जिस बात की आशंका सेना अधिकारी ने शहडोल प्रशासन से जताई थी वह प्रशासन के ही एक कर्मचारी पटवारी के ऊपर रेत माफिया गिरी. और पटवारी की मृत्युहो जाने की खबर है यानी शहडोल की रेट की माफिया गिरी नेशहडोल प्रशासन केऊपर हमला कर दिया और पटवारी की हत्या कर दी....
तो क्या शहडोल माफिया गिरी का ट्रेनिंग सेंटर बन गया है यह बात बहुत गंभीर है.. क्योंकि सेना अधिकारी ने इस बाबत कलेक्टर शहडोल को पत्र भी लिखा की क्षेत्र मेंरेत माफिया के कारण भारत के सैनिक के परिवार को खतरा पैदा हो गया है और उसका परिवार प्रताड़ित हो रहा है.. जिस पर जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए.किंतु जिस प्रकार से शहीदों की राजनेता अपने स्वार्थ के लिए क्षतिपूर्ति की राशि देकर फोटो खिंचवाते हैंऔरसार्वजनिक अपमान जैसा कर रहे हैं उसे नहीं लगता है की सेना के अधिकारियों की बातों को गंभीरता से राजनेताओं के गुलाम बन चुके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्माण करेंगे...?
.....................................(त्रिलोकी नाथ).........................................
ग्राम सुखाड़ से लगी हुई नदी में दोनों तरफ के माफिया यानी रामनगर थाना क्षेत्र जिला सतना और शहडोल बाणसागर थाना क्षेत्र में सक्रिय निर्भीक माफिया रेत की स्मगलिंग का कारोबार करता है।
हाल में जिस प्रकार से आगरा में शहीद शुभम गुप्ता के परिवार में पहुंचकर उत्तर प्रदेश के मंत्री ने अपमानजनक तरीके से क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रयास किया उससे भाजपा सरकार को काफी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है. किंतु वास्तव में सेना के अधिकारियों की सेवा को सिर्फ एक अनुबंध के रूप में देखकर उसकी मौत पर क्षतिपूर्ति राशि देकर जो संवेदनहीनता दिखाई जाती हैशायद उसी का यह असर है कि अगर सैनिक परिवार में कोई गंभीर आपदा आती है तो शासन और प्रशासन उसे पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करता है...और यही कारण है कि अभी तक ना तो बाणसागर क्षेत्र के किसी पुलिस अधिकारी पर अपनी जिम्मेदारी निर्वहन नहीं करने पर कार्रवाई हुई है और ना ही सैनिक परिवार पर जो सार्वजनिक हमला हुआ है उस पर कोई बड़ी कार्रवाई हुई है.. बल्कि उस क्षेत्र में खनिक,पुलिस विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े स्तर पर अवैध रेत परिवहन का स्मगलिंग का कामदिन-रात हो रहा है...ऐसे में सेना अधिकारी की कई बातों का कितना तवज्जो होगा...?
शहडोल का प्रशासन चुनाव में व्यस्त था,इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई...अब प्रशासन को फुर्सत मिली है तो वह इस पर कार्रवाई करने हेतु व्यवहारी क्षेत्र में दविस दे रहा है खनिज अधिकारी का कहना है कि इस वक्त हम व्यवहारी क्षेत्र में पूरी कड़ा ई के साथ रेत माफिया गिरी पर रोक लगाने का काम कर रहे हैं .
पर पुलिस विभाग की ओर से जो प्रभावशाली कार्यवाहियां होनी चाहिए उस पर अभी तक कोई वजनदार कार्रवाई समझ में नहीं आई है... जैसा कीबहुत पहले एक साथ व्यवहारी क्षेत्र में 56 डंपर हाईवा ठेकेदार कम माफिया के पकड़े गए थे
यह भी एक अलग बात है की माफिया ही ठेकेदार था..लेकिन माफिया मैनेजर और उसके चंगू-मंगू पर कार्रवाई हुई थी.ठेकेदार के ऊपर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं कि वह राजनीतिक हैसियत में इस स्तर का था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को गिरा सकता था...? तो क्या कोई बड़े स्तर पर समझौता हो गया जिस कारण से की गई कार्रवाई लगभग नपुंसक होकर रह गई और माफिया के साथ एक ऐसा समझौता हो गया कि जिस माफिया को माफिया समझकर पकड़ा गया था वह जिले का खनिज विभाग अप्रत्यक्ष तौर पर चलाने लगा था. क्षेत्र में भी जो माफिया यहां अवैध रेत परिवहन का काम कर रहा था उसे मैहर क्षेत्र का विधानसभा का टिकट भी दिया गया है... अगर वह जीत जाता है तो वह बड़ा माफिया बनकर नए रूप में मध्य प्रदेश के किसी न किसी खदान में अपना आतंक मचा रहा होगा..
