रविवार, 28 नवंबर 2021

कोरोना से मृत 21 की बारिशों को दी गई अनुग्रह राशि

 कोरोना से मृत,

21 मृतक वारिसों को


सुप्रीमकोर्ट निर्देश पर 

दिया 50-50हजार

शहडोल 28 नवम्बर 2021- मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देशो के परिपालन में कोरोना महामारी संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके वारिस को अनुग्रह राशि दिये जाने के लिए कलेक्टर द्वारा गठित जिला स्तरीय टीम जिसमें अतिरिक्त कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल तथा एक विषय विशेषज्ञ को शामिल कर प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कराने के पश्चात् पात्रता एवं सम्पूर्ण वांछित दस्तावेज पूर्ण होने के पश्चात 21 मृतकों के वारिसों को 50 हजार रूपये प्रति व्यक्ति के मान से कुल 10 लाख 50 हजार रूपये की अनुग्रह राशि जिला प्रशासन द्वारा स्वकृत कर राशि उनके खाते में डाली गई है। ज्ञातव्य है कि इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोरोना काल में जो भी व्यक्ति कोरोना अथवा पोस्ट कोविड-19 ना या फिर कोरोना के चलते हुई आत्महत्याओं में मृत हुए हैं उनके वारिसों को ₹50000 की मुआवजा राशि देने के निर्देश हुए थे जिले के चिकित्सा सूत्रों के अनुसार उन्हें जितने भी आवेदन प्राप्त हुए थे उन्हीं पर अमल करते हुए अनुग्रह राशि प्रदान की गई है पहली और दूसरी कोरोना कॉल में मारे गए शहडोल के कुल लोगों में अभी पहले चरण में सिर्फ 21 लोगों को अनुग्रह राशि दिया गया है। एक अनुमान में शहडोल में करीब डेढ़ सौ लोग कोरोना से मृत हुए हैं कथित तौर पर अकेले मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी कि रात से मृतकों की संख्या 22 से 25 चर्चा में आई थी।

इस बाबत जिला के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सागर ने विस्तृत विवरण देने के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष से पूछने की बात कही है

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे की राशि को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह कोरोना से होने वाली हर मौत पर परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। हालांकि, कोर्ट ने भी सरकार की इस बात पर सहमति जताई थी और बीच का रास्ता निकालने को कहा था।

दरअसल, पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोविड से मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से मना कर दिया था, जिसे कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया था। मगर कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुआवजा तय करने के बारे में क्या किया गया है। इसके बारे में कोर्ट को अवगत करवाएं। 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा था कि वह यह देखे कि ऐसे मामलों में जहां कोरोना से परेशान होकर किसी ने आत्महत्या की हो तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाए। इस बारे में राज्यों को नए दिशा निर्देश दिए जाएं। कोर्ट ने कहा कि कोरोना के कारण आत्महत्या करने वाले की मौत को कोविड से हुई मौत नहीं मानना स्वीकार्य नहीं है। उन्हें भी कोविड से हुई मौत का प्रमाणपत्र मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जिन केसों में यह पहले मना कर दिया गया था, उन्हें ये प्रमाणपत्र कैसे दिया जाए। सरकार इस बारे में राज्यों के लिए नए दिशानिर्देश जारी करे।



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