- माफिया वंश को पटेल वंश की चुनौती
- सैंया भए कोतवाल डर काहे का..
कुछ इस अंदाज में शहडोल की अवैध रेत खदानों का कारोबार खुलकर चल रहा है कभी जेसीबी से तो कभी डंपर से तो कभी ट्रैक्टर पकड़े जाते हैं। अब बेचारे ट्रैक्टर वाले ही निशाने पर रहते हैं इसलिए ट्रैक्टर वालों में गुस्सा बहुत है और वे तहसीलदार पर भी जाने-अनजाने आक्रमण करने पर नहीं डरते या फिर एक्सीडेंटल आक्रमण हो जाता है। यह रेत की माफिया गिरी है बंधु, कुछ इसी अंदाज पर चलती है। जब कभी एक्सीडेंट में कभी कोई आईपीएस मर जाते है। अगर बच जाते तो वह एक्सीडेंट कहलाता। क्योंकि तब तक सेटलमेंट हो गए होते। जैसा अक्सर होता है
अन्यथा मध्य प्रदेश का कोई आईपीएस का माफिया-गिरी से हत्या हो जाए और रेत की माफिया गिरी 56 इंच का सीना तान कर जमकर चले तो हालात कुछ ऐसे ही बनते हैं तो कि "सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का.." अब सवाल यह है कि सैंया कौन है...? तो भ्रम जाल इतना ज्यादा है इसके लिए तो अब एक विश्वविद्यालय में पीएचडी होनी चाहिए । - तो प्रदेश से लेते हैं प्रदेश के लोकप्रिय और दबंग युवा कांग्रेसी विधायक संजय शर्मा के संरक्षण में चलने वाली वंशिका ग्रुप शहडोल में सभी रेत खदान की एकमात्र ठेकेदार है क्योंकि नीतियां कांग्रेस मे ऐसी ही बनी थी। संजय शर्मा भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय विधायक भी रहे ।
भाजपा के नवजात व नव धनाढ्य नेतृत्व से तनातनी होने के चलते अपने बलबूते वह कांग्रेस में आए और दबंगई से कांग्रेस के विधायक हो गए। जो भाजपा के लिए आंख की किरकिरी थी। और जब कांग्रेस के बाद भाजपा की सत्ता आई तब उन्हें अपने कारोबार को चलाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं की जरूरत थी। उन्होंने कॉन्ग्रेस राज में ठेका लिया था वह भाजपा के सभी नव धनाढ्य जिले के छोटे बड़े नेताओं को सौंप दिया। कहते हैं सुधीर शर्मा के बाद मैहर के
कांग्रेस से पलटी मारे हुए भाजपा नेता श्रीकांत चतुर्वेदी आंशिक तौर पर शहडोल का ठेका उनका चला रहे हैं। आंशिक ठेका शहडोल जिले की भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कम नेता कम ठेकेदार ठेका चला रहे हैं। और इस प्रकार की नेतागिरी का उड़ान कितना ऊंचा है की एक नेता तो खुलेआम बलात्कार इसी रेता कि माफिया गिरी में बंद भी हो गए थे । क्योंकि वे इमानदार वंशिका ग्रुप जो से हटकर माफिया गिरी कर रहे थे, दाग थे दाग को मिटा दिया गया भाजपाा ने उन्हें अलविदाा कह। अब पूर्ण पवित्रता के साथ कथित तौर पर भाजपा में आयातित ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्रुप के श्रीकांत चतुर्वेदी और स्थानीय भाजपा नेताओं के अधीन में अपनी अपनी ताकत से पूरी इमानदारी से, कहीं कोई बेमानी नहीं... कुछ इस अंदाज से दिखने वाली वंशिका ग्रुप की ठेकेदारी भाजपा और कांग्रेस के इंजन से ही नहीं बल्कि किसी रेलगाड़ी की डिब्बों में लगी हर इंजन से वंशिका ग्रुप का एक्सप्रेस पूरी रफ्तार में चल रहा है।
और इससे जलने वाले अवैध रेत माफिया इस "बहुइंजन वंशिका ग्रुप" के नाम पर जिले में तमाम अवैध कारोबार कर रहे हैं ।जिस पर निगरानी रखने के लिए प्रशासन काअमला दिन रात मेहनत करता है। - और बदनाम हुई बहुइंजन वाली वंशिका ग्रुप
- इसी मेहनत के दौरान 31 अगस्त की सुबह 8:30 बजे कुछ कथित तौर पर जैसीनगर के भटिगमा क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन करने वाले ट्रैक्टर नंबर एमपी 18 ए बी 6458 मे लगे अवैध रेत का पीछा करने लगे तहसीलदार जैसिंहनगर दीपक पटेल अपने ड्राइवर को तेजी से इस गाड़ी के पीछा करने का आदेश दिया किंतु ट्रैक्टर वाला भी कमजोर नहीं था जब माफिया गिरी ने सिस्टम को खरीद लिया तो तहसीलदार कौन होता है... यह सोच, उसने तहसीलदार की जीप से तेज ट्रैक्टर की रफ्तार बढ़ा दी।
