गोस्वामी जी ने लिखी
"सूदखोरी-मानस"
पुलिस के लिए बनेगी बड़ी चुनौती.. या प्रेरणा....?
पुलिस का सूदखोरों पर शिकंजा ऑपरेशन शंखनाद....
पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में की गई ताबड़तोड़ कार्यवाहीकोयलांचल क्षेत्र में काफी समय से विभिन्न माध्यमों से शहडोल के संवेदनशील पुलिसअधीक्षक को यह सूचनायें प्राप्त हो रही थी कि भोले-भाले आदिवासी संवर्ग के लोगों को क्षेत्रके प्रभावशाली वर्ग के द्वारा छोटी-मोटी कर्ज के रूप में नगदी रकम अथवा उपयोग कीवस्तुओं को देकर उनकी वसूली अनवरत कर ऐसे व्यक्तियों को कर्ज से मुक्त नहीं होने देते हैंऔर आजीवन वह व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दबा ही रहता है। ऐसे अनेक परिवार हैं जो कर्जके बोझ में दबकर परिवार सहित आत्महत्या जैसे कदम उठा चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक शहडोल ने इस प्रकार की सूचना के आधार पर जिले के प्रभावशाली पुलिस अधिकारियों की एक टीमइस कार्य में लगाई और परिणामस्वरूप दिनांक 24.03.2021 को पुलिस की सक्रियता कीजानकारी प्राप्त होने पर फरियादी रमई बैगा पिता गुमानी बैगा निवासी बंगवार कॉलोनी धनपुरीके द्वारा पुलिस अधीक्षक शहडोल को सीधे सूचना दी गई कि धनपुरी निवासी कालू सिंधी उर्फअनिल जसवानी एवं राकेश गुप्ता इससे खाली चेकों में हस्ताक्षर कराकर स्वयं राशि अंकितकरते हुए कूट-रचना करते हुए इसे धोखे में रखकर इसके खाते से 4,90,000 रूपये की क्षतिपहुंचाये हैं। सूचना को गंभीरता से लेकर पुलिस अधीक्षक के द्वारा थाना प्रभारी धनपुरी कोतत्काल वैधानिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। थाना प्रभारी धनपुरी द्वारा तत्परता सेधारा 420, 467, 468 ता.हि. का अपराध उपरोक्त आरोपीगणों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गयाऔर फरियादी से विस्तारपूर्वक पूछताछ करने पर बताया गया कि उक्त दोनों आरोपी बैंकएल0आई0सी0 एवं एस0ई0सी0एल0 से संबंधित कार्य को एक साथ करते हैं। इसे पैसों कीआवश्यकता होने से इसने इनसे कहा कि मेरे पी0एफ0 खाते से 9,00,000 रूपये का लोनदिला दें तब दोनों आरोपियों के द्वारा लोन दिलाने को कहकर पीड़ित से कई कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराया गया और खाली चेकों पर हस्ताक्षर यह कहकर कराया गया कि बाबू इत्यादि को खर्चा देना पड़ता है। पीड़ित का खाता एस0बी0आई0 बुढ़ार में है जहां से इसेजानकारी मिली कि उक्त दोनों आरोपी कालू सिंधी उर्फ अनिल जसवानी एवं राकेश गुप्ता इसके पी0एफ0 खाते से लोन न निकलवाकर एस0बी0आई0 बुढ़ार से दिनांक 17.10.2018 को09 लाख रूपये का लोन दिलाया है और उक्त दिनांक को ही बैंक ने 3,57,236 रूपये एवं1,00,000 रूपये भी काटे । इस प्रकार 4,94,757 रूपये शेष बचे। पूर्व से हस्ताक्षर कराकर रखे गए इसके चेकों के माध्यम से दोनों आरोपियों के द्वारा दिनांक 18.10.18 को चेक क्र. 550862 से 3,00,000 रूपये एवं चेक क. 550843 के माध्यम से 1,90,000 रूपये खाता क्र.020342775390 में ट्रांसफर कराये गए। बिना इसकी जानकारी के दोनों आरोपीगणों ने इसकाखाता भी एस0बी0आई0 बुढ़ार से एस0बी0आई0 अमलाई ट्रांसफर करा दिया। इस प्रकार उक्तदोनों आरोपीगणों ने पीड़ित आदिवासी समुदाय के रमई बैगा के साथ जानबूझकर कूटरचनाकरते हुए मूल्यवान राशि चेक के द्वारा प्राप्त कर इसके साथ छल किये हैं और 4,90,000रूपये की क्षति पहुंचाये हैं।
