......................(.त्रिलोकी नाथ)....................................
यहां पर राहुल गांधी की एंट्री होती है...वह व्यवहारी आए हुए थे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैं जिन पर कहते हैं करोड़ों रुपए दाव लगाया गया था कि उन्हें पप्पू घोषित कर दिया जाए..... इत्तेफाक से 21वीं सदी के युवा गांधी साबित हुए ,पदयात्रा में..|इसमें कोई शक नहीं करना चाहिए. हैबैरल हम बात राहुल गांधी कह रहे थे कि आडवाणी जी ने कोई किताब लिखी है जिसमें इस बात का जिक्र किया है कि गुजरात आरएसएस की प्रयोगशाला नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश एक बड़ी प्रयोगशाला है...आरएसएस अपना प्रयोग करता रहता है लेकिन इस बार आरएसएस कम भारतीय जनता पार्टी या मोदी सरकार इस प्रयोगशाला के रूप में भारत का मॉडल बनाने जा रही है..
इसीलिए कई मंत्री और सांसद विधायक के रूप में चुने गए और स्वतंत्र घूम रहा जिंदा-टाइगर को शिकार करना था टाइगर ने लंबे समय से अपना नाम बदलकर मामा रख लिया था..मामा को कंस मान लिया गया था उसके ही अपने रिश्तेदारों ने..इसलिए उसके शिकार लिए कई शिकारी उतारे...इत्तेफाक से सभी शिकारी दो शिकारी को छोड़ दें तो बाकी लोगों ने अपना तीर चलाया और तीर लक्ष्य में किया , टाइगर का शिकार किसने किया है हालांकि हर शिकारी यह कह रहा है की शिकार उसने नहीं किया है...और इसकी निष्ठा इतनी जबरदस्त है और जो जितनी ताकत के साथ यह कह रहा है की शिकार उसने नहीं किया है उसे उतना ही तबज्जो मिल रहा है....क्योंकि जिंदा टाइगर उर्फ मामा तो इस जीत से बड़े दुखी थे ..और उनकी पहली प्रेस से मुलाकात में पीड़ित किया भोपाल गैस ट्रेजेडी के रूप में..उस दुखद घटना को याद करके दुखी मन से 3 दिसंबर कि इस बहुमत के रूप में खुशखबरी को दबा रहे थे
और सीधी सी बात है भी कि अगर किसी व्यक्ति ने अपने आप को जिंदा टाइगर घोषित कर दिया है तो उसका शिकार हांका लगाकर किया जाता है..औरशिवराज सिंह करीब 100000 वोट से भी ज्यादा से जीत गए.तब शिकारी का अहम भी शिकार तो हो गया है...किंतु कौन कहे कि यह शिकार उसने किया है, इसलिए सभी शिकारी इस शिकार का श्रेय अपने हेड क्वार्टर को दे रहे हैं और हेड क्वार्टर भी यानी अमिताभ बच्चन भी इस पशु-पेश में फंस गया है कि वह अब किसे मुख्यमंत्री घोषित करें की मध्य प्रदेश की कुर्सी में कौन-कौन विजेता के रूप मेंचुना जाए |
हो सकता है की चुकी राहुल गांधी ने आडवाणी जी के हवाले से कहा था की मध्यप्रदेश एक प्रयोगशाला है तो एक नया प्रयोग मध्य प्रदेश की धरती में हाईकमान यानी अमिताभ बच्चन कर रहा हो..तो यह रोचक होगा यह प्रयोग क्या होगा ...? क्या मुख्यमंत्री के साथ कई-कई कार्यकरी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री या सलाहकार मुख्यमंत्री अथवा विचारक मुख्यमंत्री पैदा किया जा सकते हैं...?हो सकता है ये जितने भी नए पदाधिकारी हो उन्हें इसका पद नाम न दिया जाए ...? हो सकता है की संज्ञा और कुछ निर्धारित की जाए...?
क्योंकि इतनी जल्दी तो जिन मंत्रियों से और सांसदों से इस्तीफा लिया गया है उन्हें फिर से मंत्री या सांसद बनाने काआश्वासन नहीं दिया जाएगा.... यह भी हो सकता है कि उन्हें संसद के लिए फिर से चुनाव लड़ाया जाए क्योंकि प्रयोगशाला के प्रयोग में कुछ भी संभव है...और इसी आश्वासन में कि उन्हें फिर से केंद्रीय सरकार में मंत्री बनाया जाएगा.... मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्रीको घोषित कर दिया जाए या फिर यह भी हो सकता है की मुख्यमंत्री बाहर से आयात किया जाए.जैसे खांटी हरियाणा में खट्टर की खटाई डाली गई थीजिसने नूंह में भारत का नाम रोशन किया था.ताकिमध्य प्रदेश की प्रयोगशाला में एक नया मॉडल तैयार हो..
