शनिवार, 24 दिसंबर 2022

बीईओ ने जारी किया फतवा

रजवाड़े से जारी फरमान 

 शिक्षक, प्राचार्य हैं परेशान।

 जब कोई कर्मचारी   लंबे समय तक एक ही स्थान पर बेरोकटोक डटा रहता है और उसके पास उस स्थान से करोड़ों रुपए इकट्ठा हो जाते हैं और वह उस स्थान को अपनी नियमित आमदनी का जरिया  बना लेता है तब वह मनमानी करने लगता है ।ऐसा शहडोल में कई कर्मचारियों के साथ देखा गया है कुछ लोग तो विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपए राजनीतिक पार्टियों को फंड देने की हैसियत रखने लगे हैं। क्योंकि वह अपने कार्य क्षेत्र को रजवाड़े की तरह देखते हैं ।बहरहाल इसी में एक कर्मचारी सोहागपुर का बी ई ओ चंदेल भी आते है। जिसमें कहा गया हैअब उनकी एक नई कारगुजारी विकासखंड  के कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए सिरदर्द बनी हुई है ।बघेल साहब ने अपने इलाकेदारी में फरमान जारी किया है

" आयकर विभाग जबलपुर द्वारा आप सभी के विगत वर्षो के 12C फार्म के साथ आहरण अधिकारी को बुलाया गया था उपस्थित होने पर कर्मचारियोंद्वारा भरे गये 12C फार्मो मे त्रुटियां होने एवंनियमानुसार अभिलेख संलग्न न करने के कारण शार्ट डिडेक्शन की कार्यवाही हेतु लेख किया गया है आगामी समय मे शार्ट डिडेक्शन की स्थिति निर्मित न हो इस हेतु वर्ष 2022-23 का रिटर्न फार्म 12C संकुल केन्द्र अन्तर्गत कार्यरत


सभी कर्मचारियों से प्राप्त कर 25 दिसंबर 2022 तक श्री अवधेश प्रसाद अवस्थी कार्यालय आयकर सलाहकार कानवेन्ट स्कूल के पास से परीक्षण कराया जाकर इस कार्यालय मे 15 जनवरी 2022 तक अनिवार्यतः प्रस्तुत करने का कष्ट करे जिससे सभी प्रक्रिया पूर्ण की जाकर आगामी माहो का वेतन समयावधि मे आहरण की कार्यवाही की जा सके विलंब के लिऐ आप स्वयं जिम्मेदार होगे।"


 इसी आदिवासी विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर उच्च अधिकारी पदस्थ हैं उन्हें सजा भी हो गया है इसी आदिवासी विभाग में कोई तृतीय वर्ग कर्मचारी सहायक आयुक्त के रूप में बैठकर करोड़ों रुपए का हेरफेर कर लेता है । शिक्षा विभाग में आदिवासी हॉस्टल पर शर्मनाक घटनाएं सामने आ रही हैं इन्हीं हॉस्टल से लाखों रुपए बंध रकम उगाही जाती है यह कुछ छुभी बात नहीं है ।अब छोटे-छोटे अधिकारी भी अपने उच्च आदर्शों का अनुभव करते हुए दबाव बनाकर किसी एक वकील के लिए कमाई का बड़ा रास्ता बना रहे हैं। अगर कई वकीलों का पैनल होता तो समझा जा सकता था , तो क्या बाकी  अधिवक्ता उनकी नजर में बुद्धिहीन है आदि आदि प्रश्न खड़े होते हैं तो दूसरी तरफ कर्मचारियों पर, शिक्षकों पर नाजायज दबाव बनाना कितना उचित है..? यह एक प्रकार से अपने रजवाड़े में कर्मचारियों और शिक्षकों पर गुलामी की आदत को बनाए रखने का एक तरीका है जिससे बने हुए गुलामों से कैसे कैसे काम कराए जा सकते हैं उस पर भी प्रयोग होता रहता है। आदिवासी विभाग में अपराधी अपराध पारदर्शी तरीके से करते हैं यह तो स्पष्ट हो गया है लेकिन सवाल यह है की इन पर लगाम कौन लगाएगा या आदिवासी विभाग में इनका चारागाह निरंतर बढ़ता रहेगा..?


1 टिप्पणी:

  1. पूरी तरह सहमत 25 दिसंबर तक आयकर रिटर्न मंगाना आयकर कानून का उल्लंघन है इनके द्वारा किसी भी कर्मचारी को त्रैमासिक टीडीएस जारी नहीं किया गया कर्मचारी रिटर्न कैसे फाइल करें।

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