शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

आजादी की यह कैसी हीरक जयंती....?

आजादी की यह कैसी हीरक जयंती....?
कौन है इसका जिम्मेदार....?

 आर्थिक विकास के अपार संभावनाओ परिपूर्ण क्षेत्रों में क्यों  है बच्चों के अवैध व्यापार का कारोबार...
(त्रिलोकीनाथ)
शहडोल।
हम देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हीरक जयंती मनाने की तैयारी पर है भारत के संविधान में आदिवासी विशेष क्षेत्रों के जागरूकता एवं संरक्षण के लिए संविधान की पांचवी अनुसूची में भारत के कई जिलों के सहित शहडोल संभाग के  जिलों को शामिल किया गया है किंतु प्राकृतिक संसाधन स परिपूर्ण
इन जिलों में भारत की गुलामी की झलक अभी भी स्पष्ट तौर पर दिखाई देती प्रतीत होती है

क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों का समुचित सदुपयोग स्थानीय नागरिक विकास के लिए ना करके माफिया तस्करों मुनाफाखोरी और उद्योगपतियों के भारी मुनाफा के लिए पूरा लोकतंत्र एक प्रकार का यहां गुलाम बना रहा है जिससे आज भी प्राचीन युग की तरह है मानव देह व्यापार बेकारी  बेरोजगारी भुखमरी के लिए वरदान साबित होता है जिसकी एक झलक पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन दावों के साथ देखने को मिली जिसे अपराधिक वह  देह व्यापार के अवैध कारोबार को पकड़ने की सफलता के साथ सामने आई यह सफलता एक तरफ अपराधियों पर पुलिस की कड़े होते शिकंजे का प्रमाण रहा तो दूसरी तरफ भारत का लोकतंत्र आदिवासी विशेष क्षेत्रों में उसकी असफलता के रूप में भी देखा जाएगा जहां तमाम राजनेता, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायपालिका अपने अधकचरे पत्रकारिता के साथ विद्यमान हो वहां पर यह पतित-मानसिकता देह व्यापार को प्राचीन युग की कहानी बताती  प्रतीत होती है। कि हम 75 वर्ष बाद भी तमाम प्राकृतिक संसाधनों के परिपूर्णता के बाद भी मानसिक तौर पर कितने गए गुजरे और गरीब हैं। क्योंकि ईमानदारी से हमारे राजनेता आदिवासी विशेष क्षेत्रों के महिला एवं बाल सर्वांगीण विकास के लिए कुछ नहीं कर पाए.... आदिवासी क्षेत्रों में विकास का प्रोपेगेंडा और पाखंड स्थापित करने वाले लोकतंत्र के लिए बेहद शर्म की बात रही। यह इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का दूसरा पक्ष था।

