रविवार, 26 नवंबर 2023

सेना के पूर्व जवान को नहीं मिलेगा, शहीद का दर्जा....


 एक्स आर्मी मैन (सेना निवृत सेवा के जवान) जो व्यवहारी क्षेत्र में पटवारी की नौकरी पर सेवारत थे, उन्होंने अगर यही बलिदान भारतीय सेना में किया होता तो आज उनको भारत शासन की नजर में शहीद  का दर्जा मिलता . साथ में उनके बलिदान को यह देश याद रखता. लेकिन यह भारत के दुश्मनों से लड़ाई नहीं थी बल्कि गद्दारों के साथ लड़ाई थी इसलिए गद्दारों के साथ लड़ते लड़ते उनके बलिदान हो जाने पर उन्हें शहीद का दर्जा किसी भी हालत में नहीं मिलेगा...क्योंकि वह पटवारी की नौकरी पर थे, अपना पेट पाल रहे थे...और आम पेट पालने वाले किसी कर्मचारी को शहीद का दर्जा आखिर क्यों मिलता...? 

शायद इसीलिए भारत के दुश्मनों से ज्यादा भारत के अंदर जो माफिया सिस्टम है जिसमें कई भ्रष्ट पुलिस प्रशासन और नेता सब शामिल है और माफिया को संरक्षण देते हैं.. तथा भारत का धन लूटने का काम करते हैं ऐसे में भारत का जवान शहीद होता है तो उसे शहीद का दर्जा नहीं मिल सकता है. इस घटना से फिलहाल यही साबित होता है .क्योंकि पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल ,एक्स आर्मी मैन थे और उनका जड़  रुतबा और लड़ाई इस स्तर का था जिस स्तर पर वह भारतीय सेवा में अपनी जान की परवाह किए बिनाकर्तव्य पूर्ति के लिए अपना जान जोखिम में डाल देते थे.

 पुलिस प्रशासन को इस बात का भली-भांति ज्ञान था कि ब्यौहारी क्षेत्र में रेत का माफिया कोई साधारण  चोर नहीं है बल्कि वह मध्य प्रदेश की शान और प्रशासन को नियंत्रित करने वाला ट्रेनिंग सुधा माफिया है जो राजनीति को नियंत्रित करता है 

सब जानते हैं कि पिछला  रेत का टेंडर विधायक संजय शर्मा का हुआ करता था और वह   विधायक थे बाद में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर  कांग्रेस में आकर चुनाव जीते थे. तथा कमलनाथ की सरकार में रेत का टेंडर शहडोल जिले का हासिल किए थे औरउनका अनियंत्रित प्रबंध एक माफिया की तरह शहडोल जिले में रेत का उत्खनन कर रहा था .सत्ता बदल जाने के बाद सिर्फ उन्हें चेतावनी देने की दृष्टिकोण से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एक साथ 56 गाड़ियां पकड़वाई थी.और इसके बाद यह ठेकेदार के अंदर में काम करने वाला रेत का माफिया ठेकेदारी का नकाब ओढ़ कर शहडोल जिले में माफिया गिरी की प्रशासन स्थापित कर दिया था .जिला खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा इस माफिया के अंदर में गुलाम की तरह अपना  काम करता था .जिसका परिणाम यह था कीछोटे-छोटे रेत के चोर भी    यह समझ बैठे थे कि प्रशासन जैसी कोई चीज नहीं होती है...

बताया जाता है कि  क्षेत्र का माफिया गिरी का पूरा काम एक नेता मैहर का भाजपा कार्यकर्ता नियंत्रित कर रहा था...और वह इतना निर्भीक होकर रेत की स्मगलिंग करता था कि उसने अपने तमाम छोटे-मोटे ट्रैक्टर और ट्रक चलाने वाले लोगों को भी बड़े माफिया की तरह काम करने का गुण सीखने लगा  जब चुनाव का वक्त आया और शहडोल जिले में रेत का टेंडर नहीं होने से रेत प्रतिबंधित रहा, तब भी उसका माफिया सिस्टम पूरे क्षेत्र  पुलिस और प्रशासन कोअपने जेब में रखते हुए अपनी माफिया गिरी कर रहा था और प्रतिदिन 100 से डेढ़ सौ डंपर रेत   एक्सपोर्ट कर रहा था.

 यह भी जाता है कि कि स्मगलिंग के पैसे से भाजपा और कांग्रेस के लोग जहां भी चुनाव लड़ रहे थे उन्हें पैसा फंडिंग होती थी...ऐसे में रेत का माफिया के लिए किसी पटवारी की क्या औकात होती है या किसी थानेदार की क्या औकात होती है....? यह बात तब भी सामने आई थी जब बुढ़वा क्षेत्र के  रेत   सुखाड़ गांव  का भारतीय सेना का जवान राजभान तिवारी अपने खेत को बचाने के लिए माफिया से सीधे लड़ने का प्रयास किया, जिसमें उसे उसके साथ मारपीट की गई बल्कि उसके घर के  रखें भूसे में आज भी लगा दिया गया.. क्योंकि उसने पुलिस अधीक्षक को और कलेक्टर को इस बात की शिकायत की थी. कि साथ में यह भी कहा गया कि यदि ज्यादा उड़ोगे तो तुम्हारे घर में भी आग लगा दी जाएगी. 

