प्रभारी मंत्री की माया
ओबीसी से मोहभंग,
धुर्वे बने शहडोल सहायक आयुक्त
अंततः तृतीय वर्ग कर्मचारी अंसारी को कलेक्टर सत्येंद्र सिंह के विदा होने के बाद विदाई लेने ही पड़ी ओबीसी मंत्री रामखेलावन पटेल की इच्छा से वरिष्ठ प्राचार्य रणजीत सिंह धुर्वे सहायक आयुक्त का प्रभार आज ले लिया उन्होंने मंडल संयोजक से प्रभारी सहायक आयुक्त से प्रभार लिया है। श्री अंसारी नवीन बजट सत्र के पूर्व सभी मापदंडों को दरकिनार कर न सिर्फ प्रभारी सहायक आयुक्त बनाए गए थे बल्कि करोड़ों रुपयों का अवैध रूप से आहरण भी जिला कोषालय से कर रहे थे। जिसकी चर्चा मंत्री जी के सामने आई थी और बाद मेंं कथित तौर जयसिंहनगर की पृष्ठभूमि से रणजीत सिंंह धुर्वे लाटरी खुल गई ताकि चर्चित मामलों पर लगाम लगाई जा सके क्योंकि रणजीत सिंह धुर्वे शैक्षणिक क्षेत्र के हैं इसलिए आदिवासी जिलेे में किसी प्रशासनिक अधिकारी को कानूनन प्रभार मिलना चाहिए था। बहरहाल "ना मामा से चंदामामा अच्छा..." अंदाज मेंं धुर्वे की ताजपोशी अच्छी कही जा सकती है। देखना होगा धुर्वे, तृतीय वर्ग कर्मचारी के अवैध-भ्रष्टाचार पर कितना खुलासा कर पाते हैं...?
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