रविवार, 11 जुलाई 2021

बी ओ टी रीवा-अमरकंटक सड़क मार्ग से अमरकंटक कटा (त्रिलोकीनाथ)

 बी ओ टी रीवा-अमरकंटक सड़क मार्ग से अमरकंटक कटा


 पूर्व में 54 लोगों की डूबने से हुई थी मौत

किरर घाटी मार्ग का आवागमन


प्रतिबंधित



अन्य परियोजनाओं में ही दूरदर्शी भ्रष्टाचार कायम है

(त्रिलोकीनाथ)

अनूपपुर से 09 जुलाई 2021 को खबर आई/ बुढ़ार-अमरकंटक एसएच-37 मार्ग पर स्थित किरर घाटी में भारी वर्षा के कारण हुए भू-स्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने के फलस्वरूप मरम्मत कार्य किए जाने तक इस मार्ग पर समस्त प्रकार का आवागमन/यातायात पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके।


रीवा अमरकंटक सड़क मार्ग मध्य प्रदेश की पहली बी ओ टी (बिल्ड ऑपरेट  ट्रांसफर) विचार योजना पर बनने वाली सड़क मार्ग 110 करोड़ पर की सड़क परियोजना में 15 वर्ष निर्माण पश्चात टोल टैक्स की वसूली करनी थी। तब शासन का करीब ₹55,00,00,000 अनुदान अग्रिम में भुगतान किया गया था। सरकार कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह की थी। सड़क अपने आप में लूट और पब्लिक टॉर्चर की पहली परियोजना भी रही इसके अंत की शुरुआत हाल में भाजपा सरकार के शिवराज सिंह ने एमपीआरडीसी के कुछ अधिकारियों को सड़क परियोजना की लापरवाही में 54 लोगों की मौत के लिए एक कारण मानते हुए सस्पेंड कर दिया है।

बाणसागर नहर में खराब सड़क के कारण बाईपास बस गुजरने से पूरी बस नहर में जा समाई थी। इस घटना में आज तक किसी नेता ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है नाही मौत के लिए कोई दंड का एफ आई आर किया गया है।


 लगता है मामला आया राम-गया राम के राम राज्य में चला गया है। किंतु असली राम को यह अपाचे आज भी हो रहा है। इसलिए रीवा से चलकर अमरकंटक तक पहुंचने वाली सड़क मार्ग की मजबूती के पोल को खोलते हुए अमरकंटक के पास किधर घाटी में एक के बड़े भूस्खलन से रीवा अमरकंटक सड़क मार्ग प्रतिबंधित कर दिया गया है कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा ताकि नया हादसा ना हो सके।

संभागीय प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम लि. शहडोल ने उक्ताश्य की जानकारी देते हुए बताया कि आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं। शहडोल व बुढ़ार से जाने वाले वाहनों हेतु बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के किमी 23 से अनूपपुर तक (अनूपपुर-दर्री-खेरवा एमडीआर मार्ग) व अनूपपुर-जैतहरी होकर राजेन्द्रग्राम तक (बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के किमी 43 पर) का मार्ग खुला रहेगा तथा अमरकंटक से आने वाले वाहनों हेतु बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के किमी 43 (राजेन्द्रग्राम) से अनूपपुर तक (राजेन्द्रग्राम से जैतहरी होकर अनूपपुर) व शहडोल/बुढ़ार आने वाले वाहन अनूपपुर से अमलाई-चचाई, अनूपपुर से दर्री-खेरवा एमडीआर मार्ग व राष्ट्रीय राजमार्ग-43 का प्रयोग कर सकेंगे। भ्रष्टाचारियों के द्वारा जब नीतियां बनाई जाती हैं तो उसका हसरत कुछ इसी प्रकार से होता है

अन्य परियोजनाओं में ही दूरदर्शी भ्रष्टाचार कायम है

 इसी भ्रष्टाचार योजना में जल संसाधन विभाग का हिरवार माइक्रोइरिगेशन प्रोजेक्ट करीब 116 करोड रुपए  की बंदरबांट का केंद्र बिंदु भी बन रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच में 1 वर्ष बाद भी ठेकेदार फौलादी कंस्ट्रक्शन द्वारा अधिकारियों से सांठगांठ करके कथित तौर पर घटिया ठहराए गए


पाइपलाइन को निर्धारित मानकों के विरुद्ध स्थापित करके सरकारी धन की होली खेली जा  है कार्य अवरुद्ध ना हो 2021 में पूर्ण हो जाए इस लक्ष्य के मद्देनजर फर्जी बिलो का सहारा भी कथित तौर पर ठेकेदार द्वारा अपनाया गया है.....? 39 गांव को खेती का पानी देने की सोच, रीवा अमरकंटक सड़क मार्ग के खतरनाक अंजाम में 54 लोगों की मौत की तरह कोई बड़े हादसे भविष्य में हो जाएं बड़ी बात नहीं होगी... क्योंकि हैवी प्रेशर वाटर फ्लो को संभालने के लिए माइल्ड स्टील व हाई डेंसिटी पॉलीएथिलीन पाइपों का इस्तेमाल घटिया स्तर का करने की बात कही गई है। जो गुणवत्ता के अनुरूप स्थापित नहीं होने के कारण कभी भी भूक्षरण के कारण दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। तो क्या आदिवासी क्षेत्रों में परियोजनाएं सिर्फ ठेकेदार और अफसरों की लूटपाट की योजना के रूप क्रियान्वित होते हैं ...?यह बड़ा प्रश्न है, फिर क्या फर्क पड़ता है अमरकंटक का पहाड़ ही क्यों ना यूकेलिप्टस और माइंस पॉलिसी के कारण भूक्षरण के चलते बिखर जाए।

 देखना होगा चाहे सड़क संसाधन हो या जल संसाधन सुविधा के नाम पर घर घर नल, घर घर जल के जरिए  करोड़ों रुपए में की मॉनिटरिंग क्या कोई इमानदारी से कर भी रहा है ....?

फिलहाल सड़क कंपनी का ठेकेदार हजारों करोड़ बी ओ टी सड़क अमरकंटक मार्ग में लूटपाट कर नेताओं और अफसरों को बांटते हुए चला गया अब टूटा सड़क मार्ग अमरकंटक जन सुविधा से कट चुका है नर्मदा दर्शन के लिए ज्यादा मूल्य दीजिए अन्य सड़कों से घूमते फिरते रहिए, रामराज इसे ही कहते हैं....।


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