पिछड़ा वर्ग के पटेलों के बाद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में भी दिखे पिछड़े समाज के लोग
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में मुस्लिम युवाओं की भागीदारी पर समाज को मिल सकता है विकास का अवसर..
वैसे सामान्य रूप से देखा जाए यह कोई बड़ी खबर नहीं है किंतु तटस्थ होकर देखें तो भाजपा में शहडोल में मुसलमानों का झुकाव प्रकोष्ठ के रूप में शायद कहीं बार इतने पिछड़े समाज के युवाओं को तवज्जो मिली ।यह नई भारतीय जनता पार्टी का चेहरा भी है इसलिए यह खबर विशेष भी है की हिंदुत्व ब्रांड की राजनीति मुस्लिम युवा पसंद कर रहे हैं अथवा मुस्लिम हित में भारतीय जनता पार्टी के संगठन से स्वयं को जोड़ कर रखना चाहते हैं अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में बड़ी संख्या में प्रकोष्ठ का विस्तार हुआ है
जिसमें इसमें सकारात्मक विचारधारा की इस्माइल अंसारी जैसे युवाओं को जगह मिली है साथ ही केंद्र में रहे मुस्लिम युवाओं कुछ जिम्मेदारी दी गई है किंतु क्या दी गई जिम्मेदारी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ तक दिखाने के दांत हैं..? अथवा भविष्य में उन्हें प्रशासनिक पदों पर अथवा वास्तव में जिला योजना समिति नगर पालिका के पार्षदों और अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के रूप में काम करने का अवसर मिल सकता है ताकि भी अपनी समाज को राष्ट्रीय हिंदुत्व की विचारधारा के साथ विकास की गंगा में हमसफर बन सके.....?
यह आने वाले दिनों में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की सफलता और एकजुटता से प्रमाणित होगा अन्यथा जैसे हर राजनीतिक दल किसी समाज विशेष का उपयोग करते हैं और फेंक देते हैं उसी अंदाज पर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के इन युवा चेहरों को उपयोग किया जाएगा यह देखने की बात होगी। बहरहाल आदिवासी विशेष क्षेत्र संभाग में भाजपा शहडोल जिलाध्यक्ष कमल प्रताप का यह बदला हुआ चेहरा है अथवा 21वीं सदी की राजनीति का विस्तार यह भविष्य की हकीकत में छुपा हुआ है...
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