सोमवार, 20 नवंबर 2023

शराब चीज ही ऐसी है...; ऑस्ट्रेलिया पगला गया है...-( त्रिलोकी नाथ)

 अब यह खबर पुरानी हो चली है कि विश्व कप क्रिकेट की दुनिया  में ऑस्ट्रेलिया ने “छक्का” जड़ दिया है यानी उसने छठवीं बार विश्व कप पर जीत दर्ज कर दी है।किंतु खबर यह नहीं है… खबर यह है की जीतने वाला ऑस्ट्रेलिया विश्व स्तर पर इतनी सम्माननीय विश्व कप ट्रॉफी को शराब के घूंट के साथ पैर के नीचे रखकर जो फोटो खींचाया है 


 वह उनके अहंकार और दंभ के साथ उनके चरित्र को भी दर्शाता है। अगर यह क्रिकेट खेल की बात ना होती और राजनीति की बात होती भारतीय लोकतंत्र में वर्तमान राजनीति की स्थिति की बात होती है तो इसे हम स्वीकार कर लेते क्योंकि कुछ इसी अंदाज में कुछ लोग चुनाव जीते हैं और भारतीय लोकतंत्र को इसी प्रकार से अपने पैर के नीचे जूती तले दबकर रखते हैं फिर उसमें किसी का भी मान सम्मान कोई मायने नहीं रखता. यहां तक की भारतीय लोकतंत्र का सम्मान भी मायने नहीं रखता किंतु यह बात राजनीति की नहीं है यह विश्व में महत्वपूर्ण क्रिकेट खेल के सम्मानित प्रतीक चिन्ह विश्व कप की है इसलिए थोड़ा सा हजम कम हो रहा है.....


-.....................................(त्रिलोकी नाथ )..............................................

 भारत ने अपनी जीत की पूरी तैयारी कर रखी थी। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इस वक्त इत्तेफाक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पर इसी तैयारी से आए थे की अपने अंगने में वह भारतीय खिलाड़ियों का सम्मान करेंगे। लेकिन दुर्भाग्य क्रिकेट खेल का विषय है, इसलिए ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप क्रिकेट को छठवीं बार हथिया लिया और शानदार जीत दर्ज की।

 लब्बोलुआब सिर्फ इतना रहा की अगर ऑस्ट्रेलिया की कंगारू से ही भारतीय खिलाड़ी यह सीख लेते की किस प्रकार से कंगारू बनकर फील्डिंग करनी चाहिए तो शायद बाजी पलट गई होती…, लेकिन भारत विश्व गुरु है वह किसी से सीखना नहीं चाहता है यही उसका अहंकार है.. और इस अहंकार ने उसकी खुशी को करोड़ों प्रशंसकों के उत्साह के साथ दफन होना पड़ा, क्योंकि इतना भी आत्मविश्वास अच्छा नहीं है…

     किंतु खबर यह नहीं है… खबर यह है की जीतने वाला ऑस्ट्रेलिया विश्व स्तर पर इतनी सम्माननीय विश्व कप ट्रॉफी को शराब के घूंट के साथ पैर के नीचे रखकर जो फोटो खींचाया है वह उनके अहंकार और दंभ के साथ उनके चरित्र को भी दर्शाता है। अगर यह क्रिकेट खेल की बात ना होती और राजनीति की बात होती भारतीय लोकतंत्र में वर्तमान राजनीति की स्थिति की बात होती है तो इसे हम स्वीकार कर लेते क्योंकि कुछ इसी अंदाज में कुछ लोग चुनाव जीते हैं और भारतीय लोकतंत्र को इसी प्रकार से अपने पैर के नीचे जूती तले दबकर रखते हैं फिर उसमें किसी का भी मान सम्मान कोई मायने नहीं रखता यहां तक की भारतीय लोकतंत्र का सम्मान भी मायने नहीं रखता किंतु यह बात राजनीति की नहीं है यह विश्व में महत्वपूर्ण क्रिकेट खेल के सम्मानित प्रतीक चिन्ह विश्व कप की है इसलिए थोड़ा सा हजम कम हो रहा है…

 तो हो सकता है करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक चिन्ह विश्व कप ट्रॉफी के साथ किस प्रकार से व्यवहार करना चाहिए इसकी कोई रूल रेगुलेशन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड ने ना बने हो, इसलिए अहंकारी कंगारू करोड़ों लोगों के सम्मान का चिन्ह विश्व कप शराब के साथ पैर  के नीचे दिखाए गए हैं। इस बारे में कोई दिशा निर्देश फिलहाल तो दिखाई नहीं देते की विश्व कप जीतने के बाद उसे किस प्रकार से सहेज कर रखना चाहिए, लेकिन अगर नियम कानून नहीं बने हैं तो क्या सभी नैतिकताओं को पैर के नीचे दबा देना चाहिए यह प्रश्न जरूर खड़ा हो गया है….!


 जो फोटो सामने आई है वह बेहद चौंकाने वाली है कमरे के अंदर आप विश्व कप के साथ क्या-क्या करते हैं कौन जानता है वह आपकी इज्जत है अपनी इज्जत के साथ आप अपनी कितनी मैयत से उतरते हैं यह आपको मुबारक हो, लेकिन जब समाज में आना पड़ता है तो उसकी इज्जत रखनी पड़ती है।


 नहीं तो इस पागलपन कहा जाता है और ऑस्ट्रेलिया छठवीं बार विश्व कप जीतने के बाद भारतीय नजर में पगला गया है, किंतु अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड को इसमें दिशा निर्देश बनाने के अवसर उठ खड़े हुए हैं. ‌। कहते हैं श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर राजनीतिक हस्तक्षेप ज्यादा होने से उनका पंजीयन प्रभावित किया गया है ऐसे में अगर ऑस्ट्रेलिया पगला गया है तो उसके लिए भी कुछ दिशा निर्देश जरूर बनने चाहिए। क्योंकि पागल लोगों के लिए समाज में क्यों सम्मान होना चाहिए। चाहे वह किसी भी रूप में जीतकर आ जाए उसके उसके पागलपन का इलाज होना ही चाहिए….. यह अलग बात है की ऑस्ट्रेलिया में इस पागलपन को हो सकता है सम्मान की नजर से देखा जाए….? आखिर भारत का अडानी जब ऑस्ट्रेलिया में मोदी सरकार आने के बाद कारोबार करने जाता है तो उसे झटके से लाखों करोड़ रुपए भारतीय खजाने से निकाल करके कर्ज दे दिया जाता है…. यह भी एक पागलपन है ऐसे में अगर ऑस्ट्रेलिया भारत में भारत के सपनों के विश्व कप और करोड़ों लोगों के सम्मान का प्रतीक क्रिकेट विश्व कप पर पैर रखकर शराब की चुस्की ले रहा है तो कोई बड़ी बात नहीं है…..?

 उसे मालूम है कि भारत के लोग किस तरह से ऑस्ट्रेलिया में अनैतिकता से पैसा लाते हैं उन्हें कुछ इसी तरह का बर्ताव पसंद है….। बहरहाल, हमें अच्छा नहीं लगा, हमें पसंद नहीं है बस यही अंतर है…. नैतिकता और अनैतिकता के बीच का और कोई बात नहीं तुम्हारी इज्जत विश्व कप बन गई है अपनी इज्जत की जितनी मैयत करनी है करते रहो, कौन बोलेगा....... यही होता चला आया है…..

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