TOP10 at 8PM 29.6.20
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भारत चीन के मध्य सीमा पर जारी तनाव के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र की राजग सरकार से कहा कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त दान को वह उन्हें वापस कर दे. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कैप्टन ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ संघर्ष के लिय स्थापित पीएम केयर्स फंड में कुछ चीनी कंपनियों से भी दान प्राप्त हुये हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चीन के खिलाफ हमें सख्त रूख अपनाना चाहिये. मुझे नहीं लगता कि जब हमारे लड़के (सैनिक) मारे जा रहे हैं तब हम चीनी (कंपनियों से) पैसा ले सकते हैं.’ लद्दाख में 15—16 जून की दरम्यानी रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. मुख्यमंत्री ने कुछ चीनी कंपनियों के नाम भी लिये जिन्होंने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है. उन्होंने कहा, ‘सवाल यह नहीं है कि कितना पैसा आया है. ऐसे समय में, जब वे (चीन) कोविड के लिये और मेरे देश के खिलाफ आक्रामकता के लिये जिम्मेदार हैं, तो चीनी कंपनियों से हम एक रुपया भी नहीं ले सकते हैं.’ कैप्टन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह वह समय है जब हमें चीनी कंपनियों से प्राप्त धन, को उन्हें वापस लौटा देना चाहिये. भारत को अपनी देख रेख करने के लिये चीन के पैसों की आवश्यकता नहीं है.’
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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को जोर दिया कि कोई भी सिखों के लिए अलग राज्य नहीं चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार के हालिया बयान को खारिज कर दिया कि अगर सरकार खालिस्तान की पेशकश करती है तो सिख समुदाय उसे स्वीकार कर लेगा।
सिंह यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान खालिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, “देश में रहने वाले सिख खुशहाल जीवन जी रहे हैं। वे क्यों खालिस्तान चाहेंगे? कोई यह नहीं चाहता और मैं भी यह नहीं चाहता।’’उन्होंने कहा कि हर सिख हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए खड़ा रहा है।सिंह ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां कितने सिख सैनिक हैं? वे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। हम अपने देश के लिए लड़ते हैं और यह हमारा देश है।” अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छह जून को कहा था, "अगर सरकार पेशकश करती है तो सिख समुदाय सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान को स्वीकार कर लेगा।"
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सिंह यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान खालिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, “देश में रहने वाले सिख खुशहाल जीवन जी रहे हैं। वे क्यों खालिस्तान चाहेंगे? कोई यह नहीं चाहता और मैं भी यह नहीं चाहता।’’उन्होंने कहा कि हर सिख हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए खड़ा रहा है।सिंह ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां कितने सिख सैनिक हैं? वे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। हम अपने देश के लिए लड़ते हैं और यह हमारा देश है।” अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छह जून को कहा था, "अगर सरकार पेशकश करती है तो सिख समुदाय सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान को स्वीकार कर लेगा।"
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भाजपा द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं और पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है.पीएम केयर्स कोष का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि खबरों के मुताबिक 20 मई तक इस कोष में 9,678 करोड़ रुपये आए थे. … क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे कि 2013 में चीनी शत्रुता के बावजूद उन्हें इस कोष में चीनी मदद क्यों मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि इस विवादास्पद कोष में हुवेई ने सात करोड़ रुपए, टिकटॉक ने 30 करोड़ रू, पेटीएम ने 100 करोड़ रू, शियोमी ने 15 करोड़ रुपए और ओप्पो ने एक करोड़ रुपए दिए |सिंघवी ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सबसे ज्यादा चिंताजनक और सतर्क करने वाला तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कंपनियों से अपने (व्यक्तिगत नजर आने वाले) पीएम केयर्स कोष में दान की रकम प्राप्त की.” उन्होंने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री चीनी कंपनियों से विवादास्पद और अपारदर्शी तरीके से सैकड़ों करोड़ रू का दान स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीनी आक्रामकता के खिलाफ देश की रक्षा कैसे करेंगे?
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया और महामारी के समय इस वृद्धि को तत्काल वापस लेकर देश की जनता को राहत प्रदान करने का नरेंद्र मोदी सरकार से सोमवार को आग्रह किया. कहा, ”एक तरफ कोरोना महामारी के कहर और दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने देशवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है. आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतें 80 रुपए प्रति लीटर के पार चली गई हैं.”जिससे उसने करीब 18 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ”25 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के बाद पिछले तीन महीनों में मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाईं. सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर भी सालाना लाखों करोड़ रुपए कमाने का काम किया. यह सब तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कम हो रही हैं.”
