शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

एक जनवरी से होंगे तालाबों के जीर्णाेधार, कमिश्नर

 तो जेल भवन के बगल का


तालाब का भी हो सकता है कायाकल्प...? 

एक जनवरी से होंगे तालाबों के जीर्णाेधार, कमिश्नर

 फुटबाल ग्राउण्ड, हर ग्राम पंचायत में होंगे 

शहडोल 3 दिसम्बर को कमिश्नर ने कहा है कि, 1 जनवरी से तालाबों के जीर्णोधार के कार्याें एवं नवीन तालाबों के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार कर उस पर कार्यवाही की जाए। कमिश्नर ने शहडोल संभाग के सभी जिलों में स्टाप डेमों में कड़ी शटर लगाने एवं बोरी बंधान के कार्य की अच्छी प्रगति पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि, शहडोल संभाग में यह अच्छा कार्य किया गया है।  उन्होंने कहा कि, जिन स्टाफ डेमों मे अभी भी कडी शटर नही लगाए गए है वहां कड़ी शटर लगाए जाएं। कमिश्नर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए कि, सभी ग्राम पंचायतों में एक फुटबाल ग्राउण्ड का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि,सभी ग्राम पंचायतों में 11 जनवरी तक फुटबाल ग्राउण्ड तैयार मिलना चाहिए। इस बैठक मे कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शमेहताब सिंह, संयुक्त आयुक्त विकास सहित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित रहें। जल संरक्षण की दिशा में उनके निर्देश किस हद तक कामयाब होते हैं यह देखने की बात होगी क्योंकि सिर्फ शहडोल नगर के तालाबों कि बर्बाद होती श्रंखला को देखें तो जिले और संभाग के तालाबों का मॉडल देखता है कि वास्तव में अब तक प्रशासन ने किस रूप में जल संरक्षण को महत्व दिया हां शासन का रुपए पैसे लगाने के बाद भी उसे पर्याप्त लाभ नहीं मिला शहडोल के मुख्य मार्ग स्थित जेल भवन के बगल का तालाब इसका सबसे बड़ा प्रमाण है जिसमें शासन ने चेतावनी के बाद भी संप्रेक्षण गृह बनाने का काम किया फिर करीब ₹800000 खर्च करके तालाब का जीर्णोद्धार कराया तालाब में गंदगी ना हो इसलिए नाली का निर्माण भी कराया गया बावजूद इसके अगल बगल के तमाम रहवासियों का गंदा पानी इसी तालाब के अंदर डाला जाता रहा है फिर प्रधानमंत्री आवास योजना का एक मकान भी बना दिया गया प्रधानमंत्री आवास मकान बनाने का प्रयास भी चल रहा है तालाब के अंदर गरीब से लेकर अमीर तक अपने अपने हिसाब से अतिक्रमण कर रहे हैं वैसे पहले तो इस तालाब को सरकारी रिकॉर्ड में प्लाटिंग की भू बनाकर प्लाट बनाने और बेचने का योजना नजूल विभाग ने बना दिया था बाद में इसका तालाब गहरीकरण हुआ फिर भी भू अभिलेखों में इसे तालाब के रूप में परिवर्तित नहीं किया गया नतीजतन अभी भी अतिक्रमण कारी तालाब की घेराबंदी करके अपने अपने हिसाब से मुख्य मार्ग स्थित इस सार्वजनिक तालाब को कब्जा कर रहे है आम आदमी की प्रतिदिन नजर में और लगभग सभी जिला और संभाग के उच्च अधिकारियों की नजर में प्रतिदिन आने वाला यह तालाब शासन प्रशासन और नगर पालिका की दी गई मौत मर रहा है क्योंकि जब भी जिम्मेदार तब का इसके बगल से निकलता है वह यहां से निकलते ही आंख मूंद लेता है अन्यथा आंख खुली होकर कोई भी ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी अपने दायित्वों से मुंह नहीं फिर सकता इतना विश्वास आम नागरिक को करना ही चाहिए क्योंकि इसे ही कानून और व्यवस्था की संज्ञा दी गई है बहराल देखना होगा 1 जनवरी से इस तालाब संरक्षण के लिए क्या प्रशासनिक अधिकारियों की कृपा तालाब पर बरसेगी....? 

कुछ नहीं तो सरकारी रिकॉर्ड में  तालाब ही घोषित हो जाए....?





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