पीड़ित के बताये अनुसार उक्त दोनों आरोपीगणों को पुलिस नेअभिरक्षा में लेकर पूछताछ की है और उनके कब्जे से पीड़ित के हस्ताक्षरउपयोग की गई रकम भी वसूल की जावेगी। बैंक की भूमिका की भी जांच की जा रही है।साक्ष्य के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।उपरोक्तानुसार की गई कार्यवाही की जानकारी जब धनपुरी कस्बा में आग की तरह फैली तो धनपुरी के इसी प्रकार से ठगे गए व्यक्तियों ने बिना किसी डर के पुलिस केपास अपनी पीड़ा बताने उपस्थित हुए। इसी क्रम में दिनांक 25.03.21 को ही फरियादी सुनीता वर्मा पति स्व0 अशोक वर्मा निवासी वार्ड नं. 3 धनपुरी की थाना धनपुरी में उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत की कि धनपुरी निवासी मुनव्वर अली तथा जवाहर जसवानी इससेअधिक ब्याज वसूलने के लिए हस्ताक्षर किये खाली चेक रखकर कूट-रचना कर धोखाधड़ीकिये हैं। विवरण अनुसार पीड़िता बताई कि मई 2019 में इसे पैसों की जरूरत थी और यहकहीं से लोन लेने की बात कर रही थी। उसी समय आरोपी मुनव्वर अली बोला कि ब्याज मेंपैसे दिला दूंगा मेरा दोस्त जवाहर जसवानी मेरे साथ पैसा लेन-देन का काम करता |
हमलोगों की बैंक में अच्छी पहचान है। हम तुमस ब्याज भी कम लेंगे। पीड़िता इनकी बातों परविश्वास करके 1,70,000 रूपये का लोन लेना तय किया जिसमें मुनव्वर अली तथा जवाहरजसवानी ने इससे दो-दो कोरे चेकों पर हस्ताक्षर करवाये और तीन-चार कोरे चेक बिनाहस्ताक्षर के भी ले लिये। जिसमें स्वयं हस्ताक्षर बना लिये। इसे कोर्ट ले जाकर शपथ पत्रबनवाये। उसमें 2 लाख रूपये देने की बात लिखाकर हस्ताक्षर कराये थे। इससे 10 प्रतिशतब्याज लेने को दोनों ने कहा था इसके बाद मुनव्वर अली बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता संख्या
05080100004169 से कोरे लिये गए चेकों में से एक में 2 लाख रूपये स्वयं भरकर जून 2019में निकाल लिये और मुझसे ब्याज की रकम मांग करने लगे। इसके द्वारा मुनव्वर अली तथाजवाहर जसवानी से हस्ताक्षर किये गए खाली चेक व शपथ पत्र वापस मांगा तो नहीं दे रहेहैं। इसे डर है कि इसके खाली चेकों का कहीं गलत उपयोग न करें। पीड़िता के अनुसारमुनव्वर अली तथा जवाहर जसवानी ने 1,70,000 रूपये उधार देकर इससे 2,00,000 रूपयेउधार लेने की लिखा-पढ़ी कराकर अनाप-शनाप कर्जा ब्याज के रूप में वसूला है। पीड़िताकी रिपोर्ट पर उपरोक्त दोनों आरोपीगणों के विरूद्ध धारा 420, 467, 468 भादवि 3/4 म0प्र0ऋणियों का संरक्षण अधिनियम पंजीबद्ध कर विवेचना की गई तो उक्त दोनों आरोपीगणपुलिस की अभिरक्षा में स्वीकार किये कि उन्होंने पीड़िता के साथ धोखाधड़ी की है।आरोपीगणों के कब्जे से पीड़िता सुनीता वर्मा का शपथ पत्र तथा हस्ताक्षर किया हुआ कोराचेक तथा भारतीय स्टेट बैंक की चेकबुक तथा पासबुक, अन्य के हस्ताक्षरित कोरा चेक वपीड़िता से संबंधित दस्तावेज जप्त किये गए हैं। बैंक की भूमिका की जांच की जा रही है।अनुसार अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
