गुरुवार, 9 जुलाई 2020

वाह,चौबेपुर के दुबे जी.., अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है...

अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है.....
महाकाल उज्जैन में समर्पण करने पहुंचा था विकास ....
दरवान ने कहा कोई माफी नहीं..











                 (त्रिलोकीनाथ)
 बिहार के पुलिस महानिदेशक बहुत गुस्से में है कोई पांडे जी हैं याने ब्राह्मण हैं चुकी शीर्ष पद पर हैं तो कर्तव्य भी है चाहे जितना भी हो..। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी जी  जब से आए हैं  तब से एनकाउंटर इंडस्ट्री  अपराधियों के खिलाफ खोली और तहलका मचा दिया । हालांकि वे  अकेले नहीं हैं,  उत्तर प्रदेश में  तहलका तब भी मचा,  जब  ददुआ डकैत  को  दलित मुख्यमंत्री  मायावती  की माया से  अदृश् कोरोनावायरस की तरह  रहने वाले, अपने ददुआ  की हत्या करवा दी थी, इसे बध भी कहा जा सकता है । तो यह उत्तर प्रदेश की फितरत है वक्त बदलने के साथ दलित मायावती की माया के बाद हिंदुत्व के योगी जी ने अपने तरीके से अपराधियों का समन किया....।
  एक खबर- महाकाल के दरबार में आत्मसमर्पण करने पहुंच गए विकास को दरबान ने पकड़ाया शिवराज ने कहा हर किसी को माफ नहीं करते महाकाल  

