? यदि जांच अधिकारी के खून में ऐसी उबाल नहीं है तो उसे मालूम है कि जांच कैसी करनी चाहिए ..जो अपराधी के हित को और सुनियोजित षड्यंत्र का लक्ष्य साध सके...।

कब कलेक्टर पर भी हुआ था हमला...?

 हमला अथवा आक्रमण किसी पर भी हो सकता है ।शहडोल के एक कलेक्टर पर अपमानजनक हमला हुआ, शहर जानता है तो घर कलेक्टर सुरक्षित नहीं है...? अपराधियों से महात्मा गांधी की मूर्ति खंडित होने के बाद आज तक शहडोल में अपराधी चिन्हित नहीं हुए ...? मामला, जानबूझकर दबा दिया गया या फिर पुलिस का पुरुषार्थ गांधी प्रतिमा के खंडित होने पर अपराधियों को संरक्षित करने का काम करता रहा....?

 तो यह नया भारत है ।और इस नए भारत में अगर शहडोल की पुलिस और थाना नीलामी के जरिए भी व्यवसाय के लिए बेचे जाने लगे तो आश्चर्य क्यों होना चाहिए..? आखिर देशभक्ति-जनसेवा की भी अपनी एक ब्रांड वैल्यू है और जब किंगफिशर अपने ब्रांड वैल्यू में बिक गया को भी बेचने का काम निजीकरण करने का काम क्यों नहीं होना चाहिए । अगर इसमें करोड़ों अरबों रुपए के व्यवसाय की संभावना जिंदा है ऐसा मानकर भी चलना चाहिए।

 किंतु हम यह हमारे जैसे पिछड़े लोग आदिवासी प्रकृति के लोग इमानदारी नैतिकता और कर्तव्य निष्ठा को अभी भी गांधी की मूर्ति में समाया देखते हैं। लेकिन जब भी गांधी मूर्ति टूटती है तो हम नपुंसक-पुरुषार्थ को गर्व के रूप में मजबूत होता भी देखते हैं। इसलिए अब जबकि गांधी की कर्मभूमि का पहला बड़ा भारत में चंपारण में असहयोग आंदोलन के रूप में हुआ और लोगों ने गांधी प्रतिमा को खंडित होने का इवेंट क्रिएट करते की खबरें भी आई तो शायद यह है चुनाव के धंधे में सनसनी पैदा करने का राष्ट्रीय संकल्प के अलावा कुछ नहीं है । 

बावजूद इसके बहुत ही गंदा, निंदनीय और नपुंसकता भरा पुरुषार्थ है... ऐसा मानना चाहिए कुछ सिरफिरे लोग हो सकता है अपराध को संरक्षण देने में गर्व करने का सोच रखते हैं और अपराध जगत को संरक्षित करते हैं किंतु एक न एक दिन उनके निजी जीवन में इस अपराध को से दंडित होना ही पड़ता है। यही प्रकृति का न्याय है। इसलिए गांधी प्रतिमा अब जब कभी टूटती है तो हम सिर्फ अपने पुरखों के प्रति गद्दार होने का प्रमाण पत्र हासिल करते हैं । ऐसा मानकर चलना चाहिए। मूर्ख और गद्दार समाज मे इससे ज्यादा अपेक्षा भी नहीं करना चाहिए।


 फिर भी भारत के संविधान और संसद के सामने गांधी की छाया आजीवन बनी रहेगी क्योंकि दुनिया ने गांधी को और उनके विचारों आत्मसात करने में ही वसुदेव कुटुंबकम की भावना का साकार रूप देखा है। और इसलिए महात्मा गांधी हमेशा हमारे दिल में बसते रहेंगे।



पंचायत चुनाव निश्चित राशि होगी वापस

 निक्षेप राशि वापस किए जाने संबंधी दिशा निर्देश जारी

शहडोल 14 फरवरी 2022- अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय निर्वाचन जिला शहडोल अर्पित वर्मा ने जानकारी दी है कि त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2021-22 के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा नाम निर्देशन पत्र के साथ निक्षेप राशि जमा की गई है। मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम को निरस्त किया गया है, जिसके फलस्वरूप अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई राशि निक्षेप राशि वापिस की जाने के निर्देश दिए गए हैं।अतः अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई प्रतिभूति निक्षेप राशि संबंधित अभ्यर्थियों को वापस किया जाकर पालन प्रतिवेदन 10 फरवरी 2022 तक उपलब्ध कराया जाना था, किंतु आज दिनांक तक इस कार्यालय को पालन प्रतिवेदन अवगत नहीं कराया गया है, पत्र प्राप्ति के दो दिवस के अंदर निक्षेप राशि वापसी संबंधित जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। ताकि जानकारी आयोग को प्रेषित किया जा सके।



शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

तो अलविदा कोरोना....