नतीजतन एक्सीडेंट हो गया तहसीलदार की वाहन को एक्सीडेंट करते हुए ट्रैक्टर ट्राली पलट गया इस घटना से स्तब्ध तहसीलदार दीपक पटेल ने अपने ड्राइवर सीताराम शर्मा के हवाले से थाने में रिपोर्ट करवाई। - जंगल में मोर नाचा किसने देखा
- इस हालत में क्योंकि जान किसी की नहीं गई माफिया और माफिया-मित्र मामले को तूल न मिले रफा-दफा करने में लग गए। क्योंकि अंत तः है बदनामी शासन और प्रशासन की ही होनी थी। एक न्यूज़ चैनल ने इसे तहसीलदार के हत्या का प्रयास बताया तहसीलदार दीपक पटेल ने तंग आकर अपना मोबाइल बंद कर लिया क्षेत्र के एसडीएम दिलीप पांडे ने इसे एक्सीडेंट मात्र कहा है ।
- किंतु स्थानीय चर्चा जोरों पर है कि हाथियों के बीच में अगर पढ़ोगे तो पिस जाओगे। एक तरफ ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ बहु इंजन वाली वंशिका एक्सप्रेस है तो दूसरी तरफ इस ईमानदार वंशिका को बदनाम करने वाला माफिया का वंश है, जो अपना मुनाफा वंशिका के वंश के नाम पर लगातार बढ़ा रहा है।
- इसी दौर में अचानक शहडोल के प्रभारी मंत्री
रामखेलावन पटेल हो जाते हैं ऐसे में तहसीलदार दीपक पटेल, पटेल वंश का दीपक जला लोकतंत्र का प्रकाश फैलाना चाहे जिससे यह एक्सीडेंट हो गया। अन्यथा जब कानून-व्यवस्था शांतिपूर्ण तरीके से काम कर रहा है तब सुबह-सुबह ट्रैक्टर माफिया को पकड़ने की क्या जरूरत थी...? यह बात उनके ड्राइवर बहनोई बंधु जो लौह पुरुष पटेल वंश के बहनोई थे तो दूसरी तरफ नारद जी के बहनोई, भ्रष्ट तंत्र को नियंत्रित करने का जिम्मा संभाले हुए थे ...एक तरह से दोनों कोटवार पूरी मुस्तैदी से रेत माफिया पर नकेल कसने का काम कर रहे थे और इसीलिए एक्सीडेंट हो गया। - ऐसे में जंगल में मोर नाचा किसने देखा...? सवाल उठता है तो जवाब भी बड़ा साफ है कि जब प्रभारी मंत्री पटेल ने जिले के विकास की जिम्मेदारी संभाल ही रखी है तो बहुइंजन वाली वंशिका ग्रुप को अपने एक्सप्रेस में साले-बहनोई बंधुओं को सवारी का आनंद देना ही चाहिए अन्यथा ऐसी दुर्घटनाएं होती ही रहेंगे या फिर मध्य प्रदेश पॉलिटिकल हाईकमान से हरी झंडी दिलवा दें कि अगर ब्राम्हण का कारोबार है तो पटेल दखल ना दें...? और बेईमानी की दुनिया में इमानदारी की आचार संहिता की यही मांग है। बहरहाल एक्सीडेंट हुआ कोई जान नहीं गई, बाकी राजकाज है, चलता रहता है।
- हलांकि जनसंपर्क विभाग के जरिए इस संबंध में स्पष्टीकरण भी आया हैजिसमें कहा गया तहसीलदार जयसिंहनगर दीपक पटेल ने अवैध रेत परिवहन की कार्यवाही के दौरान हुई दुर्घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक जानकारी की वस्तुस्थिति के संबंध में अवगत कराया है कि आज सुबह 8.34 बजे फील्ड भ्रमण के दौरान ग्राम भटगवांखुर्द में अवैध रेत परिवहन करते हुए ट्रैक्टर क्रमांक- एमपी 18 एबी 6458 को रुकवाये जाने के दौरान ट्रैक्टर चालक की लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने से ट्रैक्टर ट्रॉली मौके पर पलट गई। जिसके कारण शासकीय वाहन का पिछला हिस्सा ट्रैक्टर इंजन से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है, अवैध रेत के परिवहन का प्रकरण क्रमांक-08/अ-67/2021-22 तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय की ओर कार्रवाई हेतु भेजा जा चुका है। साथ ही लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने से हुई वाहन दुर्घटना के संबंध में थाना जयसिंहनगर में एफआईआर क्रमांक-389 पंजीबद्ध कराया गया है।
मंगलवार, 31 अगस्त 2021
ONE'S Again-सैंया भए कोतवाल डर काहे का..
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