गुरुवार, 23 मई 2019

मिड काउंटिंग 4:45 बजे /'भारत का बड़ा नेता..? -राहुल गांधी/ भारत भगवान भरोसे चलने वाला देश है....



मिड काउंटिंग 4:45 बजे
 सर्वाधिक वोट पाने वाला भारत का बड़ा नेता ..?-राहुल गांधी 
(     त्रिलोकीनाथ      )
 




अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिका ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बंटवारे का मुखिया बनाया है और अब यह सच होता दिख रहा है| 4:45 बजे मतगणना के समय जो आंकड़े उभर कर आए वह आश्चर्यचकित कर देने वाले..? हिंदुत्व वाली अवधारणा या फिर राष्ट्रवाद अथवा कोई अन्य प्रोपेगंडा ,वातावरण निर्माण जो भी रहा हो...... पूरे देश में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन देखने को मिला है| इसे लोकतंत्र में बहुमत कहा जाता है| किंतु हमारी संसदीय प्रणाली की यह विशेषता है कि हम राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली के आधार पर चुनाव नहीं लड़ रहे होते हैं ,बल्कि जब लोकसभा का चुनाव होता है या विधानसभा का चुनाव होता है तो लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव किया जाता है..... यानी हम एक संसदीय क्षेत्र में एक सांसद चुनते हैं और 1 सांसद सदन में जाकर अपने नेता को चुनता है| जो प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री बनता है |इस प्रकार से लोक सभा निर्वाचन में सबसे बड़ा नेता संसदीय क्षेत्र का सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाला नेता एक चयनित नेतृत्व के रूप में उभर कर आता है, संपूर्ण भारत के नजर से भलाई यह  सत्य उभर कर आया है, नरेंद्र मोदी की सरकार को बहुमत मिला है| किंतु इसके साथ यह सत्य भी बड़ी तेजी से सामने आ रहा है की कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी देश की लोकसभा में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले बड़े नेता के रूप में जाने जाएंगे..... केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से| एक तरफ दलगत राजनीति में भलाई कांग्रेस पिछड़ गई हो और भारतीय जनता पार्टी बहुमत के साथ आई हो संसद के अंदर केंद्र सांसद के रूप में सर्वाधिक वोट पाने वाला भारत का बड़ा नेता के रूप में राहुल गांधी को स्थापित करने का काम इसी नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की वजह से हुआ है... अब इसमें  धार्मिक आवरण में जातिवादी आवरण में राष्ट्रवाद आवरण में अथवा अथवा सांप्रदायिक आवरण में देश को ध्रुवीकरण करने का जो नकारात्मक कार्य हुआ उससे जो लहर पैदा हुई उसने  हिंदू जनमानस को जोकि भारत की सनातन धर्म व्यवस्था से ताल्लुक रखते हैं वे सब इस सांप्रदायिक ध्रुवीकरण में या तो भयभीत होकर अथवा किसी अन्य ध्रुवीकरण की प्रक्रिया से एक हो गए....... तो दूसरी तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में यहीध्रुवीकरण में या तो भयभीत होक अथवा अन्य प्रक्रिया भारी संख्या में ध्रुवी कृत हो गई......? क्या यह माना जाए कि राहुल गांधी जो कह रहे थे "चौकीदार चोर है"...... एक सर्वाधिक मत देने वाला संसदीय क्षेत्र उसको वोट किया है....? या फिर यह माना जाए वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिन्होंने कहा था "मैं भी चौकीदार......" उनके वोटरों ने अस्वीकार कर दिया है.., उसे चौकीदार नहीं मानते .....?तुलनात्मक रूप से  राहुल गांधी जो कह रहे हैं उनकी संख्या आवाज में ज्यादा दम है, दर् इस प्रकार के निष्कर्षों से यह सत्य नहीं होता..|   यह सब एक प्रकार का भावनात्मक ज्वार होता है, जिसका ध्रुवीकरण हो गया कोई एक बड़ा चक्रवात..., कोई एक छोटा चक्रवात..... अपनी अपनी जगह तबाही का आलम का संदेश दे गया| अब इस तबाही से कुछ विकास होंगे......., कुछ विनाश होंगे.... यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है| स्वस्थ लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रणाली के उद्देश्यों का समावेश इन सब में होता नहीं दिखता और यह एक बड़ी कमजोरी है....! भारत रत्न राजीव गांधी, जब इंदिरा गांधी हत्याकांड की भावनात्मक लहर में सवार होकर पार्लियामेंट में पहुंचे थे, तब उनका विकल्प सोचना भी मुश्किल था... किंतु उन्हें स्वयं को खड़े होने का अवसर भी नहीं मिला और वे आपात मृत्यु के शिकार हो गए| इस प्रकार भावनाओं के ज्वार में या नकली भावनाएं फैलाकर लोकतंत्र को कैसे मजबूत किया जा सकता है, यह बड़ा विचारणीय प्रश्न है.......? यह एक अलग बात है मिड-काउंटिंग में  इससे उत्साहित होकर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह संदेश अवश्य देते हैं कि "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" .....!
याने पहले2s थे अब 3S हो गए हैं.... शायद हमारा  लोक ज्ञान इसीलिए यह कहता है कि 'भारत भगवान भरोसे चलने वाला देश है....|
 तो जय श्री राम.., जय श्री राम और जय श्री राम...| कम से कम अब बहुमत का कोई बहाना नहीं होगा और नरेंद्र मोदी सरकार को अयोध्या विवाद अपने अंदाज में ठीक करना चाहिए जैसे लोकतांत्रिक चुनावी व्यवस्था को ठीक कर लिया है या फिर ठीक नहीं किया है|  और 4:45 बजे मिड-काउंटिंग रिजल्ट का यही संदेश है,
 जय हिंद
संशोधन 01:45 का है दिनांक 24 .5 19


