शुक्रवार, 22 नवंबर 2024

"गर्व से कहो हम भ्रष्टाचारी हैं- 3 " केन्या में अदाणी के 6000 करोड़ रुपए के अनुबंध रद्द, भारत में अंबानी, 15 साल से कहते हैं कौन सा अनुबंध...? ( त्रिलोकीनाथ )

   

मैंने अदाणी को पहली बार गंभीरता से देखा था जब हमारे प्रधानमंत्री नारेंद्र मोदी बड़े याराना अंदाज में एक व्यक्ति के साथ कथित तौर पर उसके प्लेन पर बैठे थे ।उसका नाम गौतम अडानी था फिर धीरे-धीरे यह चर्चित हुआ कि मोदी जी का खास है और सोचने को भी  विवश था था की एक स्टेशन में चाय बेचने वाले परिवार में जन्मे नरेंद्र भाई का इतना याराना इस अरबपति अदाणी के साथ कैसे हो गया...? फिर बातें अडानी अंबानी की जुगलबंदी सत्ता और उद्योगपति से चालू हुई अदाणी एक ट्रेडमार्क हो गया। इसी दौरान दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था नाम की चिड़िया के उड़ने की खबर आई कि भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बन रहा है...।

 अपन के समझ में बहुत कुछ आया नहीं.. होता होगा जहां चिड़ियाघर जाएगी वहीं अर्थव्यवस्था पहचानी जाएगी.. बहरहाल अब इन गौतम अदाणी और इसकी भतीजे सागर अदाणी सहित कुछ लग्घु-भग्गू को  को भी किसी 2200 करोड रुपए घूंस के मामले में अमेरिका के एक न्यायालय में अपराधी बनाकर मुकदमा चलाया जा रहा है , सुधारना जरूरी है कि वह आरोपी है कुल मिलाकर पक्षकार है अपराध के मुकदमे में। न्यायालय अमेरिका की जानती करेगी वह अपराधी भी हो जाएगा और जेल भी चला जाएगा...? यह आगे की बात है।

लेकिन भारत के अखबारों में इसको इस बार बहुत महत्व मिल गया जैसे एक भ्रष्टाचार का नया अवतार प्रकट हो गया हो.. उसे ऐसा सम्मान प्रमुख समाचार के रूप में प्रकाशित किया गया है। जैसे इसके पहले अदाणी ने कभी कोई भ्रष्टाचार किया ही ना हो। बावजूद इसकी की फर्श से उठकर अर्श तक इसी जीवन काल में जाने वाले गौतम अडानी अपने ऐसे गुजराती भाई हैं जो अब फिर से फर्श तक जाने की प्रतियोगिता में जुड़ गए हैं... अगर सब कुछ ठीक रहा तो अदानी एक स्वप्न हो जाएंगे।कहा जाएगा एक था अदाणी। जैसे भारत का एक भगोड़ा किंगफिशर का मालिक कभी स्वप्न सुंदरियों के संसार का नायक हुआ करता था अब भारत में मुंह दिखाने लायक नहीं है। क्योंकि वह फरार है, इसलिए मुंह दिखाने लायक नहीं है।

 लेकिन गौतम अडानी के साथ ऐसा नहीं है अगर वह वहां फरार होगा तो भारत में ही आकर रहेगा। जैसे लंदन में किंगफिशर वाला रह रहा है य अन्य जगह मोदी वगैरा रह रहे हैं। क्योंकि भारत ऐसे महान लोगों के लिए अवतरित होने का अवसर देती है। अदाणी उसमें एक है।

चलो मान लेते हैं की अदाणी का अमेरिका में मुकदमा चल रहा है तो चल रहा है क्या फर्क पड़ता है सात समंदर पार कौन देखता है और हमको क्यों चिंतित होना चाहिए..? लेकिन जब शहडोल के रेलवे स्टेशन में आप खड़े होइए तब रेल की पटरी  डब्बे आते जाते दिखते हैं उसमें अदाणी भी लिखा रहता है । प्रगट रूप में ,कहा तो यह जाता है की शहडोल क्षेत्र में जो तीसरी रेलवे लाइन बन रही है उसमें इस अदाणी का ही बड़ा रोल है उसी के लिए ताकि ज्यादा से ज्यादा कोयला इस आदिवासी क्षेत्र से अदाणी के लिए निकाला जा सके; तीसरी लाइन बिछाई जा रही है। यह अंदर की बात है।

बाहर की बात अभी प्रमाणित नहीं है, इसलिए अदाणी को हमको जानना चाहिए कि वह अमेरिका में जब उसके खिलाफ कोई प्रकरण चल रहा होता है तो हो सकता है शहडोल का अदाणी लिखा रेल डिब्बा का खोखा बदल जाए...? क्योंकि अमेरिका में जरूर मुकदमा चला फर्जी वाड़े का।

 एक अन्य केन्या देश की सरकार इस घटना से प्रभावित होकर पूत के पांव पालने में देखने लगी और  तत्काल उसके साथ, यानी अदाणी और उसकी कंपनी जो अदृश्य रहती है अपने अपने राष्ट्र में दोनों को अलविदा कह दिया। यानी 6000 करोड रुपए का अनुबंध रद्द कर दिया। कहते हैं ऑस्ट्रेलिया गवर्नमेंट और दुनिया के अन्य सरकारों ने भी अब इस दिशा में अदाणी की कंपनी जो अदृश्य रहती है उन्हें विकास का अवतार मानने से इनकार कर दिया और अदाणी की क्रिएटिविटी को बजन नहीं दे रही है। क्योंकि उन्हें पता चल रहा है कि यह धोखेबाज लोग हैं। जो अपने राष्ट्र को धोखा देते हैं।

भ्रष्टाचार की इमारत पर अपनी बुलंदगी का झंडा लहराते हैं ऐसे लोग हमारे देश में आकर यही सब सिखाएंगे ..… ।ऐसे लोगों से परहेज रखना चाहिए। आगे-आगे देखते हैं कि क्या होता है कहां-कहां "अदाणी के और उसकी अदृश्य कंपनी के अनुबंध खत्म होते हैं...?