साक्ष्य केपुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा बनाये गए अनुकूल वातावरण तथा सूदखोरों के विरूद्ध छेड़ी गई कार्यवाही के परिणामस्वरूप फरियादी एस0के0 देवांगन पिता डी0एस0 देवांगन वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, भारतीय जीवन बीमा निगम बुढ़ार भी थाना धनपुरी में उपस्थित आकर आरोपी बृजवासी अग्रवाल, त्रिवेणी अग्रवाल एवं अरूण अग्रवाल के विरूद्ध सूचना रिपोर्ट दर्ज करायाकि बीमा एजेंट ब्रजवासी अग्रवाल व उसकी पत्नी त्रिवेणी तथा लड़का अरूण अग्रवाल छल पूर्वक बीमाधारकों से धोखाधड़ी कर कूटरचना करते हुए बीमा धारकों की पॉलिसी में से लोन अथवा सरेंडर राशि प्राप्त करने तथा अवैध रूप से लाभ अर्जित करने किये हैं कि उक्त तीनों व्यक्ति जो बीमा पॉलिसी एजेंट हैं इनके द्वारा वर्ष 2017 के पूर्व सेवर्तमान तक बीमा धारकों को ब्याज में पैसा दिया जाता है और नया बीमा कर तीन वर्ष पूरा होने पर उस पॉलिसी में से लोन अथवा सरेंडर राशि प्राप्त करने हेतु पॉलिसी धारकों से कोरे फार्म में हस्ताक्षर कराकर उनके फॉर्म स्वयं भरकर बीमा कार्यालय को भिजवाया जाता है ।
उक्त अभिकर्तागण सरेंडर की राशि अलग से खाता खुलवाकर अपने पास रखा रहता है औरराषि उसी खाते में भिजवाने हेतु कार्यालय में पत्राचार करता है। तीनों अभिकर्ताओं द्वारा बीमाधारकों से वेतन पर्ची लेकर उसकी छायाप्रति में बैंक खाता क्र. सुधारकर स्वयं के द्वाराप्रमाणित किया जाता है और बीमा धारकों के नाम से आवेदन करवाया जाता है कि लोन सरेंडर की राषि का भुगतान इसी खाते में चाहिए। फरियादी द्वारा कुछ पॉलिसी धारकों द्वाराकी गई शिकायत की जांच में उनके वेतन पर्ची तथा बीमा के अन्य कागजातों में कूटरचना की गई है तथा छलपूर्वक स्वयं के लिए लाभ अर्जित किया गया है पॉलिसी धारक 1. श्री सीतारामदाहिया, 2. रामदास बैगा, 3. बीमाधारक राजेश कुमार विश्वकर्मा, 4. कोसेलाल इस प्रकारइनके साथ उक्त तीनों आरोपीगणों के द्वारा अपनी योजना अनुसार उनके द्वारा भेजी गई रकमको स्वयं के द्वारा खुलवाये गए खाता पर प्राप्त कर छल किया गया और लाभ अर्जित कियागया है। साथ ही ब्याज में पैसा देकर उसके बदले में नया बीमा भी किया जाता है और बीमापॉलिसी का 03 वर्ष पूरा होने पर उस पॉलिसी के अंतर्गत लोन हेतु आवेदन कराया जाता है।
लोन लेने के तुरंत बाद पॉलिसी सरेंडर हेतु आवेदन भिजवाया जाता है। साथ ही उक्त तीनोंआरोपी बीमा अभिकर्ताओं के द्वारा पॉलिसी धारकों से हस्ताक्षर करवाकर उनकी ओर से झूठीशिकायतें की जाती हैं तथा बीमा दस्तावेज तथा लोन आदि के दस्तावेजों में कूटरचना करआपराधिक षड़यंत्र करते हुए अवैध तरीके से लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से धोखाधड़ी कीगई है। आवेदक के आवेदन पत्र के आधार पर धारा 420, 467, 468, 120-बी, 34 ताहि काअपराध उक्त तीनों आरोपीगणों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान आरोपी बृजवासीअग्रवाल को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई तो जुर्म स्वीकार करते हुए अपने कब्जे सेधोखाधड़ी के दस्तावेज जप्त कराये हैं। अन्य आरोपीगणों की तलाष व विवेचना जारी है।पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाये गए सूदखोरी अभियान में न केवल धनपुरी क्षेत्रसहयोगी बन रहा है बल्कि थाना अमलाई एवं थाना खैरहा क्षेत्र में भी कोयलांचल के सूदखोरोंसे तंग आ चुके पीड़ितों के द्वारा थाना में पहुंचकर अपनी फरियाद बताई गई और पुलिस केद्वारा तत्काल वैधानिक कार्यवाही की गई। थाना अमलाई में सूचनाकर्ता राजेश चौधरी पिता
बंटी चौधरी उम्र 39 निवासी अमराडंडी लिखित में शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी नारायणकचेर जो इसी के साथ कॉलरी में नौकरी करता है एवं भारी ब्याज में रकम उधार में देकरसूदखोरी का काम करता है। भोले-भाले लोगों को अपना षिकार बनाता है और उसकीकमाई का एक बड़ा हिस्सा लेकर उसका और उसके परिवार का जीवन तबाह कर देता है।अगस्त 2019 में पीड़ित को पत्नी के ईलाज के लिए 50,000 रूपये की आवष्यकता थी तोइसने नारायण कचेर से 50,000 रूपये 01 वर्ष के लिए उधार लिया जिसके बदले एक सालबाद 02,00,000 रूपये देने की लिखा-पढ़ी इससे करवाया था और यूनियन बैंक की चेकबुक वएसबीआई की चेकबुक में हस्ताक्षर करवाकर अपने पास रख लिया था। दोनों बैंकों का एटीएमभी अपने पास रख लिया था। इसने वर्ष 2020 में नारायण कचेर का 2021.05.2518:2Bवापस कर दिया था। उधार का पैसा वापस करने के बाद भी नारायण कचेर ने इसके दोनोंएटीएम से 3,50,000 रू0 निकाल लिये। पैसा वापस मांगने पर बोलता है कि तुम्हारा पैसाब्याज में कट गया है। तुम्हें और 4,00,000 रूपये देने पड़ेंगे। शिकायत करने पर कानूनीकार्यवाही की धमकी देता है और 4,00,000 रूपये का नोटिस दे दिया है। आरोपी नारायणकचेर के द्वारा दिशा-निर्देश देकर अपने भतीजे लालबहादुर कचेर के माध्यम से इसके खातेसे एटीएम के जरिये पैसा निकलवाता था जो आज वह भी इसकी मदद करना चाहता है तथागवाही देने को भी तैयार है। पीड़ित के अनुसार आरोपी नारायण कचेर इसी तरह पचासोंलोगों को ब्याज में पैसा देकर उनके पासबुक एटीएम व चेक अपने पास रखे गए हैं वहअपनी मर्जी से शपथ पत्र बनवाकर अपने पास रख लेता है। पीड़ित के अनुसार आरोपीनारायण कचेर 50,000 के बदले साढे तीन लाख रूपये एटीएम के जरिये निकलवा चुका हैतथा 50,000 नगद भी ले लिया है और 4 लाख रूपये और देने के लिए नोटिस भेजा है।आरोपी नारायण कचेर इसी प्रकार अपनी सूदखोरी की दुकान चलाकर अमलाई,धनपुरी के कईकॉलरी श्रमिकों को अपने जाल में फंसाकर उनकी खून-पसीने की मेहनत की कमाई घर बैठेलूट रहा है। पीड़ित की षिकायत पर थाना अमलाई में आरोपी नारायण कचेर के विरूद्ध धारा3/4 म0प्र0 ऋणियों का संरक्षण अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरानआरोपी से पूछताछ की गई तथ जुर्म स्वीकार करने पर उसके कब्जे से 46 बैंक पासबुक,विभिन्न बैंकों के 13 एटीएम, 06 व्यक्तियों के शपथ-पत्र, 09 व्यक्तियों के चेक बुक एवं
