मंगलवार, 30 जून 2020
TOP10 at 8PM 30.6.20 /उनका दावा, 80 करोड़ को मुफ्त राशन की व्यवस्था
TOP10 at 8PM 30.6.20
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" का नवंबर के अंत तक विस्तार करने की घोषणा की.प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 करोड़ से अधिक लोगों को तीन महीने तक मुफ्त राशन प्रदान करने अर्थात परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो मुफ्त चावल / गेहूं प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किलो दाल प्रदान करने के निर्णय पर पूरी दुनिया का ध्यान गया है।
उन्होंने कहा कि जितने लोगों को मुफ्त राशन दिया गया, वह कई बड़े देशों की आबादी से कई गुना है।प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा ऋतु के प्रारंभ के साथ, कृषि क्षेत्र में अधिकांश कार्य होते हैं। , अर्थात यह योजना जुलाई से नवंबर के अंत तक लागू रहेगी। इस पांच महीने की अवधि के दौरान, 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलो मुफ्त गेहूं / चावल उपलब्ध कराया जाएगा। परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किग्रा मुफ्त चावल / गेहूं प्रदान करने के साथ, प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किग्रा मुफ्त चना भी प्रदान किया जाएगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब से देश में अनलॉक हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढती ही चली जा रही है . पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे. लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था. अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है.”
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" का नवंबर के अंत तक विस्तार करने की घोषणा की.प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 करोड़ से अधिक लोगों को तीन महीने तक मुफ्त राशन प्रदान करने अर्थात परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो मुफ्त चावल / गेहूं प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किलो दाल प्रदान करने के निर्णय पर पूरी दुनिया का ध्यान गया है।
उन्होंने कहा कि जितने लोगों को मुफ्त राशन दिया गया, वह कई बड़े देशों की आबादी से कई गुना है।प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा ऋतु के प्रारंभ के साथ, कृषि क्षेत्र में अधिकांश कार्य होते हैं। , अर्थात यह योजना जुलाई से नवंबर के अंत तक लागू रहेगी। इस पांच महीने की अवधि के दौरान, 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलो मुफ्त गेहूं / चावल उपलब्ध कराया जाएगा। परिवार के प्रत्येक सदस्य को 5 किग्रा मुफ्त चावल / गेहूं प्रदान करने के साथ, प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किग्रा मुफ्त चना भी प्रदान किया जाएगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब से देश में अनलॉक हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढती ही चली जा रही है . पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे. लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था. अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है.”
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में चीन के साथ गतिरोध का उल्लेख नहीं होने की ओर इशारा करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री पर शायरी के माध्यम से निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ तू इधर उधर की न बात कर, ये बता कि क़ाफ़िला क्यूं लुटा, मुझे रहज़नों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है.’’ मोदी के संबोधन से पहले कांग्रेस नेता ने कहा था कि प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि वह ‘भारतीय क्षेत्र में बैठे’ चीन के सैनिकों के कब और कैसे बाहर निकालेंगे.साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से यह आग्रह भी किया था कि कोरोना संकट के कारण परेशानी का सामना कर रहे गरीबों, मध्यम वर्ग और वेतनभोगी वर्ग को राहत देने के लिए ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ (न्याय) की तर्ज पर छह महीने के लिए कोई योजना आरंभ करें. गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘ पूरा देश जानता है कि चीन ने भारत की पवित्र जमीन छीनी हुई है. हम सभी जानते हैं कि चीन लद्दाख में चार जगह बैठा हुआ है. नरेंद्र मोदी जी देश को बताइए कि आप चीन की फौज को कब और कैसे बाहर निकालेंगे?’’
