रविवार, 28 जनवरी 2024

भारतीय संसद महामारी कोविड और कैंसर का खतरे मे.....: उपराष्ट्रपति

 मुंबई "काही लोक विदेशात जाऊन..." : उपराष्‍ट्रपतींचा राहुल गांधींना टोला | पुढारीउपराष्ट्रपति जगदीप धनकड की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  राम राज्य में और अमृतकाल के दौर में गुजर रही भारतीय लोकतंत्र का संसद को महामारी का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा की कभी संसद में ऐसी परिस्थितियों हो जाती हैं जिससे उसे कोविड महामारी की तरह सामना करना पड़ता है…. पेसे से अधिवक्ता यानी कानूनी जानकार उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यहां तक कह दिया की प्रतिनिधि संस्थाओं और प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास का काम होना समाज के लिए कैंसर है इस बड़ी सच्चाई को कबूलने के बाद उन्होंने सिर्फ इसके पीड़ा का अनुभव किया उसके निराकरण का कोई रास्ता नहीं बताया। यह बात उन्होंने मुंबई में 28 जनवरी को 84 में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन पर कही।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि चर्चा, जो लोकतंत्र की आधारशिला  है. हंगामे में तब्दील हो गई है और सदन की कार्यवाही में व्यवधान लोकतंत्र के लिए कोविड के खतरे से कम नहीं है। धनखड़ ने 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों को सदन की मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों की कार्यवाही में व्यवधान एक 'दुखद परिदृश्य' है। धनखड़ ने कहा, 'यह
कोई रहस्य नहीं है कि गड़बड़ी और व्यवधान की योजना बनाई जाती है, जिसके लिए बैनर छापे जाते हैं और नारे गढ़े जाते हैं। ऐसी चीजों का हमारी प्रणाली में कोई स्थान नहीं है।'
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिनिधि संस्थाओं और प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास का कम होना समाज के लिए 'कैंसर' है। धनखड़ ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को सदन की कार्यवाही पर बारीक नजर रखनी चाहिए और
मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा,*पीठासीन अधिकारी लोकतांत्रिक स्तंभों के संरक्षक हैं।' उन्होंने अफसोस जताया कि (सदन में) अनुशासनहीनता और अशोभनीय
व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं और व्यवधान डालने में गर्व महसूस किया जाता है। धनखड़ ने कहा, 'यह परेशान करने वाला परिदृश्य है और इससे बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए आत्ममंथन की जरूरत है।"
धनखड़ ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के कर्तव्यों में यह सुनिश्चित करना शामिल हैं कि विधायी प्रक्रिया सार्थक, जवाबदेह, प्रभावी और पारदर्शी हो तथा जनता की आवाज उठाई जाए। उन्होंने कहा, 'जनता की ओर देखें। वे हमें चुनते हैं, उन्हें हमसे उम्मीदें हैं। वे चाहते हैं कि उनकी आकांक्षा हमारे माध्यम से साकार हो। ऐसे में, जब कोई कार्यवाही में व्यवधान पैदा करता है तो यह उनके (जनता) लिए कितना कष्टदायक होता है। तब यह और भी
अधिक पीडादायक होता है जब व्यवधान करने में गर्व महसूस किया जाता है।

दो महिलाओं पर बाघिन हमला,एक की मौत /फोटोग्राफर,मीडिया हैंडलर सम्मानित/ शराब पीकर अभ्रदता करने पर सत्यभान निलंबित

मध्य प्रदेश


के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व  के जंगल में दो महिलाओं पर बाघिन ने हमला कर दिया।बाघिन एक महिला को जबड़े में दबाकर घसीटते हुए जंगल ले गई। बाघिन के हमले से एक महिला की मौत हो गई। जबकि, एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई है।

महिला का शव जंगल में पाया गया।घटना पनपथा कोर के चंसुरा बीट की है। मृतका की पहचान भूरी बाई कोल के रूप में हुई है। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के जानकारी अनुसार बाघिन भूरी बाई को अपने जबड़े में दबाकर जंगल की तरफ घसीटते हुए ले गई थी। जबकि, गंभीर रूप से घायल तेरसी बाई कोल घटनास्थल पर ही पड़ी रही। घटनास्थल पर तीन अन्य महिलाएं बाघिन के हमले में बाल-बाल बच गईं। 

जानकारी अनुसार दोनों महिलाएं अन्य लोगों के साथ जंगल में सूखी लकड़ी लेने गई हुई थी। इसी बीच झाड़ियों में छिपी बैठी बाघिन ने हमला कर दिया। बाघिन ने पहले तेरसी बाई पर हमला किया था और बाद में उसने भूरी बाई को अपना शिकार बनाया। इसके बाद वह उसे अपने मुंह में भरकर जंगल के अंदर भाग गई।

