गुरुवार, 12 जनवरी 2023

विद्युतीकरण निगम- आरईसी में तीन समझौता

 मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 


 विद्युतीकरण निगम लिमिटेड- आरईसी ने तीन रणनीतिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये

 (12 JAN 2023  PIB Delhi)

1. मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर दिलचस्पी दिखाई गई है

2. आरईसी ने 15,086 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) के साथ पहले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये 

3. रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) केसाथ दूसरा समझौता हुआ, जिसमें आरईसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगा

4.आरईसी ने विश्व बैंक के साथ साझेदारी में चुनिंदा राज्य स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों के लिए एक वित्तपोषण योजना तैयार की है

5. शिखर सम्मेलन में 314 से अधिक कंपनियों ने अपनी भागीदारी दिखाई है

आरईसी लिमिटेड ने रणनीतिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

 

आरईसी लिमिटेड ने मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 की पृष्ठभूमि में रणनीतिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) के साथ पहले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। इसका उद्देश्य आगामी सारणी और अमरकंटक ताप विद्युत परियोजनाओं, प्रणालीगत सुधार कार्यों, प्रौद्योगिकी उन्नयन, नवीनीकरण तथा आधुनिकीकरण आदि के लिए 15,086करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का उपयोग करना है।

दूसरा समझौता रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) के साथ किया गया, जिसके लिए आरईसी अक्षय ऊर्जा पार्कों/परियोजनाओं के विकास और/या बिजली वितरण सहित संबंधित बुनियादी ढांचे को कवर करने वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं हेतु वित्तीय सहायता के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराना निर्धारित किया गया है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड को मध्य प्रदेश राज्य में बड़े पैमाने पर सौर पार्क विकसित करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा सोलर पावर पार्क डेवलपर (एसपीपीडी) के रूप में नामित किया गया है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति होगी। राज्य का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024 तक नवीकरणीय स्रोतों के माध्यम से अपनी आवश्यकता वाली बिजली का 20%, वित्त वर्ष 2027 तक 30% और वित्त वर्ष 2030 तक 50% उत्पादन तक ले जाना है अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी वित्तीय सेवा प्रदाता बनने के लिए आरईसी का दृष्टिकोण स्पष्ट है शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय  अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर दिलचस्पी दिखाई गई है और इसमें 314 से अधिक कंपनियों की भागीदारी देखी गई है।

इसके अतिरिक्तविश्व बैंक के साथ साझेदारी में आरईसी ने चुनिंदा राज्य स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों के लिए एक वित्तपोषण योजना तैयार की है। इस आरईसी-विश्व बैंक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, उपलब्ध वित्तीय सहायता की कुल मात्रा 1 अरब अमरीकी डॉलर होगी

इस पहल के तहत आरईसी ने वितरण सुधारों को और मजबूत करने के लिए एमपी डिस्कॉम को 5,000 करोड़ रुपये की राशि देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

कौन है आरईसी....?

विंध्य  की दो महत्वपूर्ण विद्युत परियोजनाओं पर अपनी भागीदारी की समझौता करने वाली आरईसी कंपनी का दावा है कि कंपनी विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्ना कंपनी है

कंपनी की वेबसाइट पर के अनुसार आरईसी की स्थापना 1969 में राष्ट्र की अत्यंत महत्वपूर्ण आकस्मिकताओं के समाधान के लिए की गयी थी। गंभीर सूखे के समय, नेताओं ने अनुकूलित सिंचाई के लिए कृषि पंप-सेटों को ऊर्जायित करके मानसून पर कृषि की निर्भरता को कम करने का प्रयास किया। इसके बाद से, हमारे कदम नए-नए रास्तों की और बढ़ते गए और आज हमने अपने दायरे का इतना विस्तार कर लिया है कि एक नेतृत्वकर्ता के रूप में हम आज विद्युत क्षेत्र के किसी भी हिस्से को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं, चाहे वह क्षेत्र उत्पादन का हो, पारेषण का हो अथवा वितरण का हो

 अपने स्तर पर विदेशी उधारियों के अलावा बॉन्ड और आवधिक ऋण सहित विभिन्न परिपक्वताओं की बाजार उधारियों के साथ कारोबार करते हैं। घरेलू स्तर पर, हमें क्रिसिल, आईसीआरए, आईआरआरपीएल और सीएआरई से उच्चतम क्रेडिट रेटिंग प्राप्त है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें संप्रभु रेटिंग के बराबर दर्जा दिया गया है। अत्यधिक योग्य और अनुभवी पेशेवरों के कुशल नेतृत्व के तहत, जिनके द्वारा  सभी कर्मचारियों की व्यक्तिगत प्रतिभाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है, हमने 1998 के बाद से हर साल लगातार मुनाफे पर मुनाफा बनाए रखा है तथा प्रत्येक वर्ष लाभांश भी अदा किया है। इस प्रकार हमने अपने निवल मूल्य को अब तक के सर्वाधिक 50,000 करोड़ रुपये (31 दिसंबर, 2021 तक) के स्तर पर पहुंचा दिया है।


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