सोमवार, 27 नवंबर 2023

पटवारी प्रसन्न सिंह की हत्या को रोका जा सकता था...?/ सीबीआई जांच से ही स्थिति साफ होगी- संतोष शुक्ला

 

भारतीय सेना के एक पूर्वसैनिक,वर्तमान में पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल  की हत्या हो जाने के बाद भी  थाने की पुलिस का एक अमला , सिपाही भी बाणसागर से स्थानांतरित नहीं किया गयाहै ....? ना ही किसी की जवाबदेही तय की गई है...अगर भारतीय सेना के वर्तमान सिपाही राजभान तिवारी की

परिवार की 22 नवंबर को की गई शिकायत को देखें तो स्पष्ट होता है की बाणसागर थाना क्षेत्र में स्थापित माफिया तंत्र के विरुद्ध कोई कड़े कदम उठाने के पक्ष में कभी नहीं रहा...क्योंकि वह जानता है की वर्तमान लोकतंत्र शहडोल ,सीधी ,सतनाऔर रीवा का यही माफिया तंत्र चल रहा है...? इसलिए वह  आये शिकायतों को नजर अंदाज करता रहा है..और इस आशय का संदेश भी स्थापित माफिया तंत्र की ओर से करता रहा है की माफिया के विरुद्ध कोई भी रिपोर्ट सामान्य तरीके से थाने में नहीं लिखी जाएगी..

यह अलग बात है की  भारतीय सेना के उच्च अधिकारी भी इस बात की शिकायत शहडोल प्रशासन से करते रहें हैं कि शहडोल के निवासी राजभान तिवारी के परिवार को व्यवहारी क्षेत्र स्थित माफिया से सुरक्षा दी जाए. यदि इसी पत्र को गंभीरता से लिया जाता तो एक्स आर्मी मैन/प्रसन्न सिंह बघेल की हत्या को रोका जा सकता था.किंतु इस हत्या में अकेले स्थापित माफिया तंत्रकी भूमिका नहीं है उन सभी लोकतांत्रिक तत्वों की भूमिका भी है जो उस क्षेत्र में स्थापित माफिया तंत्र के साथ मिलकर लोकतंत्र चला रहे थे.....

 सोन घड़ियाल परियोजना से संबंधित अधिकारी क्या कर रहे थे ....? कलेक्टर 

क्यों कि अगर करीब एक महीने से शहडोल जिले में टेंडर नहीं होने से रेत की निकासी पर प्रतिबंध था तो कैसे सरे आम चुनाव आचार संहिता के दौरान रेत निकालते रहे..? क्योंकि कलेक्टर ने साफ कहा है की 17 डंपर रेत भर पकड़े गए थे यानी सैकड़ो की संख्या में प्रतिदिन डंपर निकल रहे थे क्योंकि कलेक्टर  की माने तो ये क्षेत्र सीधी मुख्यालय वाला सोन घड़ियाल काक्षेत्र है जिसकी अपनी सुरक्षा व्यवस्था यानि सुरक्षा तंत्र भी है तो क्या सोन घड़ियाल से संबंधित सभी अधिकारी स्थापित माफिया तंत्र के लिए काम कर रहे थे ....? 

इसकी जांच कौन करेगाऔर उससे ज्यादा गंभीर बात यह है की बाणसागर थाना का पुलिस अमला इस सोन घड़ियाल क्षेत्र के माफियातंत्र में आंख मूंदे रहता था...? अन्यथा कोई कारण नहीं की एक जवान ने इस माफिया गिरी से तंग आकर स्वयं बाणसागर में रिपोर्ट दिखाई तो उसकी रिपोर्टमात्र सूचना दर्ज करकेउसे सलाह दी गई कि वह माफिया के खिलाफ कोई कदम उठाने के पहले 100 बार सोच किंतु भारतीय सेना  का जवान इस बात की शिकायत अपने अधिकारी से दिल्ली में किया और दिल्ली के  अधिकारी ने सैनिक परिवार की सुरक्षा के लिए शहडोल प्रशासन को पत्र भी लिखा किंतु हो सकता है चुनाव की व्यस्तता के कारण उसे पत्र पर गंभीरता से कम ना किया गया हो..लेकिन बाणसागर थाना स्पष्ट तौर पर उस क्षेत्र में स्थापित माफिया तंत्र के लिए माफिया गिरी में शामिल था.....

