गुरुवार, 10 सितंबर 2020

कचरा प्रबंधन एक समस्या और उसका निदान (त्रिलोकीनाथ)

 

मिशन सकारात्मक सोच....3

 नगरपालिका संरक्षण कोविड-19   नागरिक को... 


कोविड-19 व्यक्ति को कंगना जैसी सुरक्षा कैसे मिले....?


कचरा प्रबंधन एक समस्या और उसका निदान ...

                       (त्रिलोकीनाथ)

 तो नगरपालिका परिषद शहडोल के द्वारा कचरा कलेक्शन करने वाले वाहन के चालक ने कोरोना प्रमाणित/प्रभावित परिवार को सलाह दी

" भाई साहब आज कचरा डाल दीजिए, लेकिन कल से कचरा मत डालिए।  गाड़ी के अंदर। हमें अधिकारियों ने कहा है कि जहां भी कोरोना वाली यह "लाल फ्लेक्सी" लगी है उनके परिवार का कचरा गाड़ी में मत डलवाना ।"

 वह चालक नगरपालिका परिषद की प्रशासनिक कार्य प्रणाली की जमीनी इकाई है जो यह प्रदर्शित करती है कि पालिका परिषद कोरोना कोविड-19  से प्रमाणित/ प्रभावित संक्रमित व्यक्ति और उसके परिवार के बारे में क्या आवश्यक प्रक्रिया अपना रही है। निश्चित तौर पर कचरा वाहन के चालक के द्वारा बताए गए सलाह के अनुसार कम से कम यह तो प्रदर्शित होता ही है कि पालिका परिषद के लोग कोरोना कोरोनावायरस पर संवाद आपस में कर ही रहे हैं।

 किंतु वाहन चालक ने उस प्रभावित परिवार के व्यक्ति को यह नहीं बताया की "लाल-फ्लेक्सी" में कंटेनमेंट एरिया प्रदर्शित करने वाले परिवार का कचरा, आइसोलेशन के दौरान जो एकत्र होगा उसका प्रबंधन वह परिवार कैसे करें  .....?

इस घटना से जो समस्याएं चिन्हित हुई है उसको समझ ले ......

1- प्रत्येक परिवार में कचरा इकट्ठा होता है जो वह पहले बाहर फेंक दिया करता था नगर पालिका परिषद के लोग उसको कलेक्ट करते थे।

2- जब से कचरा कलेक्शन के वाहन आने लगे कचरे को एकत्र करके वाहन में डालता था।

3- यदि 14 दिन का कचरा कोरोना प्रभावित परिवार अपने घर में रखेगा तो उसका प्रबंधन वह किस प्रकार से करेगा ....? इसके बारे में पालिका परिषद का प्रबंधन कोई दिशा-निर्देश नहीं देता है।

4- इसका अर्थ यह भी होता है की नगरपालिका परिषद भी इस बीमारी को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की तरह "दैवी-आपदा" समझ कर के प्रभावित परिवार को भगवान भरोसे छोड़ देता चाहती है ..? 

      अन्यथा वह इस व्यवस्था में इसको शामिल करती कि आखिर 14 दिन का कचरा का प्रबंधन प्रभावित परिवार कैसे करेगा....?

5- कोरोना प्रभावित परिवार और व्यक्ति के लिए बनाए गए प्रबंधन में नगरपालिका परिषद उस व्यक्ति के घर में कंटेनमेंट एरिया के लिए एक फ्लेक्सी के जरिए यह सार्वजनिक जानकारी देती है कि इस परिवार से दूरी बनाकर रखी जाए ताकि कोरोनावायरस का संक्रमण ना हो सके ।

6-  किंतु संक्रमित प्रमाणित परिवार के लिए, उसके आसपास की सुरक्षा के लिए, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए क्या क्या सुविधाएं पालिका परिषद क्षेत्र में कर रही है...? यह भी वाहन चालक अथवा पालिकापरिषद द्वारा प्रभावित परिवार को लिखित अथवा मौखिक नहीं बताया जाता  ताकि नागरिक अपनी तथा समाज की सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सके।

