मणिपुर डेढ़ साल से अराजकता ,अश्लीलता और अव्यवस्था का बम फोड़ रहा है कभी नागरिक मरते हैं कभी मंत्री के घर जलाए जाते हैं कभी हंगामा होता है अब उसकी लगातार सुनने की आदत पड़ गई है इसलिए वह महत्वपूर्ण नहीं है...? उसका महत्व हमें तब समझ में आएगा जब भारतीय किंतु हमारे नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर-युद्ध को देखने के लिए खुद जाएंगे और यह निश्चय है कि वह जाएंगे क्योंकि वह भारत का अंग है इसमें कोई शक नहीं है...।फिलहालवह दुनिया में सम्मान प्राप्त करनेके कारोबार में व्यस्त हैं
.किंतु इस बार महाराष्ट्र के चुनाव में वोटिंग के ठीक 1 दिन पहले फिर एक वीडियो बम फूट गया जिसमें चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं है ...
-----------( त्रिलोकी नाथ )-------------
बहरहाल बात चुनाव की करें पिछली बार प्रधानमंत्री रह चुके देवेगौड़ा के नाती का वीडियो कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वक्त वायरल हुआ था जिसमें उनके नाती जी ने उन्होंने अपने सेक्स का बाजार फैला रखा था कहना चाहिए उन्होंने सेक्स बम फोड़ा था और फिर विदेश भाग कर चले गए। यह अलग बात है कि मणिपुर युद्ध की तरह वहां पर सेक्स का बाजार लंबे समय से पूर्व प्रधानमंत्री के नाक के नीचे उनका
परिवार सफलता से चला रहा था। यह नागरिक और कानून का दावा भी था की वीडियो वायरल हो जाने के कारण सांसद बन चुके नेता पर मुकदमा कायम हुआ है। उम्मीद करना चाहिए फैसला भी होगा।
किंतु इस बार महाराष्ट्र के चुनाव में वोटिंग के ठीक 1 दिन पहले फिर एक वीडियो बम फूट गया जिसमें चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं है उसने कोई ऐसा साहसपूर्ण प्रयास नहीं किया बल्कि भाजपा को सहयोग करने वाली एक राजनीतिक पार्टी आंतरिक प्रतिस्पर्धा बस एक फाइव स्टार होटल के अंदर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे के ऊपर छापामारी कर देती है। और उसका पूरा पर्दाफाश का वीडियो बनाती है। इस वीडियो में करोड़ों रुपए बांटे जाने की बात कही जाती है फिल्म डॉन की “लाल डायरी” की तरह एक डायरी भी दिखाई जाती है जिसमें कथित रूप से 15 करोड रुपए के लेन-देन की बात होती है. पैसा भी लिफाफा फाड़ फाड़ करके दिखाया जाता है जो बांटने के लिए रखा गया था… यह अलग बात है कि ताबड़े इससे इनकार करते हैं. बहरहाल वीडियो बनाकर वीडियो बम फोड़ दिया जाता है और वीडियो वायरल हो जाता है…
कहते हैं वहां की पुलिस ने करीब 10 लाख रुपए की जप्ती करते हुएमुकदमा दर्ज कर विनोद तावड़े पर भी जांच कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। अभी तक विनोद ताबड़े फरार नहीं हुए हैं कल वोटिंग होने के बाद क्या परिणाम आएंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। किंतु यह सही है कि विनोद तावडे भाजपा महासचिव, चुनाव आयोग के निर्देशों की परवाह नहीं करते हुए गैर कानूनी तरीके से इस होटल के कमरे में ठहरे हुए थे और एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने छापामारी कर दी और वीडियो वायरल कर दिया अगर वीडियो वायरल नहीं होता तो यह मामला वहीं का वहीं दफ़न हो जाता इसमें कोई शक नहीं है।
इस घटना से सिर्फ यह साबित होता है की आम नागरिक जो वोट करता है उसको अपने वोट की काला बाजार में तय सुधा राजनीतिक दलों की कीमत का अंदाज़ होना चाहिए। ताकि अपना वोट वह सस्ते में ना बेच सके क्योंकि मार्केट अगर अच्छे दर पर चल रहा है तो वोटर को सस्ते में क्यों बिक जाना चाहिए ..? यह राजनीति के काला बाजार की कड़वी सच्चाई है। अब इस वीडियो बम के बाद इतना तो तय है की वोटर को कोई बेवकूफ नहीं बन सकता लेकिन सवाल यह है की आने वाले चुनाव में आम वोटर क्या अपने बोट की कीमत को काला बाजार की तय सुधा कीमतों में सुनिश्चित कर पाएगा अन्यथा वह आदिवासी क्षेत्र की तरह सिर्फ दारू मुर्गा में बिक जाएगा…?
बहरहाल खबर सिर्फ इतनी है कि पिछले चुनाव में कर्नाटक में एक वीडियो बम फूटा था जिसमें सेक्स मार्केट राजनीति का भव्य शोरूम दिखाई देता था। इस बार भारतीय जनता पार्टी के नेता का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें वोटर की कीमत का काला सच दिखाई दे रहा है। यह अलग बात है की भारतीय मुद्रा में छपे हुए गांधी जी, के तीन बंदर के रूप में हमारा चुनाव आयोग अब इस पर कितनी सतर्कता के साथ अपना रुख प्रदर्शित करता है अथवा नहीं करता है…? क्योंकि वह आज जो भी करेगा आने वाले लोकसभा चुनाव में और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी इसका असर होने पड़ेगा.. फिलहाल अपन इतना ही कह सकते हैं की आर्थिक साम्राज्यवाद की जड़ें भारतीय राजनीति के ताकत को बुरी तरह से गुलाम बना रही हैं और बाजार बाद आम नागरिक को सिर्फ सुनिश्चित कीमत में बाजार के हिसाब से वोट डालने की मशीन बन रहा है यही वर्तमान का “प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्” है और कोई बात नहीं…
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