भारतीय सेना के अधिकारि के पत्राचार से यह बात स्पष्ट होती है तो शहडोल पुलिस के उच्च अधिकारियों ने  बाणसागर थाने के पुलिस पर क्या कार्यवाही की...? यदिबाणसागर देवलो थाना की पुलिसप्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेतीऔरस्थापितमाफिया तंत्र के खिलाफथोड़ा भी कार्रवाई करतीतो उसे कानून का भय रहता और वहप्रशासन के और पुलिस केकर्मचारीको गंभीरता से लेतीदरअसल माफिया तंत्र यह मानता चल रहा थाकी पुलिस और प्रशासन भी उसी की तरहमाफिया तंत्र के हिस्साहै इसीलिए उसनेआदमी की दूसरा समझ कर उसे कुचल दिया क्या यह नहीं माना जाना चाहिए कि बाणसागर पुलिस भी पटवारी की हत्या में कहीं ना कहींअप्रत्यक्ष रूप सेशामिल रही है....अगर उसने आई हुई शिकायतों में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की तो जो स्थापित माफिया तंत्र है,इस तंत्र के संरक्षण के लिए पूरा लोकतंत्र अवैध कमाई का बंदरबांट करता रहा है जिसका परिणाम यह हुआ कि एक पूर्व सैनिक जवान और पटवारी की हत्या सरेआम हो गई ...

आखिर उन सभी पहलुओं पर क्या श्वेत पत्र जारी नहीं होना चाहिए कि आखिर पटवारी की ड्यूटी रात ने बिना सुरक्षा के कैसे लगाई गई..एसडीएम ने इस बात पर गंभीरता से कार्यवाही क्यों नहीं की एसडीएम को मालूम था की माफिया तंत्र उस पटवारी कोकुछ नहीं करेगा आखिर किस बात के आश्वासन के चलते एसडीएम ने इतना जोखिम भरा काम पटवारी को अकेले करने दिया..? फिर पुलिस ने एसडीएम को साथ नहीं दिया....? कहीं ऐसी बातें इस घटना पर उभरती हैं.जिनसे स्थापित माफिया तंत्र के भंडाफोड़ होने की संभावना है...? 

बिना सीबीआई की जांच के  माफिया तंत्र की स्थिति साफ नहीं : संतोष शुक्ला

 कांग्रेस नेता संतोष शुक्ला का कहना है जब से रेत का ठेका  माफिया के नियंत्रण में चला गया है तब से इस क्षेत्र में रेत की अवैध निकासी पर कभी गंभीरता ही नहीं बती गई. जिसका खतरनाक परिणाम यह हुआ है की एक  पटवारी प्रसन्न सिंह  की हत्या हो गई है.


जिसकी यदि सीबीआई जांच कराई जाएगी तो इस पूरे बेल्ट में किस प्रकार का माफिया तंत्र खनिज संसाधन को लूट का रिसोर्स बना रखा है स्पष्ट हो जाएगा..कांग्रेस नेता संतोष शुक्ला ने कहा बिना सीबीआई की जांच के इस क्षेत्र में स्थापित माफिया तंत्रकी स्थिति साफ नहीं हो पाएगी क्योंकि मामला शहडोलसी सतना सीधीऔररीवा क्षेत्र के माफियाओं के बड़े का प्रतीत होता  है

इसी 
लिए इतने व्यापक पैमाने पर प्रतिबंध रेत व्यापार पारदर्शी तरीके से होता चला आया हैउन्होंने पटवारी की हत्या कोअत्यंत निंदनीय कृत्य कहा है इससे पूरा क्षेत्र  बदनाम हुआ हैश्री शुक्ल ने कहा की जिस  पुलिस को उच्चअधिकारियों ने व्योहारी क्षेत्र में पदस्थ न करने की बात कही वहीं कुछ दिन पहले वहां कैसे आ गया...?

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