रविवार, 24 नवंबर 2024

नवंबर 2024 चुनावों में बड़ी खबर क्या है...? कौन सा प्यादा होगा आर्थिक राजधानी का मुख्यमंत्री...? (त्रिलोकी नाथ)


23 नवंबर 2024 को लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा चुनावों में बड़ी खबर क्या है...? यह चुनाव परिणामों का निष्कर्ष होगा, केरल में वायनाड से प्रियंका गांधी भारी लोकप्रियता के साथ चुनाव जीतने की खबर बाद लोकसभा के अंदर दिखाई देगी या फिर मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत चुनाव हार गए हैं यह बड़ी खबर होगी या फिर झारखंड में इंडिया गठबंधन चुनाव जीत गया है इस खबर में कोई दम है अथवा भारत की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  ने जीत चुनावी जीत, लहर, आंधी, तूफान या फिर सुनामी के साथ सत्ता में वापसी की है यह बड़ी खबर है...? इनको तलाशना और चयनित करना थोड़ा सा कठिन है...
                                                               -------- (त्रिलोकी नाथ)-------

 तो भारत की आर्थिक राजधानी ही महत्वपूर्ण है जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने अकेले दम पर मुख्यमंत्री बनाने का दावा पेश कर दिया है और वहां के पूर्व मुख्यमंत्री तथा धैर्यवान नेता देवेंद्र फडणवीस का स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री बनना वैसे ही तय है जैसे कि मध्य प्रदेश में तब लगभग इसी तरह की अप्रत्याशित जीत के बाद शिवराज सिंह का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था। और उन्होंने अपने सपने भी बुनने चालू कर दिए थे। लेकिन फिर जो हुआ और जैसे डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री बनाए गए शिवराज सिंह को जीत के लिए खारिज करके वह बड़ी खबर थी क्योंकि तब एक पैटर्न डेवलप किया गया की मुख्यमंत्री हमारा "प्यादा" ही होगा.... तब छत्तीसगढ़ में और राजस्थान में भी इसी तरह अपने प्यादों को शतरंज की बाजी में मुख्यमंत्री बनाया गया..
 तो भारत की आर्थिक राजधानी में प्यादा कौन होगा यह बड़ा प्रश्न है..? क्या कभी-कभी केंद्र से आंखें तरेरने वाले युवा नेता देवेंद्र फडणवीस बेहतरीन प्यादे साबित हो सकते हैं, यह भी बड़ा प्रश्न है। चाहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ ही क्यों ना हो नागपुर में और कितना भी आरएसएस अपना आरक्षण पूर्ण हक महाराष्ट्र आर्थिक राजधानी में दावा प्रस्तुत करें बावजूद संपूर्ण और सर्वाधिक योग्यता इस बात पर सुनिश्चित होगा की क्या फणनिवेश की निष्ठा और समर्पण "प्यादे" के रूप में सुनिश्चित है और अगर यह नहीं है तो जीत का आंकड़ा अगर 288 में 288 भी होता तो भी कोई मायने नहीं रखता कि आपने कोई चमत्कार किया है।
 क्योंकि उन्हें मालूम है चमत्कार आपके बस का नहीं है वह सिर्फ केंद्रीय नेतृत्व के नीतिगत फ़ैसलों का परिणाम था। महाराष्ट्र जिस अप्रत्याशित चुनाव को जीता है ऐसे चुनाव पूर्व में छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीते जा चुके हैं और मध्य प्रदेश की राजनीति का मॉडल बन चुका "लाडली बहन योजना" में चुनाव पूर्व लगभग हर महीने 1000 से ₹3000 देने का वादा करके भारी बहुमत में आना कोई प्रमाण नहीं है और इसीलिए शिवराज सिंह को इसके लिए खारिज कर दिया गया था.. यह भी एक कारण जीत कारण बना था यह केंद्रीय नेतृत्व अच्छी तरह से जानता है की असली कारण राजनीतिक नीतिगत फैसला केंद्र के ही थे... जिसके कारण इन महत्वपूर्ण बड़े राज्यों में भाजपा ने कब्जा किया है।
 बहरहाल इन अनुभवों से यह तो सिद्ध है की शिवसेना नेता  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हो या दादा अजीत पवार अथवा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अगर उनमें प्यादा होने की योग्यता में वह खरे उतर चुके हैं तभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे अन्यथा मुख्यमंत्री आसमान से कैसे टपकेगा यह रोचक होगा होगा...
