मामला कोविड-19 से मृत परिवारों को 50,000 राहत देने का
कम संख्या के दावों पर कोर्ट ने कहा अनुग्रह राशि पाने के लिए प्रचार प्रसार क्यों नहीं हुआ
अनुग्रह राशि प्रदान किए जाने के मामले में शासन द्वारा कोरोना महामारी में मृतक परिवार को ₹50000 अनुग्रह राशि दिए जाने के लिए कम संख्या की जानकारी आने पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
दैनिक जनसत्ता में प्रकाशित एक खबर सुप्रीम कोर्ट मे हमारी न्यायपालिका की संवेदनशीलता को बताता है ।उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कम दावे आने के आंकड़ों पर अनुग्रह राशि के मामले में सरकार की प्रचार प्रसार की कमी को इंगित किया है शहडोल जिले में मात्र 21 लोगों को ₹50000 की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है जबकि डेढ़ सौ से ज्यादा सरकारी घोषणा में ही मृतकों की जानकारी बताई गई थी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोरोना महामारी की अवधि में कोविड-19 प्रभावित आत्महत्या को भी कोरोना प्रभावित मृत्यु की श्रेणी में रखने का निर्देश दिया गया है देखना होगा अपनी सरकारी घोषणाओं और नेताओं के आगमन पर पूरी ताकत लगाकर करोड़ों पर रुपए खर्च करके योजनाओं की जो सफलता के तरीके अपनाए जाते हैं क्या आम आदमी को जो कोविड-19 डिसीज के कारण मृत हो गए हैं, उन परिवारों को संवेदनशीलता के साथ एप्रोच करके अनुग्रह राशि दी जाती है अथवा नहीं...?
बरहाल विजयआश्रम अपनी सामाजिक सरोकार से इस हेतु निर्धारित सामान्य प्रारूप की जानकारी प्रकाशित कर रहा जिसे भरकर कलेक्टर कार्यालय में अन्य पर पत्रों के साथ अपने दावे को जमा किया जा सकता है जिस पर उचित छानबीन कर नियमानुसार अनुग्रह राशि स्वीकार की जाएगी...
इस हेतु परामर्श के लिए 8 9 8 9 9 7 2811 पर भी संपर्क कर सकते हैं (जनहित में जारी)
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