शिक्षा मंत्रालय की कारस्थानी
अमृतमहोत्सव पोस्टर से निकला जहर..?
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की जगह
रीवा 30 अगस्त . समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव पोस्टर्स में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र न होने और माफीखोर सावरकर के चित्र होने के सवाल पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है । श्री खरे ने बताया कि यह ऐतिहासिक सत्य है कि 14-15 अगस्त 1947 की दरमियानी रात आजाद भारत की बागडोर प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपी गई थी । इधर केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा देश की आजादी के 75 वर्ष को मनाने अमृत महोत्सव कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित है । यह भारी विडंबना है कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के द्वारा जारी किए गए आजादी अमृत महोत्सव पोस्टर में प्रथम प्रधानमंत्री महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर गायब कर दी गई है । यह अत्यंत आपत्तिजनक एवं निंदनीय कृत्य है । श्री खरे ने कहा कि घोर आपत्ति के साथ पोस्टर में सबसे विवादित बात यह है कि इसमें सावरकर जैसे व्यक्ति की तस्वीर है जिन्होंने आजादी के आंदोलन के दौरान अपनी काला पानी की सजा से मुक्ति पाने के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी और आगे मुखबिरी के काम में लगे रहते हुए अंग्रेजों से पेंशन ली थी । इसके अलावा सावरकर ने सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था । श्री खरे ने कहा कि सावरकर के द्विराष्ट्रवाद जैसे विद्वेषपूर्ण विभाजनकारी सिद्धांत के चलते भारत बंटवारे के हालात बने । भारत के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के दौरान देश के कोने कोने में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक खून खराबा हुआ । ऐसी स्थिति में पोस्टर में सावरकर का चित्र लगाया जाना अत्यंत कलंकपूर्ण बात है । पोस्टर में डॉ भीमराव अंबेडकर का चित्र भी लगा हुआ है । उनका आजादी के आंदोलन से सक्रिय रिश्ता तो नहीं था लेकिन उस दौरान दलितों के सामाजिक उत्थान एवं उनकी आजादी के लिए डॉक्टर अंबेडकर का योगदान उल्लेखनीय है । श्री खरे ने बताया कि पोस्टर में इसके अलावा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी , नेताजी सुभाष चंद्र बोस , डॉ राजेंद्र प्रसाद , अमर शहीद भगत सिंह , पंडित मदन मोहन मालवीय , सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र शोभायमान हो रहे हैं जिसको लेकर किसी को आपत्ति नहीं है .श्री खरे ने कहा कि पोस्टर में किसी महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को प्रतीकात्मक तौर पर भी नहीं दिखाया जाना काफी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बहादुर शाह जफर , सीमांत गांधी भारत रत्न खान अब्दुल गफ्फार खान , अमर शहीद अशफाक उल्ला , मौलाना अब्दुल कलाम आजाद जैसी महान शख्सियत को भी नजरअंदाज कर दिया गया है । यह सच है कि सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं अमर शहीदों के चित्रों का किसी पोस्टर में उल्लेख संभव नहीं है लेकिन देश की आजादी के आंदोलन के साथ गद्दारी करने वाले व्यक्ति की अमृत महोत्सव पोस्टर में लगाई गई तस्वीर निश्चित रूप से अत्यंत शर्मनाक एवं कलंकित करने वाली है । समाजवादी जन परिषद के नेता श्री खरे ने कहा कि ऐसे पोस्टर को तत्काल प्रभाव से बदला जाना चाहिए । आजादी के आंदोलन एवं देश के इतिहास के साथ इस तरह के क्रूर खिलवाड़ से सभी व्यथित एवं आक्रोशित हैं।
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