 स्कूल विभाग ने जारी किया


 शत-प्रतिशत उपस्थिति से संचालन का पत्र

12 फरवरी को स्कूल विभाग की ओर से इस आशय के पत्र जारी हुए हैं कि सभी स्कूल अपने पूर्ण उपस्थिति के साथ स्कूल का संचालन कर सकेंगे तो मान कर चलें कि कोरोना इन सीजन का अलविदा हो रहा है

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022

मदरसा विवाद में सौंपा ज्ञापन

वर्षों से स्थापित मदरसे का विवाद


मुस्लिम समाज के लोगों ने

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन/दिया धरना

शहडोल के वर्षों से संचालित घरौला मोहल्ला स्थित मदरसे की जमीनी वैधानिक स्थिति के विवादित हो जाने पर मदरसा हितग्राही पक्ष तथा मुस्लिम समाज के लोगों ने आज शहडोल कलेक्ट्रेट पहुंचकर


महमूद अहमद और सुफियान

के नेतृत्व में अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा को अपना ज्ञापन सौंपा ज्ञापन पर उचित आश्वासन देकर श्री वर्मा जब ऑफिस चले गए उनके जाने के बाद ज्ञापन देने आए महिला और छात्र छात्राओं ने तत्काल मदरसे का ताला खुलवाने की जिद पर मौके पर ही धरना दे दिया हाल में ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के बंगले के पास पुलिस की भी जमीन पर संचालित अवैध मदरसे को गिरा कर जमीन को खाली कराया गया है इस वातावरण से भयभीत घरौला के मदरसा हितग्राही पक्ष किन्ही अनहोनी की आशंका से मदरसे की रक्षा के लिए ज्ञापन देने आए ।



बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

नया इंडिया का क्रिप्टो-डेमोक्रेसी...2 (त्रिलोकीनाथ)

कामदेव का हुआ था क्रिप्टो-अवतार 


क्रिप्टो होते हमारे तालाब 

शहडोल पालिका मे भी है

क्रिप्टो-प्रशासन....


 (त्रिलोकीनाथ)

हमारी पुरानी लोकधार्मिक कथा मे जब भगवान शंकर तपस्या में लीन थे तो उन्हें तपस्या भंग करने के लिए कामदेव ने रती के साथ अपने तमाम अभिनय के साथ नृत्य किया ताकि भगवान शंकर कामदेव के वशीभूत हो किंतु इससे परेशान होकर अंततः जब उनकी चेतना जागृत हुई तो तीसरा नेत्र खुला जिससे क्रोध अग्नि प्रकट हुई और कामदेव को जलाकर भस्म कर दिया। फिर रति के अनुरोध  क्षमा याचना पर कृपाशंकर भगवान भोलेनाथ ने उसे पुनर्जीवन दिया। किंतु कामदेव को शरीर नहीं दिया। वे यानी कामदेव अदृश्य स्वरूप में जीवित हुए। वह देख तो रहे थे, किंतु दिख नहीं रहे थे। कुछ इसी तर्ज पर अमृतकाल का भारतीय संसद का बजट सत्र अपने कामदेव याने भारतीय मुद्रा को पैदा करने का प्रयास किया उसका नाम दिया गया क्रिप्टो करेंसी। तो अब भारतीय बाजार में क्रिप्टो करेंसी जन्म लेकर पूरे भारत में नाचेगी और कालाधन के रूप में दुनिया में नया परचम भी लहराएगी...  ऐसा भी मानना चाहिए।


 क्योंकि जहां धन है, मुद्रा है वही कालाधन है। क्रिप्टो करेंसी भी होगी ऐसा हम अपने अध्यात्मिक कथाओं के कामदेव से निकलकर कलयुग मे क्रिप्टो करेंसी में आ पहुंचे हैं। क्योंकि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का अमृतकाल चल रहा है।

 क्रिप्टो की दुनिया में देश और प्रदेश की छोड़ें क्योंकि हम भटक जाएंगे। पालिका प्रशासन शहडोल पर तब तक ही सीमित रखें तो समझ में आएगा कि कहां-कहां अमृतकाल तक पहुंचने में हमने क्रिप्टोप्रशासन के नजरिए से स्वयं को चिन्हित किया है....। तो सबसे पहले शहडोल के तालाबों के विकास क्रम को नजर में रखना होगा जो आभाष तो कराते हैं कि वह तालाब हैं किंतु शासन और प्रशासन उन्हें तालाब नहीं मानता। ऐसा ही एक तालाब हमने भी खोजा।

 इसे क्रिप्टो-टैंक कहा जा सकता है। जेल भवन के बगल में स्थापित एक तालाब को विनाश होने की गारंटी से बचाने के लिए इसका जीर्णोद्धार