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प्रदेश भर में 15 दिवसीय 'किल कोरोना अभियान' चलाया जायेगा। इसकी शुरूआत एक जुलाई को होगी। अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे।मुख्यमंत्री ने आमजनों से अपील की है कि 'किल कोरोना अभियान' में घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। सर्दी- खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने का आग्रह किया है।प्रदेश भर में एक जुलाई से ''किल कोरोना'' अभियान की शुरूआत की जा रही है। लगातार 15 दिन तक चलने वाले इस अभियान में ऑगनवाडी कार्यकर्ता भी व्यापक सर्वेक्षण का कार्य करेंगी। ऑगनवाडी कार्यकर्ताओं को कोविड-19 से बचाव एवं सुरक्षा की जानकारी देने के लिए 1 जुलाई को सजीव फोन इन कार्यक्रम ''हेलो ऑगनवाड़ी'' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
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प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना में शहरी पथ व्यवसाइयों एवं हितग्राहियों को दिये जाने वाले ऋण पर राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त ब्याज अनुदान देने की स्वीकृति दी गई है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के संचालन के लिये विभागीय बजट में 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है। योजना के अंतर्गत पथ व्यवसाइयों को दिये जाने वाले 10 हजार के लोन पर केन्द्र द्वारा दिये जाने वाले 7 प्रतिशत ब्याज, जो कि केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा, के अतिरिक्त ब्याज का वहन राज्य शासन करेगा। यह प्रावधान योजना की अवधि मार्च, 2022 तक जारी रहेगा।
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कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह ने आदेश जारी कर राजस्व निरीक्षक सोहागपुर सनत सिंह को सीमांकन कार्य में लापरवाही बरतने, सीमांकन प्रतिवेदन समय पर प्रस्तुत नही करने, राजस्व अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करने एवं शासकीय कार्यों में रूचि न लेने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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संविदा स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी संघ ने कलेक्टर-एसपी को सौंपे ज्ञापन, कार्यवाही की मांग । डाॅक्टरों को लोग को भगवान के रूप में मानते है, लेकिन अनूपपुर में डाॅक्टरों का एक अलग ही रूप देखा गया है, जहां पर जिला चिकित्सालय के पांच डाॅक्टरों द्वारा अपनी दबंगई दिखाते हुए 27 जून को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अनूपपुर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक के निवास में जबरन घुस कर उनके साथ अपशब्दो का प्रयोग करते हुए जमकर मारपीट की गई साथ अत्याचार निवारण अधिनियम में फंसा देने की धमकी दी गईं। लोगो की जान बचाने वाले चिकित्सको को खुलेआम मारपीट करते देखा गया। वहीं पांच डाॅक्टरों द्वारा किए गए मारपीट पर 30 जून को संविदा स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी संघ अनूपपुर द्वारा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चिकित्सकों द्वारा किए जानेलेवा हमला करने के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की गई है।
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पौने छह लाख तक बड़े भारत में कोरोना के मरीज
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शहडोल नगर की आराध्य देवी दुर्गा माता मंदिर का मनोहारी रूप
दुर्गा माता के अनन्य सेवक भूरा महाराज जी
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संविदा स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी संघ ने कलेक्टर-एसपी को सौंपे ज्ञापन, कार्यवाही की मांग । डाॅक्टरों को लोग को भगवान के रूप में मानते है, लेकिन अनूपपुर में डाॅक्टरों का एक अलग ही रूप देखा गया है, जहां पर जिला चिकित्सालय के पांच डाॅक्टरों द्वारा अपनी दबंगई दिखाते हुए 27 जून को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अनूपपुर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक के निवास में जबरन घुस कर उनके साथ अपशब्दो का प्रयोग करते हुए जमकर मारपीट की गई साथ अत्याचार निवारण अधिनियम में फंसा देने की धमकी दी गईं। लोगो की जान बचाने वाले चिकित्सको को खुलेआम मारपीट करते देखा गया। वहीं पांच डाॅक्टरों द्वारा किए गए मारपीट पर 30 जून को संविदा स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी संघ अनूपपुर द्वारा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चिकित्सकों द्वारा किए जानेलेवा हमला करने के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की गई है।
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पौने छह लाख तक बड़े भारत में कोरोना के मरीज
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दुनिया की सूची में भारत तीसरे पायदान पर पहुंचने की रफ्तार में बढ़ रहा है फिलहाल वे चौथे पायदान पर बना हुआ है
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शहडोल नगर की आराध्य देवी दुर्गा माता मंदिर का मनोहारी रूप
दुर्गा माता के अनन्य सेवक भूरा महाराज जी
प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित किया top 10
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित किया
. उनका ये संबोधन ऐसे समय हो रहा है जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (China–India skirmishes) में 15 जून को 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर हैदेश में कोविड-19 के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम यह छठा संबोधन है. मोदी ने पिछली बार देश को 12 मई को संबोधित किया था जब उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी.
