सहायक आयुक्त कार्यालय में फिर बजी संलग्नीकरण समाप्त करने की डुगडुगी।
(खबर विशेष)
9 जून विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त ने प्रतियोगिताओं की औपचारिकता को पूरा करने के लिए पुणे शैक्षणिक कार्य के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में पदस्थ किए जाने के खिलाफ एक डुगडुगी फिर बजाई है। अपने पत्र क्रमांक दिनांक 9 जून को अंत में उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह के अंदर तमाम प्रकार की संलग्नीकरण को समाप्त कर उन्हें मुक्त किया जाए ।किंतु यह उसी प्रकार का है जैसे कि यह बताया जाता है कि अपने संलग्नीकरण का नवीनीकरण अघोषित तौर पर करवा लेवे अन्यथा कोई कारण नहीं है कि कम से कम खंड शिक्षा कार्यालयों में संलग्न है तमाम शैक्षणिक कर्मचारियों को संलग्नीकरण से मुक्त तो किया ही जा सकता है। उदाहरण के लिए "नाक दूर ना हसिया" के अंदाज में संभाग मुख्यालय का सोहागपुर खंड शिक्षा कार्यालय कथित तौर पर के संलग्न एक टीचर को 2015 से लगातार अवैध वसूली के लिए जैसे नियुक्त कर दिया गया है और उसे यदि इस संलग्न करण से नहीं हटना है तो अपनी भ्रष्टाचार के प्रति कर्तव्य निष्ठा का पूर्ण मनोभावों से पालन करें अन्यथा पत्र तो जारी हो ही गया है कुछ इसी अंदाज में समस्त खंड शिक्षा कार्यालयों में हालात गर्व करने के लिए डुगडुगी बजाई जाती है यह संलग्न करण सिर्फ लिपकीय मामलों में नहीं होता स्वयं सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ एक मंडल संयोजक की धर्मपत्नी जो प्राइमरी स्कूल की टीचर हैं अपनी नियुक्ति के बाद से ही लगातार अवैध रूप से हाई स्कूल सोहागपुर में 17-18 साल से अवैध रूप से शिक्षण कार्य करा रही हैं तो इस प्रकार सहायक आयुक्त की यह डुगडुगी एक प्रकार का फरमान भी है और दूसरे प्रकार का निमंत्रण भी......? विश्व आदिवासी दिवस 9 जून को जारी यह पत्र आदिवासी विकास की संपूर्ण समर्पण के प्रति उत्कृष्ट उदाहरण प्रदर्शित करता है देखता होगा इस परिपत्र का मायाजाल कितना असर डालता है
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9 जून विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त ने प्रतियोगिताओं की औपचारिकता को पूरा करने के लिए पुणे शैक्षणिक कार्य के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में पदस्थ किए जाने के खिलाफ एक डुगडुगी फिर बजाई है। अपने पत्र क्रमांक दिनांक 9 जून को अंत में उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह के अंदर तमाम प्रकार की संलग्नीकरण को समाप्त कर उन्हें मुक्त किया जाए ।किंतु यह उसी प्रकार का है जैसे कि यह बताया जाता है कि अपने संलग्नीकरण का नवीनीकरण अघोषित तौर पर करवा लेवे अन्यथा कोई कारण नहीं है कि कम से कम खंड शिक्षा कार्यालयों में संलग्न है तमाम शैक्षणिक कर्मचारियों को संलग्नीकरण से मुक्त तो किया ही जा सकता है। उदाहरण के लिए "नाक दूर ना हसिया" के अंदाज में संभाग मुख्यालय का सोहागपुर खंड शिक्षा कार्यालय कथित तौर पर के संलग्न एक टीचर को 2015 से लगातार अवैध वसूली के लिए जैसे नियुक्त कर दिया गया है और उसे यदि इस संलग्न करण से नहीं हटना है तो अपनी भ्रष्टाचार के प्रति कर्तव्य निष्ठा का पूर्ण मनोभावों से पालन करें अन्यथा पत्र तो जारी हो ही गया है कुछ इसी अंदाज में समस्त खंड शिक्षा कार्यालयों में हालात गर्व करने के लिए डुगडुगी बजाई जाती है यह संलग्न करण सिर्फ लिपकीय मामलों में नहीं होता स्वयं सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ एक मंडल संयोजक की धर्मपत्नी जो प्राइमरी स्कूल की टीचर हैं अपनी नियुक्ति के बाद से ही लगातार अवैध रूप से हाई स्कूल सोहागपुर में 17-18 साल से अवैध रूप से शिक्षण कार्य करा रही हैं तो इस प्रकार सहायक आयुक्त की यह डुगडुगी एक प्रकार का फरमान भी है और दूसरे प्रकार का निमंत्रण भी......? विश्व आदिवासी दिवस 9 जून को जारी यह पत्र आदिवासी विकास की संपूर्ण समर्पण के प्रति उत्कृष्ट उदाहरण प्रदर्शित करता है देखता होगा इस परिपत्र का मायाजाल कितना असर डालता है
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