हस्ताक्षर युक्त 23 चेक जो विभिन्न बैंकों के हैं। इसके साथ ही आरोपी द्वारा संपर्ण सूदखोरी
के दौरान बांटे गए कर्ज का लेखाजोखा जिस रजिस्टर में लिखा है उसे भी पुलिस ने आरोपी
के कब्जे से जप्त किया है तथा उसके मोबाईल को भी जप्त कर पुलिस आगे की विवेचना
कर रही है। आगे विवेचना के दौरान जप्त किये गए दस्तोवजों के आधार पर छानबीन कर
अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
थाना खैरहा में फरियादी रामकरण विश्वकर्मा पिता काषी विष्वकर्मा उम्र 61 साल
निवासी चौराडीह के द्वारा थाना उपस्थित होकर चलाये गए अभियान के आधार पर विश्वास
करते हुए सूदखोर रामसुमन जायसवाल एवं उसके लड़के बृजकिशोर के विरूद्ध लिखित रिपोर्ट
दर्ज कराया कि कॉलरी में नौकरी करने के उपरांत यह वर्तमान में सेवानिवृत्त है। वर्ष 2011 में
अपनी आवश्यकता के लिए सेवा के दौरान ही सिरौंजा निवासी रामसुमन जायसवाल से
60,000 रूपये उधारी लिया था और उधारी पटाने के लिए 5,000 रूपये प्रतिमाह अदा करता
था। वर्ष 2014 तक इसी तरह पैसा अदा करता रहा। किन्तु 2014 में तबियत खराब होने पर
1,40,000 रू0 का कर्ज पुनः रामसुमन जायसवाल से उधार लिया और गारंटी के तौर पर दो
खाली चेक दिया था और नोटरी कराया था। तबियत ठीक होने के बाद 10 हजार रूपये
प्रतिमाह की दर से वापस करने लगा। मार्च 2019 तक इसने 10हजार रू0 प्रतिमाह रामसुमन
व कभी-कभी उसके लड़के बृजकिशोर को अदा किया था। मय ब्याज के पूरा पैसा अदा करने
के बाद जब इसने रामसुमन जायसवाल से अपने दोनों चेक व नोटरी वाला कागज मांगा तो
उसने कहा कि बाद में आकर ले जाना और उसन वापस नहीं किया। दिनांक 21.03.21 को
रामसुमन व उसका लड़का बृजकिशोर करीब 03 बजे दोपहर इसके घर में आये। ये अपनी
पत्नी विमला व पुत्र रामप्रसाद के साथ अपने घर के बाहर बैठा था तो दोनों पिता पुत्र
आरोपीगणों ने बोला कि ब्याज का 06 लाख रू0 तुम और दो इसने कहा कि जो कर्ज का
पैसा लिया था उसे ब्याज के चुका दिया हूँ। तभी दोनों लोग मां-बहन की बुरी-बुरी गाली
दिये और धमकी दिये कि अगर ब्याज का पैसा 6 लाख रूपये नहीं पहुंचाये तो घर से उठाकर
जान से मार देंगे। पीड़ित की रिपोर्ट पर दोनों पिता पुत्र के विरूद्ध धारा 294, 506, 34 भादवि
3/4 मप्र ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपीगणों के
कब्जे से पीड़ित के दोनों चेकबुक, शपथपत्र तथा लेन-देन का रजिस्टर जप्त किया गया है
तथा विवेचना की जा रही है।
इस प्रकार जिले के संवेदनषील पुलिस अधीक्षक के कुषल मार्गदर्षन में चलाये
गए सूदखोरों के विरूद्ध इस अभियान में धनपुरी एसडीओपी श्री भरत दुबे, उप पुलिस अधीक्षक
सुश्री सोनाली गुप्ता, उप पुलिस अधीक्षक सचिन धुर्वे, निरीक्षक महेन्द्र सिंह चौहान, उनि
रत्नांबर शुक्ला, उनि विकास सिंह, उनि उमाशंकर चतुर्वेदी, उनि सुभाष दुबे, उनि आराधना
तिवारी, उनि प्रदीप द्विवेदी, उनि राजदेव मिश्रा, सउनि राकेश मिश्रा, सउनि दिलीप सिंह,
सउनि राकेश बागरी तथा थाना धनपुरी, अमलाई एवं खैरहा का स्टॉफ के अलावा मुख्यालय से
बुलाये गए अधिकारी/कर्मचारी की भूमिका रही है। जप्त किये गए दस्तावेजों के आधार पर