1. मास्क पहनना 130 करोड़ लोगों की ज़िन्दगी का ज्ञान है. लापरवाही बरतने वालों को समझना होगा.
2. ये बात सही है कि भारत अन्य देशों की तुलना में संभली हुई स्थिति में है.
3. हम ये भी देख रहे हैं कि लॉकडाउन हटने के बाद से लापरवाही भी बढ़ रही है. पहले हम सतर्क थे. आज ज्यादा सतर्कता की ज़रूरत है और लापरवाही बढ़ना चिंता का कारण है.
4. लॉकडाउन के दौरान सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई भाई बहन भूखा न रहे. समय पर फैसला लेने से किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
5. पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ का पैकेज दिया गया.
6. इस दौरान नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हज़ार करोड़ रुपये जमा हुए, गाँव में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए तेज गति से काम हुआ इस पर सरकार 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
7. एक और बात है, जिसने दुनिया को भी परेशान किया है और दुनिया को हैरत में डाल दिया है. देश में 80 करोड़ लोगों तीन महीने राशन दिया गया. ये यूरोपियन यूनियन, अमेरिका की आबादी से तीन गुना ज्यादा है.
8. 80 करोड़ लोगों को अनाज देने की ये योजना 5 महीने और बढ़ी. जुलाई अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर तक जारी रहेगी. लोगों को 5 किलो गेंहू या चावल और एक किलो चावल मुफ्त दिया जायेगा.
9. देश के किसानों का समर्पण है, इसलिए देश इतने लोगों की मदद कर रहा है. इसका श्रेय किसानों को जाता है. आज इसीलिए देश का गरीब इतने बड़े संकट का मुकाबला कर रहा है. मैं देश के हर किसान और टैक्स भरने वालों का ह्रदय से नमन करता है.
10. आने वाले समय में हम गरीब, शोषित, वंचित, हर किसी के लिए काम करेंगे. हम इकॉनोमिक एक्टिविच्य को और आगे बढ़ाएंगे. हम लोकल के लिए वोकल होंगे. 130 करोड़ लोगों को इसीसांकल संकल्प के साथ आगे बढ़ना है. फिर से मैं आग्रह करता हूँ कि एहतियात बरतिए.
रेत से निकल रहा है तेल-2 स्थानीय लोगों को सस्ती रेत कब होगी उपलब्ध....
रेत से निकल रहा है तेल-2
भरपूर प्राकृतिक संसाधन के बावजूद कीमतें आसमान पर किस माइंडसेट से...
लूट के आलम में विकास का माइंड सेट...
स्थानीय लोगों को सस्ती रेत कब होगी उपलब्ध....
(त्रिलोकीनाथ )
किंतु पुराना माफिया जो स्थापित था उसके साथ प्रतियोगिता.. क्योंकि लेडी डॉन पुराने माफिया के साथ है.... उसे नए पारदर्शी सिस्टम में भारत में अलग-अलग जगह अपना साम्राज्य स्थापित करने में तकलीफ हो रही थी... तो एक माफिया व्यवस्था के तहत नए रेत ठेकेदार के साथ खुली लड़ाई चली.... व्यवस्थाएं वही थी सिर्फ "नई बोतल में पुरानी शराब" डाल दी गई थी...।
ठेकेदार को लाभ भी चाहिए इसलिए रेत के दाम दस से ग्यारह हजार प्रति ट्रॉली पहुंच गए। यह भी सही है की स्थानीय लोगों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रेत उपलब्ध कराने की कानून बनाए हैं किंतु उनके गोद में बैठा शहडोल नगर को जब यह सुविधा नहीं है दूर अंचल में कैसे होगा...?
यह ठीक उसी प्रकार का है जैसे शहडोल में शहीदों के अपमान की मानसिकता को बढ़ाने वाला जय
स्तंभ चौक इसी भारतीय जनता पार्टी के परिषद काल में लगातार दूसरे पंचवर्षीय योजना के तहत अभी सुसज्जित नहीं हो पाया है... यह अलग बात है कि संपूर्ण जिला प्रशासन क्या जिला न्यायाधीश, क्या आईजी, क्या कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी जो भी उच्च अधिकारी इस जयस्तंभ चौक से शायद ही कोई दिन ना हो, जहां न गुजरते हैं.. फिर भी यह शहीद स्थल जय स्तंभ चौक की सड़क नहीं बन पाई.....? फिलहाल प्रगति है शायद अगले पंचवर्षीय योजना तक बन जाए..., यह एक व्यवस्था है। और एक प्रमाण पत्र भी, की विनाश से ही सृजन होता है....?