7- यह भी देखा गया है कि न्यूनतम संसाधन नियमित रूप से ब्लीचिंग पाउडर, सैनिटाइजेशन , मास्क आदि के द्वारा क्या स्वास्थ्य वर्धक सुरक्षा हेतु मनोवैज्ञानिक प्रदर्शन किया जाता है ?शायद नहीं, क्योंकि होता नहीं दिख रहा है।

8- तो क्या इसके लिए नगर पालिका परिषद एक "लालफ्लेक्सी" लगाकर आम पब्लिक के बीच में कोरोना प्रभावित व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए यह लाल फ्लेक्सी लगाती है...? अन्यथा  चिन्हित संक्रमित व्यक्ति के आसपास अतिरिक्त एहतियात बरतने की संदेश आत्मक कार्यवाही की जाती।

10- क्या पालिका परिषद प्रत्येक प्रमाणित और प्रभावित संक्रमित व्यक्ति के सामाजिक व मनोवैज्ञानिक प्रभावों को दूर करने के लिए परिषद की आवश्यक बैठक करके कोई दिशा निर्देशक ऐसी कार्यवाही करेगी, जो न सिर्फ 14 दिन तक संक्रमित परिवार के कचरा का कलेक्शन का निराकरण कर सके। बल्कि अन्य प्रकार से संक्रमित परिवार के लिए सामाजिक वा मनोवैज्ञानिक सम्मान से भी बचा कर रखा जा सके।

 संभावित प्रयास जो सबसे अच्छे कदम किए जा सकते हैं-

1 यह है कि पालिकापरिषद प्रत्येक संक्रमित परिवार को सूचीबद्ध तरीके से एक दिशा निर्देशक प्रपत्र संक्रमित व्यक्ति की सुरक्षा के लिए दे कि वह क्या आवश्यक कदम उठाए।

2- कम से कम संक्रमित परिवार के लिए सैनिटाइजर और मास्क गणना के हिसाब से उनके घर पर पहुंचाएं।

3- कचरा कलेक्शन हेतु विशेष वाहन द्वारा विशेष पॉलिथीन मैं कलेक्ट करने का निर्देश दें। और उस पॉलिथीन को विशेष तरीके से एकत्र करके शहर के बाहर एक अलग स्थान पर उसका निस्तारण करें।

4-एक काम यह भी हो सकता है की सैनिटाइजर मांस और ब्लीचिंग पाउडर प्रमाणित प्रभावित संक्रमित परिवार के लिए क्षेत्रीय विधायक अपने फंड से प्रत्येक नगरपालिका को कम से कम ₹10000 प्रेषित करें और जब जब उसका उपयोग हो तब तब उसकी जानकारी व्हाट्सएप के जरिए विधायक अपने पास उसे एकत्र करें बेहतर तो यह भी हो सकता है कि प्रभावित प्रमाणित परिवार को उपयोग की गई धनराशि की जानकारी प्रेषित की जाए ताकि क्या वह लाभार्थी के रूप में उसका उपयोग कर पाया यह विधायक के संज्ञान में या सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में दर्ज हो सके

 5- अन्य उचित प्रबंधन जो परिषद  तय कर सके   

तोक्या हमारी नगरपालिका परिषद यह कर सकने में सक्षम है...

अगर उसमें आर्थिक क्षमता का अभाव है तो सक्षम प्राधिकारी से अथवा क्षेत्रीय विधायक या सांसद के द्वारा निधि नियोजित करके कार्यों को संपन्न कर सकती है

 यह बात महत्वपूर्ण है कि जब पूरी नगरपालिका  के  अध्यक्ष और उपाध्यक्ष स्वयं इस संक्रमण की बीमारी के मनोवैज्ञानिक प्रभाव से जूझ रहे हैं तब भी क्या वह कोई सकारात्मक सोच का प्रदर्शन कर पाती है.......? बहुत शुभकामनाएं ईश्वर आपको सोचने और समझने की वह कार्य करने का साहस प्रदान करें।


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