 शहडोल 


गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिला जनसम्पर्क कार्यालय शहडोल के फोटोग्राफर  रामबली यादव एवं  ओम जायसवाल सोशल मीडिया हैंडलर को संभागीय मुख्यालय शहडोल के महात्मा गांधी स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह के दौरान जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित कर उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।



शहडोल 28 जनवरी 2024- मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत  राजेश जैन ने जनपद पंचायत ब्यौहारी के ग्राम पंचायत नौढ़िया के सचिव  सत्यभान सिंह को आमजन से शराब पीकर अभ्रदता करने पर निलंबित कर दिया है तथा ग्राम पंचायत का वित्तीय एवं सचिवीय प्रभार  दिलीप पाण्डेय, सचिव ग्राम पंचायत नौढिया को सौंपा है। जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में  श्री सत्यभान सिंह का मुख्यालय जनपद पंचायत ब्यौहारी नियत किया जाता है एवं नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।जारी आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया में दिनांक 26.01.2024 को एक सूचना प्रकाशित हो रही थी कि ग्राम पंचायत नौढ़िया, जनपद पंचायत ब्यौहारी में सचिव द्वारा आमजन से शराब पीकर अभ्रदता की गई। उक्त शिकायत में प्रारंभिक जांच में उक्त शिकायत की पुष्टि हुई कि सचिव श्री सत्यभान सिंह, ग्राम पंचायत नौढिया द्वारा ग्रामवासियों से अभ्रदता की गयी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नौवीं बार ,नीतीश कुमार/खेल शुरू हुआ है, खेला अभी बाकी-तेजस्वी

 

पटना: 28 जनवरी    Nitish Kumar Oath Ceremony: 9वीं बार सत्ता में वापस लौटे नीतीश कुमार, CM पद की ली शपथ  समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ली।यहां राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी एवं प्रेम कुमार और जद (यू) के विजेंद्र यादव एवं श्रवण कुमार ने भी मंत्रिपद की शपथ ली।इसके अलावा एचएएम के संतोष कुमार सुमन, सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय) ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नयी सरकार में मंत्रिपद की शपथ ली।कुमार ने दिन में यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में उनके लिए ‘चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।’इसी के साथ उन्होंने भाजपा के सहयोग से नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था।

बिहार की राजनीति में रविवार का दिन सुपर संडे साबित हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोपहर में झट से इस्तीफा दिया और शाम तक भाजपा की मदद से पट से मुख्ममंत्री के रूप में शपथ भी ले ली। राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण से पहले नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे और सबसे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

8 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के रूप में ली शपथ

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में कुल 8 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इनमें बीजेपी से तीन- सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार के नाम शामिल है। जेडीयू से तीन- विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।

Tejashwi Yadav: अभी तो खेल शुरू हुआ है, खेला अभी बाकी है... नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव का पहला बयान  बिहार में मचे सियासी घमासान और नीतीश कुमार की ओर से पाला बदलकर बीजेपी के साथ जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम विकास की नई नीति लाए, हमने जो कहा वो किया, हमने 17 महीने में वो काम किया जो 17 साल में नहीं हो पाया.बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद तेजस्वी यादव का पहला बयान सामने आया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने उस मुख्यमंत्री से काम कराया जिसके बाद बिहार के लिए कोई विजन नहीं था. नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी तो खेल शुरू हुआ है, खेला अभी बाकी है. हमें न गुस्सा है और न ही नाराजगी है. अभी खेल शुरू हुआ है. अभी बहुत कुछ बाकी है. मैं जो कहता हूं उसे करता हूं, जनता हमारे साथ है.

 

पलटू बाबू रोड एक लघु  है जि उपन्यास जिसके रचायिता हैं। यह उपन्यास  फणीश्वर नाथ रेणु टना से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'ज्योत्स्ना' के दिसम्‍बर, 1959 से दिसम्‍बर, 1960 के अंकों में धारावाहिक रूप से छपा था। रेणु के निधन के बाद 1979 में पुस्तकाकार प्रकाशित हुआ।नई-नई कथाभूमियों की खोज करनेवाले रेणु 'पल्टू बाबू रोड' में एक क़स्बे को अपनी कथा का आधार बनाते हैं। वे कठोर, विकृत और ह्रासोन्मुख समाज को लेखकीय प्रखरता के साथ परखते हैं। इस उपन्यास में रेणु अपने गाँव-इलाक़े को छोड़कर बैरगाछी क़स्बे को कथाभूमि बनाते हैं। इस क़स्बे की नियति पल्टू बाबू जैसे काइयाँ, धूर्त, कामुक बूढ़े के हाथ में है। उसने क़स्बे के लिए ऐसी राह निर्मित की है जिस पर राजनीतिज्ञ, ठेकेदार, व्यापारी, वकील (पूरे क़स्बे के लोग ही) चल रहे हैं। लगता है, क़स्बावासी शतरंज के मोहरे हैं और पल्टू बाबू इनके संचालक।इस उपन्यास का लक्ष्य है उच्च वर्ग के अंतर्विरोधों, उसकी गिरावट, राजनीतिक और आर्थिक सम्‍बन्‍धों में यौन-व्यापार आदि का चित्रण। निम्न वर्ग छिटपुट आया है। आदर्शवादी पात्र विडम्बना से घिरे हैं।

