शहडोल।
शहडोल के निर्माता और भारतीय संविधान सभा के सदस्य रहे पंडित शंभूनाथ जी शुक्ला की आज पुण्यतिथि है शहडोल कलेक्टर परिषर स्थित स्व. पंडित शुक्ला की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा उनके किए गए कार्यों और विकास के योगदान में उनको याद किया गया। श्रद्धांजलि सभा में शहडोल जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र मरावी प्रदेश कांग्रेस नेता नीरज द्विवेदी, नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल व सामाजिक संस्थाओं से अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के पंडित दयाशंकर शुक्ल, पंडित प्रकाश तिवारी, त्रिलोकी नाथ गर्ग, गौरव द्विवेदी, राममिलन शर्मा, सुशील शर्मा, राजकुमार तिवारी, राहुल सेन, मानसिंह, प्रत्यूष गौतम आदि स्थल पर पहुंचकर कई लोग उपस्थित हुए ।
पंडित जी की स्मृतियों को ताजा करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र मरावी ने उन्हें याद किया। पंडित शम्भूनाथ शुक्ल का जन्म 18 दिसंबर 1903 को शहडोल में हुआ था। एलएलबी में भी गोल्ड मेडल मिला था।स्वतंत्रता आंदोलन के चलते वह 1920 में असहयोग आंदोलन जेल भी पहुंचे थे।सन् 1929 में ही इलाहाबाद में पंडित जी ने वकालत की शुरुआत कर दी। इतना ही नहीं 1930 में मुंसिफ मजिस्ट्रेट बुढ़ार जिला शहडोल में वकालत प्रारंभ कर दिया। बाद में वह 1945 में, रीवा
महाराजा के कानूनी सलाहकार नियुक्त हुए। स्वतंत्रता के बाद वे विंध्य प्रदेश से भारत की संविधान सभा के लिए मनोनीत किए गए।1950 से 1952) वे अस्थायी संसद के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके बाद 1952 में विंध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए और सर्वसम्मति से कांग्रेस की ओर से विंध्यप्रदेश के (1952 से 1956) तक मुख्यमंत्री के लिए चुने गए।1967 के संसदीय चुनावों में वह कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में, रीवा संसदीय सीट से लोकसभा के सदस्य चुने गए। 15 अगस्त सन 1971 को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, का प्रथम कुलपति नियुक्त किया।21 अक्टूबर 1978 को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में उनका निधन हो गया।स्वतंत्रता के बाद उन्होंने शहडोल के विकास के हर संभव प्रयास किए, आज शहडोल जिस पथ पर है, वह उनका ही योगदान है।
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