सोमवार, 18 अप्रैल 2022

कोरोना की घर वापसी...?

कोरोना की 

घर वापसी...?

कोरोना 19 की दुनिया भर में फैली हुई संतानों की घर वापसी हो रही है। क्या यह चिंता का सबब है.. खुद चीन  स्वयं को कोरोना का सम्राट समझने वाला राष्ट्र भी इन दिनों अपने पैदा किए हुए भस्मासुर, कोरोनावायरस से आतंक का दंश झेल रहा है ।शंघाई में कोरोनावायरस की लपटें कर्फ्यू का कारण बनी हुई है ।जबकि पूरी दुनिया कोरोनावायरस के आक्रमण से झुलस रही थी तब चीन बंसी बजा रहा था। अब चीन को स्वयं अपने तथाकथित अविष्कार कोरोनावायरस से मुकाबला करना पड़ रहा है। इस बीच पूरी दुनिया में अपनी अपनी संतानों को पैदा करने के बाद कोविड-19 फिर से भारत में सर उठाने लगा है


दैनिक जनसत्ता में छपी खबरों के अनुसार हरियाणा और फरीदाबाद में इसका ज्यादा असर देखा जा रहा है।

आम आदमियों से मास्क पहन कर घर से बाहर निकलने की बाध्यता कर दी गई है। ऐसे में भारत में यह खतरा तेजी से बढ़ गया है। वैसे तो महंगाई और राजनीति दोनों के मेलजोल के कारण आम आदमी त्रस्त है। बावजूद बिखरा हुआ है किंतु कोरोनावायरस के वर्ल्ड वार में भारत एकजुट हो जाता है ।इसलिए अनुशासन से मास्क पहनकर न सिर्फ सतर्कता पूर्ण सामाजिक व्यवहार के लिए सचेत हो जाना चाहिए, 21वीं सदी की इस नई जीवनशैली को कोरोनावायरस के जीरो टॉलरेंस तक बजाय शासन के निर्देश इंतजार किए स्वयं भीड़भाड़ के अवसरों को कम करने का काम होना चाहिए।
 किंतु भारत में गंगा से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुकी "भारतीय राजनीति "के कारण कोविड-19 भारत में लहर बनकर कब टूट पड़ेगा; कहा नहीं जा सकता... इसलिए दिल्ली की खबरों को शहडोल की खबरों के रूप में भी देखना चाहिए क्योंकि स्वयं की सतर्कता समाज की सुरक्षा भी है। 
--------------------------- त्रिलोकीनाथ --------




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