इसीलिए भारत में अदाणी ने सोलर एनर्जी पर करीब 2200 करोड रुपए की रिश्वत यानी घू़ंस बताकर कथित तौर पर पांच राज्यों में ठेका हासिल किया है। अमेरिका की न्यायपालिका और जांच एजेंसियां इसे भ्रष्टाचार मानते हैं वह उनकी अपनी समस्या है ऐसा हम फिलहाल के लिए अपनी समझ सुरक्षित रखें.... इसके बाद भी हमें गर्व न हो कि हम भ्रष्टाचारी हैं... तो यह हमारे लिए शर्म की बात है.....?

 


गुरुवार, 21 नवंबर 2024

अदाणी पर रिश्वत देने, धोखाधड़ी के मामला दर्ज... / रुपया, गिरकर 84.50 प्रति डॉलर निम्नतम पर पहुंचा

 रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे गिरकर 84.50 के सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर पहुंचा

मुंबई: अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति के बीच घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे गिरकर 84.50 (अनंतिम) के सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर बंद हुआ।विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षित निवेश की अपील के कारण अमेरिकी मुद्रा मजबूत हुई, जबकि विदेशी फंडों के निरंतर बहिर्गमन ने भी घरेलू इकाई पर दबाव डाला।अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय पर रुपया 84.41 पर खुला और इंट्रा-डे के दौरान डॉलर के मुकाबले 84.51 के अब तक के सबसे निचले स्तर को छू गया। सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 84.50 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो 14 नवंबर को दर्ज किए गए अपने पिछले सर्वकालिक निम्नतम बंद स्तर 84.46 को पार कर गया।

अदाणी पर रिश्वत देने, धोखाधड़ी के मामला दर्ज.....

न्यूयॉर्क/नयी दिल्ली: 21 नवंबर समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार

उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है।अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी (62), उनके भतीजे सागर अदाणी और अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया। एक अनुमान के अनुसार इससे समूह को संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता है।विभिन्न कारोबारों से जुड़े अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी, उनके भतीजे एवं अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रहे विनीत जैन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी, प्रतिभूति धोखाधड़ी साजिश और वायर धोखाधड़ी की साजिश का आरोप लगाया गया है। अदाणी पर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के एक दीवानी मामले में भी आरोप लगाए गए हैं।अभियोग में सागर और जैन पर संघीय कानून तोड़ने के भी आरोप लगाये गये हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया, जिनसे अदाणी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे।अमेरिकी कानून अपने निवेशकों या बाजारों से जुड़े विदेशों में भ्रष्टाचार के आरोपों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है।अदाणी समूह से इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन फिलहाल उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।

न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने बयान में कहा, ‘‘प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत साजिश रची।’’ 

अमेरिकी अधिकारियों ने कथित साजिश के संबंध में कनाडाई पेंशन फंड सीडीपीक्यू के तीन पूर्व कर्मचारियों पर भी आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया कि उन्होंने ई-मेल ‘डिलीट’ कर और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने के लिए सहमत होकर रिश्वत के मामले की जांच में बाधा डाली।बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने वाला सीडीपीक्यू अदाणी की कंपनियों में शेयरधारक है।अदाणी समूह पर ये आरोप उसे फिर से समस्याओं में डाल सकता है। इससे पहले, अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाये थे, जिससे वह अभी उबरा ही था।हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में शेयरों में हेराफेरी और लेखा के स्तर पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाये थे।

अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया था। इन आरोपों के कारण समूह के बाजार मूल्यांकन में 150 अरब डालर का नुकसान हुआ था। हालांकि समूह उससे उबर गया और कंपनियों के शेयरों में जो नुकसान हुआ था, उसकी काफी हद तक भरपाई कर ली गयी।

अदालत के दस्तावेज के अनुसार, ‘‘विशेष रूप से 17 मार्च 2023 को या उसके आसपास एफबीआई (संघीय जांच ब्यूरो) के अधिकारियों ने अमेरिका में सागर अदाणी से संपर्क किया और तलाशी वारंट के तहत उनके पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने कब्जे में ले लिया।’’स्तावेज के अनुसार, साजिश में शामिल रहे कुछ लोग गौतम अदाणी को निजी तौर पर ‘न्यूमैरो उनो’ और ‘द बिग मैन’ कोड नामों से बुलाते थे। वहीं उनके भतीजे कथित तौर पर रिश्वत के बारे में विशिष्ट जानकारी पर नजर रखने के लिए अपने सेलफोन का इस्तेमाल करते थे।


जिन अन्य लोगों पर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं, उनमें रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल शामिल हैं। ये क्रमशः एज्यूर पावर ग्लोबल के पूर्व सीईओ और पूर्व मुख्य रणनीति एवं वाणिज्यिक अधिकारी हैं। इनके बारे में अधिकारियों ने कहा कि वे कुछ रिश्वत देने के लिए सहमत हुए थे .शिकायत में उन पर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है और स्थायी रूप से रोक, जुर्माना समेत अन्य प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने बयान में कहा कि कथित साजिश के तहत अदाणी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 17.5 करोड़ डॉलर से अधिक जुटाए और एज्यूर पावर का शेयर न्यूयॉर्क शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया।

इसके साथ ही, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने अदाणी, सागर अदाणी, सिरिल कैबनेस और अदाणी ग्रीन तथा एज्यूर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाये हैं।ब्रुकलिन की एक संघीय अदालत में मामला दर्ज किया गया है। इसमें दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक से जुड़े रिश्वत मामले में विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश के लिए पांच अन्य लोगों पर आरोप लगाये गए हैं।


लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि यहां अदाणी को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को इस संबंध में राहुल गांधी के बयान को लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने के प्रयासों का हिस्सा करार दिया।भाजपा प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि जहां तक ​​​​अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों का सवाल है, तो यह कंपनी पर है कि वह स्पष्टीकरण जारी करके अपना बचाव करे।