  
        यही है विकास..........
किंतु जब उनके हिसाब से सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था तभी चौबेपुर की दुबे जी अपराध की दुनिया में चमकता सितारा के रूप में आधीरात के   वैसे ही चमके जैसे ईसा मसीह के जन्म में एक सितारा चरवाहे के यहां जाता लोगों ने देखा, ऐसे ही चमके जैसे रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण भगवान रात को इसी आज के उत्तर प्रदेश के मथुरा की जेल में तब प्रकट हुए थे । 
    दुबे जी की माताराम जो वयोवृद्ध हैं उनकी बातें सुने तो, गोलियों की बौछार हैं उनके आंगन में दहशत भर रही थी। कुछ इसी प्रकार से प्रशासन के खिलाफ बगावत का अंदाज अपने चौबेपुर थाने के दुबे जी ने पुलिस के खिलाफ दिखाया। 8 पुलिस वाले शहीद हो गए । दुबे जी अपनी सेना सहित दुम दबाकर रात के अंधेरे में भाग निकले। ऐसे ही भाग निकले जैसे रात को दिल्ली की तबलीगी जमात के मुखिया से जब देश के सुरक्षा सलाहकार मिलने गए याने समझाने गए, उसके बाद जमात प्रमुख जो गायब हुए आज तक नहीं मिले। आज के सर्वशक्तिमान शासन में दिया तले अंधेरा हो गया। तो फिर चौबेपुर के चौबे जी नहीं दुबे जी यानी 50% "आधा जी" किसी टूटते सितारे की तरह ढेर सारी चमक के साथ गायब हो गए। 
      तो जब से योगी जी आए हैं एनकाउंटर इंडस्ट्री में लगता है चौबेपुर थाने को लिखना भूल गए थे या फिर अपना चौबेपुर था अपने दुबे जी थे...?
     बहरहाल "खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे" के स्टाइल में दुबे जी के कथित संरक्षण में रह रहे तथाकथित परिवार जिनमें उनकी वयोवृद्ध माता भी हैं जिनका कहना है कि दुबे जी को निपटा दो याने उनके लड़के को एनकाउंटर कर दो। वे सब के सब प्रताड़ित हो रहे हैं, अभी तक संरक्षित  थे ।शायद इसीलिए योगी जी की इंडस्ट्री में आंकड़ों की शोभा नहीं बना पाए। अथवा वे चौबेपुर की दुबे जी थे विकास। 
     हां यह वही प्रतीकात्मक विकास है जिसका राग लंबे समय से कम से कम भारत की विधायिका के अंदर विकसित हो रहा था। आज भी संरक्षित है, विकसित है ,पल्लवित है और "सबका साथ-सबकाविकास" के रूप में हो ही रहा होगा। यह अलग बात है की विधायिका का यह निर्विकार शब्द "विकास" जो कहीं खो गया था साकार रूप में चौबेपुर थाने में मध्य रात्रि को उदित हुआ।
     कहते हैं ₹25000 की ढूंढ कर लाने वाले को दी जाने वाली इनाम की राशि अब ₹500000 कर दी गई है क्योंकि विकास कम से कम इतना विकसित तो हो ही गया है। तब फिल्म शोले में गब्बर सिंह ने कहा था कितना इनाम रखे हैं सरकार हम पर और शांभा ने बताया था "सरकार, ₹50000" इतना सस्ता डकैत अब वक्त के साथ कीमती हो गया है । आखिर विकास है उसे विकसित होना ही था, 5 लाख हो गया इसके बावजूद कि वह चौबेपुर का आधा है यानी दुबे जी है यही चौबे जी होता हो  तो इनाम की राशि आज के हिसाब से 1000000 होती। 50,000 रुपया तोला तो सोना ही हो गया है। 
     तो विकास सबका हुआ है हमारे शहडोल में भी एक अंतर्जातीय और अंतरराज्यीय भी विकास दुबे जी बनकर खुल्लर साहब के यहां कहते हैं प्रेम विवाह किया था मेघदूत का शाकुंतलम् यही लिखा था अब वह प्रेम विवाह या गंधर्व विवाह जो भी कहें हमारे बुढार वासी लोगों को विकास दुबे के कारण कानपुर पुलिस एसटीएफ उत्तर प्रदेश का मेहमान बनना पड़ रहा है कि बताओ विकास कहां है.. और खुल्लर साहब जैसे कह रहे हैं वे राजा दुष्यंत को नहीं पहचानते...., खुल्लर साहब बता भी रहे हैं कि 10 साल पहले हम देखे थे विकास को। लेकिन पुलिस कहती है नहीं आज बताओ, अब कहां से ढूंढ कर लाए खुल्लर साहब विकास को,
    6 साल से भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास ढूंढते ढूंढते तो अभी तक नहीं ढूंढ पाई है ...कि विकास कहां है, और कोरोनावायरस आ धमका।
    जैसे अदृश्य अपराधिक शक्ति का चौबेपुर में दुबे जी के रूप में अवतार हो गया हो प्रशासन परेशान हैं कि कोरोनावायरस से निपटा जाए या फिर दुबे जी से याने विकास से । यही समस्या विकास दुबे की परिवार के साथ भी है सगे संबंधियों के साथ भी है हां कहते हैं उनकी पत्नी उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य भी हैं तो उन्हें भी पुलिस ने उठा लिया है ।इंग्लैंड में विकास का पुत्र भी रह रहा है ठीक वैसे ही जैसे अपना विजय माल्या और तमाम भगोड़े मोदी जी.... आदि तो उस तक हमारे प्रशासनिक तंत्र का हाथ कितना विकसित होता है.., यह तो स्वयं विकास भी नहीं बता पाएंगे। क्योंकि अभी वे ₹500000 के इनाम वाले अपराधी हैं। जब तक इस विकास के अंतरराष्ट्रीय विकास को 50000000 पर तब का इनाम धारी ना बना दिया जाए तब तक वह अपने ओसामा जी, जी हां ठीक देख रहे हैं आप, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ओसामा जी की तरह किसी अफगानिस्तान की सुरंग में चूहे की तरह तुम दबाए बैठे रहेंगे।..( जारी भाग 2 में)
     


 

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