जब तक शहडोल में पानी की दर दस हजार प्रति नल कनेक्शन मासिक ना हो जाए..., जब तक एकलाख रुपये प्रति ट्राली रेत न बिकने लगे... तब तक विकास पुरुष का माइंडसेट नहीं होगा.... और मुख्यमंत्री जी शायद इसी "माइंडसेट" की बात अंग्रेजी में करते हैं.... क्योंकि विकास की रफ्तार उनकी मौन साधना में उनके गोद में बैठे हुए शहडोल मुख्यालय मैं अपने लक्ष्य को पा रही है... , यह अलग बात है कि इसके लिए कुछ वक्त और लगे।
अन्यथा कोई कारण नहीं है कि भरपूर जल संसाधन, भरपूर प्राकृतिक संसाधन रेत, पत्थर, खनिज विशेषकर रेत थोड़ा एक कदम और चलें तो कोयला सीबीएम गैस और इन सब से पैदा होता बिजली की दरें आम नागरिकों को लूटने के स्तर पर बना दी गई हैं। ठेकेदारों को "माइंडसेट" कर दिया गया है कि वे स्थानीय नागरिकों का किसी भी सीमा तक अपमान करें और लूट के आलम को बरकरार रखें..., क्या यही माइंडसेट है अंग्रेजी का ।
अन्यथा क्या कारण है कि अगर भाजपा मुख्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुतलों का दहन पूरी निष्ठा के साथ होता है पूरे प्रदेश में या देश में तो एक पुतला लगे हाथ महंगाई का भी जलाने का काम जिला भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं करती....? उससे ज्यादा यह की विपक्षी जिला कांग्रेस पार्टी अपने नेता के पुतले दहन प्रतियोगिता में क्या ताली बजा रही है... आखिर वह भी "महंगाई-डायन" का पुतला क्यों नहीं जलाती , एक पुतला इसका भी जलना चाहिए। ताकि हो हल्ला हो कि शहडोल का प्राकृतिक संसाधन लेडी डॉन के संरक्षण में लुट गया ... और लूटने के आलम में बरकरार है... क्या जब नागरिक अपने हाथों में कानून व्यवस्था लेगा, क्योंकि शोषण की कोई सीमा तो होगी....? तब तक प्रशासन का मूक-बधिर बना रहना कितना जायज है ....
कम से ऐसी व्यवस्था का निर्माण क्यों नहीं होना चाहिए कि ठेकेदार को समुचित लाभ मिले और स्थानीय आदमी को समुचित राहत... रेत निर्यात के फिर मनमानी दर चाहे कुछ भी क्यों ना हो...? कम स्थानीय व्यक्ति को प्राकृतिक संसाधन में उसका समुचित अधिकार जिले के निर्माण पर क्यों नहीं होना चाहिए.....?, जो ₹10000- ₹11000 ट्रॉली रेत आती है शहर में वह किसी नाले की होती है। सोन नदी का रेत, सोने के भाव में बिक रहा है... क्या यही अंग्रेजी का "माइंडसेट" है। अन्यथा मुख्यमंत्री जी का अंग्रेजी का "माइंडसेट" किस बात का संदेश देता है।
उम्मीद करना चाहिए जिम्मेदार वर्ग चाहे वह विधायक हो, पालिका परिषद हो या फिर प्रशासन हो इस लूट और डाके के सिलसिले पर मंथन करेगा और अपने अधिकारों का उपयोग कर सभी चीजों को खासतौर से जलकर और रेत की कीमत तत्काल नियंत्रित करेगा। क्या उम्मीद किया जा सकता है....?
आखिर शहडोल नगर कि बिगड़ गई ट्रेन कब बनेगी, ताकि आम आदमी राहत की सांस ले सके....।
भरपूर प्राकृतिक संसाधन के बावजूद कीमतें आसमान पर किस माइंडसेट से...