सक्रिय समर्पण से पुलिस ने कई परिवारों को दी अविस्मरणीय मुस्कान की सौगात

 लेकिन बातौर और कार्यपालिका पुलिस प्रशासन की सक्रियता और सतर्कता ने समय रहते जो सफलता हासिल की है वह निश्चित तौर पर कर्तव्य निष्ठा के प्रति समर्पण को प्रमाणित करती है।  पुलिस अधीक्षक आशीष गोस्वामी के अनुसार आज दिनांक तक कुल 278 नाबालिक बच्चे जिसमें 42 बालक व 236 बालिकाएं शामिल है। सकुशल दस्तयाब कर उनके परिजनों को उनकी मुस्कान उनके सुपुर्द की जा चुकी है। 
अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश
 शहडोल जिले के पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी के अनुसार अपने  जिले में पूर्व से मानव देह व्यापार के ऐसे गिरोह सक्रिय रहे हैं जो जिले के नाबालिग बच्चों को उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकों को बेचकर बलात श्रम कराते थे जहां से उनकी घर वापसी नहीं हो सकती थी यह एक गंभीर समस्या के साथ-साथ पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती भी रही है। 
पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना की मेरठ एवं हापुर उत्तर प्रदेश के मानव  व्यापार का एक गिरोह शहडोल जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब नाबालिक बच्चों को ले जाने के लिए रवाना हो गया है जो कई बच्चों को अपने एजेंट के माध्यम से ले जाने वाला है। पुलिस ने आरोपियों के सारे मूवमेंट को नजर रखने के साथ-साथ ट्रैक भी कर रही थी सटीक जानकारी के आधार पर जयसिंगनगर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का गिरोह बच्चों को लेकर रवाना हो गया जहां पर पुलिस पर घेराबंदी करते हुए उत्तर प्रदेश पासिंग बस नंबर यूपी 15 CT 4609 को 19 नाबालिक बच्चों के साथ गिरफ्तार कर नाबालिक बच्चों को रेस्क्यू कराने में सफलता प्राप्त की है। 
बस नंबर यूपी 15 CT 4609 के चालक सोनू कुमार शर्मा पिता प्रकाश शर्मा उम्र 37 वर्ष निवासी आलमगीरपुर जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, दूसरा चालक सूर चंद पिता नानक चंद उम्र 34 वर्ष निवासी जागृति विहार मेरठ उत्तर प्रदेश, एजेंट शकील अहमद पिता रौनक अली उम्र 29 साल निवासी ग्राम असोड़ा जिला हापुर उत्तर प्रदेश के कब्जे से बच्चों के परिजनों के बिना संज्ञान व बिना वैध संरक्षण के षडयंत्र पूर्वक बंधुआ मजदूरी कराने के उद्देश्य मेरठ ले जा रहे 19 नाबालिक बच्चों को पुलिस द्वारा जयसिंह नगर के पास रोककर सुरक्षित दस्तयाब किया गया ।
  पुलिस की तत्परता ने 19 परिवार के चेहरे की मुस्कान उनके बच्चों को मानव दुरव्यापार का शिकार होने से बचा लिया वही ऐसे गिरोह का खुलासा कर उस गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों  से पूछताछ के बाद मानव तस्करी के जिले में सक्रिय अन्य एजेंटों व गुमशुदा नाबालिक बच्चों से संबंधित अन्य जानकारियां  की भी संभावनाएं है।

पुलिस विशेष मॉडल से मिल रही सफलता
जिले के पुलिस कप्तान ने गुमशुदा नाबालिक बालक बालिकाओं के खोजबीन एवं घर वापसी के लिए एक विशेष मॉडल बनाया जिसमें सभी थाना प्रभारी की कनेक्टिविटी, उपलब्ध जानकारियों को शेयर करना, गुमशुदा की किसी भी मामले की जानकारी होने पर एक प्रोफार्मा अनुसार जानकारी इकठ्ठा करना, शुरुआती 48 घंटे जिन्हें पुलिस अधीक्षक गोल्डन आवर के नाम से संबोधित करते हैं इस नियम की एस ओ पी के पालन के सतत निर्देश एवं उसके मॉनिटरिंग के विशेष प्रबंध किए गए थे। महिला अपराध प्रकोष्ठ सुश्री सोनाली गुप्ता के नेतृत्व में में नाबालिक बालक बालिकाओं को खोजने एवं दस्तयाब करने वाली समस्त टीमों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। पुलिस के ऑपरेशन मुस्कान 01 के तहत माह जनवरी 2021 में कुल 61 नाबालिक बालक और बालिकाओं को दस्तयाब किया गया। इसी तारतम्य में ऑपरेशन मुस्कान02 दिनांक 15 जुलाई 2021 से 31 अगस्त 2021 तक चलाया जा रहा है जिसमें आज दिनांक तक 100 नाबालिक बालक बालिकाओं की दस्तयाब किया जा चुका है। जिले के विभिन्न थानों की टीम नाबालिक बच्चों की दस्तयाब हेतु प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर भेजी गई है।

पुलिस की इस सफलता से पुलिस मुख्यालय ने शहडोल पुलिस का तारीफ भी की है बहरहाल समर्पित पुलिस कार्यवाही ने सिद्ध किया है

पुलिस शहडोल जोन द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को गुमशुदा बालक बालिकाओं की दस्तयाब करने हेतु निर्देश के पालन में शहडोल जिले के पुलिस कप्तान अपने विशेष मुहिम के तहत ऑपरेशन मुस्कान का सफल संचालन करते दिख रहे है।   ऐसे कर्तव्यनिष्ठ नागरिक समाज से देश की स्वतंत्रता अपनी संभावनाओं को टटोलती रहती है।

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