हालांकि इस बात की शिकायत दिल्ली के सेना अधिकारी के समक्ष गई तो सेना के अधिकारी ने शहडोल कलेक्टर को विद्वत एक पत्र लिख करके माफिया गिरी को नियंत्रित करने और सेना के जवान को और उसके परिवार को सुरक्षित करने के लिए निर्देश दिए थे.यानी प्रशासन को इस बात का भली-भांति ज्ञान था कि प्रशिक्षित माफिया पुलिस और प्रशासन को दो टुकड़े का आदमी समझता है..इसके बावजूद भी प्रशासन ने सतर्कता ध्यान न रखते हुए न हुए पटवारी के रूप में भारतीय सेवा के सेवानिवृत जवान को इस काम की पेट्रोलियम की ड्यूटी लगा दी जिसका खामियाजा प्रसन्न सिंह बघेल को कर्त्तव्यांश कर्मचारी के रूप में बलिदान होकर चुकाना  पड़ा.


थाना देवलोंद अंतर्गत ग्राम गोपालपुर में प्रशासनिक अमले पर जानलेवा हमला कर हत्या करने वाला आरोपी गिरफ्तार

एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति मेंबताया गया है विगत 3 दिवसों से ब्यौहारी अनुभाग में पुलिस एवं प्रशासन द्वारा अवैध रेत के विरूद्ध संयुक्त कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में दिनांक 25.11.2023 को रात्रि 9.00 बजे तक राजस्व, पुलिस और माईनिंग की टीम मौके पर कार्यवाही कर रही थी। जिसके बाद देर रात्रि 4 पटवारियों का दल पेट्रोलिंग के उद्देश्‍य से ग्राम गोपालपुर गया था। ग्राम गोपालपुर में अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन करते ट्रेक्टर को प्रशासनिक अमले द्वारा पूछताछ हेतु रोका जा रहा था जिस दौरान आरोपी द्वारा अमले पर ट्रेक्टर चढाते हुए जानलेवा हमला कर दिया जिसमें पटवारी प्रसन्न सिंह की मौके पर मृत्यु हो गई। पुलिस को सूचना मिलते ही मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए थाना देवलोंद में धारा 302, 379 भा.द.वि., धारा 4/21 खनिज अधिनियम एवं मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। घटनाक्रम पर आरोपी की गिरफ्तारी हेतु देर रात ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन  द्वारा आरोपी के विरुद्ध 30,000 के इनाम की उद्घोषणा की गई है।

प्रकरण में पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त ट्रेक्टर को जप्त किया गया एवं घटना में संलिप्त आरोपी शुभम विश्‍वकर्मा उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम कुंआ थाना रामनगर जिला मैहर एवं वाहन मालिक नारायण सिंह निवासी जिला मैहर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया।मामले की गंभीरता को देखते हुए अति. पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन शहडोल  द्वारा ग्राम गोपालपुर घटना स्‍थल का निरीक्षण किया गया। घटना के संबंध में एसडीओपी ब्यौहारी एंव थाना प्रभारी देवलोंद से जानकारी प्राप्त कर प्रकरण के संबंध में समुचित निर्देश दिये गये।


षड्यंत्र मेंशामिल लोगों के घरों में बुलडोजर चला कर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाना चाहिए  --कैलाश तिवारी

शहडोल  ।


भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला महामंत्री कैलाश  तिवारी ने देवलोंद थाना अंतर्गत गोपालपुर 
में पटवारी श्री प्रसन्न सिंह की रेत माफिया द्वारा खुलेआम ट्रैक्टर से रौद कर हत्या की कठोर निंदा करते हुए कहा है कि जिला प्रशासन द्वारा लगातार रेत माफिया को दी गई छूट का नतीजा है कि जब कभी भी उनके खिलाफ कोई अभियान चला जाता है तो वह सरकारी कर्मचारी की जान लेने में भी पीछे नहीं रहते हैं। शहडोल जिले में रेत माफिया खुलेआम रेत का कारोबार कर रहे हैं यह किसी से छिपा नहीं है ।लगभग महीने में 15 बार पत्रकारों के द्वारा यह मामला उठाया जाता है लेकिन कभी भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। भारतीय जनता पार्टी के नेता ने जिला प्रशासन से अपेक्षा की है कि अभी भी वक्त है कि इस पर  प्रभावी  अंकुश लगाया जाए अन्यथा रेत माफिया बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी जानलेवा हमला करने में पीछे नहीं रहेंगे जो कि प्रशासन के लिए भविष्य में चिंताजनक होगा। पटवारी की हत्या करने वाले संपूर्ण  षड्यंत्र मैं शामिल लोगों के घरों में बुलडोजर चला कर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाना चाहिए । इस घटना में केवल ट्रैक्टर ड्राइवर ही नहीं अनेक लोग शामिल होंगे। इस अभियान को लगातार जारी रखना चाहिए।

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