लूट के आलम में विकास का माइंड सेट...
स्थानीय लोगों को सस्ती रेत कब होगी उपलब्ध....
(त्रिलोकीनाथ )
किंतु पुराना माफिया जो स्थापित था उसके साथ प्रतियोगिता.. क्योंकि लेडी डॉन पुराने माफिया के साथ है.... उसे नए पारदर्शी सिस्टम में भारत में अलग-अलग जगह अपना साम्राज्य स्थापित करने में तकलीफ हो रही थी... तो एक माफिया व्यवस्था के तहत नए रेत ठेकेदार के साथ खुली लड़ाई चली.... व्यवस्थाएं वही थी सिर्फ "नई बोतल में पुरानी शराब" डाल दी गई थी...।
ठेकेदार को लाभ भी चाहिए इसलिए रेत के दाम दस से ग्यारह हजार प्रति ट्रॉली पहुंच गए। यह भी सही है की स्थानीय लोगों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रेत उपलब्ध कराने की कानून बनाए हैं किंतु उनके गोद में बैठा शहडोल नगर को जब यह सुविधा नहीं है दूर अंचल में कैसे होगा...?
यह ठीक उसी प्रकार का है जैसे शहडोल में शहीदों के अपमान की मानसिकता को बढ़ाने वाला जय
स्तंभ चौक इसी भारतीय जनता पार्टी के परिषद काल में लगातार दूसरे पंचवर्षीय योजना के तहत अभी सुसज्जित नहीं हो पाया है... यह अलग बात है कि संपूर्ण जिला प्रशासन क्या जिला न्यायाधीश, क्या आईजी, क्या कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी जो भी उच्च अधिकारी इस जयस्तंभ चौक से शायद ही कोई दिन ना हो, जहां न गुजरते हैं.. फिर भी यह शहीद स्थल जय स्तंभ चौक की सड़क नहीं बन पाई.....? फिलहाल प्रगति है शायद अगले पंचवर्षीय योजना तक बन जाए..., यह एक व्यवस्था है। और एक प्रमाण पत्र भी, की विनाश से ही सृजन होता है....?
जब तक शहडोल में पानी की दर दस हजार प्रति नल कनेक्शन मासिक ना हो जाए..., जब तक एकलाख रुपये प्रति ट्राली रेत न बिकने लगे... तब तक विकास पुरुष का माइंडसेट नहीं होगा.... और मुख्यमंत्री जी शायद इसी "माइंडसेट" की बात अंग्रेजी में करते हैं.... क्योंकि विकास की रफ्तार उनकी मौन साधना में उनके गोद में बैठे हुए शहडोल मुख्यालय मैं अपने लक्ष्य को पा रही है... , यह अलग बात है कि इसके लिए कुछ वक्त और लगे।
अन्यथा कोई कारण नहीं है कि भरपूर जल संसाधन, भरपूर प्राकृतिक संसाधन रेत, पत्थर, खनिज विशेषकर रेत थोड़ा एक कदम और चलें तो कोयला सीबीएम गैस और इन सब से पैदा होता बिजली की दरें आम नागरिकों को लूटने के स्तर पर बना दी गई हैं। ठेकेदारों को "माइंडसेट" कर दिया गया है कि वे स्थानीय नागरिकों का किसी भी सीमा तक अपमान करें और लूट के आलम को बरकरार रखें..., क्या यही माइंडसेट है अंग्रेजी का ।
अन्यथा क्या कारण है कि अगर भाजपा मुख्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुतलों का दहन पूरी निष्ठा के साथ होता है पूरे प्रदेश में या देश में तो एक पुतला लगे हाथ महंगाई का भी जलाने का काम जिला भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं करती....? उससे ज्यादा यह की विपक्षी जिला कांग्रेस पार्टी अपने नेता के पुतले दहन प्रतियोगिता में क्या ताली बजा रही है... आखिर वह भी "महंगाई-डायन" का पुतला क्यों नहीं जलाती , एक पुतला इसका भी जलना चाहिए। ताकि हो हल्ला हो कि शहडोल का प्राकृतिक संसाधन लेडी डॉन के संरक्षण में लुट गया ... और लूटने के आलम में बरकरार है... क्या जब नागरिक अपने हाथों में कानून व्यवस्था लेगा, क्योंकि शोषण की कोई सीमा तो होगी....? तब तक प्रशासन का मूक-बधिर बना रहना कितना जायज है ....