तबके पर्यावरण मंत्री इंद्रजीत पटेल ने करीब 20 साल पहले करवाया था। संभवत: 10लाख रुपए करीब शासन के खर्च हुए थे। इस तालाब के अंदर नगर पालिका प्रशासन ने आज एक प्रधानमंत्री आवास का एक मकान भी बनवा दिया है। क्योंकि उसे मालूम है कि यह तालाब क्रिप्टो-तालाब है। जो तालाब तो है किंतु सरकारी रिकॉर्ड में यह तालाब नहीं है। यह सिर्फ एक प्लाट है। ऐसा नजूल विभाग मानता है। इसलिए इसके आसपास निर्माण कार्य होते रहते हैं। क्रिप्टो-तालाब की तरह है।

 शहडोल पालिका प्रशासन में कुछ नदी-नाले भी हैं जिन्हें क्रिप्टो नदी-नाला कहा जा सकता है। पालिका का आभासी-प्रशासन यानी क्रिप्टो-एडमिनिस्ट्रेशन ऐसे नदी नालों को खारिज करता है जो भौतिक रूप में विद्यमान हैं।


इसलिए वहां पर बकायदे निर्माण की परमिशन दे दी जाती है। और निर्माण कार्य, कालोनियां मकान बनते रहते हैं। कई तालाबों के अंदर प्रधानमंत्री आवास भी बन रहे हैं क्योंकि भौतिक रूप में तो वहां तालाब नदी नाले थे या बचे कुचे हैं अभी किंतु पालिका प्रशासन के बंद आंख वाले लोग कैसे तालाबों, नदी-नालों का आभास नहीं करते।

 क्योंकि पालिका परिषद से जुड़े लोग और पालिका प्रशासन से जुड़े लोग भी कभी भी इन नदी नालों में शौच के लिए नहीं गए और ना ही नहाए-धोए हैं तो जब तक उनका शरीर या उनके परिवार का शरीर ऐसे नदी नालों के जिंदा होने को महसूस नहीं करता तो वह इन्हें क्रिप्टो नदी-नाला, तालाब मानकर खारिज कर देते हैं। कि वे हैं जरूर , लेकिन नहीं है। क्योंकि सरकारी रिकॉर्ड में हम उन्हें खारिज करते हैं। इसलिए वहां पर अनुमति दे दी जाती।

 क्योंकि क्रिप्टो-एडमिनिस्ट्रेशन चलाने वाले नेता अधिकारी कर्मचारियों को मालूम है कि शहडोल नगर को जब कभी पानी की जरूरत होगी तो यह आसमान से तो पाइप लगाकर पानी की सप्लाई कर लेंगे। जैसे प्रधानमंत्री भगवान बन कर के  हर घर में नल के जरिए पानी पहुंचाने की कल्पना साकार हो रही है। अपने मनुष्य होने का ताकत का आभास होने प्रशासनिक पकड़ को मजबूत करता है। फिर 3 साल ही तो नौकरी का सीमित जीवन है। इसी में लूटना-खाना है इसी में अजीबका चलाना है। नेताओं की माने तो 5 साल का जीवन होता है। क्योंकि फिर नए चुनाव कराने पड़ते हैं तो इस तरह क्रिप्टो प्रशासन में विकास चलता रहता है। भारत के अमृत काल के संसद में इस नवजात क्रिप्टो-करेंसी  का शिशु जब विकास पुरुष बन गतिमान होगा उसका साकार स्वरूप हम स्थानीय प्रशासन की शहडोल इकाई के रूप में टेस्ट करते ही रहेंगे। क्रिप्टो करेंसी के पहले ही गौरवशाली हमारा  यह तो उदाहरण था आगे और भी रास्ते हैं। हम आभास करते रहेंगे कि कहां नदी थे कहां नाले हैं कहां तालाब है और हम हैं या नहीं भी हैं।

 कर्तव्यनिष्ठ और समर्पित कार्यपालिका में बहुसंख्यक इमानदार समाज के अलावा भी उपलब्ध जिम्मेदार लोग मानते हैं क्योंकि लूट सके तो लूट का लोकतांत्रिक बाजार का जीवन सीमित है। और लुटेरे भी सीमित जीवन काल के लिए आते हैं। शहडोल में प्रदूषण निवारण बोर्ड का वृत्त कार्यालय के सात परदे के अंदर बैठा अधिकारी भी आंख मूंदकर ऐसा ही देखता है बाकी सब कुछ सास्वत है इसलिए भलाई हम साकार देवी लक्ष्मी को मुद्रा में देखते थे सोने चांदी धन-संपत्ति में देखते थे अब निराकार हो रही हैं उनका इस्लामी कर रहा हो रहा है तो इस्लामीकरण भी एक प्रकार का क्रिप्टो करना है। क्योंकि इस्लाम में अल्लाह का कोई आकार नहीं है। फिर भी इस्लाम है।  यह भारतीय बाजार का क्रिप्टो करण है। ऐसा मानकर चलना चाहिए ।हम शहडोल में देखते रहेंगे क्रिप्टो संसार कहां-कहां नाचता है  क्योंकि नया इंडिया का यही नया अवतार है नया इवेंट भी....       (जारी 3..)



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