बुधवार, 20 नवंबर 2024

गर्व से कहो हम भ्रष्टाचारी हैं..?-2 कलेक्टर कटनी बनाम बाणसागर इंजीनियर शहडोल; कलेक्टर ने दिखाया दमखम / खुल सकता है बरही-मैहर का 24 महीना पुराना बंद पड़ा आम सड़क मार्ग -( त्रिलोकीनाथ)

       


    एक पखवाड़े बाद  अराजकता पूर्ण माफिया गिरी के पूरे 2 वर्ष हो जाएंगे ,जब बरही- मैहर सड़क मार्ग पर अरबों रुपए से निर्मित पुल पर आवागमन प्रतिबंधित किए जाने का सरकारी संकल्प प्रदर्शित होगा.. यह बात सही है यह संकल्प घोषित तौर पर पारित नहीं किया गया था और इसीलिए कटनी के कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने शहडोल  बाणसागर पक्का बांध देवलोंद के कार्यपालन यंत्री विनोद कुमार ओझा और एसडीओ मोहन श्याम वशिष्ठ के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है ऐसा पत्रिका ने छापा है, तो मामला कटनीकलेक्टर बनाम शहडोल इंजीनियर के रूप में सामने आया है।हो सकता है आवागमन प्रतिबंधित किए जाने के लिए कोई सरकारी जश्न न मनाया जाए क्योंकि यह अघोषित तौर पर था लेकिन लोकतंत्र के लिए यह जश्न का अवसर है जब कलेक्टर कटनी यादव ने अपने कर्तव्यों को याद किया और इस पुल को आम आदमियों के लिए खोले जाने का दिशा दर्शन कराया है कि यह पुल अरबों रुपए से निर्मित किया गया था और 7 दिसंबर 2022 को अपने निर्माण के बाद खतरनाक होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था ।

            ------------( त्रिलोकीनाथ)----------------

यह अलग चीज है कि बीते 24 महीना  में सरकार की तरफ से यह घोषित नहीं किया गया अथवा कोई जांच नहीं की गई कि इस भ्रष्टाचार के लिए अथवा तकनीकी गैर जिम्मेदारी के लिए कौन व्यक्ति दोषी है..? और उसके दोष प्रमाणित करने के साथ ही इस आवागमन को आम आदमियों के लिए पुन: सुनिश्चित किया जाता। लेकिन जैसे भूत का डर होता है उसे प्रकार से इटौर मार्ग पर स्थित इस पुल दुर्घटना को बरकरार रखना के लिए तरह-तरह के भूत बड़ी भ्रम फैलाया जाता रहा की क्षेत्र के नेता संजय पाठक ने रेत खदान से महंगी रेत बिकती रहे, इसलिए इस पुल को प्रतिबंधित करके रखा गया है  ताकि रेत का वहां घूम कर जाए और रेत शहरी क्षेत्र में महंगी बिकती रहे आमतौर पर जो अक्सर सस्ती रहती है।  बात रेत माफिया की हो तो कुछ दिन के लिए कहा जा सकता था लेकिन अब ठेकेदार भी बदल गया है और  रेत खदान का ठेकेदार शहडोल संभाग की रेत को सप्लाई कर रहा है। तो क्या नया रेत माफिया की सेटिंग भी उमरिया कलेक्टर के साथ हो गई है….?


    यह प्रश्न भी खड़ा होता है अथवा कलेक्टर कटनी ने अगर इस पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है तो क्या कटनी कलेक्टर की सेटिंग नहीं हो पाई है…? यह प्रश्न भी खड़ा होता है। या फिर कटनी कलेक्टर अपने लोकतांत्रिक दायित्व के प्रति सजग है इसलिए अब बाणसागर के इंजीनियर पर प्रकरण दर्ज किया जा रहा है…? लेकिन यह सवाल भी उठना है कि आखिर इतने दिनों तक उस क्षेत्र के एसडीएम अथवा उस क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों पर कटनी कलेक्टर ने कार्यवाही क्यों नहीं की…को तब भी जब इसी बाणसागर से लगे व्यवहारी क्षेत्र में अवैधृत उत्खनन के लिए एक पुलिस अधिकारी और एक राजस्व अधिकारी की  इसी रेत माफिया गिरी के चलते हत्या हो गई…. वह तो हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया तो कुछ गतिविधियां महसूस होती दिखी,तो क्या समझा जाए की कलेक्टर ने तब तक चुप्पी साध रखी थी जब तक मामला उनके संज्ञान में पूरी तरह से नहीं आया और जब गड्ढे में गिरकर व्यक्ति की दुर्घटना ग्रस्त हो जाने की खबर आई तभी उन्हें पता चला कि इस क्षेत्र में पुल पिछले 2 वर्ष से प्रतिबंधित है …? और इसलिए इसकी जो दोषी हैं वह उनके अपने विभाग के व्यक्ति नहीं है, बल्कि शहडोल स्थित करीब 100 किलोमीटर दूर बाणसागर बांध के कार्यपालन यंत्री इसके लिए दोषी हैं । 

इसलिए उन पर कार्यवाही की जाएगी, ठीक भी है यह प्रशासनिक मामला है हम आदिवासी क्षेत्र के पत्रकार हैं इसलिए उतना ज्ञान नहीं है। 2 वर्ष बाद ही सही अगर कटनी प्रशासन अपने जिंदा होने की घोषणा करता है और करोड़ों रुपए  से निर्मित और 2 वर्ष से क्षतिग्रस्त हो रहे इस पुल के संदर्भ में किसी गड्ढे खोदे जाने की बात को हाईलाइट करके बाणसागर के इंजीनियर को दोषी मानता है तो उससे भी लोकतंत्र का हित सुनिश्चित होता है… आखिर कैसे बाणसागर इंजीनियर के जलकछार क्षेत्र में इस प्रकार के आपराधिक घटनाओं का बढ़ावा हो रहा है।।

 लेकिन सच बात यह है कि  अगर बाणसागर क्षेत्र के बरही-मैहर मार्ग स्थित इस पुल को प्रतिबंधित करके रखा गया तो उसका दोषी कौन है…? क्षेत्रीय सांसद, क्षेत्रीय विधायक, क्षेत्रीय सरपंच, क्षेत्रीय जनपद प्रतिनिधि क्षेत्रीय जिला पंचायत अध्यक्ष आखिर इन लोगों ने कितनी बार प्रस्ताव पारित करके कटनी कलेक्टर को अथवा शासन को इस बात के लिए आगाह किया कि यह अरबो रुपए के निर्माण किए गए इस पुल को जनहित में क्यों बंद करके रखा गया….?