 


मंगलवार, 23 जनवरी 2024

SDM की गुंडागर्दी .. में मुख्यमंत्री के निलंबन आदेश का स्वागत-कैलाश तिवारी

 शहडोल ।




मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के द्वारा एस डी एम उमरिया की गुंडागर्दी मामले में निलंबन के आदेश जारी  किए जाने का स्वागत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला महामंत्री कैलाश तिवारी ने कहा है कि पता नहीं क्यों कानून  के लागू करने वाले ही कानून का पालन नहीं कर रहे हैं। यह गंभीर समस्या बनती जा रही है लगभग प्रति सप्ताह ही कोई ना कोई इस प्रकार की घटना सामने आ रही है जो की समाज के लिए चिंता का विषय है। आम जनता के साथ यह लोग जानवर जैसा व्यवहार करने में आमदा हो रहे हैं। कैलाश तिवारी ने कहा है कि उमरिया के अधिकारियों के द्वारा जिस ढंग से पिटाई की गई है। उससे उन युवको की जान भी जा सकती थी। ऐसे में अपराधिक प्रकरण पर सुसंगत धाराएं लगाकर कठोर दंड दिलाई जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। मुख्यमंत्री जी से मांग है कि वह इस प्रकरण पर सतत निगरानी करवा कर सख्त कार्रवाई कर संपूर्ण दोषी जनों को दंड दिलाए।

उमरिया। सोमवार की शाम वायरल हुए इस वीडियो . कुछ लोग दो युवकों की जमकर पिटाई कर रहे हैं. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि एक युवक कार के कांच फोड़ रहा है तो दूसरा एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर रहा है और दो लोग तमाशबीन बने खड़े हैं. ये बांधवगढ़ के एसडीएम अमित सिंह और तहसीलदार विनोद कुमार हैं. पिटाई करने वाले इन्हीं के कर्मचारी है.इन युवकों का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने एसडीएम के वाहन को ओवरटेक कर लिया था.

एसडीएम द्वारा करवाई जा रही पिटाई का वीडियो वायरल हो चुका है.यह वीडियो सोमवार की शाम का बताया जा रहा है. इस वीडियो में एसडीएम के कर्मचारी एक युवक के साथ लाठी से मारपीट कर रहे हैं. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि एसडीएम अमित सिंह युवक को पिटता हुआ देख रहे हैं. साथ ही वीडियो में यह भी साफ दिखाई दे रहा है कि जब उनकी नजर वीडियो बनाने वाले पर पड़ी तो वे उसे भी धमकाकर रोकने का प्रयास कर रहे हैं. एसडीएम के धमकाते ही वीडियो बनना बंद भी हो जाता है.इन युवकों की पिटाई का कारण जानकर आप हैरान रह जाएंगे. बताया जाता है कि भरौला निवासी प्रकाश दहिया और शिव यादव नामक युवक अपनी कार क्रमांक MP20 CK 2951 से खैरा से भरौला जा रहे थे. इन युवकों ने एसडीएम साहब के वाहन को ओवरटेक कर लिया था. इसके बाद एसडीएम की जीप ने घंघरी ओवरब्रिज के पास कार रोक कर एसडीएम और तहसीलदार ने युवकों को कार से उतरने को कहा, फिर अपने डाइवर और एक अन्य व्यक्ति से गलियां देते हुए डंडों से उनकी जमकर पिटाई करवाई. इस पर भी जब साहब का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने फरियादियों की कार को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त करवा दिया.


