
तेरी औकात
क्या है......?

हमारी मांग; कैलाश भाई को बनाए कुलाधिपति !
.......... ( त्रिलोकीनाथ )...........
कल सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का अहम दिन था। इंदौर में लोकसभा की स्पीकर रह चुकी सुमित्रा ताई की सत्ता को चुनौती देने वाले भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तथा पश्चिम बंगाल की शेरनी ममता दीदी को उनके राज्य के प्रभारी रहकर भाजपा को विजय दिलाने वाले कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र विधायक आकाश विजयवर्गी ने इस बात पर नगर निगम के कर्मचारी को क्रिकेट की बाल की तरह छक्का मारा, कि नगरनिगम का खतरनाक भवन को गिराने का काम धरा रह गया.....।


पत्रकार के बार-बार सवाल पूछने पर कैलाश विजयवर्गीय ने आपा खो दिया और कहा कि तुम्हारी हैसियत क्या है...
और मध्य प्रदेश नहीं पूरे देश में एक नया कारोबार मिल गया अपने को भी थोड़ा सा रोजगार मिला....... बहरहाल आकाश ने विधायक पद की गरिमा को आसमान की ऊंचाइयों में लाकर पटक दिया.... और भीड़ लाकर सार्वजनिक रूप से सरकारी कर्मचारियों को मारपीट करके जो संदेश दिया है उसे देख कर हम कह सकते हैं.... गर्व से कहो हम हिंदू हैं..! अगर काश ऐसा होता ......?

बहरहाल मेरे मावलिंचिंग विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में आकाश को नियुक्त किया जाता ताकि वे बेहतरीन अध्ययन..., अध्यापन और ट्रेनिंग का कार्य करते र्और शायद इसी से इस आदिवासी क्षेत्र की संविधान में प्रदत्त आदिवासी विशेष क्षेत्रों की प्राकृतिक कथा नैतिक व्यवस्थाओं के संरक्षण हेतु बनाएगी पांचवी अनुसूची के तहत संरक्षण करने के लिए दलों का निर्माण होता......, क्योंकि आर एस एस में प्रशिक्षण, आत्मरक्षा दिया जाता है.... उसमें निहित सीमाएं होती हैं, किंतु पांचवी अनुसूची क्षेत्र में इन सीमाओं को लांग कर भी जम्मू कश्मीर के पत्थरबाजों की तरह मावलिंचर्स पैदा किए जाते हैं....जो सच्चे राष्ट्रभक्त होते हैं।
और 15 साल सत्ता में रहने वाली सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मंदिर तथा काल्पनिक हिंदुत्व-ब्रांड के भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश में शासन करने वाली तथा विश्व स्तर पर नर्मदा संरक्षण हेतु विश्व रिकॉर्ड के वृक्षारोपण पर काम करने वाले व्यवस्था तथा नदी को अविरल बनाने हेतु सकारात्मक कार्यों का क्रियान्वयन किया जाता.....।
ताकि नर्मदा-उद्गम पर अमरकंटक में नर्मदा के स्रोतों को जल धाराओं को खत्म करने वाले सभी घटकों खासतौर से नर्मदा कुंड के आसपास की सभी पहाड़ियों जिस पर अलौकिक साल के वृक्षों और अमरकंटक की नर्म-मृदा से निर्मित नर्मदा जल धाराओं हेतु बनी नाड़ियों की सुरक्षा के लिए, जिससे अंततः नर्मदा उद्गम से नर्मदा का प्रवाह होता है, उसकी सुरक्षा के लिए कार्य किया जाता......

थोड़ा सा हिंसक होता... ईतना चलता है...; चाहे प्रज्ञा ठाकुर की तरह महात्मा गांधी को गोली मारने वाले गोंडसे को सच्चा भक्त कहने से माफी मांग लेने पर कुछ देर के लिए मैं भी उसी तरह नाराज होता...... जैसे हमारे प्रधानमंत्री नाराज हुए कि ."....भलाई प्रज्ञा ने माफी मांग ली है, किंतु में दिल से कभी उन्हें माफ नहीं करूंगा ...." अपने मन की बात कहते हुए मन को हल्का कर लेता..... ।
इस प्रकार लोकतंत्र के संविधान में प्रदत्त पांचवी अनुसूची का पालन भी होता और राष्ट्रीय स्तर पर कर्तव्य-निर्वहन का प्रदर्शन भी... ।
किंतु यह मेरी कल्पना ही है.... क्योंकि जम्मू कश्मीर के पत्थरबाजों की तरह ट्रेनिंग देने वाला मेरा "माब-लिंचिंग विश्वविद्यालय,अमरकंटक" में कभी नहीं बनेगा। उसे क्रियान्वित करने वाले चरित्र......, आदिवासी विशेष क्षेत्रों में..ऐसे महान विधायक, कभी पैदा नहीं होंगे...।

हा...., मेरा दुर्भाग्य, मैं ऐसा हिंदुत्व पैदा नहीं कर पाऊंगा....😭.।
मेरा सपना टूट जाता है...😤😪😫😲. देखता हूं ...,मेरे काल्पनिक "कुलपति के कुलाधिपति" मेरे से कहते हैं, ..... तेरी औकात क्या है..!
बी पॉजिटिव यार....., यह लोकतंत्र है, सब चलता है... आखिर लोकतंत्र ने काम किया ना.... हमारे राम को 14 दिन का कारावास हुआ ना..... सब कुछ ठीक हो जाएगा....
बी.. पॉजिटिव ...यार....🤔😡😩😢😭😃🤣🤣🤣
और अंत मे....
और अंत मे....
बहौत ही मुश्किल से मिला है यह गौरव साली चित्र.....?
1994 में तत्कालीन ASP प्रमोद फड़नीकर जी पर जूते से वार करते उस समय के इन्दौर महापौर...........
1994 में तत्कालीन ASP प्रमोद फड़नीकर जी पर जूते से वार करते उस समय के इन्दौर महापौर...........