 यह प्रश्न तो खड़ा ही होता है बहरहाल देर आये, दुरुस्त आए कटनी कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को इस बात के लिए धन्यवाद होना चाहिए कि उन्होंने 2 वर्ष से मरे पड़े इस पुल को आम आदमियों में जिंदा करने के लिए कोई प्रस्ताव कहीं भेजा है। उम्मीद करना चाहिए कि प्रशासन अब पूरी तरह से इसकी समीक्षा करेगा और दोषियों को दंडित करते हुए तत्काल उनको आमजन के लिए खोलने का रास्ता तैयार करेगा।

 हम पिछली बार भी देख चुके हैं कि रीवा अमरकंटक सड़क मार्ग में ठेकेदार सड़क निर्माण करके हजारों करोड़ रुपये शहडोल क्षेत्र से लूट कर ले गया और घटिया सड़क उसने शहडोल क्षेत्र के लोगों को दिया। आदिवासी क्षेत्र है इसलिए वह लूटता ही रहा नेता अफसर, मंत्री सब के सब उसमें उसके साथ खड़े होते दिखे इसीलिए  वह लूट पाया… और अपना घटिया सड़क मध्य प्रदेश शासन को सौंप दिया जिसकी जिम्मेदारी 10 वर्ष तक रखरखाव की शासन की थी यानी (एमपीआरडीसी) मध्य प्रदेश सड़क राज परिवहन की थी और वह घटिया सड़क को इस विभाग ने संरक्षित करने की बजाय उसमें अपना भ्रष्टाचार देखना चालू किया   


  जिसका परिणाम यह हुआ की घटिया सड़क पर चलने से मरने की बजाय एक बस वाला बाणसागर से बाईपास लेकर केअपनी यात्रा पूरी करना चाहता था जो बाणसागर नहर में गिर गई और 56 लोग उसमें डूब कर मर गए । स्वाभाविक है बच्चे से लेकर बूढ़े तक नव विवाहित से लेकर के इस दुर्घटना में डूब कर मरे थे। एक भी चपरासी तक इस मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया, ना ही इस दर्दनाक मौत को देने के लिए किसी नेता ने कोई जीवन दायनी राहत राशि आम आदमियों के दी। वर्तमान में उसके मरने वाले परिवार में किसकी हालत कितनी किस प्रकार की है यह संवेदना शासन नहीं दिखा पाई। यह शिकायत नहीं खड़ी हो सकती की कोई नेता नहीं आया शिवराज सिंह संवेदनशील मुख्यमंत्री थे और वह वहां पहुंचे भी थे।

 

 अच्छा है अधिकारियों ने तथाकथित बड़ा गड्ढा वहां कर दिया था की बड़ी मैहर मार्ग में गड्ढा किया गया था। वहां पर कोई नहर नहीं थी  अन्यथा जब तक कोई बस में 100-50 लोग डूब कर नहीं मारते तब तक हमारा लोकतंत्र, हमारे नेता ,हमारे अफसर जिंदा होने का प्रमाण नहीं देते हैं…. आज तक बाणसागर के मरे हुए लोगों के साथ न्याय नहीं हुआ.… मौत का धंधा और शवों सौदागर निश्चिंत  होकर लोकतंत्र का आनंद ले रहे हैं। यही भ्रष्टाचार इस पुल के साथ भी घटित हो रहा है इसलिए कलेक्टर कटनी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा से जो संस्कार ग्रहण किया और इस पद पर पहुंचे हैं उसमें थोड़ा सा लोकहित में उसका उपयोग कर रहे हैं उम्मीद यह भी करना चाहिए कि हमारी विधायिका और हमारा शासन शहडोल बाणसागर बांध क्षेत्र में कोई विशेष समीक्षा करके इस क्षेत्र में संबंधित सभी ऐसी समस्याओं को चिन्हित करेगा और उसका निराकरण भी…..


 



मंगलवार, 19 नवंबर 2024

वाेट नाम की लूट है लूट सके तो लूट...चुनाव से पहले फूटा एक और वीडियो बम - ( त्रिलोकी नाथ )

 मणिपुर डेढ़ साल से अराजकता ,अश्लीलता और अव्यवस्था का बम फोड़ रहा है कभी नागरिक मरते हैं कभी मंत्री के घर जलाए जाते हैं कभी हंगामा होता है अब उसकी लगातार सुनने की आदत पड़ गई है इसलिए वह महत्वपूर्ण नहीं है...? उसका महत्व हमें तब समझ में आएगा जब भारतीय किंतु हमारे नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर-युद्ध को देखने के लिए खुद जाएंगे और यह निश्चय है कि वह जाएंगे क्योंकि वह भारत का अंग है इसमें कोई शक नहीं है...।फिलहालवह दुनिया में सम्मान प्राप्त करनेके कारोबार में व्यस्त हैं


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किंतु इस बार महाराष्ट्र के चुनाव में वोटिंग के ठीक 1 दिन पहले फिर एक वीडियो बम फूट गया जिसमें चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं है ...