कम से ऐसी व्यवस्था का निर्माण क्यों नहीं होना चाहिए कि ठेकेदार को समुचित लाभ मिले और स्थानीय आदमी को समुचित राहत... रेत निर्यात के फिर मनमानी दर चाहे कुछ भी क्यों ना हो...? कम स्थानीय व्यक्ति को प्राकृतिक संसाधन में उसका समुचित अधिकार जिले के निर्माण पर क्यों नहीं होना चाहिए.....?, जो ₹10000- ₹11000 ट्रॉली रेत आती है शहर में वह किसी नाले की होती है। सोन नदी का रेत, सोने के भाव में बिक रहा है... क्या यही अंग्रेजी का "माइंडसेट" है। अन्यथा मुख्यमंत्री जी का अंग्रेजी का "माइंडसेट" किस बात का संदेश देता है।
उम्मीद करना चाहिए जिम्मेदार वर्ग चाहे वह विधायक हो, पालिका परिषद हो या फिर प्रशासन हो इस लूट और डाके के सिलसिले पर मंथन करेगा और अपने अधिकारों का उपयोग कर सभी चीजों को खासतौर से जलकर और रेत की कीमत तत्काल नियंत्रित करेगा। क्या उम्मीद किया जा सकता है....?
आखिर शहडोल नगर कि बिगड़ गई ट्रेन कब बनेगी, ताकि आम आदमी राहत की सांस ले सके....।
सोमवार, 29 जून 2020
भारत की पहली शादी में कोरोनावायरस का हमला दूल्हा की हुई मृत्यु
सामुदायिक संक्रमण की आशंका भारत की पहली शादी में कोरोनावायरस का हमला दूल्हा की हुई मृत्यु बराती हुए संक्रमित
बिहार में एक शादी समारोह के मामले ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की परेशानी को बढ़ा दिया है. शादी में शामिल होने वाले लोग तेजी से संक्रमित पाए जा रहे हैं. अब तक इस शादी समारोह में शामिल हुए 369 लोगों की जांच हो चुकी है. जिनमें से 89 संक्रमित पाये गये हैं जबकि 31 लोग पहले ही पॉज़िटिव पाए गए थे. पटना के पालीगंज में हुए इस शादी समारोह में दूल्हे की मौत शादी के अगले दिन ही हो गई थी. जिसके बाद अब मामला ये सामुदायिक संक्रमण रूप लेता नजर आ रहा है.
ज़िला प्रशासन के अनुसार शादी 15 जून को हुई थी और अगले ही दिन दूल्हे की मौत हो गई थी. शादी में शामिल हुए कुछ लोगों में कोरोना के लक्षणों की शिकायत थी जिसके बाद बारातियों का ग्रुप सैंपल लिया गया, जहां 9 लोग संक्रमित पाए गए. इसके बाद कुछ और लोगों के संक्रमित होने की जानकारी मिली. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि चार चरणों में अब तक 369 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं. परिवार के मुताबिक दूल्हा शादी से पहले गाड़ी के जरिए दिल्ली से बिहार आया था. बिहार पहुंचने के बाद वह कुछ दिनों तक आइसोलेशन में भी रहा था. परिवार का कहना है कि शादी से पहले कोरोना के कुछ लक्षण नजर आने लगे थे. शादी के अगले दिन ही उसकी मौत हो गई. अंतिम संस्कार में शामिल हुए इलाके के स्थानीय दुकानदार, सब्जी विक्रेता और हलवाई की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव है, जिसके बाद प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है.