तो मुख्यमंत्री के हिसाब से राहुल गांधी अर्बन नक्सल;मामला दर्ज का निर्देश दिया/ अयोध्या में पहले दिन उमड़ी भीड़,


 
 गुवाहाटी: 23 जनवरी (भाषा)


असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को अवरोधक तोड़ने के लिएभीड़ को उकसाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया और कांग्रेस समर्थकों के इस कृत्य को 'नक्सली कार्रवाई' बताया।युवा कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. के एक पोस्ट के जवाब में मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ''मैंने असम पुलिस के महानिदेशक को भीड़ को उकसाने के लिए आपके नेता राहुल गांधी के खिलाफ का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।''


भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मियों को हुई मशक्कत

अयोध्या:




प्रतिष्ठा समारोह के एक दिन बाद मंगलवार को जब राम मंदिर के दरवाजे जनता के लिए खोले गए तो दोपहर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी और दोपहर में बेकाबू हो गई।अयोध्या मंडल के आयुक्त गौरव दयाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मंदिर परिसर में भक्तों का प्रवेश सुबह छह बजे शुरू हुआ और दोपहर दो बजे तक लगभग 2.5 लाख लोगों के मंदिर में आने की संभावना है।एक अन्य अधिकारी ने कहा, अनुमान है कि दिन के अंत तक लगभग पांच लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके होंगे।मंदिर के बाहर सर्पीन कतारों में वे लोग इंतजार कर रहे थे जो प्रतिष्ठा समारोह से पहले से ही अयोध्या में डेरा डाले हुए थे, जिन्होंने मंदिर शहर तक पहुंचने के लिए लंबी और कठिन यात्राएं की थीं।

प्रवेश द्वार के सामने राम पथ का पूरा भाग अवरुद्ध था क्योंकि कई भक्त, जिनमें से कुछ सूटकेस और बैकपैक के साथ उतरे थे, 'दर्शन' करना चाहते थे।मुख्य प्रवेश द्वार पर, भीड़ में हंगामे के कारण एक भक्त बेहोश हो गया और उसे चिकित्सा के लिए ले जाना पड़ा।दयाल ने कहा, सुबह ''अचानक भारी भीड़'' हो गई और लोग मंदिर जाने और राम लला के दर्शन करने के लिए लगातार आ रहे थे।उन्होंने कहा, प्रशासन भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए ''उचित क्षेत्र, कतारबद्धता और उचित बैरिकेडिंग'' के उपाय कर रहा है।उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर ने कहा कि मंदिर में 8,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं और "सबकुछ नियंत्रण में है"।महानिदेशक, कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद मंदिर के अंदर हैं और व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं।अयोध्या पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में उन अफवाहों का भी खंडन किया कि भारी भीड़ के कारण मंदिर अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।छत्तीसगढ़ के सुरेश कुमार और उनके दोस्त भीड़ में खड़े थे, 'दर्शन' करने के लिए उत्सुक थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने की बहुत कम उम्मीद थी क्योंकि वे दोनों सूटकेस ले गए थे।

सुरक्षा गार्डों ने बाद में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक अर्ध-गोलाकार मानव बाड़ बनाई क्योंकि अन्य कर्मियों ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाउडस्पीकर पर घोषणा की।परिसर में प्रवेश के इंतजार में सोमवार देर रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मुख्य द्वार के बाहर घंटों जमा रहे।भगवान राम के दर्शन वाले झंडे लेकर और "जय श्री राम" के नारे लगाते हुए, भक्त सुबह-सुबह भव्य मंदिर के दरवाजे खुलने से पहले कड़कड़ाती ठंड में घंटों इंतजार करते रहेपंजाब के एक श्रद्धालु मनीष वर्मा ने कहा, "बहुत खुशी महसूस हो रही है, मेरे जीवन का उद्देश्य पूरा हो गया है। हमारे पूर्वजों ने इसके लिए संघर्ष किया और यह सफल हुआ।"




 

सोमवार, 22 जनवरी 2024

अयोध्या में श्री रामलला विराजमान के पास ही नवीनतम राघव जी की प्रतिमा स्थापित/शहडोल व अन्य नगरों में भी मंदिरों में पूजा पाठ संपन्न कर प्रसाद वितरण कराया



कई सदी के बाद उच्चतम न्यायालय से न्याय मिलने के पश्चात अपने जन्म स्थान पर एक भव्यतम अर्ध निर्मित राम मंदिर  में पूर्व में स्थापित श्री रामलला विराजमान के पास ही नवीनतम राघव जी की प्रतिमा स्थापित की गई|  84 सेकंड में "लोकतंत्र के राम" की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,मोहन भागवत,आनंदीबेन पटेल, योगी आदित्यनाथ और  मिश्रा के परिवार के सम्मिलित पूजा अर्चना के साथ संपन्न हुई |

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा   त्रेता में राम आगमन पर तुलसीदास जी ने लिखा है- प्रभु बिलोकि हरषे पुरबासी। जनित वियोग बिपति सब नासी। अर्थात्, प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए। लंबे वियोग से जो आपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया। उस कालखंड में तो वो वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के तो संविधान में, उसकी पहली प्रति में, भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना। 