 -----------( त्रिलोकी नाथ )-------------

बहरहाल बात चुनाव की करें पिछली बार प्रधानमंत्री रह चुके देवेगौड़ा के नाती का वीडियो कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वक्त वायरल हुआ था जिसमें उनके नाती जी ने उन्होंने अपने सेक्स का बाजार फैला रखा था कहना चाहिए उन्होंने सेक्स बम फोड़ा था और फिर विदेश भाग कर चले गए। यह अलग बात है कि मणिपुर युद्ध की तरह वहां पर सेक्स का बाजार लंबे समय से पूर्व प्रधानमंत्री के नाक के नीचे उनका         


    परिवार सफलता से चला रहा था। यह नागरिक और कानून का दावा भी था की वीडियो वायरल हो जाने के कारण सांसद बन चुके नेता पर मुकदमा कायम हुआ है। उम्मीद करना चाहिए फैसला भी होगा।

 किंतु इस बार महाराष्ट्र के चुनाव में वोटिंग के ठीक 1 दिन पहले फिर एक वीडियो बम फूट गया जिसमें चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं है उसने कोई ऐसा  साहसपूर्ण प्रयास नहीं किया बल्कि भाजपा को सहयोग करने वाली एक राजनीतिक पार्टी आंतरिक प्रतिस्पर्धा बस एक फाइव स्टार होटल के अंदर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे के ऊपर छापामारी कर देती है। और उसका पूरा पर्दाफाश का वीडियो बनाती है। इस वीडियो में करोड़ों रुपए बांटे जाने की बात कही जाती है फिल्म डॉन की “लाल डायरी” की तरह एक डायरी भी दिखाई जाती है जिसमें कथित रूप से 15 करोड रुपए के लेन-देन की बात होती है. पैसा भी लिफाफा फाड़ फाड़ करके दिखाया जाता है जो बांटने के लिए रखा गया था… यह अलग बात है कि ताबड़े इससे इनकार करते हैं. बहरहाल वीडियो बनाकर वीडियो बम फोड़ दिया जाता है और वीडियो वायरल हो जाता है…

 कहते हैं वहां की पुलिस ने करीब 10 लाख रुपए की जप्ती करते हुएमुकदमा दर्ज कर विनोद तावड़े पर भी जांच कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। अभी तक विनोद ताबड़े फरार नहीं हुए हैं कल वोटिंग होने के बाद क्या परिणाम आएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। किंतु यह सही है कि विनोद तावडे भाजपा महासचिव, चुनाव आयोग के निर्देशों की परवाह नहीं करते हुए गैर कानूनी तरीके से इस होटल के कमरे में ठहरे हुए थे और एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने छापामारी कर दी और वीडियो वायरल कर दिया अगर वीडियो वायरल नहीं होता तो यह मामला वहीं का वहीं दफ़न हो जाता इसमें कोई शक नहीं है।


 

इस घटना से सिर्फ यह साबित होता है की आम नागरिक जो वोट करता है उसको अपने वोट की काला बाजार में तय सुधा राजनीतिक दलों की कीमत का अंदाज़ होना चाहिए। ताकि अपना वोट वह सस्ते में ना बेच सके क्योंकि मार्केट अगर अच्छे दर पर चल रहा है तो वोटर को सस्ते में क्यों बिक जाना चाहिए ..? यह राजनीति के काला बाजार की कड़वी सच्चाई है। अब इस वीडियो बम के बाद इतना तो तय है की वोटर को कोई बेवकूफ नहीं बन सकता लेकिन सवाल यह है की आने वाले चुनाव में आम वोटर क्या अपने बोट की कीमत को काला बाजार की तय सुधा कीमतों में सुनिश्चित कर पाएगा अन्यथा वह आदिवासी क्षेत्र की तरह सिर्फ दारू मुर्गा में बिक जाएगा…? 

 बहरहाल खबर सिर्फ इतनी है कि पिछले चुनाव में कर्नाटक में एक वीडियो बम फूटा था जिसमें सेक्स मार्केट राजनीति का भव्य शोरूम दिखाई देता था। इस बार भारतीय जनता पार्टी के नेता का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें वोटर की कीमत का काला सच दिखाई दे रहा है। यह अलग बात है की भारतीय मुद्रा में छपे हुए गांधी जी, के तीन बंदर के रूप में हमारा चुनाव आयोग अब इस पर कितनी सतर्कता के साथ अपना रुख प्रदर्शित करता है अथवा नहीं करता है…? क्योंकि वह आज जो भी करेगा आने वाले लोकसभा चुनाव में और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी इसका असर होने पड़ेगा.. फिलहाल अपन इतना ही कह सकते हैं की आर्थिक साम्राज्यवाद की जड़ें भारतीय राजनीति के ताकत को बुरी तरह से गुलाम बना रही हैं और बाजार बाद आम नागरिक को सिर्फ सुनिश्चित कीमत में बाजार के हिसाब से वोट डालने की मशीन बन रहा है यही वर्तमान का “प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्” है और कोई बात नहीं…

राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मणिपुर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह

नयी दिल्ली: 19 नवंबर (भाषा)   


 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह मणिपुर के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि राज्य के लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर हिंसा रोकने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप भी लगाया और दावा किया कि प्रदेश की जनता अब इन दोनों सरकारों में विश्वास खो चुकी है।कांग्रेस ने मणिपुर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायक दल की बैठक में कई विधायकों के अनुपस्थित रहने को लेकर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या वह दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ नहीं पा रहे हैं।मणिपुर में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग के विधायकों की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिन में ‘‘बड़े पैमाने पर अभियान’’ चलाने का आह्वान किया गया।

 अनूपपुर  06 जून 2024 द्वारा जिला अनूपपुर मुख्यालय एवं कोतमा के मुख्य मार्गो पर ट्राफिक का दबाव अधिक रहने के कारण 06 चक्के या 06 चक्के से अधिक सभी प्रकार के भारी वाहनों का संचालन प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक कलेक्टर द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। इसी परिपेक्ष्य में 19 से 27 नवंबर 2024 तक अनूपपुर-अमरकंटक रोड़, चंदास नदी के पास श्रीरामकथा का आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर ने एक नवीन आदेश जारी किया है जिसके अनुसार श्री राम कथा मे श्रृद्धालुओं के देर रात्रि तक आवागमन बना रहने से श्री रामकथा आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 19/11/2024 से दिनांक 27/11/2024 तक जिला मुख्यालय अनूपपुर में 06 चक्के या 06 चक्के से अधिक सभी प्रकार के भारी वाहनों का संचालन प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 12.00 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है। दिनांक 28/11/2024 से कार्यालयीन आदेश क्रमांक-2291 / आरडीएम/नो एण्ट्री/2024 दिनांक 06 जून 2024 द्वारा जारी प्रतिबंधक आदेश का समय प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक यथावत् रहेगा। जिला परिवहन अधिकारी अनूपपुर एवं जिला यातायात प्रभारी अनूपपुर को आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाने के निर्देश दिए गए हैं।