(समाचार स्रोत साभार एनडीटीवी इंडिया)
(समाचार स्रोत साभार एनडीटीवी इंडिया)
TOP10 at 8PM 29.6.20 पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त दान को वापस कर दे.कैप्टन अमरिंदर/ शिक्षकों को परेशान करने में तुला है; शिक्षक संघ अध्यक्ष अरुण
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भारत चीन के मध्य सीमा पर जारी तनाव के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र की राजग सरकार से कहा कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त दान को वह उन्हें वापस कर दे. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कैप्टन ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ संघर्ष के लिय स्थापित पीएम केयर्स फंड में कुछ चीनी कंपनियों से भी दान प्राप्त हुये हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चीन के खिलाफ हमें सख्त रूख अपनाना चाहिये. मुझे नहीं लगता कि जब हमारे लड़के (सैनिक) मारे जा रहे हैं तब हम चीनी (कंपनियों से) पैसा ले सकते हैं.’ लद्दाख में 15—16 जून की दरम्यानी रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. मुख्यमंत्री ने कुछ चीनी कंपनियों के नाम भी लिये जिन्होंने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है. उन्होंने कहा, ‘सवाल यह नहीं है कि कितना पैसा आया है. ऐसे समय में, जब वे (चीन) कोविड के लिये और मेरे देश के खिलाफ आक्रामकता के लिये जिम्मेदार हैं, तो चीनी कंपनियों से हम एक रुपया भी नहीं ले सकते हैं.’ कैप्टन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह वह समय है जब हमें चीनी कंपनियों से प्राप्त धन, को उन्हें वापस लौटा देना चाहिये. भारत को अपनी देख रेख करने के लिये चीन के पैसों की आवश्यकता नहीं है.’
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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को जोर दिया कि कोई भी सिखों के लिए अलग राज्य नहीं चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार के हालिया बयान को खारिज कर दिया कि अगर सरकार खालिस्तान की पेशकश करती है तो सिख समुदाय उसे स्वीकार कर लेगा।
सिंह यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान खालिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, “देश में रहने वाले सिख खुशहाल जीवन जी रहे हैं। वे क्यों खालिस्तान चाहेंगे? कोई यह नहीं चाहता और मैं भी यह नहीं चाहता।’’उन्होंने कहा कि हर सिख हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए खड़ा रहा है।सिंह ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां कितने सिख सैनिक हैं? वे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। हम अपने देश के लिए लड़ते हैं और यह हमारा देश है।” अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छह जून को कहा था, "अगर सरकार पेशकश करती है तो सिख समुदाय सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान को स्वीकार कर लेगा।"
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सिंह यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान खालिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, “देश में रहने वाले सिख खुशहाल जीवन जी रहे हैं। वे क्यों खालिस्तान चाहेंगे? कोई यह नहीं चाहता और मैं भी यह नहीं चाहता।’’उन्होंने कहा कि हर सिख हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए खड़ा रहा है।सिंह ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां कितने सिख सैनिक हैं? वे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। हम अपने देश के लिए लड़ते हैं और यह हमारा देश है।” अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छह जून को कहा था, "अगर सरकार पेशकश करती है तो सिख समुदाय सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान को स्वीकार कर लेगा।"
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भाजपा द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं और पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है.पीएम केयर्स कोष का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि खबरों के मुताबिक 20 मई तक इस कोष में 9,678 करोड़ रुपये आए थे. … क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे कि 2013 में चीनी शत्रुता के बावजूद उन्हें इस कोष में चीनी मदद क्यों मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि इस विवादास्पद कोष में हुवेई ने सात करोड़ रुपए, टिकटॉक ने 30 करोड़ रू, पेटीएम ने 100 करोड़ रू, शियोमी ने 15 करोड़ रुपए और ओप्पो ने एक करोड़ रुपए दिए |सिंघवी ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सबसे ज्यादा चिंताजनक और सतर्क करने वाला तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कंपनियों से अपने (व्यक्तिगत नजर आने वाले) पीएम केयर्स कोष में दान की रकम प्राप्त की.” उन्होंने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री चीनी कंपनियों से विवादास्पद और अपारदर्शी तरीके से सैकड़ों करोड़ रू का दान स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीनी आक्रामकता के खिलाफ देश की रक्षा कैसे करेंगे?
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया और महामारी के समय इस वृद्धि को तत्काल वापस लेकर देश की जनता को राहत प्रदान करने का नरेंद्र मोदी सरकार से सोमवार को आग्रह किया. कहा, ”एक तरफ कोरोना महामारी के कहर और दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने देशवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है. आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतें 80 रुपए प्रति लीटर के पार चली गई हैं.”जिससे उसने करीब 18 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ”25 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के बाद पिछले तीन महीनों में मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाईं. सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर भी सालाना लाखों करोड़ रुपए कमाने का काम किया. यह सब तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कम हो रही हैं.”