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आज ठीक हुए मामलों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर बढ़कर 1,11,602 हो चुका है। अब तक, कोविड-19 के 3,21,722 रोगियों को ठीक किया जा चुका है। मरीजों के ठीक होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। कोविड-19 रोगियों के यह रिकवरी दर, आज बढ़कर 58.67% तक पहुंच चुकी है।पिछले 24 घंटे के दौरान, कुल 12,010 कोविड-19 के रोगी ठीक हो चुके हैं।वर्तमान समय में, कुल 2,10,120 सक्रिय मामले हैं और सभी सक्रिय मामले चिकित्सा निगरानी के अंतर्गत हैं।
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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन को दिया गया मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भोपाल, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। मध्यप्रदेश में मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली प्रदेश भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार होना बाकी है।
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डीजल के दाम नई ऊंचाई पर, लगातार 22वें दिन बढ़े दाम नयी दिल्ली, पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि का सिलसिला लगातार 22वें दिन भी जारी रहा। डीजल के दाम सोमवार को 13 पैसे बढ़कर 80.53 रुपये प्रति लीटर की नई ऊंचाई पर पहुंच गये। पिछले तीन सप्ताह में डीजल के दाम में कुल मिलाकर 11.14 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है।
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जमुना कोतमा AICC के सर्कूलर के मुताबिक भारतीय युवा कांग्रेस के निर्देशानुसार आज पसान नपा क्षेत्र अनूपपुर मे युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुड्डू चौहान के नेतृत्व मे आटो एवं मोटरसाईक को पैदल धकलते हुये आटो स्टेंट से मजदूर चौक होते हुये गोलबाजार का भ्रमण कर रैली का समापन चौक मे किया गया
इस दौरान नरेन्द्र मोदी मुर्दाबाद शिवराज सिंह मुर्दाबाद के नारे लगते रहे तथा पेट्रोल डीजल के दाम कम करने के लिये भी आवाज बुलंद कि जा रही थी, कार्यक्रम मे आटो को रस्सी से खींचा जा रहा था और बाईक को पैदल चलाया जा रहा था जो बाजार मे लोगों का ध्यान आकर्षण का कारण बना हुआ था, कार्यक्रम के आयोजक मानवेंद्र मिश्रा के साथ कार्यक्रम मे रफी अहमद आशीष मिश्रा अमित सिंह चंदन सिंह अमित सिंह टोनू चरकु मिश्रा अंकित सोनी बिलाल खान बिलाल हुसैन शिरीष मिश्रा बलराम केवट जितेंद्र निषाद ऋषि कांत जाहिद सोहेल खान विनय शुक्ला इब्राहिम खान अनिल कहार तन्नू इकरार राजेश कोल गौरव नामदेव हिमांशु सद्दाम सैफी खान विकास तोमर आशुतोष ताम्रकार शिवम शराब ताहिर हुसैन मयंक जैन शनील जैन सिफत मंसूरी गौरव नामदेव शिबू गौरव नामदेव।
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17 जून 20 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के कार्यालय से एक पत्र जारी हुआ जिसमें शिक्षकों को हिदायत दी गई है कि वे इस बात का खुलासा करें कि क्या उनके तीन संतान है....? यदि तीसरी संतान है तो उनकी नौकरी समाप्त कर दी जाए । इस मंशा की पत्र को पाने के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया। ऐसा माना जाता है मध्यप्रदेश में करीब 65000 कर्मचारी तीसरी संतान धारक है ।
इस मामले में शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरुण मिश्रा ने बताया प्रकार का पत्र जारी करना इस कोरोना काल के बाद सिर्फ परेशान करना ही है। क्योंकि विभाग के आदेश से यदि कहीं प्रताड़ना या प्राकृतिक अधिकार का उल्लंघन होता है तो न्यायपालिका में बात जाएगी-जाएगी, उसमें कोई प्रश्न नहीं है। प्रश्न यह है कि जब आप संविलियन कर रहे थे अथवा प्रमोशन कर रहे थे तब आपने क्या जांच किया ?
आज कुछ बुद्धिमान वर्ग एसी ऑफिस में बैठकर शिक्षकों को परेशान करने में तुला हुआ है।"
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भारत में कोरोना का ग्राफ बढ़ा
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