सोमवार, 18 नवंबर 2024

वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘अत्यधिक गंभीर’/ शहडोल संभाग की भूमि वरदानी:उप मुख्यमंत्री

 नयी दिल्ली: 18 नवंबर (भाषा)


राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 दर्ज किया गया। दिल्ली में सुबह से ही ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य को स्थगित करने सहित प्रदूषण नियंत्रण के कड़े उपाय लागू किए गए हैं।घनी विषैली धुंध के कारण सुबह के समय दृश्यता में तेजी से गिरावट होने लगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह आठ बजे दिल्ली का एक्यूआई 484 रहा। एक्यूआई इस मौसम में अब तक का सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है।दिल्ली में रविवार को शाम चार बजे एक्यूआई 441 दर्ज किया गया और शाम सात बजे तक यह बढ़कर 457 पहुंच गया।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक्यूआई 450 के पार पहुंच जाने के बाद दिल्ली व एनसीआर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का आदेश दिया।आदेश के अनुसार, आवश्यक वस्तुओं को लाने जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी अन्य ट्रक को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।ईवी और सीएनजी तथा बीएस-6 डीजल वाहनों को छोड़कर, दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-आवश्यक हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा।आदेश में कहा गया है कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 या उससे पुराने डीजल मध्यम माल वाहनों और भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा।राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, बिजली लाइनें, पाइपलाइनें और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियां निलंबित कर दी गई हैं।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीएक्यूएम) ने एनसीआर में 50 प्रतिशत क्षमता पर ही कार्यालय संचालित करने और शेष लोगों से घर से काम करने की अनुमति देने की सिफारिश की है।दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों में 10वी और 12वीं कक्षा को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं को प्रत्यक्ष रूप से बंद करने के निर्देश दिए हैं।

सीपीसीबी के अनुसार, 400 या इससे अधिक का आईक्यू ‘गंभीर’ माना जाता है और इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को चार अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत किया गया है: चरण 1 - ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), चरण 2 - ‘बहुत खराब’ (301-400), चरण 3 - ‘गंभीर’ (401-450) और चरण 4 - ‘अत्यधिक प्लस’ (450 से अधिक)।

नयी दिल्ली: 18 नवंबर (भाषा) प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में विलंब पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का सोमवार को निर्देश दिया और कहा कि एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 450 से नीचे होने पर भी ये प्रतिबंध लागू रहेंगे।

 भोपाल : सोमवार, नवम्बर 18, 2024, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायतों में रिजल्ट ओरिएंटेड काम किए जाएं। सभी तालाबों एवं बावडियों का जीर्णोद्वार करें। इसके लिये पंचायत बार कार्य-योजना बनाए चरणबद्ध तरीके से काम करें। पौध-रोपण के बाद उनका सर्वाइवल रेट अधिक रहे, इस पर भी कार्य किया जाए। मंत्री श्री पटेल ने सोमवार को मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास के विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिये।मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मनरेगा में गत 15 नवंबर की स्थिति में जिन जनपद पंचायतों में श्रम सामग्री का अनुपात सही होगा, उनमें ग्रेवल रोड, खेत तालाब तथा अन्य नये कार्य प्रारंभ करने की मंजूरी जारी की जा रही है। यह राशि 1 से 3 करोड़ रूपये तक स्वीकृत की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैन मुनियों के प्रवास मार्ग चिन्हित कर प्रमुख मार्गों पर उनके रुकने के लिए समुचित व्यवस्था की जाये। शासकीय भूमि पर समुचित पौध-रोपण किये जायें।

प्रदेश के

उप मुख्यमंत्री एवं शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री  राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि  शहडोल संभाग की भूमि वरदानी भूमि है यहां मां नर्मदा का उद्गम स्थल है यहां खनिज संपदा का अपार भंडार है। उन्होंने कहा कि सरकार के खजाने में शहडोल संभाग का बहुत बड़ा योगदान है, शहडोल संभाग में अपार खनिज संसाधन है, जो सरकार को वित्तीय क्षेत्र में मजबूत बनता है। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने भी शहडोल संभाग के विकास के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि जब शहडोल जिले से उमरिया जिले को बनाया गया तब शहडोल जिला छोटा न लगे इस कारण से शहडोल को संभाग बनाया गया तथा शहडोल को उमरिया, कटनी एवं रीवा से जोड़ने के लिए सड़कों का निमार्ण कराया गया। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला शुक्रवार को शहडोल में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि हमारी सरकार  विंध्य क्षेत्र के विकास के लिए भी कईअनेक कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि हमारे विंध्य क्षेत्र के बाणसागर बांध में आईलैंड बनाया है जो की शहडोल जिले के सरसी ग्राम में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र के लोग मालदीप एवं लक्षद्वीप ना जाकर इस सरसी रिसोर्ट में मालदीप एवं लक्षद्वीप जैसे माहौल का आनंद ले सकेंगे। 


“ गर्व से कहो, हम भ्रष्टाचारी हैं ”….?-1 (त्रिलोकी नाथ)

           कल प्रभाष जोशी का 15वीं पुण्यतिथि थी वह भारत के मूर्धन्य पत्रकार थे जिनमें संभावना और संवेदना भरपूर थी चाहे क्रिकेट हो या राजनीति दोनों में भी जमकर खेलते थे और खबरें प्रकाशित करते थे। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि है। इसी तरह हुए तब वे उत्तर प्रदेश के एक गेस्ट हाउस में पहुंचे थे लेकिन वहां पर कमरे में बाथरूम में गंदगी थी छिपकलियों थी, इस शासकीय अराजकता और अव्यवस्था पर लौटकर उन्होंने अपने स्तंभ “कागज कारे” कहा था की जो राज्य शासन अपने गेस्ट हाउस को सुरक्षित नहीं रख सकती हैं वह जनता की जिम्मेदारी को कैसे निभाती होंगे..? और एक बड़ी टिप्पणी उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन की कमियों पर कर डाली। वे ऐसे ही पत्रकार थे अब इस प्रकार के पत्रकार विलुप्त होती प्रजाति के हिस्से हो गए हैं।