+++++++????????++++++++ न्यू अपडेट जो विरोधाभासी है अपने ही पुरानी सूचनाओं का पहले जो उपरोक्त सूचना दी गई उसका आधार भी निर्वाचन आयोग की वेबसाइट ही थी तो क्या कहीं पर बड़ी गलती हो रही है या कोई छोटी लिपकीय की त्रुटि............??????


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गुरुवार को केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित घोषित किया गया।

चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, राहुल गांधी ने अमेठी के अलावा वायनाड से चुनाव लड़ा, जहां उन्होंने हार मान ली, उन्होंने अपने निकटतम सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4.31 लाख वोटों से हराया।

राहुल गांधी ने लोकसभा सीट 70,5034 वोटों से जीती, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पीपी को 27,3971 वोट मिले।

राहुल गांधी की जीत का अंतर राज्य का रिकॉर्ड था।

बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के उम्मीदवार तुषार वेल्लापल्ली, जो राज्य एनडीए के चेयरमैन भी हैं, लगभग 78% वोट लेकर एक गरीब तीसरे नंबर पर आए।

वायनाड ने 23 अप्रैल को लोकसभा चुनाव में मतदान किया, संसदीय चुनावों का तीसरा चरण, जो दो चरणों में ढाई महीने में सात चरणों में आयोजित किया गया।

राहुल गांधी द्वारा वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद केरल में यह सुरम्य लोकसभा क्षेत्र राष्ट्रीय प्रमुखता में आ गया। उच्च श्रेणी के निर्वाचन क्षेत्र वायनाड ने 80.31 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया। 2014 के चुनावों में मतदान प्रतिशत 73.25 प्रतिशत था।

वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में केरल में सबसे अधिक 20 उम्मीदवार थे। रिकॉर्ड के लिए, राज्य में सबसे कम उम्मीदवार पलक्कड़ जिले में अलाथुर लोकसभा क्षेत्र में देखे गए थे।

2008 में चौथे परिसीमन के बाद वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। इस लोकसभा सीट में राज्य के तीन जिलों- सात विधानसभा क्षेत्र, वायनाड, कोझिकोड और मलप्पुरम शामिल हैं।

2009 और 2014 में पिछले दो आम चुनावों में, वायनाड से कांग्रेस उम्मीदवार एमआई शनवास जीते। पिछले साल देर से उनका निधन हुआ

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