प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित किया
. उनका ये संबोधन ऐसे समय हो रहा है जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (China–India skirmishes) में 15 जून को 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर हैदेश में कोविड-19 के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम यह छठा संबोधन है. मोदी ने पिछली बार देश को 12 मई को संबोधित किया था जब उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी.
1. मास्क पहनना 130 करोड़ लोगों की ज़िन्दगी का ज्ञान है. लापरवाही बरतने वालों को समझना होगा.
2. ये बात सही है कि भारत अन्य देशों की तुलना में संभली हुई स्थिति में है.
3. हम ये भी देख रहे हैं कि लॉकडाउन हटने के बाद से लापरवाही भी बढ़ रही है. पहले हम सतर्क थे. आज ज्यादा सतर्कता की ज़रूरत है और लापरवाही बढ़ना चिंता का कारण है.
4. लॉकडाउन के दौरान सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई भाई बहन भूखा न रहे. समय पर फैसला लेने से किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
5. पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ का पैकेज दिया गया.
6. इस दौरान नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हज़ार करोड़ रुपये जमा हुए, गाँव में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए तेज गति से काम हुआ इस पर सरकार 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
7. एक और बात है, जिसने दुनिया को भी परेशान किया है और दुनिया को हैरत में डाल दिया है. देश में 80 करोड़ लोगों तीन महीने राशन दिया गया. ये यूरोपियन यूनियन, अमेरिका की आबादी से तीन गुना ज्यादा है.
8. 80 करोड़ लोगों को अनाज देने की ये योजना 5 महीने और बढ़ी. जुलाई अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर तक जारी रहेगी. लोगों को 5 किलो गेंहू या चावल और एक किलो चावल मुफ्त दिया जायेगा.
9. देश के किसानों का समर्पण है, इसलिए देश इतने लोगों की मदद कर रहा है. इसका श्रेय किसानों को जाता है. आज इसीलिए देश का गरीब इतने बड़े संकट का मुकाबला कर रहा है. मैं देश के हर किसान और टैक्स भरने वालों का ह्रदय से नमन करता है.
10. आने वाले समय में हम गरीब, शोषित, वंचित, हर किसी के लिए काम करेंगे. हम इकॉनोमिक एक्टिविच्य को और आगे बढ़ाएंगे. हम लोकल के लिए वोकल होंगे. 130 करोड़ लोगों को इसीसांकल संकल्प के साथ आगे बढ़ना है. फिर से मैं आग्रह करता हूँ कि एहतियात बरतिए.
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