गुरुवार, 12 जनवरी 2023

अंधेर नगरी-चौपट राजा ,सफल माफिया

सोन के सोना के खुले लुटेरे

 राष्ट्रपति की पेशा एक्ट की घोषणा भी निष्फल साबित हो रही है...?


खनिज विभाग और

 रेत माफिया की 

नूरा कुश्ती में

ग्राम पंचायत रसपुर में रेत खनन बंद करवाने को एक माह से धरने पर बैठे किसान

---------------------(त्रिलोकीनाथ)----------------------------

किसानो ने लगातार अपनी मांग को लेकर ग्राम पंचायत रसपुर में धरने पर बैठे हैं, उनकी मांग है कि रेत खनन बंद किया जाए, क्योंकि लगातार किसान पीड़ित हो रहा उसकी किसानी बर्बाद हो रही, पानी का जलस्तर नीचे जा रहा है,  खेत के मेढ़ कट रहे हैं, उनकी मिट्टी लगातार कट रही है, गांवों में पानी का जल स्तर नीचे जा रहा है ।

बताया जाता है बगल में संजय गांधी राष्ट्रीय पार्क लगा हुआ है, झांपर नदी से लगे लगभग 30 गांव रेत खनन से प्रभावित हो रहे हैं, 8 ग्राम पंचायत ने अपनी सहमति दी है कि यह रेत खनन बंद हो, जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल लगातार किसान भाइयों के साथ धरने पर बैठे हैं, जनपद सदस्य गायत्री पटेल , दयाशंकर पटेल, ग्राम पंचायत रसपुर के सरपंच महोदय शंभू कोल उपसरपंच और सभी पंच महोदय इस धरने पर किसान भाइयों के साथ लगातार बैठे हैं, महिलाएं रात रात जाग कर अपना समर्थन किसान भाइयों को दे रही हैं , कलेक्टर महोदय, जिला पंचायत CEO महोदय, अपर कलेक्टर  प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल जी विधायक महोदय शरद कोल जी को किसान भाई अपना ज्ञापन सौंप चुके हैं ।लेकिन अभी भी किसान भाई कड़ाके कि ठंड में धरना प्रदर्शन मे बैठे हैं

 तो दूसरी तरफ ग्राम पंचायत रेउसा के किसान भी खनन माफिया के माफिया गिरी से बहुत परेशान हैं क्योंकि पूरा अवैध रेत का कारोबार उन्हीं की सड़क से होकर जाता है पिछले दिनों ही कथित तौर पर पौड़ी के पुल पर ओवरलोड चल रही रेत


की गाड़ियों के कारण रेत के कारण पुल में फैली रेत से फिसलन के कारण दुर्घटना में मृत्यु हो गई किंतु ना तो संबंधित क्षेत्र के एसडीएम या थानेदार को चिंता है और ना ही वहां के नेताओं को किसी माफिया के कारण इस तरह के लोगों की एक प्रकार की हत्याएं हो रही हैं |

कहने के लिए महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू शहडोल जिले में आकर आदिवासियों के संरक्षण के लिए पेशा एक्ट का उपयोग करके लोक हित की बात कही थी किंतु वह ड्रामा होता नजर आ रहा है क्योंकि पूरा सिस्टम इस क्षेत्र के रेत माफिया जो कथित तौर पर ठेकेदार के ही अपने आदमी हैं उसकी इशारे पर ओपन माफिया गिरी कर रहा है और आम नागरिक तथा स्थानीय ग्राम पंचायत तथा पंचायत के नेता इस कड़क ठंड में मरने को मजबूर हैं किंतु सुनवाई होती नहीं दिख रही है उल्टा रेत माफिया शहडोल खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा के संरक्षण में इस बात को प्रचारित करता है कि यहां की अनशन कर रही जनता सिर्फ माफिया से हिस्सा लेने के लिए यह सब ड्रामा बाजी कर रही है तो क्या ग्रामसभा को मिलने वाले सभी पावर महामहिम राष्ट्रपति की घोषणा भी सिर्फ मात्र एक ड्रामा बाजी थी यह बड़ा सवाल है अगर पंचायत नेता असफल साबित हो रहे हैं 

बेहतर होता कि सांसद और विधायक गण इस माफिया गिरी के खिलाफ अपने वोटरों और ग्रामीण नागरिकों के हित में किसी निर्णायक कदम को उठा पाते अन्यथा जिस प्रकार से उत्तरांचल का जोशीमठ सिस्टम के भ्रष्टाचार के कारण पूरा शहर खत्म हो गया है उसी तरह इस क्षेत्र की जनता इस खुले भ्रष्टाचार के कारण और धूर्त माइनिंग अधिकारी प्रमोद शर्मा के तथा रेत माफिया की मिलीभगत के कारण गांव समाज के ग्रुप को खत्म करने का काम करेगी साथ ही माफिया गिरी के कारण हो रही दुर्घटनाओं की बढ़ोतरी हो जाएगी और हत्याएं दुर्घटना के रूप में होती रहेंगी।


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