 क्योंकि अपन देख रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जमकर अपनी राजनीतिक शैली “बटेंगे तो कटेंगे” में  वोट-बैंक पैदा करने में लगे हैं। हालांकि उन्होंने यह नारा उत्तर प्रदेश के लिए दिया था जहां बांटना और काटना राजनीति का जरूरत हो सकती थी। लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में बांटना और काटना सर-दर्द साबित हो रहा है क्योंकि चुनाव वहां पर भी है इसी तरह देश की राजनीति में भी बटने और कटने को लेकर के विवाद है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे थोड़ी शिष्ट भाषा में प्रस्तुत करने का काम किया, “एक है तो सेफ है”।बहरहाल यह राजनीतिक गंदगी आज के राजनेताओं की वैचारिक प्रदूषण को प्रमाणित करती है इससे ज्यादा कुछ नहीं।

                  ---------- ( त्रिलोकी नाथ )-----------

   

     हम बात कर रहे थे बांटने और काटने की व्यवस्था में मुख्यमंत्री की व्यवस्था को लेकर, वह “बटेंगे और कटगें”  के अपने महामंत्र में वोट पैदा करने में लगे थे और उत्तर प्रदेश के झांसी में मुख्यमंत्री के राज्य मेंअराजकता व्यवस्था और कुप्रबंधन में 11 नवजात शिशु अस्पताल में विद्युतसार्टसर्किट हो जाने से जलकर मर गए, कहना चाहिए भुन गए। अन्य कई संघर्ष में जीवित बचाए जाने की कोशिश में है। इस तरह 11 नवजात जो भाजपा के वोटर हो सकते थे 18 वर्ष बाद वह जन्म लेने के कुछ दिनों बाद ही जलकर मर गए। पता नहीं मुख्यमंत्री झांसी गए या नहीं गए लेकिन यह खबर है कि उनके प्रतिनिधि इस दर्दनाक हादसे में जब वहां पहुंच रहे थे तो पूरा प्रशासन उनके प्रतिनिधि का स्वागत करने में लगा था। बच्चों की मौत के शमशान में आखिर किसका स्वागत होता है।हमारी राजनीति कुछ इसी अंदाज में झांसी के अस्पताल में अपनी उपस्थिति दिखा रही थी। यह इस वर्ष का सर्वाधिक दर्दनाक हादसा कहलाया जा सकता है।

 इसी बीच एक खबर यह भी आई कि गुजरात में जो मोरबी पुल के टूट जाने से करीब 135 लोग कुप्रबंधन में दर्दनाक मौत के शिकार हो गए उसका आरोपी जयेश पटेल के घर में सम्मान का दौर चल रहा था। क्योंकि इसकी जमानत हो गई थी। जिसको लेकर वहां के कुछ गुजरातियों में जमीर जिंदा होने के कारण वह इसे अपमानजनक बता नाराज हो रहे हैं।

जब शहडोल में11 हाथियों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई तो बताया गया कोदो और धान के खा लेने से अपने आप में भारत की ही नहीं विश्व की शायद वह बड़ी घटना बांधवगढ़ वन क्षेत्र में घट गई । इसी बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप जो अपने विरोधी भारतीय मूल की कमला हैरिस को अश्लील गालियां देते थे वे चुनाव जीत गये और अमेरिका का राष्ट्रपति भी हो गये। विश्व की राजनीति अब इसी गंदगी की प्रदूषण में करवटें बदल रही है।

 इसलिए शहडोल में हाथी के मर जाने का कोई फर्क नहीं पड़ता.., हाथी फिर कहीं से आएंगे फिर मरेंगे.. क्या वीरप्पन केरल कर्नाटक में हाथियों को नहीं मरता था..? यह सामान्य घटना है। इसीलिए शहडोल का प्रदूषण नियंत्रण विभाग में सात पर्दे के अंदर बैठे रहने वाला अधिकारी मेहरा  को कोई फर्क नहीं पड़ता कि शहडोल में हाथी क्यों मर रहे हैं । खबर है प्रदेश में प्रदूषण वाले थोड़ा चिंतित दिखे और बांधवगढ़ के जंगल विभाग के अधिकारियों को नोटिस दिए हैं किंतु फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि आखिर हाथी मरे कैसे…?

बहरहाल जिस हाथी में चढ़कर हमारे आध्यात्मिक  मां लक्ष्मी धनतेरस और दिवाली को घर-घर पहुंचती हैं धनतेरस में 11 हाथियों के मर जाने की खबर ने मन को हिला दिया। यह आदिवासी क्षेत्र के हर निवासी नागरिक की बड़ी कसक है। कसक तो यह भी है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने आसमान पर है हालांकि इस लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार ने 400 पार का नारा दिया था यह अलग बात है कि वह ढाई सौ भी नहीं पहुंच पाए और मिलजुल कर सरकार चलाने के लिए बाध्य हैं। कोई बात नहीं दिल्ली में 400 पार का नारा दम तोड़ दिया लेकिन हमारा वायु प्रदूषण इसी दिल्ली में पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और वह 400 पर करते हुए अपनी रफ्तार संसदीय  सीट 542 के लक्ष्य को पाने में लगा हुआ है..।

जो आंकड़े आज जनसत्ता में प्रकाशित हुए हैं वह दिल्ली के नागरिकों के लिए हैं शहडोल जैसे आदिवासी क्षेत्र में इनका कोई नाता नहीं है इसीलिए शहडोल का प्रदूषण नियंत्रण विभाग का मेहरा 7 पर्दे के अंदर सोता रहता है। उसकी कोई जिम्मेदारी ही नहीं है कि वह बताये कि जिस पर्यावरण और परिस्थिति में मेंकल बिंध्य पर्वत श्रेणियां में धड़ाधड़ अराजकता और कुप्रबंधन में कॉलरिया और उद्योग चल रहे हैं वह आखिर अपने विनाश की लीला को कब लक्ष्य प्राप्त करेगा…?