कि किसी भी राज्य में कहीं भी, किसी भी,राष्ट्रभक्त को देश की सेवा के लिए कहीं भी नियुक्त किया जा सकता है.. यानी कुछ भी कहीं भी हो सकता है और इससे बड़ा प्रयोग फिलहाल कहीं होता नहीं दिखाई दे रहा है...और इसीलिएयह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अमिताभ बच्चन एक बार फिर से जिंदा-टाइगर को जिंदा कर सकता है ताकि लोकसभा चुनाव में उसका जादू या उसके नाम पर मध्य प्रदेश की के नाम पर जादूगरी फिर से दिखाई जा सके..,सिर्फ 6 माह की तो बात ही है
हो सकता है अमिताभ बच्चन ने सुनिश्चित कर लिया रोमांच के चुनारगढ़ में एक नई चंद्रकांता को देखने का अवसर मिले...यह आप सुनिश्चित समझ लें तो इसका मतलब यह वह जिंदा-टाइगर नहीं है यह जिंदा-टाइगरहोने की गारंटी की गारंटी की गारंटी है....
इसीलिए कहते हैं की "देने वाला छप्पर फाड़ कर देता है... सिर्फ यही बात सही नहीं है बल्कि यह बात भी सही है कि "लेने वाला जब लेता है तो छप्पर फाड़ कर लेता है..".यह अलग बात है की देने और लेने के चक्कर में यह तय नहीं हो पता है कि शहडोल में मतगणना क्षेत्र में जब एक पेटी खुलता है तो उसमें बैटरी फुल चार्ज रहती है यानी एक परसेंट कम रहती है "99% रहती है"...
यह भी भगवान का चमत्कार है,इसे भारत के चुनाव आयोग को मॉडल के रूप में रखना चाहिएकि आप कितना भी काम करें लेकिन आपकी बैटरी फुल रहेगी....अमिताभ बच्चन की विशेषता है अमिताभ बच्चन जब 100 साल के हो जाएंगे तब भी वह 17 साल के जवान दिखेंगे...चमत्कार है यही उनका चमत्कार है...क्योंकि चुनाव आयोग का अमिताभ बच्चन से भी यह अपेक्षा है कि वह इस पेटी के रहस्य को जनता जनार्दन को बताओ की कैसे अर्थव्यवस्था पर टॉप टेन में जगह नहीं थी तो गरीबों का आंकड़ाएक चौथाई भी नहीं था..अब आंकड़ा की संज्ञा बदल गई है हम तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं और गारंटी है की गारंटी है कि वहभारत की एक तिहाई आबादी को 5 किलोराशन पर जिंदा रखने की घोषणा कर रहा है.....
क्योंकि उसे मालूम है की यही सच्चाई है एक आदमी की औकात 5 किलो राशन ही है.... इससे ज्यादा नहीं,अमिताभ बच्चन यह भी सोचता है की भारत की अर्थव्यवस्था जब एक नंबर पर होगी तब भारत के 99 प्रतिशत लोगों को यानी करीब140 करोड लोगों को 5 किलो राशन के मुक्त व्यवस्था की जाएगी...और यही हमारा रोमांचकारी रोमांस होगा....एक अमीर के साथ 99 गरीब...
और शहडोल के मतगणना में कितना भी खर्च करो उसकी बैटरी खत्म नहीं होगी.....वह 99% बनी ही रहेगी... यही तो चमत्कार है, इसी चमत्कार के बीच से किसी एक शिकारी को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित किया जाएगा...ताकि गारंटी बनी रहे की खत्म नहीं होने वाली हैउसकी बैटरी....राहुल गांधी ने झूठ नहीं बोला था मध्यप्रदेश एक प्रयोगशाला है और इस प्रयोगशाला में हमारे लिए गौरव की बात है की एक नया मुख्यमंत्री हमारा अमिताभ बच्चन घोषित करने वाला है बस हम टकटकी लगाकर अमिताभ बच्चन के रोमांचकारी अंदाज में "कौन बनेगा..,मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री यह सुनने को हम बेताब हैं.....और कोई बात नहीं है..बाकी सब ठीक-ठाक है....अमिताभ बच्चन 81 के हो गए हैं,और यही भारतीय राजनीति के अमिताभ बच्चन की गारंटी की गारंटी की गारंटी है या यही वर्तमान राजनीति के प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम् है.....
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