आगे की विवेचना की जा रही है। पुलिस अधीक्षक शहडोल की तरफ से समूचे जिले के
वासियों को सूचित किया जाता है कि जिले के या जिले से बाहर के ऐसे सूदखोर यदि किसी
को भी उपरोक्त प्रकार से परेषान कर उनकी कमाई का हिस्सा वसूल रहे हैं, ऐसे व्यक्तियों के
विरूद्ध कार्यवाही के लिए शहडोल पुलिस तत्पर है और अपेक्षा करती है कि पीड़ित सामने
आकर अपनी पीड़ा बतायें।
उपरोक्त समस्त सूदखोरों से भारी मात्रा में आदिवासियों एवं अन्य गरीब कॉलरी
में काम करने वाले कर्मचारियों के हस्ताक्षरित ब्लैंक चेक, बैंक चेक बुक, पास बुक, एटीएम,
ऋण पुस्तिका एवं अन्य दस्तावेज जप्त किये गए हैं। जिसके आधार पर विवेचना के दौरान
यह पाया गया कि बहुत अधिक संख्या में भोले-भाले आदिवासी , अन्य कर्मचारियों व व्यक्तियोंको बड़े संगठित रूप से उपरोक्त सूदखोरों द्वारा न केवल ठगा गया बल्कि उन्हें आजीवनआर्थिक रूप से बंधुआ बना लिया गया । पुलिस के द्वारा ऐसे ठगे हुए व्यक्तियों की सूचीबनाई जा रही है एवं अपनी कार्यवाही से सूदखोरों के चंगुल से स्थाई रूप से मुक्ति दिलवाईगई।सभी सूदखोर आरोपियों के विभिन्न बैंकों में बैंक खाते सीज कर दिये गए हैं।उपरोक्त बैंक खातों में जमा रकम से भी पीड़ित व्यक्तियों की हुई क्षति की भरपाई कीजावेगी।
आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरोजाबाद थाना कार्यप्रणाली को लेकर सूदखोरी का उठा मुद्दा नरोजाबाद थाना अंतर्गत पाली के सूदखोर उमेश सिंह के द्वारा करीब 17 लाख रुपए सूदखोरी में हड़प लिए जाने का मुद्दा उठा जिसमें एक आदिवासी सेवानिवृत्त कॉलरी कर्मचारी केवल सिंह से मात्र ₹30000 ब्याज में लिए जाने के बाद सूदखोर द्वारा एटीएम रख लिया गया और पूरी राशि जो सेवानिवृत्त पर उसे करीब 17 लाख रुपए मिली थी एटीएम से निकाल ली गई उमेश सिंह द्वारा 2011 से अपने साथ हुए धोखाधड़ी के शिकायत नरोजाबाद थाने में करने के बाद भी उसे कोई राहत नहीं मिली के बाद थाना में जो भी अधिकारी आए उन्होंने कुछ हजार रुपए देकर समझौता बना कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया किंतु मामला अनुसूचित जाति आयोग के पास पहुंच जाने के बाद पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है अब जबकि शहडोल में सूदखोरी पर बड़ा अटैक हुआ है देखना होगा संज्ञान लिए जाने पर पुलिस महा निरीक्षक संबंधित थाना के दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सूदखोरी को बढ़ावा दिए जाने पर क्या कार्यवाही करते देखते हैं ज्ञातव्य है सूदखोर उमेश सिंह पूरे क्षेत्र में कथित तौर पर लाइसेंस होल्डर सूदखोर के रूप में अपना दबदबा बनाया हुआ है
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, शहडोल जोन द्वारा उपरोक्त कार्यवाही की सराहना करते हुए पूरी टीम को 30,000 रूपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
गरीब और भोले भाले कोलियरी कर्मचारी ये कथन हास्यास्पद है,कोलियरी कर्मचारी के एक साधारण मजदूर का भी वेतन 60000=00Rs महीना है,तो क्या कारण है की वो ब्याज पर पैसा लेने को मजबूर है,कर्ज लेने के पीछे का उचित कारण भी जानना जरूरी है।
जवाब देंहटाएं