विशाखापटनम गैस रिसाव
नई दिल्ली/विशाखापट्नमरात के करीब तीन बज रहे थे। विशाखापट्टनम के नायडू थोटा इलाके में लोग गहरी नींद के आगोश में थे। अचानक कुछ लोगों का दम घुटने लगता है। सांस लेने में बड़ी तकलीफ होती है। ऐसा लगता है अब जान निकल जाएगी। पहले तो लगा कि कहीं कोरोना वायरस हवा में तो नहीं फैल गया। लोग दहशत में आ गए। जो छतों पर थे, वो घरों में घुस गए। दरवाजे-खिड़कियां बंद कर लिए। जब घुटन कम नहीं हुई तो लोग बदहवास होकर सड़क पर आ गए। खौफ का माहौल ऐसा था कि लोगों को अंधेरे में जिस तरफ जाने को दिखा, वो उधर भाग पड़े। तीन
किलोमीटर के इलाके में ऐसी ही बदहवासी का आलम था।
एक-एक कर लोग होने लगे बेहोश दम घुटने से लोग दहशत में थे। कुछ समझ नहीं आ रहा था भागकर किधर जाएं। अंधेरे में कुछ लोग नाले में जा गिरे। कुछ बेहोश होकर सड़कों पर गिर पड़े। कुछ की सांस इतनी फूल रही थी कि मौत आंखों के आगे नाचने लगी। पुलिस को भनक लगी तो फोर्स मौके पर पहुंची। कुछ ही देर में पता चला कि पास की एक केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक हुई है।
5000 से ज्यादा लोग हुए बीमारगैस लीक की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि शुरुआती रिपोर्ट्स में 8 लोगों के मरने की खबर आ रही है। 5,000 से ज्यादा लोग इस गैस लीक की वजह से बीमार हो गए हैं। फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों के लोग इसके शिकार हुए। कुछ ने शिकायत की उनके शरीर पर रैशेज पड़ गए हैं और आंखें जल रही हैं। गोपालपटनम के सर्किल इंस्पेक्टर का कहना है कि उन्हें करीब 50 लोग रोड पर बेहोशी की हालत में मिले। इलाके तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें