गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

चुनाव आयोग का ऐतिहासिक सबसे बड़ा झूठ ...?

चुनाव आयोग का ऐतिहासिक सबसे बड़ा झूठ ...?

                  (त्रिलोकी नाथ )
चुनाव आयोग की इतिहास में स्वर्णिम हस्ताक्षर सिर्फ एक शख्स थे, उनका नाम था टी एन सेशन और इसकी ऊंचाई ने चुनाव आयोग की शायद चरम ऊंचाई की पदवी हासिल कर ली थी, इसके बाद जो पतन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई  वह  भारत की जीडीपी से कमजोर नहीं है......  

ठीक इसी आधार पर चुनाव आयोग का यह बयान,  वह भी वर्तमान सत्ता के  परिवेश में  सबसे बड़ा झूठ माना जा सकता है।  क्योंकि  सब जानते हैं  लाख के ऊपर आदमी मर गए है कोरोना इन डिस्ट्री में। भारत दुनिया का सर्वाधिक बड़ा संक्रमित राष्ट्र अघोषित तौर पर स्थापित है। इसकेेे बावजूद भी तथा कथित लोकतंत्र के लिए विधायिका को जीवित रखने के नाम पर चुनाव कराना एक औपचारिकता केेे रूप में सामने आया है। जब ढेर सारी तानाशाही दबे पांव भारत पर कब्जा कर ली है ऐसे में मृत्यु का तांडव  देने वाली  कोरोना इंडस्ट्री  के दौर में  चुनाव कराना चुनाव आयोग का सबसे बड़ा मजाक था । जिसे वह  कोर्णाक आल से हटकर  ऐतिहासिक निर्णय लेकर  अपनी बात को बजन दे सकती थी यह करने की बजाय चुनाव आयोग का यह बयान नहले पर दहला अथवा कहना चाहिए करेला ऊपर से नीम चढ़ा जैसा प्रतीत होता है।

 एक ऐसा चुनाव आयोग की इतिहास का सबसे बड़ा झूठ जो सार्वजनिक तौर पर भारत की जनता पर ऊपर थोपा जा रहा है जिसे जनसत्ता जैसे अखबार ने लीड न्यूज़ ही बनाया है कि सोशल डिस्टेंसिंग  ना मानने पर कड़ी कार्यवाही होगी  जबकि  जैसे चुनाव चालू हुए हैं  तब से लॉकडाउन के जरिए ही 5,10,50 बढ़ाकर 100 लोग को जमा करके चुनाव का रंग चढ़ाने का काम हुआ।  जनता जनार्दन  कोरोना के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं ऐसे में 2 गज की दूरी कि यह हेडिंग अगर चुना तो इसे प्रधानमंत्री नरेंद्रर मोदी, मोदी की भाजपा  का चुनाव मंत्र  के रूप में ब्रांडेड वाक्य संबंध नहीं हैै। और यह बात खुुुुुुद चुनाव आयोग चुनाव मे क्यों कहा,  फिर क्या क्या कारण है आयोग ने भारत की जनता पर ठोकने वाला झूठ बोला...?

 यह भी चुनाव आयोग की संस्थागत पतन का प्रमाण है ऐसे मेंं यदि उन्हेंं स्वयं को साबित करना है तो कार्यवाही भी करके दिखाना चाहिए और फिलहाल ऐसी कोई उम्मीद  चुनाव आयोग से करना  अंधेरे में तीर मारना जैसा है?

  फिर भी उनकी सोच  जिंदा है  इसके लिए उन्हें बहुत बधाई ..... और शुभकामनाएं कि लोकतंत्र के लिए कर्तव्यनिष्ठ बन सके....

अपडेट 23 अक्टूबर 20

 चुनाव आयोग के निर्देश के अनुरूप  कि ग्वालियर  हाई कोर्ट पीठ में  समुचित न्याय पारित किया है ।किंतु देश में कोरोना के लाने के लिए जिम्मेवार मध्यप्रदेश की राजनेता इसे नहीं मान रहे है और बिहार के समकक्ष आपदा निमंत्रण के लिए न्याय मांगने हेतु सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहेे हैं.....

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