व्यवहारी क्षेत्र के विधायक का कहना हैकी क्षेत्र में माफिया गिरी को अंकुश लगाने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिएजो वर्तमान में होता नहीं दिख रहा है
हाल में शहडोल में पदस्थ हुए खनिज अधिकारी देवेंद्र पतले का कहना हैकि हमारा पूरा ध्यान व्यवहारी क्षेत्र में माफिया गिरी को नियंत्रित करने पर लगा हुआ है और हम लगातार दविस बनाये हुए हैं
तत्काल प्राप्त सूत्रों के अनुसारशहडोल जिला मुख्यालय से करीब 90 किमी दूर ब्यौहारी के ग्राम गोपालपुर बुढ़वा में रेत माफिया ने पटवारी की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी। घटना को बीते शुक्रवार की रात को उस समय अंजाम दिया गया जब पटवारी अवैध रेत परिवहन होने की सूचना पाकर दल के साथ उसे रोकने गए थे। तभी ट्रैक्टर ड्राइवर से पटवारी प्रसन्ना सिंह की कहासुनी हुई। पटवारी ने रेत के अवैध परिवहन का विरोध किया जिससे गुस्साए ड्राइवर ने उन्हें कुचलकर मार डाला और फरार हो गया। बता दें बुढ़वा से लगे गोपालपुर,सथनी आदि ग्रामों में रेत का सालों से अवैध परिवहन हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार उसे रोकने का अनुरोध किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। थाना देवलोंद की पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। बताते हैं कि घटना स्थल पर अन्य लोग भी थे जो भाग गए।
भ्रष्टाचार से पुलिस प्रशासन पैसे के दम पर अंधा बन बैठी 5 साल 10 साल से पुलिस एक जगह पर स्थाई रूप से ड्यूटी कर रहे इनके ऊपर शासक कार्यवाही की मांग की जाए
जवाब देंहटाएंइंडियन क्राइम न्यूज़ से जिला चीफ ब्यूरो शहडोल अनिल चतुर्वेदी शहडोल जिले के अंदर जितने थाना हैं सब में आज 10 साल से पुलिस स्थाई रूप से बैठी है ना तो इनका ट्रांसफर ना तो इनके ऊपर कोई निगरानी माफिया का हौसला कर रहे बुलंद इनकी ट्रांसफर की तत्काल मांग की जाए सोशल मीडिया नेटवर्क इंडियन क्राइम न्यूज़ एंटी करप्शन जिला चीफ ब्यूरो शहडोल
जवाब देंहटाएंइंडियन क्राइम न्यूज़ हर थाने में 10 साल से बैठी स्थाई पुलिस का कोई ट्रांसफर नहीं शासन उनके ऊपर ट्रांसफर की कोई कार्यवाही नहीं करती जो कि अपनी निजी संपत्ति मन कर बैठे हुए करवा रहे भ्रष्टाचार चोरी डकैती अपहरण 302 रेत उत्खनन शराब जुआ का अखाड़ा बन चुका शहडोल जिला
जवाब देंहटाएंएस डी एम व्यवहारी की कार्य प्रणाली पर भी टिप्पणी आवश्यक है क्योंकि पटवारी रात्रि में किसके आदेश से गए थे l जाने के पूर्व एसडीएम ने कोई आदेश कार्यवाही का दिया था या पटवारी की टीम भेजने के पीछे कुछ और मिलीभगत का राज छुपा था l भूमिका सभी की संदिग्ध है l विना प्रशासन की सह से ऐसे कृत्य नहीं हो सकते हैं l
जवाब देंहटाएं