रविवार, 14 जून 2020

--सुशांत को श्रद्धांजलि-- लोगों ने प्रकट की भावनाएं



--सुशांत को श्रद्धांजलि--

















सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने 'किस देश में है मेरा दिल' नाम के डेली सोप में काम किया पर उनको पहचान एकता कपूर के धारावाहिक 'पवित्र रिश्ता' से मिली. इसके बाद सुशांत को फिल्में भी मिलने लगीं. फिल्म 'काय पो छे' से उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. इस फिल्म के बाद उन्होंने 'शुद्ध देसी रोमांस' में वाणी कपूर और परिणीति चोपड़ा के साथ काम किया था. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) को सबसे ज्यादा सुर्खियां तब मिलीं जब उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की बायोपिक में काम किया था. इस फिल्म में उनके काम की जमकर सराहना हुई थी. सुशांत सिंह राजपूत को इसके बाद लगातार फिल्में मिलती गई. उनमें से 'सोनचिड़िया', 'छिछोरे' और 'केदारनाथ' जैसी फिल्में प्रमुख हैं. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का जन्म बिहार के पटना में 21 जनवरी, 1986 को हुआ था. वो बिहार के ही पूर्णिया जिले के रहने वाले थे. उनकी अगली फिल्म 'चंदा मामा दूर के' रिलीज होने वाली थी, लेकिन शूटिंग बजट के अभाव में रोक दी गई थी.

कारण चाहे जो भी रहा हो किंतु यह पुनः प्रमाणित हुआ है कि इस योग्यतम कलाकार को जिसने क्रिकेट के एम एस धोनी को साकार किया। यह दुखद है, संरक्षण के अभाव में निराकार हो गया। यह बहुत दुखद है कि हमारे देश में गुणवत्ता को, योग्यता को संरक्षण देने का कोई काम नहीं हुआ...., यह वैसा ही है जैसे कि बिहार के ही वरिष्ठ विद्वान वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ अन्याय हुआ, यह सही है कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की थी किंतु देश की राजनीति ने उन्हें लगभग हत्या करके छोड़ दिया था...।
 माया नगरी में इस घटना ने सिद्ध भी किया है कि अगर संवेदना में धंधा नहीं है तो संवेदना को संरक्षण नहीं मिलेगा। राजनीति से बिल्कुल नहीं ..।
रोहिणी हट्टंगड़ी शायद एकमात्र महिला बन कर आई थी जिन्होंने बुजुर्ग कलाकारों के लिए संरक्षण हेतु कोई ट्रस्ट बनाया था। किंतु नवोदय कलाकार, प्रतिभाशाली योग्यता के लिए कोई संरक्षण नहीं है... संवेदना हीन समाज का निर्माण की तस्वीर फिल्म इंडस्ट्री में किस प्रकार से जीवित है, सुशांत की आत्महत्या ने सिद्ध किया है। हमारी भी इस कला के धनी की आत्महत्या पर हार्दिक संवेदनाएं..... कामना है ईश्वर उन्हें सदगति दे। क्योंकि कला  भी मोक्ष का लक्ष्य होता है.।       
--------त्रिलोकीनाथ---------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारतीय संसद महामारी कोविड और कैंसर का खतरे मे.....: उपराष्ट्रपति

  मुंबई उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  राम राज्य में और अमृतकाल के दौर में गुजर रही भारतीय लोकतंत्र का सं...