सोमवार, 28 नवंबर 2022

अनाज माफिया का हुआ अवतरण

बंदरबांट मे फूट पड़ने के बाद


अब अनाज माफिया का

प्रमाणन हुआ शहडोल की धरा में

शहडोल क्षेत्र वैसे तो माफिया-गिरी का स्वर्ग है खनिज अधिकारी के संरक्षण में खनिज माफिया, वन अधिकारी के संरक्षण में वन माफिया, कोयला माफिया, भू माफिया ,शिक्षा माफिया के बाद अब वर्षों से सफल माफिया गिरी कर रहे गल्ला माफिया यानी फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के संरक्षण में पल रहे अनाज माफिया का सरकारी तौर पर प्रमाणन हो गया है। और इस माफिया गिरी में भी तमाम ना नवधनाड्य करोड़ों अरबों रुपए का माल बनाकर शहडोल क्षेत्र की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने का काम करते रहे हैं। ताकि उनकी माफिया गिरी सफलता से चलती रहे लेकिन समाचार पत्रों में छपी खबरों से स्पष्ट होता है कि प्रमुख सचिव से शिकायत के बाद मुख्यालय स्तर से जांच टीम गठित की गई थी। जिसमें रजनीश राय उप महाप्रबंधक विधिवत जांच की। मिलर्स, गोदाम प्रबंधक, नॉन प्रबंधन, ऑपरेटर्स सहित इससे संबंधित अन्य अधिकारी कर्मचारियों के बयान दर्ज करने के साथ ही दस्तावेजों को खंगालने के बाद रिपोर्ट तैयार कर मप्र सिविल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड भोपाल को सौंपी है।

मिलिंग मुख्यालय भोपाल व पवन अरमाती क्षेत्रीय प्रबंधक जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच टीम 1 अगस्त, 16 एवं 17 सितम्बर को शहडोल पहुंच रीवा को जांच पूरी होने के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट नान प्रबंधन को सौंपी थी। जहां से रिपोर्ट खाद्य आपूर्ति विभाग के पास पहुंची। इस दफ्तर से उस दफ्तर फाइल घुमती रही। जिसके कुछ समय बाद फाइल गायब हो गई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

 जिला प्रबंधक को एफआइआर कराने के निर्देश जांच टीम ने जो रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी है उसमें गोदाम से 3.5 लॉट यानी 1016.74 क्विंटल सीएमआर चावल जमा करने में गड़बड़ी उजागर हुई है। जिसे लेकर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश सिविल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड मुख्यालय भोपाल ने जिला प्रबंधक मध्य प्रदेश सिविल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड शहडोल क पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गय है कि मेसर्स यासिर राईस मिल शहडोल, मेसर्स स्काई लाइन एग्रो प्रा.लि. शहडोल, केन्द्र प्रभारी आ पी पनिका सहायक जिला कार्यालय शहडोल एवं केन्द्र पर आउटसोर्स में कार्यरत आपरेटर को मामले में दोषी पाया गया है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ल कराकर मुख्यालय को सूचित किया जाए मुख्यालय से जारी आदेश के बाद जिला प्रबंधक ने मामले में कोतवाली थाना प्रभारी को पत्र लिखकर संबंधितों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने कहा है।

 अब इस पूरे मामले को लेकर हड़कंप मच हुआ है। अनाज माफिया जिसमें पूरा सिस्टम शामिल था उसे अब लेने के देने पड़ सकते हैं।

 लेकिन आदिवासी विशेष क्षेत्र में जिस प्रकार से तमाम प्रकार के माफिया फल फूल रहे हैं यह अनाज माफिया भी अपनी जगह बना ही लेगा ऐसा भी क्यों नहीं समझा जाना चाहिए जबकि खनिज माफिया और शिक्षा माफिया अपनी पूरी ताकत से न सिर्फ राजनीति में वर्चस्व बना लिया है बल्कि खुद भी माफिया मुन्ना भाई कोतमा विधानसभा से चुनाव लड़ने जा रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है की रेत माफिया यदि सफल राजनीतिज्ञ है तो वह इतना जो हम तो उठा ही सकते हैं क्योंकि सरकारी गुप्तचर संस्थाएं आयकर के अधिकारी और इडी-वीडी यह सब राजनीतिक विरोधियों की ड्यूटी में लगी रहती हैं इसलिए शहडोल में माफिया का स्वर्ग बना हुआ है। देखा होगा माफियाओं की बढ़ती ताकत को कौन कब और कैसे रोक लगाता है।


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