आज तक की न्यूज़ के अनुसार भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third wave) आ गई है. केस तेजी से बढ़ रहे हैं. हर रोज संक्रमितों (corona cases in India) की संख्या में बड़ा उछाल आ रहा है. लेकिन असल चर्चा ओमिक्रॉन को लेकर है.
ओमिक्रॉन को अधिक संक्रामक बताया जा रहा है और इसी के मद्देनजर कई राज्यों में ऐहतियातन पाबंदियां लागू कर दी गई हैं. स्कूल-कॉलेज, जिम, सिनेमा हॉल समेत कई चीजें बंद हैं. नाइट कर्फ्यू भी लागू है.
दूसरी तरफ चुनावी राज्यों में भरपूर भीड़ वाली रैलियां हो रही हैं. सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या रैलियों में कोरोना नहीं फैलता है. इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओमिक्रॉन को 'वायरल फीवर' जैसा बताया है तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं इस बार कोरोना बहुत माइल्ड है.
- यूपी के सीएम ने ओमिक्रॉन को 'वायरल फीवर' जैसा बताया
- केजरीवाल बोले- इस बार कोरोना बहुत माइल्ड, चिंता की बात नहीं
वहीं, डॉक्टरों का ये भी कहना है कि ओमिक्रॉन के मरीजों को न ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है, न ही आईसीयू की. यानी वो सामान्य हालात में ही ठीक हो रहे हैं.
ये खुशी की बात है कि ओमिक्रॉन संक्रमित आसानी से रिकवर हो रहे हैं, लेकिन जब ओमिक्रॉन वायरल बुखार जैसा या बहुत हल्का संक्रमण है तो देशभर के राज्यों में ओमिक्रॉन का खतरा बताकर अलग-अलग किस्म की पाबंदियां लागू करने के कदम क्यों उठाए जा रहे हैं. वो भी तब जबकि देश में 90 फीसदी एलिजिबल लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 65 फीसदी लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन दी जाने लगी है.
तो सवाल तो उठेगा ही कि हंगामा है क्यों बरपा...?
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