 जैसे मंत्रिमंडल पूर्व फोटोग्राफी होती है उसमें से कोई पीछे से चयनित हो चुका। प्यादा मुख्यमंत्री बनाए गए हैं वैसे ही महाराष्ट्र में जब मंत्रिमंडल के पूर्व सामूहिक फोटोग्राफी होगी उसे वक्त किसके भाग में प्यादा होने का फतवा जारी होता है यह 23 नवंबर 2024 के चुनाव परिणाम की सबसे बड़ी खबर होगी, इसमें कोई संशय नहीं है ।
बाकी महाराष्ट्र की राजनीति में मनोरंजन होता ही रहेगा क्योंकि झारखंड में ऐसे मनोरंजन की कोई गुंजाइश नहीं है वहां पर हेमंत सोरेन सुनिश्चित मुख्यमंत्री हैं। 
टुकड़े टुकड़े रूप में खबर को देख तो दूसरी बड़ी खबर कांग्रेस की धाकड़ प्रवक्ता प्रियंका गांधी वाड्रा का लोकसभा में आना भविष्य की राजनीति का मील का पत्थर साबित होने जा रहा है क्योंकि सदन के अंदर ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक बड़ा मोरल-सपोर्ट बैठा हुआ मिलेगा इसमें कोई शक नहीं है... अब सदन के अंदर कांग्रेस में बोलने वाले दो आकर्षक चेहरे हो जाएंगे।
 यह इसलिए भी बड़ी खबर है क्योंकि प्रियंका गांधी के आने के पहले ही चर्चित "रा-मटेरियल" गौतम अडानी अपने भतीजे सागर अडानी के साथ भारत की संसद में हंगामा का मुख्य कारण होगा क्योंकि मोदी सरकार को यह विषय; गौतम अडानी का वर्तमान 2200 करोड़ के भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी को सुनना भी पसंद नहीं है... और कांग्रेस में अब दो प्रमुख चेहरे भाई-बहन राहुल-प्रियंका इसी को बोलने वाले हैं.... इसलिए यह दूसरी बड़ी खबर कहलाएगी ही इसमें कोई शक नहीं है। 
तो तीसरी खबर अपने मध्य प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा में कैबिनेट मंत्री की जो कांग्रेस से इस्तीफा देकर बिना विधायक बने मंत्री बन गए थे और चुनाव लड़े तथा चुनाव हार गए उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा यह भी बड़ी खबर है... कम से कम मध्य प्रदेश के लिए इसलिए बड़ी खबर है कि भाजपा में "आयातित नेताओं" का भविष्य क्या अब इस तरह भी सुनिश्चित किया जाएगा... अन्यथा कैबिनेट मंत्री को चुनाव जीतना बाएं हाथ का खेल होता है यह कोई नई चीज नहीं है ... इसका लोकप्रियता से कोई नाता नहीं होता।
 इन ढेर सारी बड़ी खबरे के बीच जो सबसे बड़ी खबर मतदान प्रक्रिया के दौरान रही; उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में आम नागरिकों पर पुलिस द्वारा पिस्टल बाजी के बाद भी वह महिलाएं पिस्तौल से नहीं डरी इसके बावजूद वहां पर चुनाव आयोग को मजबूरन जो कार्रवाई करनी पड़ी उसके भविष्य में क्या परिणाम होंगे महिलाओं को कितना प्रताड़ित किया जाएगा यह भविष्य की खबरें कहलाएंगे जिस पर चर्चा होती रहेगी फिलहाल हम भारत की आर्थिक राजधानी में शतरंज की विसात बिछाई जाने और उसमें प्यादे के मुख्यमंत्री बनाए जाने पर लगातार निगाहें रखेंगे। क्योंकि राहुल गांधी ने स्पष्ट कह दिया है की मुंबई के धारावी की एक लाख करोड रुपए की जमीन में गौतम अडानी का कब्जा होना महाराष्ट्र की राजनीति का अहम पृष्ठभूमि रही है तो इस बात में कितना दम राहुल गांधी दिखा पाते हैं अथवा कोई परिणाम दायी निष्कर्ष में पहुंचते हैं , तब जबकि गौतम अडानी 2200 करोड रुपए की रिश्वतखोरी में एक बड़ी पहचान बन चुके हैं क्या वह भारत की आर्थिक राजधानी में टिक पाएंगे यह भारत की केंद्रीय राजनीति का महत्वपूर्ण निष्कर्ष होने वाला है।
 और यह निष्कर्ष इतना अब संभव नहीं रहा क्योंकि भाजपा अगर महाराष्ट्र में चुनाव जीत गई है तो दुनिया में अदाणी का चेहरा रिश्वतखोरी को लेकर धुंधला हो चुका है वह न्यायालय चक्कर में फंस चुके हैं और अडानी को स्थापित करना भाजपा की अपनी संपूर्ण साख पर बट्टा लगाना जैसा होगा। तो देखते हैं कि इसके लिए मंत्रिमंडल के पूर्व फोटोग्राफी में कौन सा चेहरा पर टिक लगाया जाता है। क्या याराना के लिए देश की राजनीतिक स्थिति की चुनौती को प्रधानमंत्री मोदी जोखिम उठाएंगे यह हमें देखने को मिलेगा...?








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