सोमवार, 11 मई 2020

स्वयं सेवको ने वृद्धाश्रम पहुंच कर मनाया मदर्स डे । दिया यह संदेश

राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वय सेवको ने वृद्धाआश्रम पहुँच कर मनाया मदर्स-डे।


‌पंडित एस एन शुक्ला विश्वविधालय शहडोल (मप्र) के जिला संगठक रासेयो डॉ भरत शरण सिंह,डॉ के कुमार,डॉ एम के भटनागर कार्यक्रम अधिकारी (रासेयो), डॉ आरती झा महिला  कार्यक्रम अधिकारी रासेयो, के मार्गदर्शन मे रासेयो शहडोल इकाई के दलनायक मोहम्मद शेख इकबाल के साथ,राजमणि गुप्ता,आशीष पाठक,रघुराज सिंह शेखावत,श्रुति
तिवारी,जितेंद्र यादव, प्रणाली गौतम, के सहयोग से ओश सराफ और चक्र धर सिंह गौर ने वृद्धा आश्रम शहडोल मे वृद्ध जनो को  50 किलोग्राम चावल, मास्क, केले, आम फल व अंगूर देकर  उनका सम्मान किया!

दलनायक इकबाल ने कहा माता पिता से बढ़कर इस जग मे हमारे लिए कोई नहीं हो सकता, यदि मा हमारे लिए हिम्मत है, तो पापा हौसला है।कहते हैं दुनिया में माँ की मोहब्बत का कोई पार नही है। जब दवा काम नहीं आती  तब नजर
दलनायक इक़बाल
उतारती हैं। मा का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता।माँ का विश्वास और प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के खातिर सारी दुनिया से लड़ सकती है। वो एक अकेली बहुत होती है बुरी नजरों और दुनिया के स्वार्थ से अपनी औलाद को बचाने के लिए। *इकबाल*  ने कहा की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है, क्यों आज हमें मदर्स डे भी मानना पड़ रहा है। शायद इसलिए  की मा बाप से हम दूर हो रहे है। शायद इसलिए की आज जगह जगह वृद्धा आश्रम खुल गए ।मा बाप हमें जो देते है उसका कोई मोल नहीं होता है, इसलिए ईश्वर ने मा को जन्नत का दर्जा दिया है। ममता ही प्यार की शुरुआत है और अंत भी!

रासेयो स्वयसेवक ओश सराफ और चक्र धर सिंह ने बताया की हमने 20मिनट वक़्त वृद्ध जनो के पास  बिताया जो हमारे दिल को सुकूँ मिला  है। साथ ही हमने covid 190से जुड़ी जानकारी दी एवं मास्क देकर हमेशा लगाने के लिए  बताये! साथ ही हाथो को बार बार धुलते रहने के लिए प्रेरित किया।

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