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज के युग की मांग है कि हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा। हमारी चेतना का विस्तार... देव से देश तक, राम से राष्ट्र तक होना चाहिए। हनुमान जी की भक्ति, हनुमान जी की सेवा, हनुमान जी का समर्पण, ये ऐसे गुण हैं जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता। प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण के ये भाव, समर्थ-सक्षम,भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेंगे। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार ! दूर-सुदूर जंगल में कुटिया में जीवन गुजारने वाली मेरी आदिवासी मां शबरी का ध्यान आते ही, अप्रतिम विश्वास जागृत होता है। मां शबरी तो कबसे कहती थीं- राम आएंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगा।  और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार! हम सब जानते हैं कि निषादराज की मित्रता, सभी बंधनों से परे है। निषादराज का राम के प्रति सम्मोहन, प्रभु राम का निषादराज के लिए अपनापन कितना मौलिक है। सब अपने हैं, सभी समान हैं।  प्रत्येक भारतीय में अपनत्व की, बंधुत्व की ये भावना, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगी। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आने वाला समय अब सफलता का है। आने वाला समय अब सिद्धि का है। ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का, ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का! ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य, सत्य प्रमाणित हो, अगर लक्ष्य, सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो, तब उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है। ये भारत का समय है और भारत अब आगे बढ़ने वाला है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। हम सब ने इस युग का, इस कालखंड का इंतजार किया है। अब हम रुकेंगे नहीं।आज भारत युवा शक्ति की पूंजी से भरा हुआ है, ऊर्जा से भरा हुआ है। ऐसी सकारात्मक परिस्थितियां, फिर ना जाने कितने समय बाद बनेंगी। हमें अब चूकना नहीं है, हमें अब बैठना नहीं है। मैं अपने देश के युवाओं से कहूंगा। आपके सामने हजारों वर्षों की परंपरा की प्रेरणा है।


उपराष्ट्रपतिजगदीप धनखड़ ने कहा आज श्री राम जन्मभूमि अयोध्या की ऐतिहासिक नगरी में आयोजितयुगांतरकारी भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के शुभ अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं !हर्ष और उल्लास से साराबोर यह अवसर देश के गौरव के प्रति राष्ट्र की असीम जागृत चेतना का द्योतक है।22 जनवरी का यह दिनहमारी सभ्यता के इतिहास में "दिव्यता के साथ साक्षात्कार" के क्षण के रूप में परिभाषित रहेगा।आज के दिन प्रभु श्री राम के क्षमासत्यनिष्ठापराक्रमशालीनतादया और करुणा जैसे सद्गुणों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें जिससे हमारे चतुर्दिक शांतिसौहार्दशुचिताशुभता और विद्वत्ता का प्रकाश फैले


केन्द्रीय गृह  मंत्री  अमित शाह ने कहा है कि आज सनतान संस्कृति के नए युग का हुआ आगाज

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का संकल्प पूरा होने पर 5 सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई है।X प्लेटफॉर्म पर अपनी पोस्ट में  अमित शाह ने कहा कि “जय श्री राम…5 सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई। आज का दिन करोड़ों रामभक्तों के लिये कभी ना भूलने वाला दिन है। आज जब हमारे रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं, तब असंख्य रामभक्तों की तरह मैं भी भावविभोर हूँ। इस भावना को शब्दों में समेट पाना संभव नहीं है। इस पल की प्रतीक्षा में न जाने हमारी कितनी पीढ़ियाँ खप गईं, लेकिन कोई भी डर और आतंक रामजन्मभूमि पर फिर से मंदिर बनाने के संकल्प और विश्वास को डिगा नहीं पाया। 



अयोध्या के इस भव्यतम कार्यक्रम में देश के लगभग सभी चर्चित चेहरे जिन्हें बुलाया गया था वे उपस्थित रहे इसमें अंबानी परिवार भी एक रहा 

और जिन्हें बुलाया गया वे नहीं आ सके उसमें भी कई चेहरे इस प्रकार के थे जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, मनोहर जोशी का चेहरा प्रमुख रहा जोइस कार्यक्रम मेंनहीं देखेउनका स्वास्थ्यठीक नहीं था ऐसा  चंपत राय ने बताया था


ज्ञातव्य हैकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायालय के बादएक पृथक से त्रस्त गठित हुआ था और वही ट्रस्ट इस मंदिर

का निर्माणसत्ता के साथ मिलकर कर रहा थाजिसके महामंत्री चंपपेट रायइस मंदिर की लंबी लड़ाई लड़ने में आदि शंकराचार्यके चारों पीठ के शंकराचार्य की भी भूमिका अहम रहीजोइस भव्य कार्यक्रममें उपस्थित नहीं दिखीदो शंकराचार्य ने इस पूरे कार्यक्रम को शास्त्रीय विधि विरुद्ध कार्यक्रम से दूरी बढ़ा ली थी इस तरह यह कार्यक्रम में लोकतंत्र के राम स्थापित हुएजोसनातन परंपरा के आदि शंकराचार्य की पीढ़ी से मुक्त कार्यक्रम कहा जाएगा .
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे सुपर इवेंट के रूप में प्रायोजित किया गया इससे आशा थी कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कुछ विशेष इस अवसर पर देश की जनता को घोषणा करेंगे  किंतु ऐसा उनके भाषण में देखने को नहीं मिला . जिस भव्यता के साथआध्यात्मिक नगरी मेंनिवेश किया गया है और इसे सजाया गया उसे यह  हिंदू धार्मिक चाहने वालों की राजधानी के रूप में घोषित रूप से स्थापित हो गया है.

अयोध्या में स्थापित नई प्रतिमाके साथ हीशहडोल व मध्य प्रदेश के अन्य नगरों में भीजोर-जोर सेमंदिरों में पूजा पाठ संपन्न कराई गई वह प्रसाद वितरण कराया गया



रविवार, 21 जनवरी 2024

सिर्फ 84 सेकंड का मुहूर्त में आज आएंगे तारणहार "लोकतंत्र के राम" ( त्रिलोकीनाथ )


सिर्फ 84 सेकंड के मुहूर्त निकल आने पर लिए अब तक दिखने वाला हिंदू समाज आंतरिक रूप से दो टुकड़े में हो गया है, इसकी घोषणा इस तरह से अघोषित है जिस तरह से अयोध्या का हिंदू राज्य की राजधानी होने की घोषणा लगभग हो चुकी है किंतु उसे घोषित नहीं किया गया है। क्योंकि उसे राजधानी की तरह अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय राजमार्ग से रेलवे लाइन से और करीब एक लाख करोड रुपए के विकास के नजरिए से सजाया और संवारा गया है लगभग भारत का समस्त मंत्रिमंडल अयोध्या में पड़ा हुआ है खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसका प्रचार प्रसार दक्षिण भारत की राजनीति में अपना कब्जा पालन पाने के लिए हिंदुत्व को जगाने के लिए  अपने उम्र के अंतिम पड़ाव में दक्षिण भारत में घूम-घूम कर अलग-अलग हिंदू मंदिर में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर विज्ञप्ति के जरिए प्रचार और प्रसार भी करवा रहे हैं। 

तो आई समझ लें कि किस तरह आज 22 जनवरी  2024 को अघोषित हिंदू राज्य की राजधानी अयोध्या के लिए अर्ध निर्मित राम मंदिर में “लोकतंत्र के राम” को स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

 ................................( त्रिलोकीनाथ ) ...................................

 


  सबसे पहले जान ले काशी के उन विद्वानों की मुहूर्त को जिन्हें जनवरी में मांगे जाने पर आपातकालीन स्थिति की तरह 84 सेकंड का मुहूर्त निकाला गया है…


हम यह बात इसलिए भी कह रहे हैं कि तथाकथित हिंदू राज्य की राजधानी अयोध्या में “लोकतंत्र का राम मंदिर” निर्मित हो रहा है और जिनमें  प्रतिष्ठित रामलला विराजमान के जन्मस्थली पर जो मूर्तियां स्थापित यानी प्राण प्रतिष्ठित की जानी है उनके तौर तरीके पर सनातन हिंदू समाज के प्रवर्तक आदि शंकराचार्य की चारों पीठों के पीठाधीश इस भव्य कार्यक्रम में अनुपस्थित रहेंगे।


यानी कुछ को तो निमंत्रण दिया है तो कुछ शंकराचार्य को जो की सुप्रीम कोर्ट में विवादित राम मंदिर बाबरी मस्जिद में आवश्यक पक्ष कर रहे हैं उन्हें निमंत्रण भी नहीं दिया गया है…

 निमंत्रण देने की जिम्मेदारी लोकतंत्र के राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट ने जिसके प्रमुख चेहरा चंपत राय को बनाया गया है, जो आरएसएस के विश्व हिंदू परिषद से संबंधित हैं । तो राम जन्मभूमि आंदोलन के सभी प्रमुख घटकों को किनारे करके यानी “शंकराचार्य-मुक्त राम मंदिर” पर अपना कॉपीराइट स्थापित करने का काम किया है… और इसमें भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार तथा आरएसएस ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से समर्थन भी दिया है। क्योंकि जिन रामजी को प्राण प्रतिष्ठित करने के लिए गर्भ ग्रह में रहने की जिन पांच लोगों को इजाजत है उसमें आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी रहेंगे।

यानी सुप्रीम कोर्ट में जिन शंकराचार्यजी की वजह से महत्वपूर्ण पक्ष शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी की ओर से रखा गया जिसने उच्चतम न्यायालय को निर्णय के इस पक्ष में पहुंचने में मदद की अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर यह विराट मंदिर बन सके उन शंकराचार्यजी को मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट ने लगभग खारिज कर दिया।

 क्योंकि राजनीति के लिए राम का उपयोग किए जाने वाले यह ट्रस्ट जानता है की शंकराचार्य जी की प्रतिभा के और उनके आभामंडल में वह अपने मकसद पर कामयाब नहीं हो सकता। शंकराचार्य जी की ओर से इस पर काफी नाराजगी सोशल मीडिया में भी देखी गई है

खासतौर से मंदिर निर्माण के तौर तरीके और शास्त्र विधि सम्मत न होने को लेकर। वह शास्त्र विधि विरुद्ध बन रहे इस मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को संभावित तरीके से अनिष्ट का भी कारण मानते हैं । जिससे उनके अनुसार हिंदू सनातन धर्म और हिंदू समाज को काफी क्षति हो सकती है। शंकराचार्य जी ने तो इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की की जिस तरीके से काशी में काशी कॉरिडोर का निर्माण हुआ है उसमें हजार हजार साल पुराने मूर्तियों को मोदी सरकार ने तोड़कर कचरे में फेंकवा दिया था और पूरा मीडिया उसे पर एक बार भी चर्चा नहीं किया….

 ऐसा ही कुछ गोवर्धनमठ के शंकराचार्यजी निश्चलानंद जी का मानना है, कि मंदिर की अद्यतन लोकार्पण उद्घाटन या प्राण प्रतिष्ठा जो भी कहें वह शास्त्र सम्मत नहीं है।

 यह अलग बात है कि लोकतंत्र के राम को स्थापित करने की जिद करने वाला ट्रस्टी अपने फायदे के हिसाब से मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी आदि को भी मंदिर ना आने की सलाह देते हुए ट्रस्ट प्रमुख प्रमुख चंपत राय ने तो यहां तक कह दिया की यह मंदिर रामानंद संप्रदाय का है। यह भी अलग बात है काशी के रामानंद संप्रदाय मठ के प्रमुख श्री रामनरेशाचार्य जी ने भी इस ट्रस्ट ने निमंत्रण नहीं दिया और श्री रामनरेशाचार्य जी ने भी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के तौर तरीके से अप्रसन्नता व्यक्त की तथा इसे राजनीतिक कार्य प्रणाली का हिस्सा बता दिया है।


 इन तमाम विवादों के बीच में कुल 84 सेकंड में यानी करीब डेढ़ मिनट में 500 वर्ष के विवादित इस राम मंदिर में हिंदू समाज के अंदर ही फूट पढ़ते हुए अब एक नए विवाद में करवट ले ली है… देखना होगा कि आगामी भारत में इस नवीन घोषित हिंदू राज्य की बनने वाली राजधानी में सनातन हिंदू समाज और अयोध्या के इस नवीन मंदिर निर्माण से जुड़े ट्रस्ट से संबंधित हिंदू समाज का नवोदित संप्रदाय भारतीय राजनीति में किस प्रकार से अपना असर डालता है‌।

 इतना तो तय है धर्म को प्रभावित करने अयोध्या राजनीति से राजनीतिक सत्ता को क्या लाभ होता दिख रहा है। फिलहाल अयोध्या में वर्षोंवर्ष से एक विवाद का पटाक्षेप पूरे भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में उनके अपने लोगों में भव्यता और आनंद के साथ मनाया जा रहा है । 

 




  लेकिन यदि सनातन हिंदू समाज के प्रवर्तकों और उनके समर्थकों की ओर देखे तो यह एक नए प्रकार के हिंदू आध्यात्मिक स्थल अयोध्या को राजनीतिक दृष्टि का माध्यम बनने पर निराशा का भी वातावरण है।तो “हुई है वही जो राम रचि राखा…..” ऐसा समझ कर फिलहाल राजनीति की अयोध्या और अयोध्या की राजनीति को तात्कालिक आनंद में डूबना अवश्य चाहिए…. भविष्य का भारत क्या होगा उसे भी राम भरोसे छोड़ देना चाहिए…क्योंकि यह करीब 1 लाख करोड रुपए का एक इवेंट भी है जो चंद मुट्ठी भर लोगों के सामने और उनके लिए आयोजित किया गया है…. इसके बाद वह आम जनता के लिए भी खोला जाएगा…

 


यह भी अलग बात है कि कांग्रेस पार्टी करीब 6 हजार किलोमीटर की राजनीतिक जागरूकता की यात्रा में मणिपुर से मुंबई की ओर चल पड़ी है और कभी उनके अपने रहे असम के नेता अब भाजपा के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा अपनी पितृ पार्टी भाजपा की कर्तव्य निष्ठा प्रदर्शित करने के लिए अपनी मातृ पार्टी कांग्रेस की यात्रा पर हमला करवा रही है।


ऐसा आप आरोप कल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमला होने के बाद असम में अपने पूर्व कार्यकर्ता को काफी खरिखोटी भी सुनाया ….यहां तक कहा कि “मेरी बिल्ली अब मेरे से ही म्याऊं करने लगी है…, लेकिन राहुल गांधी ने कहा है डरो मत इसलिए निडर होकर यह यात्रा चलती रहेगी.….

