बुधवार, 11 मई 2022

दर-दर भटकता न्याय की दरकार में पीड़ित परिवार

मामला मसीरा नाबालिग बलात्कार का....

दर-दर भटकता

न्याय की दरकार में 

पीड़ित परिवार

 परिवार का आरोप:

राजनीतिक दखलअंदाजी से प्रभावित हो रहा है प्रकरण

शहडोल जिले के जैसिहनगर थाना अंतर्गत ग्राम मसीरा में राजनीतिक दखलंदाजी के चलते बलात्कार के मामले में परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ना का शिकार हो रहा है। उन्हें लगता है कि बलात्कार के आरोपी पक्ष राजनीतिक हैसियत के चलते उनके साथ अन्याय हो रहा है।

 10 मई को जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष दिए अपने एक आवेदन पर पीड़िता की मां व पिता आरोपी सुजीत चतुर्वेदी पर आरोप लगाया है कि वह बलपूर्वक 17 दिन तक लगातार बलात्कार करके डराने धमकाने का काम करते रहे। जिसकी उसने रिपोर्ट की थी। उक्त आरोपी के रिश्तेदार अपनी राजनीतिक पकड़ रखते हैं। व राजनीतिक दबदबे के चलते वह मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं। बलात्कार पीड़िता की मां के द्वारा यह भी बताया गया की उन्हें झूठे मामले में फंसा देने की धमकी भी दी जा रही है। जिस कारण परिवार को लग रहा है कि मामले में पक्षपात हो रहा है। परिवार ने यह भी कहा एक तरफ शासन की कार्रवाईयों से आरोपी का मकान तोड़ने के लिए कार्यवाही की जा रही थी किंतु राजनीतिक पकड़ के चलते रोक दिया गया है।


बाल न्यायालय अभिरक्षा में रह रही कटनी में मिलने नहीं दिया

 वे इस बात से भी दुखी हैं कि उन्हें अपनी लड़की से मिलने के लिए बाल न्यायालय की अभिरक्षा में रह रही कटनी में मिलने नहीं दिया जाता बल्कि वहां पर जो व्यक्ति कार्यरत है वह आरोपी के संपर्क में रहता है।

 अब तक पूरा घटनाक्रम

ज्ञातव्य है कि 10 फरवरी 2022 को जैसीहनगर थाना अंतर्गत मसीरा में एक नाबालिक लड़की को धोखे से अपहरण करके आरोपी करीब 45 वर्षीय सुजीत चतुर्वेदी द्वारा ले जाया गया और बाद में उसे बदतर हालत में वापस छोड़ दिया गया। इसकी गुमशुदा की रिपोर्ट 11 फरवरी को थाने में की गई थी। 28 फरवरी को पुनः रिपोर्ट करके बलात्कार पीड़िता व मां ने आकर  थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई तथा विनीत सिंह और प्रवीण मिश्रा के ऊपर गाली गलौज व पति के साथ मारपीट की भी सूचना पुलिस को दी थी। 10 मार्च 2022 को पीड़िता के माता पिता आरोपी सुजीत व सतीश के विरुद्ध भी डराने धमकाने की व मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी। 23 मार्च को पीड़िता की मां थाना जैसीनगर में आकर एफ आई आर दर्ज कराया तथा आरोप लगाया कि विनीत सिंह  प्रवीण चतुर्वेदी और सतीश चतुर्वेदी उस पर मोटरसाइकिल चढ़ाकर धक्का देकर हमला किया वह गाली गलौज किया था। जिससे उसे जान का खतरा  बना हुआ है। अंततः जनसुनवाई में कलेक्टर के यहां अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए उसके साथ हो रहे अन्याय की जानकारी देकर न्याय की गुहार लगाई है। बताया जाता है कि आरोपी दबंग और अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है तथा अपने साथियों के साथ गांव में इसी प्रकार की हरकत करता रहता है। जिससे सब लोग उससे घबराते हैं और वह इस तरह जघन्य अपराध कर नाबालिक लड़की के साथ उसका जीवन बर्बाद करने पर उतर आया है। क्योंकि प्रताड़ित वा पीड़ित  परिवार पुलिस व प्रशासन में इस बात की शिकायत कर दिया । जिससे उसे लगातार परेशानी हो रही है और पीड़ित परिवार को राजनीतिक दखलंदाजी के कारण न्याय नहीं मिल रहा है।

 जबकि देखा गया है पास्को व बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शासन व प्रशासन जगह-जगह आरोपियों का घर बुलडोजर चलाकर अपराधियों का मनोबल तोड़ता है ताकि वह सबब बने कि कोई अपराधी कितना भी मजबूत होगा वह अपराध करने के बारे में सौ बार सोचेगा। किंतु मसीरा में ऐसा होता दिखाई नहीं देता।

 थाना क्षेत्र के प्रभारी विनय सिंह इसे पुरानी घटना बताकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिए जाने पर प्रकरण को पूरा मानते हैं। जबकि अन्याय के लिए पीड़ित परिवार दर-दर भटकता हुआ दबंग अपराधी आरोपी चतुर्वेदी परिवार से जानमाल की सुरक्षा मांगता हुआ भटक रहा है। क्योंकि अपने बाहुबली और दबंग होने के अंदाज में गांव में आरोपी का आतंक बरकरार है। इस घटना से ग्राम समाज में महिलाओं की सुरक्षा प्रश्न के घेरे में है ।देखना होगा कि किस स्तर पर गांव समाज में यह संदेश जाता है कि आरोपी कितना भी दबंग हो उसे मान सम्मान और स्वाभिमान के खिलाफ अपराध करने की छूट नहीं दी जा सकती।


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