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आज ठीक हुए मामलों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर बढ़कर 1,11,602 हो चुका है। अब तक, कोविड-19 के 3,21,722 रोगियों को ठीक किया जा चुका है। मरीजों के ठीक होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। कोविड-19 रोगियों के यह रिकवरी दर, आज बढ़कर 58.67% तक पहुंच चुकी है।पिछले 24 घंटे के दौरान, कुल 12,010 कोविड-19 के रोगी ठीक हो चुके हैं।वर्तमान समय में, कुल 2,10,120 सक्रिय मामले हैं और सभी सक्रिय मामले चिकित्सा निगरानी के अंतर्गत हैं।
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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन को दिया गया मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भोपाल, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। मध्यप्रदेश में मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली प्रदेश भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार होना बाकी है।
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डीजल के दाम नई ऊंचाई पर, लगातार 22वें दिन बढ़े दाम नयी दिल्ली, पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि का सिलसिला लगातार 22वें दिन भी जारी रहा। डीजल के दाम सोमवार को 13 पैसे बढ़कर 80.53 रुपये प्रति लीटर की नई ऊंचाई पर पहुंच गये। पिछले तीन सप्ताह में डीजल के दाम में कुल मिलाकर 11.14 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है।
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जमुना कोतमा AICC के सर्कूलर के मुताबिक भारतीय युवा कांग्रेस के निर्देशानुसार आज पसान नपा क्षेत्र अनूपपुर मे युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुड्डू चौहान के नेतृत्व मे आटो एवं मोटरसाईक को पैदल धकलते हुये आटो स्टेंट से मजदूर चौक होते हुये गोलबाजार का भ्रमण कर रैली का समापन चौक मे किया गया
इस दौरान नरेन्द्र मोदी मुर्दाबाद शिवराज सिंह मुर्दाबाद के नारे लगते रहे तथा पेट्रोल डीजल के दाम कम करने के लिये भी आवाज बुलंद कि जा रही थी, कार्यक्रम मे आटो को रस्सी से खींचा जा रहा था और बाईक को पैदल चलाया जा रहा था जो बाजार मे लोगों का ध्यान आकर्षण का कारण बना हुआ था, कार्यक्रम के आयोजक मानवेंद्र मिश्रा के साथ कार्यक्रम मे रफी अहमद आशीष मिश्रा अमित सिंह चंदन सिंह अमित सिंह टोनू चरकु मिश्रा अंकित सोनी बिलाल खान बिलाल हुसैन शिरीष मिश्रा बलराम केवट जितेंद्र निषाद ऋषि कांत जाहिद सोहेल खान विनय शुक्ला इब्राहिम खान अनिल कहार तन्नू इकरार राजेश कोल गौरव नामदेव हिमांशु सद्दाम सैफी खान विकास तोमर आशुतोष ताम्रकार शिवम शराब ताहिर हुसैन मयंक जैन शनील जैन सिफत मंसूरी गौरव नामदेव शिबू गौरव नामदेव।
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17 जून 20 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के कार्यालय से एक पत्र जारी हुआ जिसमें शिक्षकों को हिदायत दी गई है कि वे इस बात का खुलासा करें कि क्या उनके तीन संतान है....? यदि तीसरी संतान है तो उनकी नौकरी समाप्त कर दी जाए । इस मंशा की पत्र को पाने के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया। ऐसा माना जाता है मध्यप्रदेश में करीब 65000 कर्मचारी तीसरी संतान धारक है ।
इस मामले में शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरुण मिश्रा ने बताया प्रकार का पत्र जारी करना इस कोरोना काल के बाद सिर्फ परेशान करना ही है। क्योंकि विभाग के आदेश से यदि कहीं प्रताड़ना या प्राकृतिक अधिकार का उल्लंघन होता है तो न्यायपालिका में बात जाएगी-जाएगी, उसमें कोई प्रश्न नहीं है। प्रश्न यह है कि जब आप संविलियन कर रहे थे अथवा प्रमोशन कर रहे थे तब आपने क्या जांच किया ?
आज कुछ बुद्धिमान वर्ग एसी ऑफिस में बैठकर शिक्षकों को परेशान करने में तुला हुआ है।"
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भारत में कोरोना का ग्राफ बढ़ा
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