 तो देखते हैं धर्म की राजनीति और कर्म की राजनीति में भाजपा तथा कांग्रेस आने वाले समय में किस प्रकार से भारतीय मतदाताओं  को समझा पाती हैं…फिलहाल आज का दिन अयोध्या मैं 84 सेकंड में प्राण प्रतिष्ठित होने वाले लोकतंत्र के राम के नाम पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जय सियाराम।




राम नाम की ने पूरे भारत में भक्ति का माहौल


मंदिर में गुजरात की उदारता उपहार स्वरूप 2100 किलोग्राम की शानदार अष्टधातु घंटी के रूप में दिखती हैजो इसके हॉलों में दिव्य धुन के रूप में गूंजेगी। इस दिव्य घंटी के साथ, गुजरात ने एक विशेष 'नगाड़ा' ले जाने वाला अखिल भारतीय दरबार समाज द्वारा तैयार 700 किलोग्राम का रथ भी उपहार स्वरूपदिया है। भगवान राम की मूर्ति बनाने में इस्तेमाल किया गया काला पत्थर कर्नाटक से आया है।


हिमालय की तलहटी से अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा ने जटिल नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और हस्तनिर्मित संरचना पेश किए हैं,जो दिव्य क्षेत्र के प्रवेश द्वार के रूप में खड़े हैं।इस भव्य और दिव्य मंदिर के लिए योगदान की सूची यहीं ख़त्म नहीं होती। पीतल के बर्तन उत्तर प्रदेश से तो पॉलिश की हुई सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से आई है। इस राम मंदिर की कहानी सिर्फ सामग्री और उसकी भौगोलिक उत्पत्ति के बारे में नहीं है। यह उन अनगिनत हजारों प्रतिभाशाली शिल्पकारों और कारीगरों की कहानी है जिन्होंने मंदिर निर्माण के इस पवित्र प्रयास में अपना दिल, आत्मा और कौशल डाला है।

 अयोध्या में समारोह का प्रभाव शहडोल में भी जोर-शोर



  पूरे भारतवर्ष की तरह भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी 22 जनवरी को अयोध्या में समारोह का प्रभाव शहडोल में भी जोर-शोर से देखा गया है..इतनी तैयारी पूर्व में कभी 26 जनवरी और 15 अगस्त में भी नहीं देखी गई इससे एक विशिष्ट माहौल बना है धार्मिक परिवेश की जागरूकता काऔर लोगों में राम राज्य की अपेक्षा को लेकरउत्साह हैराज्य शासन के द्वाराअयोध्या लोकार्पण उत्सव मेंजो जागरूकता कीलहर पैदा की गई हैउससेआम आदमी भी काफी प्रसन्न चित्र औरउत्सव के रोमांच सेभरा हुआ हैप्रशासन भी पूरी तन्मयता के साथ इस उत्सव में सफल बनाने में पूर्ण सहभागिता प्रदान कर रहा हैइससे एक बात तो स्पष्ट होती हैकि यदि प्रशासन चाहेतोबड़ी बात नहीं हैकी आम नागरिक मेंप्रसन्नता और आनंद का वातावरण नियमित बना रह सकता है








शहडोल 21 जनवरी 2024- भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी एवं जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक  विवेक पांडे ने बताया कि अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा स्थापित होने जा रही है।

भगवान श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत संभागीय मुख्यालय शहडोल के मोहन राम तालाब के श्री राम मंदिर परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को संभागीय मुख्यालय के मोहन राम तालाब में स्थित श्री राम मंदिर में मुख्य कार्यक्रम प्रातः 10:00 बजे से आर्केस्ट्रा एवं संगीत,भजन,कीर्तन, भंडारे एवं अयोध्या में आयोजित भगवान श्री राम जी का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा एवं 22 जनवरी को श्री राम मंदिर परिसर में शाम 7 बजे से रामायण मंचन व अन्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर में वृक्षारोपण का कार्य भी किया जाएगा। नोडल अधिकारी  विवेक पांडे ने जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी, प्रबुद्ध जन, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के संवाददाता सहित  जिले के अन्य लोगो से अपील करते हुए कहा है कि उक्त कार्यक्रम में अपनी सहभागिता अवश्य निभाए


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