सोमवार, 10 मई 2021

शहडोल संभाग में एक भी व्यक्ति कोरोना से नहीं मरा....

 पिछले 3 दिनों से शहडोल संभाग में

 एक भी व्यक्ति को रोना से नहीं मरा....

आंकड़ों की जादूगरी एक सुखद सपना....

(त्रिलोकीनाथ)

अगर उपलब्ध आंकड़ों को सच माने तो पिछले 3 दिनों से शहडोल क्षेत्र में कोविड-19 की बीमारी से एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। तो सबसे पहले इस बात जिम्मेदार वर्ग को बधाई दी जानी चाहिए क्योंकि मृतकों का आंकड़ा 210 के आंकड़े पर 3 दिन से रोक दिया गया  है। यह अपने आप में एक जादू की तरह है।

 तो देखते हैं की पिछले 2 पखवाड़े में किस प्रकार से कोविड-19 के मरीजों के मामले में शहडोल संभाग जिसमें अनूपपुर और उमरिया  तथा शहडोल जिला शामिल है क्या प्रगति रही है?

कोविड-19 india.org के आंकड़े बताते हैं कि क्षेत्र ने किस प्रकार से विकास की रफ्तार को लगाम लगाया गया है ।11 अप्रैल की तुलना 15 दिवस बाद 25 अप्रैल को जब  तब कहा गया था कि कोरोनावायरस काफी टाइम का पीक टाइम 10 से 15 मई तक आएगा। जब कोरोना वायरस चरम पर होगा।

 इस आधार पर 11 अप्रैल के आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगायााा गया कि 12000 करीब सक्रिय मरीजों की स्थिति बन जाएगी किंतु आंकड़े



बताते हैं कि ऐसा नहीं हुआ बल्कि दोगुना के इर्द्द-गिर्द वृद्धि हुई जो पहले हफ्ते 3000 के आसपास और दूसरे हफ्ते4300 के करीब था। इसी तरह आंकड़े मृतकों के मामले में भी ठहर से गए हैं ।जो प्रशासन की कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है कि किस रफ्तार मेंं प्रशासन अपनी जिम्मेदारी का  निर्वहन करता रहा।


 किंतु यहभी आंकड़ों की जादूगरी है की नेशनल मीडिया ठीक है इसके खिलाफ आग उगलने का काम किया जो आंकड़े नेशनल मीडिया में वायरल कौन है के हवाले से आए हैं बस चौंकाने वाले हैं हम तो सिर्फ मध्यप्रदेश में पांच में सबसे बड़े क्षेत्र के रूप में संक्रमित होने का दावा करते रहे किंतु


नेशनल मीडिया ने कहा है कि हम पॉजिटिविटी के मामले में भारत के नक्शे में 10  नंबर पर हैं याने पॉजिटिविटी के दृष्टिकोण में शहडोल मैं संक्रमण आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका है। हो सकता है यह भी झूठा आंकड़ा हो...? किंतु सवाल उठता है कि झूठ झूठ के खेल में सत्य का स्थान क्या तब भी नहीं है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दावा करते हैं कि उन्होंने शहडोल को गोद में ले लिया है। क्या यही विकास की रफ्तार है...? यह बड़ा प्रश्न है।

 अगर झूठ के दावों पर विश्वास करें तो खतरनाक मोड में आ चुका शहडोल क्षेत्र के लिए। क्या वास्तव में जमीनी स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध हैं...? क्या नेता गण गंभीर हैं कि उन्हें सुविधाओं के नाम पर प्राइवेट हॉस्पिटल लूटेंगे नहीं ..?, जो हो रहा है। इस आदिवासी विशेष क्षेत्र में एक-एक दिन का बिल 20000, 30000, 40000 आम बात हो चुकी है। तो कौन देखेगा इसे ।

सरकारी सुविधाएं पूरे प्रयास भी किए जाएं तो पर्याप्त नहीं कही जा सकती हैं और इसीलिए प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती है। किंतु जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने भाषण में बजाएं उनके अपने जन अभियान परिषद से जुड़ी गैर सरकारी संगठन को उपेक्षा करके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन और सेवा भारती जैसे संस्थाओं को ही सेवक के रूप में देखती हो और उन्हें जिला आपदा प्रबंधन में महत्व देती हो ऐसे में जमीनी स्तर से जुड़े गैर सरकारी संगठन मैं बजाए प्रोत्साहन के हताशा का भाव उत्पन्न होता है ।और यह भी प्रमाणित होता है की कोरोनावायरस का कार्यकाल कुछ लोगों के लिए उपलब्धि के रूप में अवसर में परिवर्तित कराया जा रहा है।

 यह ठीक उसी प्रकार का है जैसे कहीं कोई जीव जब मरता है  गिद्धों के लिए वह भोज का अवसर होता है। बहरहाल यह सब भारत जैसे लोकतंत्र के लिए सुखद नहीं कहा जा सकता ।इस प्रकार की सोच आंकड़ों में विरोधाभास और शोषण तथा दमन की प्रक्रिया के खेल में मानवता का भी विनाश हो रहा है। हम उस बाजारवाद की ओर आगे बढ़ रहे हैं जिसमें किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहने की हवस कुछ भी बलिदान करने को तैयार रहती है।

 बहरहाल हमारे और आपके सोचने और लिखने से अब कुछ बदलने वाला नहीं है क्योंकि जब तक मूलभूत आम आदमी अपने नगर मोहल्ले और गांव में जिम्मेदारी के साथ कोरोनावायरस से होने वाली क्षति का आकलन चिन्हित करके ग्राम पंचायत के द्वारा नगर पंचायत के  वार्डों द्वारा यह अलग-अलग सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की सोच रखते हुए जागरूकता नहीं रखता तब तक मौत के कारोबार और भी महामारी के कारोबार में गिद्धों का साम्राज्य फलता फूलता रहेगा। यह रामराज्य नहीं हो सकता है यह कोरोना काल के भगवानों का राज्य है।

 फिलहाल उपलब्ध सरकारी आंकड़े सत्य साबित हो हम ऐसी आशा कर सकते हैं हर दौर में बदलाव होता है महामारी का यह बदलाव भी अंधेरे से निकले प्रकाश की ओर जाएगा किंतु क्या आप तैयार हैं उस प्रकाश को पाने के लिए जहां लोकतंत्र जिंदा हो अथवा बना रहने का प्रयास करें...?


1 टिप्पणी:

  1. आपकी पत्रकारिता विश्वसनीय एवं स्पष्ट रहती है, आप अपनी पत्रकारिता को नए माध्यम में ले जाइये, ज्यादा जानकारी के लिए रिप्लाई करिये

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