माफिया गिरी में चली गोलियां दोषी पुलिस की गिरफ्त में
रेत खदानों में माफियाओं की गोलीबारी ग्रामीण अंचल में पैदा कर रहा है
पर्याप्त रेत होने के बावजूद रेत पर एकाधिकार ने दिया माफियाओं का जन्म
बीते 15-16 साल में शहडोल में आमतौर पर 500 से ₹2000 तक अलग-अलग वाहन के हिसाब से मकान बनाने को शहडोल आदिवासी अंचल में रेत मिल जाया करती थी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की माने तो "अच्छे दिन आएंगे..." का जो नारा चला वह 15-16 साल में इस प्रकार का हो गया की भारी मात्रा में जगह-जगह नदी नालों में मिलने वाली रेत का एकाधिकार ठेकेदारों के हाथ में जा पहुंचा और फिर राजनेता और ठेकेदार मिलकर वर्तमान में ₹2000 की रेट को 12000 वसूलने लगे। यही कारण है कि पर्याप्त भंडार होने के बाद भी जमाखोरी जैसे हालात बन जाने के कारण रेत के कारोबार में कोयला अथवा अन्य दूसरे खनिज माफियाओं के मुकाबले बड़े माफिया 16 साल के अंदर भारतीय जनता पार्टी सरकार ने शहडोल ऐसे शांत क्षेत्र में पैदा कर दिया।
हाल की घटनाओं को देखें तो कई मामले रेत के कारोबार जुड़े लोगों के अपराध हैं उसका कारण यह भी है कि दूर जंगल में मिलने वाली रेत में खनिज माफिया खुली डकैती डालता है और बदतर हालात इतने बदतर हो गए के मामूली से माइनिंग अधिकारी महिला लगे हाथ एक इंस्पेक्टर महिला नाम मात्र का खनिज आमला के सहारे गैर कानूनी तरीके से करोड़ों अरबों रुपए का रेत की तस्करी शहडोल से उत्तर प्रदेश के लिए भी होने लगी। स्वाभाविक है संबंधित अफसरों के बंगले पर बंगले बढ़ते जा रहे थे किंतु उसका दूरगामी परिणाम यह हुआ कि शहडोल जैसा शांति प्रिय क्षेत्र दूर जंगलों में सुरक्षित ग्रामीण अंचल अब माफियाओं की गोलीबारी के अड्डे बनते जा रहे हैं।
क्योंकि रेत पर एक अधिकार करके उसकी कीमतें आसमान में चढ़ा दी गई हैं। स्वभाविक है माफियाओं का आकर्षण कम समय में ज्यादा पैसा कमा लेने के लिए इन रेत खदानों की ओर चल पड़ा है ।
एक तरफ जहां आम आदमी रेत पाने के लिए इन माफियाओं से मुलाकात करता है और खतरे मोल लेता है वहीं दूसरी ओर माफिया गिरी का झगड़ा ग्रामीण अंचलों में अन्य प्रकार की आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। इन्हीं में से एक गोहपारू थाना अंतर्गत रेत खदान नया अशांति का अड्डा बन रहा है। इसके पहले खनिज माफिया का स्वर्ग व्यवहारी क्षेत्र हुआ करता था जहां अब सब पुलिस और प्रशासन ठेकेदार तथा खनिज माफियाओं के साथ सब कुछ शांति व व्यवस्था के साथ रेत निकल रही है। जो राजस्व शासन के खजाने में शासन को मजबूत बनाने के काम आना चाहिए वह माफियाओं को मजबूत बनाने के लिए होता दिख रहा है। व्यवहारी में नए ठेकेदार के आने के बाद अवैध भंडारण की पहली चर्चा हुई क्योंकि वहां के माफिया से ठेकेदार के तालमेल ठीक नहीं थे । कमोबेश गोहपारू थाना क्षेत्र अंतर्गत यही होता दिख रहा है।
जिस खनिज माफिया को नए ठेकेदार ने संरक्षण दिया वह उन्हीं के लिए सिरदर्द साबित हो रहा था। ऐसा माना जाता है की खदानों को कभी यही पकड़े गए माफिया नुमा लोग चलाते थे अब कमाई हाथ से जाता देख नव धनाढ्य अपराधी ठेकेदार को आंख दिखाने लगे। नतीजतन पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और एक बड़ी कार्यवाही रातो रात हो गई । यह अलग बात है कि इस प्रकार की कार्यवाही में कभी पुलिस को जान माल का बड़ा खतरा उठाना पड़ सकता है ।सोने जैसी कमाई को लेकर बड़ी वारदातें लगातार हो रही हैं, एक तरफ रेत के दाम ऊपर चढ़े तो, उसी के साथ ही इस कारोबार में अब बड़े-बड़ों के नाम भी शामिल होने लगे, के द्वारा भुरसी में चलाई खदान के बारे में बताया गया
रेत खनन ठेकेदार के प्रतिनिधि ने
की रेत खदान ठेकेदार के क्प्रतिनिधि की माने तो
बीते दिवस कथित लोग नवागांव रेत भंडारण क्षेत्र में उन्हीं लोगों ने आतंक बनाने का काम किया जो इसी रेत खदान से जुड़े थेगिरफ्तार हुआ रेत का काम करने वाला अपराधिक विचारधारा का गिरोह
उपपुलिस अधीक्षक व्ही.डी. पाण्डेय ने घटना के संदर्भ में बताया कि रात्रि में जब यह घटना कारित हुई, उस समय रात्रि गश्त वाली टीम क्षेत्र में भ्रमण कर रही थी, सूचना मिलने के बाद हमने तत्काल ही दो टीमें बनाई और उन्हें रवाना किया।
ग्राम नवागांव के पास कथित बदमाशों के होने की सूचना मिली, जब पुलिस वहां पहुंची तो, उन्होंने पुलिस के ऊपर फायर भी किया, लेकिन पुलिस अधिकारियों की सूझबूझ से घेराबंदी कर कथित 8 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनमे शिवा नायक, गिरी नायक गिरधारी, रोहित नायक, अभिषेककुशवाहा, रोशन लाल यदाव, राजेन्द्र चौधरी, कमलेश यादव, अजय राठौर शामिल थे।उनके पास से दो कट्टे, दो बका, दो अन्य औजार के साथ ही चले हुए चार कारतूस के खोखे मिले हैं, आरोपियों के विरूद्ध 399, 402, 307 , 25, 27 आम्र्स एक्ट कायम किया गया है।
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