 यानी हमारे शहडोल क्षेत्र में वायु का जो पवित्रम गुणवत्ता थी वह उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में पिछले दो दशकों में कितनी गिरी है..? कौन पूछेगा…? क्योंकि मेहरा सात पर्दे अंदर रहता है। दिन भर लग जाता है ऐसे अधिकारी से मिलने में। उसकी खुद की ड्यूटी होती नहीं, क्योंकि वह स्वयं को उसे पद का आरक्षित हकदार समझता है। यही भारतीय राजनीति की प्रदूषण की पहचान है।

ठीक है शहडोल में संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत शहडोल आदिवासी विशेष क्षेत्र है और शायद इसीलिए शहडोल में 15 नवंबर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल साथ-साथ आए थे भगवान बिरसा मुंडा के जनजाति गौरव दिवस को मनाने के लिए ।बिरसा मुंडा आदिवासियों के नायक थे, जो झारखंड से पहचान रखते हैं शहडोल में उनकी विशिष्ट पहचान नहीं है‌। शहडोल में तो दलपत सिंह-दलबीर सिंह को हम आजादी के बाद पहचानते हैं…. बिरसा मुंडा आजादी के पहले के नायक हैं लेकिन शहडोल में बिरसा मुंडा को थोपा जाता है.. शहडोल मेडिकल कॉलेज बिरसा मुंडा जी के नाम पर है, ठीक है। वह भी सही है लेकिन यह भी सही है कि जब जनजाति गौरव दिवस में मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों आए तो कांग्रेसी आदिवासी विधायक फुंदेलाल जी को आदिवासियों का गौरव मानने से इनकार कर दिया। उन्हें इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कोई निमंत्रण नहीं दिया गया ।  फुंदेलाल जी को लगा कि यह उनका  अपमान है और वह शहडोल में ही धरना स्थल पर बैठ गए। जिन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। यही राजनीतिक कसक आज है, हम जिसे चाहेंगे बाटेंगे जिसे चाहेंगे काटेंगे ….

बहरहाल उपलब्धि के रूप में हमें यह खबर दी गई कि जो पानी अमरकंटक में सोन नदी से होकर शहडोल से गुजरता है और सवा सौ किलोमीटर दूर बाणसागर के बृहद बांध को बनाता है। अब इस सोन नदी का पानी सवा सौ किलोमीटर दूर से वापस शहडोल लाया जाएगा… ताकि शहडोल के लोगों की प्यास बुझाई जा सके..?हो सकता है भविष्य में यही पानी प्रधानमंत्री जी एक बड़ी योजना के तहत अमरकंटक में बाणसागर के सोन नदी का पानी पहुंचाने के लिए कोई प्रोजेक्ट लांच कर दें…?

 जरूरत भी है, क्योंकि आखिर अमरकंटक से ही सोन नदी निकली है और वह अगर सूख जाएगी तो   बाणसागर में भी पानी की कमी आ सकती है और तीन राज्यों का जिम्मेदारी बाणसागर पर है कि वह भारत को खेतीहर बनाए रखें‌। इस तरह शहडोल में बाणसागर का पानी प्यास बुझाने आ रहा है। लेकिन जिस स्तर पर 400 पार दिल्ली में वायु का राक्षस यानी प्रदूषण अपनी सत्ता बनाए हुए हैं अगर वह शहडोल में भी 400 पर करने में आमादा हो गया तब हवा कहां से लाएंगे…? यह बड़ा प्रश्न है…? इसके लिए अभी से ही सोचना पड़ेगा।

 यह सही है की शहडोल नगर में मोहन राम तालाब के स्रोत तालाब को शहडोल नगर का सर्वाधिक गंदा और प्रदूषण तालाब अप्रत्यक्ष रूप में घोषित कर दिया गया है और उसके मूल तालाब से उसको काट दिया गया है। क्योंकि उसके प्रदूषण से मोहन राम तालाब नष्ट हो रहा था। लेकिन मूल तालाब में पानी आना बंद हो गया तो वह दोस्त 3 साल सूखा तालाब बनाकर रहा फिर शहडोल में नल के जरिए जो पेयजल नगर पालिका उपलब्ध कराती थी उस तालाब भरा जा रहा है.. अच्छा है शहडोल में जब बाणसागर का पानी आएगा तो शहडोल के पूरे तालाब लबालब भर दिए जाएंगे… इससे शहडोल का जलस्तर ऊपर उठेगा।

 फिर प्रश्न वहीं खड़ा है की लेकिन अगर हवा दिल्ली के 400 पर के स्तर पर चली गई शहडोल में तो प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी मेहरा को परदे से निकलना पड़ेगा और बताना पड़ेगा की शहडोल और उमरिया तथा अनूपपुर में वायु प्रदूषण किस स्तर का है…? तो अगर अभी से बता देते तो बुराई क्या थी…? हम यह तो जान जाते कि अभी हम आजादी के अमृतकाल के बाद वायु प्रदूषण के किस स्तर पर चले गए हैं.. और जब हम शताब्दी समारोह मनाएंगे तब कितना विनाश कर चुके होंगे..? आखिर गर्व से यह कहने का हक हमें भी तो होना चाहिए कि “गर्व से कहो कि हम भ्रष्टाचारी हैं”….?


"गर्व से कहो हम भ्रष्टाचारी हैं- 3 " केन्या में अदाणी के 6000 करोड़ रुपए के अनुबंध रद्द, भारत में अंबानी, 15 साल से कहते हैं कौन सा अनुबंध...? ( त्रिलोकीनाथ )

    मैंने अदाणी को पहली बार गंभीरता से देखा था जब हमारे प्रधानमंत्री नारेंद्र मोदी बड़े याराना अंदाज में एक व्यक्ति के साथ कथित तौर पर उसके ...