रविवार, 30 जनवरी 2022

इतिहास का हो सकता है संरक्षण...

 

तो पुरातत्व का हो सकता है संरक्षण.....

कलेक्टर पहुंचीं शिव के द्वार

पुरातात्विक मंदिर व सोन नदी पर्यटन स्थल का कलेक्टर ने किया निरीक्षण, खाद्य पदार्थों का उपयोग करे प्रतिबंधित

शहडोल 30 जनवरी 2022 - कभी इतिहास का गौरवशाली कस्बा रहा रोहनिया अपने पुरा अवशेषों से उसकी आज भी पहचान बताता है । रोहनिया का कथित सूर्य मंदिर हो चाहे अथवा सोन टोला स्थित प्राचीन शिव धाम  हो दोनों जगह बिखरे पुरातात्विक अवशेष आज भी रोहनिया की तत्कालीन उत्कृष्ट कला कौशल का प्रतिनिधित्व करते हैं। बावजूद इसके कि जितना जिससे जो कुछ लूटते बना है वह पूरा अवशेषों को लूटकर ले गया है फिर भी शेष अवशेष तथा विशेषकर रोहनिया के कथित सूर्य मंदिर के पास सोन नदी  के किनारे लंबी चौड़ी गुफा तत्कालीन तपस्या स्थली को सिद्ध करती थी ऐसा आध्यात्मिक के नागा संप्रदाय के जानकारों का कहना है ।जो इसे तप् स्थल के रूप में देखते थे।

 बाद में यह क्षेत्र पांचवी अनुसूची के विशेष आदिवासी क्षेत्र की तरह आदिवासी जंगल और खंडहर का हिस्सा बनकर रह गया क्योंकि न सिर्फ रोहनिया में बल्कि पूरे संभाग में हजारों साल पुरानी आध्यात्मिक पृष्ठभूमि से जन्मी तमाम कलाकृतियां और इतिहास आज भी प्रत्यक्ष रूप में परिचय को मोहताज हैं बचा कुचा एक संग्रहालय शहडोल में वह खुद खंडहर के अलावा कुछ नहीं है ।यही कारण है कि जब भी कोई बड़े उच्च अधिकारी इन स्थलों पर पहुंचते हैं तो इनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते और उनकी महत्व को समझने का प्रयास भी करते हैं ।

इसी क्रम में कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य  ने आज जनपद पंचायत गोहपारू भ्रमण के दौरान सोन नदी पर्यटन स्थल का निरीक्षण कर कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सोन नदी पर्यटन (शिव धाम) दियापीपर में जो भी पर्यटक आते है उन्हें खाद्य पदार्थों का उपयोग न करे इसके लिए नोटिस चस्पा करें। उन्होंने कहा कि जो भी पर्यटक सोन नदी पर्यटन (शिव धाम) दियापीपर में यदि आते है और खाने पीने की वस्तुएं या गंदगी फैलाते पाए  जाते है तो उन पर जुर्माना भी लगाया जाए  जिससे खाद्य पदार्थों में प्रयोग होने वाले प्लास्टिक के सामग्री  नदी के पानी  में जाकर न मिले और नदी का पानी स्वच्छ रहे। उन्होंने निर्देशित किया कि पर्यटन स्थल पर झाड़ झंकार, आने जाने हेतु रास्ते व पर्यटन स्थल को साफ सुथरा बनाया जाए जिससे पर्यटकों को आने जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और इसे एक आकर्षक लुक प्रदान करें।

     इसी प्रकार कलेक्टर ने पुरातात्विक सूर्य मंदिर एवं शिव मंदिर रोहनिया का भी अवलोकन किया तथा स्थानीय लोगों से पुरातात्विक मंदिर की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।




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