इतिहास का मायालोक में एक जबरदस्त कैटवॉक..
अंदर और बाहर बना हुआ है युद्ध का माहौल
तो, अब कंगना बनाएगी एक और राम मंदिर
सत्ता के रेडकारपेट में कंगना ने
कैटवॉक कर दिया बाबर की सेना को चुनौती
(त्रिलोकीनाथ)
चलिए, दुनिया में भारत कोरोना का विश्व गुरु बनने जा रहा है याने उनके अच्छे दिन आ रहे हैं। तो इसी दौरान एक तरफ चीन से युद्ध के लिए राफेल तैयार है तो दूसरी तरफ अयोध्या में कोरोनाराम का विश्वव्यापी मंदिर बनने जा रहा है ।
इससे मुद्दा खत्म हो जाए यह बहुत नाइंसाफी है इसलिए अब मंदिर विवाद को जीवित रखना जरूरी है। तो बिहार का चुनाव भी जीतना जरूरी है और बंगाल का भी। रिया चक्रवर्ती बंगाली काला जादू चलाने में असफल है इसलिए जेल गई ।सुशांत राजपूत की मृतआत्मा की शांति के लिए बिहार का स्वाभिमान जाग गया । सुशांत के राज में कंगना रनौत इस रण में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका में प्रस्तुत की गई है ।
भारत की पत्रकारिता में पैदा हुआ "चमचा चैनल मीडिया" अपने मालिक के हुक्म से अलग अलग भाषा में जंगलराज कायम किए हुए हैं । सुशांत-रिया के रण में बाद कंगना के हाथ में तलवार के साथ चमचा-चैनल-मीडिया यानी "चीचीएम" ने अयोध्या के राम मंदिर विवाद को पीओके के साथ मुंबई में ट्रांसफर कर दिया है। इसका नया नाम है कंगना का राम मंदिर।
एक अदृश्य ताकत से चलने वाला ची ची एम ने कंगना के लिए अपनी बहादुर सेना इलेक्ट्रॉनिक चैनल कंगना की निर्मित "बाबर की सेना" के सामने लगा दिया है । कुछ इस प्रकार के स्क्रिप्ट लिखी गई है..... ।
क्यों
कि जहां राममंदिर होगा वहां बाबरी मस्जिद भी होगी अन्यथा मसाला सही फिट नहीं बैठेगा ।कुछ इसी अंदाज में पूरा ची ची एम अपने मालिकों के हुक्म का सेना के रूप में पालन करते हुए कर्तव्यनिष्ठा वा देश भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
इसे कोरोना की विश्व गुरु बनने की पूर्व की तैयारी भी मानना चाहिए ।ताकि भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपभोक्ता या भारतीय जनमानस जब कभी कोरोना की प्रताड़ना से व्याकुल होने वाला हो तो वह है समझ ले की राम मंदिर और बाबर की सेना में जितना उत्पाद भारतीय उपभोक्ताओं को पीड़ा के रूप में दिया है वह कोरोनाराम की पीड़ा के मुकाबले कम होगा या ज्यादा...?
क्योंकि कोरोना कोविड-19 कोई महामारी नहीं है बल्कि "दैवीआपदा" है तो करोना की भेजी गई देवी कंगना रनौत ने दावा किया है कि उसका राम मंदिर अगर गिराया है तो बाबर की सेना का घमंड भी वह तोड़ेगी।
दरअसल उन्हें लगता है कि "शिवसेना" बाबर की भेजी हुई 500 साल पुरानी सेना है जिसने पांच दशक पूर्व अयोध्या के राममंदिर को तोड़कर के कब्जा कर लिया था। मुंबई में कंगना के कार्यालय का कुछ हिस्सा टूटा तो मानो चमचा मीडिया चैनल की पूरी सेना ची-ची करने लगे कि कंगना पर हमला भारत की अस्मिता पर हमला है ।
और यह हमला इसलिए हुआ है कि जहां कंगना ने कार्यालय बनाया है वह पीओके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर है, मुंबई नहीं ।
तो जब उसे लगता है कि वह पीओके है तो उन्हें अपना कार्यालय वहां क्यों बनाना चाहिए अब पीओके में अगर राम मंदिर बनता है तो स्वाभाविक है बाबर को कष्ट देगा ही...? क्योंकि राम का जन्म पीओके में नहीं बल्कि अयोध्या में हुआ था ऐसा हिंदुत्व के लोगों ने बताया है।
और यह वही जगह है जहां की 5 तारीख को पंच दिव्या आत्माएं सशरीर उतर कर मंदिर के लिए पूजन कार्यक्रम की थी कोरोना काल में । यह भी एक अलग बात है कि अभी तक नकली शंकराचार्य के रूप में घोषित नहीं किए गए जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने इस मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को या उसकी तिथि को अशुभ बताया था। ऐसे में स्वाभाविक है कि राम वहां नहीं रहना चाहते तो कोरोनाराम के लिए वह मंदिर बनाया जा रहा है। ऐसा माना जाए।
इसलिए कि अब विवादित राम मंदिर और बाबर की सेना दोनों ही उच्च स्तरीय केंद्रीय सुरक्षा में मुंबई ट्रांसफर कर दी गई हैं याने सत्ता के कारपेट में कंगना का कैटवॉक मुंबई की ओर चला गया है
जहां अन्य सेना का महाराजा भी अपनी सहायता उन्हें पहुंचा रहा है।
अब तक यही समाचार मुंबई से आ रही है
शेष समाचारों के लिए आश्रय लीजिए देखते रहिए विजय आश्रम।
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